रायपुर, 04 अप्रैल। Anti Corruption Bureau : छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करते हुए एन्टी करप्शन ब्यूरो ने आज पीएचई के एसडीओ राजेश महावे को डेढ़ लाख रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया। एसडीओ पीएचई के काम के भुगतान के एवज में 12 प्रतिशत कमीशन मांग रहे थे।
एसीबी के अफसरों ने बताया कि प्रवीण तिवारी, प्रोपराइटर, डायनामिक कंस्ट्रक्शन, जबलपुर द्वारा एन्टी करप्शन ब्यूरो को शिकायत प्रस्तुत की गई थी कि छुईखदान क्षेत्र में छत्तीसगढ़ लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अंतर्गत जलजीवन मिशन के तहत पाइपिंग एवं टैंक निर्माण के कार्य का ठेका मिला था। प्रार्थी द्वारा लगभग एक वर्ष पूर्व कार्य पूर्ण कर लिया गया था। जिसका लगभग 40 लाख रूपये का भुगतान होना था।
भुगतान रिलीज करने के एवज में ठेकेदार से मांगे रुपए
प्रार्थी ने इसके लिए राजेश मडावे, एसडीओ (लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी), छुईखदान ब्लॉक, जिला-खैरागढ़ से संपर्क कर भुगतान हेतु आग्रह किया तो महावे ने कुल राशि का लगभग 12 प्रतिशत जो 5.40 लाख रूपये होता है, रिश्वत की मांग की एवं इसकी पहली किश्त 1.50 लाख रूपये लेकर कल 4 अप्रैल 2024 को अपने छुईखदान स्थित लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी कार्यालय में बुलाया। एसीबी की टीम ने ट्रेप आयोजित कर उक्त आरोप को 1.50 लाख रूपये रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा। रिश्वती राशि बरामद कर जप्त की गई ए आरोपी को धारा-7, भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम, 1988 (संशोधित अधिनियन 2018) के तह गिरफ्तार किया गया। आरोपी को विशेष न्यायालय (भ्र.नि.अधि.) राजनांदगांव न्यायालय में प्रस्तुत किया जा रहा है।
वहीं, सूरजपुर जिले के रामानुजनगर विकासखंड स्थित ग्राम गोविंदपुर निवासी सुनील कुमार सिंह 39 वर्ष के माता-पिता की मौत हो चुकी है। उसकी करीब 2 एकड़ की पैतृक भूमि पिता स्व. दशरथ व माता देवचरनी के नाम से राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज है। सुनील ने फौती नामांतरण के लिए हल्का नंबर 2 तेलईमुड़ा के पटवारी रामगोपाल साहू से संपर्क किया तो उसने रिकॉर्ड दुरुस्त करने के एवज में 10 हजार रुपए की डिमांड की। दोनों के बीच 5 हजार रुपए में सौदा तय हुआ। इस दौरान सुनील ने उसे 2 हजार रुपए तत्काल दे दिए थे।
बाकी के बचे रिश्वत के पैसे देते समय वह पटवारी को रंगे हाथों पकड़वाना चाहता था। इस बीच उसने मामले की शिकायत अंबिकापुर एसीबी की टीम से की थी। एसीबी की टीम ने शिकायत का सत्यापन करने दोनों के बीच रिश्वत लेन-देन की बात कराई। इसके बाद उसे पकडऩे जाल बिछाया गया।