Author name: Ek Janta Ki Awaaz

Chhath Festival: Chief Minister Vishnudev Sai extended warm greetings on the occasion of Chhath festival, worship of Chhath Maiya is a symbol of sun worship and environmental protection - Chief Minister Sai
Chhattisgarh

Bastar : आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति और ‘पूना मारगेम, पुनर्वास से पुनर्जीवन’ अभियान से बस्तर में लौटी शांति की उम्मीद, नारायणपुर में 16 माओवादी कैडरों ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में की वापसी, बस्तर बदल रहा है — अब यहां विकास और विश्वास की बयार बह रही है : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर, 08 अक्टूबर। Bastar : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि बस्तर बदल रहा है — अब यहां बंदूक और बारूद का धुआं नहीं, बल्कि विकास और विश्वास की बयार बह रही है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राज्य सरकार की “आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025” और “पूना मारगेम : पुनर्वास से पुनर्जीवन” जैसे मानवीय अभियानों ने उन लोगों के दिलों में आशा का दीप जलाया है, जो कभी भटककर लाल आतंक के रास्ते पर चले गए थे। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आज नारायणपुर जिले में 16 माओवादी कैडरों ने हिंसा का मार्ग त्यागकर मुख्यधारा में लौटने का साहसिक निर्णय लिया है। आत्मसमर्पण करने वाले इन कैडरों पर कुल ₹48 लाख का इनाम घोषित था। उन्होंने अब शांति, शिक्षा और सम्मानपूर्ण जीवन की नई राह चुनी है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार की नीतियों पर जन-जन का विश्वास बढ़ा है और सुरक्षा बलों की दृढ़ता ने विकास और विश्वास का माहौल स्थापित किया है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि पिछले 20 महीनों में कुल 1,837 माओवादी हिंसा का मार्ग छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हो चुके हैं। यह परिवर्तन इस बात का साक्षी है कि “डबल इंजन सरकार” की नीतियां न केवल शांति ला रही हैं, बल्कि बस्तर को एक नए युग की ओर अग्रसर कर रही हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य केवल नक्सलवाद को समाप्त करना नहीं, बल्कि बस्तर के हर गांव तक विकास, शिक्षा और आत्मनिर्भरता की रोशनी पहुँचाना है।

CM Vishnu: Preserving the legacy of tribal heroes is our collective responsibility, Chief Minister Vishnudev Sai participated in the workshop organized on Tribal Pride Day.
Chhattisgarh

CM Vishnu : जनजातीय नायकों की विरासत को सहेजना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जनजातीय गौरव दिवस पर आयोजित कार्यशाला में हुए शामिल

रायपुर, 08 अक्टूबर। CM Vishnu : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर स्थित सिविल लाइन के कन्वेंशन हॉल में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस कार्यशाला में शामिल हुए और इसका शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि गत वर्ष भी इसी सभागार में जनजातीय गौरव दिवस की कार्यशाला सफलतापूर्वक आयोजित हुई थी, जिसे पूरे प्रदेश में उत्साहपूर्वक मनाया गया। जशपुर में आयोजित 10 किलोमीटर लंबी पदयात्रा में केंद्रीय मंत्री श्री मनसुख मांडविया शामिल हुए थे, जिसमें जनजातीय समाज की पारंपरिक वेशभूषा, व्यंजन, आभूषण और संस्कृति का आकर्षक प्रदर्शन किया गया था। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा था कि ऐसे आयोजन देशभर में प्रतिवर्ष आयोजित किए जाने चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर जनजातीय गौरव दिवस मनाने का निर्णय लेकर जनजातीय नायकों की गौरवशाली विरासत को सम्मानित किया है। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने पहली बार आदिवासी कल्याण मंत्रालय का गठन कर जनजातीय समाज के सम्मान और उत्थान की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया था। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में पीएम जनमन योजना और प्रधानमंत्री धरती आबा ग्राम उत्कर्ष योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में तीव्र गति से विकास कार्य हो रहे हैं। जनमन योजना के अंतर्गत प्रदेश में 2,500 किलोमीटर सड़कों का निर्माण और 32,000 प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किए गए हैं। उन्होंने बताया कि नवा रायपुर में छत्तीसगढ़ के 14 जनजातीय विद्रोहों और अमर शहीद वीर नारायण सिंह के जीवन पर आधारित ट्राइबल म्यूजियम का निर्माण किया गया है, जो आदिवासी इतिहास और गौरव की धरोहर को संरक्षित करने की दिशा में हमारी सरकार की एक बड़ी पहल है। मुख्यमंत्री ने शिक्षाविदों और प्रबुद्धजनों से आग्रह किया कि जनजातीय गौरव और इतिहास को शैक्षणिक पाठ्यक्रमों में शामिल किया जाए, ताकि नई पीढ़ी अपने पूर्वजों की समृद्ध विरासत से प्रेरणा ले सके। उच्च शिक्षा मंत्री श्री टंकराम वर्मा ने कहा कि यह कार्यशाला हमारे जनजातीय समाज की समृद्ध परंपराओं और इतिहास को रेखांकित करने के साथ-साथ आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए मील का पत्थर साबित होगी। इसका उद्देश्य जनजातीय समाज के उत्थान के लिए ठोस रणनीति बनाना तथा उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका और रोजगार से जोड़ना है। आदिम जाति विकास एवं कृषि मंत्री श्री राम विचार नेताम ने कहा कि इस कार्यशाला की रूपरेखा आप सभी प्रबुद्धजनों द्वारा तैयार की जाएगी और राज्य सरकार उसी दिशा में ठोस कदम उठाएगी। उन्होंने कहा कि गत वर्ष प्रदेश के लगभग सभी जिलों में जनजातीय गौरव दिवस का सफल आयोजन हुआ था, इस वर्ष इसे और अधिक प्रभावी और भव्य रूप से मनाने का प्रयास किया जाएगा। वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री केदार कश्यप ने कहा कि पिछले वर्ष आयोजित जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में 70,000 से अधिक लोगों ने भाग लिया था। इस आयोजन से यह संदेश पूरे देश में गया कि छत्तीसगढ़ ने जनजातीय समाज के उत्थान को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया है। हमारे महान जनजातीय नायकों की बदौलत हमें यह समृद्ध विरासत प्राप्त हुई है, जिसे सहेजकर रखना हम सबकी जिम्मेदारी है। अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के महामंत्री श्री योगेश बापट ने कहा कि जनजातीय समाज आत्मनिर्भर समाज है और उसके गौरव को पुनः स्थापित करना हम सभी का दायित्व है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय जनजातीय समाज के उत्थान के लिए विशेष रूप से समर्पित हैं। उन्होंने आग्रह किया कि इस कार्यशाला के माध्यम से ऐसी ठोस योजनाएं तैयार की जाएं जो जनजातीय समाज के गौरव और आत्मसम्मान को और ऊंचा उठाने में सहायक बनें। इस अवसर पर उच्च शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. एस. भारतीदासन, आयुक्त आदिम जाति विकास विभाग डॉ. सारांश मित्तर, संचालक रोजगार एवं प्रशिक्षण श्री विजय दयाराम के., विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, अग्रणी महाविद्यालयों के प्राचार्य तथा विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

CG Agristack: Farmer registration on the Agristack portal is mandatory for paddy procurement. Farmers can register until October 31st. For any information or assistance related to the Agristack portal, contact the toll-free number 1800-233-1030.
Career

CG Agristack : धान खरीदी के लिए एग्रीस्टैक पोर्टल में किसान पंजीयन अनिवार्य, किसान 31 अक्टूबर तक करा सकेंगे पंजीयन, एग्रीस्टैक पोर्टल से संबंधित किसी भी जानकारी या सहायता के लिए टोल फ्री नंबर 1800-233-1030 पर कर सकते हैं संपर्क

रायपुर, 08 अक्टूबर। CG Agristack : खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी हेतु किसानों का एग्रीस्टैक पोर्टल में पंजीयन अनिवार्य किया गया है। एग्रीस्टैक पोर्टल से संबंधित किसी भी जानकारी या सहायता के लिए टोल फ्री नंबर 1800-233-1030 पर संपर्क किया जा सकता है। खाद्य सचिव श्रीमती रीना बाबा साहेब कंगाले ने जानकारी दी कि एग्रीस्टैक पोर्टल भारत सरकार द्वारा विकसित एक यूनिफाइड एग्रीकल्चर डेटाबेस है, जिसमें किसानों का भूमि एवं आधार लिंक्ड पंजीयन किया जाता है। पंजीकरण उपरांत किसानों को एक यूनिक फार्मर आईडी (Unique Farmer ID) प्राप्त होती है। यह आधार लिंक्ड डेटाबेस शासन की विभिन्न योजनाओं के लाभ केवल वास्तविक पात्र किसानों तक पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के तहत किसानों को सीधे भुगतान किया जाता है। अतः शासन की मंशा है कि सभी पात्र किसान सुशासन एवं पारदर्शिता के साथ इस योजना का वास्तविक लाभ प्राप्त करें। एग्रीस्टैक में आधार-आधारित पंजीयन और ई-केवाईसी की व्यवस्था से संपूर्ण प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता, सटीकता और उत्तरदायित्व सुनिश्चित होगा। गत वर्ष राज्य के 25.49 लाख किसानों ने धान विक्रय किया था। वर्तमान वर्ष में अब तक 21.47 लाख किसानों ने एग्रीस्टैक पोर्टल पर पंजीकरण कर लिया है। शेष किसान अपने निकटतम सहकारी समिति या निर्धारित केंद्र में जाकर 31 अक्टूबर 2025 तक अपना पंजीयन करा सकते हैं। इस संबंध में सभी समितियों और जिला कलेक्टरों को पूर्व में आवश्यक निर्देश जारी किए जा चुके हैं। राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि एग्रीस्टैक पोर्टल डिजिटल क्रांति की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा, जो छत्तीसगढ़ में धान खरीदी व्यवस्था को पारदर्शी, सटीक और किसान हितैषी बनाएगा। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष राज्य के 20 हजार ग्रामों में से 13 हजार 879 ग्रामों में डिजिटल क्रॉप सर्वे किया गया है। इस डिजिटल क्रॉप सर्वे और मैनुअल गिरदावरी की रिपोर्टों का 2 से 14 अक्टूबर 2025 तक ग्राम सभाओं में पठन किया जा रहा है। इसके लिए प्रत्येक पंचायत में मुनादी कर सूचना दी गई है और सर्वे सूची का पंचायत भवनों में प्रदर्शन (चस्पा) भी किया गया है। इस कार्यवाही की सतत निगरानी जिला कलेक्टर, खाद्य अधिकारियों तथा वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा की जा रही है। यह पहल “डिजिटल एग्रीकल्चर और गुड गवर्नेंस” की दिशा में राज्य का एक सशक्त और दूरदर्शी कदम है।

National Award: Chhattisgarh's daughter, pride of the country - Lakhani Sahu receives "MY Bharat NSS National Award"
Chhattisgarh

National Award : छत्तीसगढ़ की बेटी, देश का गौरव — लखनी साहू को मिला “MY Bharat NSS राष्ट्रीय पुरस्कार”

रायपुर, 07 अक्टूबर। National Award : छत्तीसगढ़ की माटी ने एक बार फिर पूरे देश में अपनी प्रतिभा का परचम लहराया है। कोरबा जिले की लखनी साहू, ई. विश्वेश्वरैया इंजीनियरिंग कॉलेज की एनएसएस स्वयंसेविका ने अपने समर्पण, सेवा और कर्मनिष्ठा से प्रदेश का नाम रोशन किया है। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें “MY Bharat NSS राष्ट्रीय पुरस्कार (2022-23)” से सम्मानित किया है। यह उपलब्धि न केवल लखनी साहू के अथक प्रयासों की पहचान है, बल्कि हर छत्तीसगढ़वासी के लिए गर्व और प्रेरणा का विषय है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने इस सम्मान पर लखनी साहू को हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने समाजसेवा के क्षेत्र में अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) के माध्यम से समाजहित में किए गए उनके योगदान ने यह सिद्ध किया है कि जब युवा संकल्प लेकर आगे बढ़ते हैं, तो परिवर्तन निश्चित होता है। उनकी यह उपलब्धि प्रदेश के युवाओं को देश सेवा और जनकल्याण के मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी। मुख्यमंत्री श्री साय ने उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि राज्य सरकार युवाओं की ऊर्जा को रचनात्मक दिशा देकर उन्हें समाज निर्माण और राज्य के नवोदय में सहभागी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

Bastar Rising: The "Bastar Rising" campaign will begin on October 8th, providing a national platform to Bastar's talent, culture and potential.
Chhattisgarh

Bastar Rising : बस्तर राइजिंग” अभियान 8 अक्टूबर से होगा प्रारंभ, बस्तर की प्रतिभा, संस्कृति और संभावनाओं को मिलेगा राष्ट्रीय मंच

रायपुर, 07 अक्टूबर। Bastar Rising : छत्तीसगढ़ शासन के जनसंपर्क विभाग और बस्तर संभाग के सभी जिलों के जिला प्रशासन के संयुक्त प्रयास से “बस्तर राइजिंग” नामक विशेष अभियान 8 अक्टूबर से शुरू होने जा रहा है। दो सप्ताह तक चलने वाला यह अभियान बस्तर संभाग के सातों जिलों में आयोजित किया जाएगा। इस अभियान का उद्देश्य बस्तर की सांस्कृतिक, पर्यावरणीय और उद्यमशील क्षमताओं को राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित करना है। अभियान के दौरान विशेषज्ञों, युवाओं, शिल्पकारों और स्थानीय समुदायों के बीच संवाद, कार्यशालाएं और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजन किए जाएंगे। “बस्तर राइजिंग” का कारवां केशकाल, नारायणपुर, कोण्डागांव, सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर, चित्रकोट, बारसूर और जगदलपुर का भ्रमण करेगा। इस दौरान बस्तर की कला, हस्तशिल्प, कृषि, पर्यटन, खेल और शिक्षा से जुड़ी संभावनाओं पर विशेष फोकस किया जाएगा। अभियान का समापन रायपुर में “हार्मोनी फेस्ट 2025” के रूप में होगा, जिसमें बस्तर की प्रेरक कहानियाँ, नवाचार और सांस्कृतिक विरासत प्रदर्शित की जाएंगी। यह आयोजन “दिल मेला – दिल में ला” थीम पर आधारित होगा।

CCEA: The fourth railway line from Gondia-Dongargarh will provide Chhattisgarh with a new track for development. Chief Minister Vishnudev Sai expressed his gratitude to the Prime Minister and the Railway Minister. Chhattisgarh is progressing on the development track under the double engine government - Chief Minister Sai.
Chhattisgarh

CCEA : गोंदिया–डोंगरगढ़ चौथी रेल लाइन से छत्तीसगढ़ को मिलेगा विकास का नया ट्रैक, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री और रेल मंत्री का जताया आभार, डबल इंजन सरकार में विकास की पटरी पर दौड़ रहा छत्तीसगढ़ – मुख्यमंत्री साय

रायपुर, 07 अक्टूबर। CCEA : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (CCEA) ने आज रेल मंत्रालय की ₹24,634 करोड़ की चार महत्वपूर्ण परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की है। स्वीकृत परियोजनाओं में ₹2,223 करोड़ लागत की गोंदिया–डोंगरगढ़ चौथी रेल लाइन परियोजना भी शामिल है, जो प्रदेश के पश्चिमी अंचल के औद्योगिक और व्यापारिक विकास को नई गति प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस महत्वपूर्ण स्वीकृति के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के प्रति हृदय से आभार व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का दूरदर्शी नेतृत्व ही इस महत्वाकांक्षी परियोजना को साकार कर रहा है। “डबल इंजन सरकार” के समर्पित प्रयासों से छत्तीसगढ़ विकास की पटरी पर तेज़ी से अग्रसर है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय न केवल छत्तीसगढ़ के विकास की दिशा में ऐतिहासिक कदम है, बल्कि इस परियोजना से सम्पूर्ण मध्य भारत की अर्थव्यवस्था को भी नई ऊर्जा मिलेगी। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में देश का रेल नेटवर्क आधुनिकता, गति और जनसुविधा के नए युग में प्रवेश कर चुका है। छत्तीसगढ़ को इस दिशा में जो निरंतर सहयोग मिल रहा है, वह राज्य के औद्योगिक और आर्थिक विस्तार का सशक्त आधार बनेगा। उल्लेखनीय है कि 84 किलोमीटर लंबी परियोजना राजनांदगांव (छत्तीसगढ़) और गोंदिया (महाराष्ट्र) जिलों से होकर गुजरेगी। इसे पांच वर्षों में पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। परियोजना के तहत 15 प्रमुख पुल, 123 लघु पुल, 1 सुरंग, 3 रोड ओवर ब्रिज (ROB) और 22 रोड अंडर ब्रिज (RUB) का निर्माण किया जाएगा। आकांक्षी जिला राजनांदगांव में यह परियोजना न केवल यात्रियों के आवागमन को सुलभ बनाएगी, बल्कि स्थानीय व्यापार और निवेश को भी नई दिशा देगी। यह रेल मार्ग क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकेगा और छत्तीसगढ़ के औद्योगिक परिदृश्य को मजबूती प्रदान करेगा। परियोजना पूर्ण होने पर प्रतिवर्ष लगभग 30.6 मिलियन टन अतिरिक्त माल यातायात संभव होगा। इससे रेलवे की आमदनी में वृद्धि होगी और राज्य की औद्योगिक इकाइयों को कच्चे माल व तैयार उत्पादों के परिवहन में बड़ी राहत मिलेगी। साथ ही अनुमानतः 23 करोड़ किलोग्राम CO₂ उत्सर्जन में कमी, 4.6 करोड़ लीटर डीज़ल की बचत और लगभग ₹514 करोड़ की लॉजिस्टिक लागत में कमी का लाभ मिलेगा, जो पर्यावरणीय दृष्टि से भी अत्यंत सकारात्मक प्रभाव डालेगा। यह पहल हर वर्ष लगभग 1 करोड़ पेड़ों के बराबर कार्बन उत्सर्जन को कम करेगी, जो सतत विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि नई रेल लाइन के माध्यम से रायगढ़ मांड, कोरबा और इब घाटी की खदानों से कोयला परिवहन की गति बढ़ेगी, जिससे महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना के थर्मल पावर प्लांट्स को नियमित आपूर्ति सुनिश्चित होगी। इससे प्रदेश की खनिज अर्थव्यवस्था और लॉजिस्टिक तंत्र दोनों को स्थायित्व मिलेगा। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि गोंदिया–डोंगरगढ़ चौथी रेल लाइन परियोजना छत्तीसगढ़ के लोगों को बेहतर आवागमन सुविधा, औद्योगिक प्रगति और पर्यावरणीय संतुलन का सशक्त आधार प्रदान करेगी।यह परियोजना छत्तीसगढ़ के सर्वांगीण विकास को गति प्रदान करने और “विज़न विकसित छत्तीसगढ़ 2047” के लक्ष्य की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है।

Special Article: Dabri opens doors to prosperity, Dular Singh's dream comes true
Chhattisgarh

Special Article : डबरी ने खोले समृद्धि के द्वार, दुलार सिंह का सपना हुआ साकार

रायपुर, 07 अक्टूबर। Special Article : जांजगीर-चांपा जिले की ग्राम पंचायत जाटा के बहेराडीह के दुलार सिंह खेत में एक डबरी बनाने से ही खेती और पशुपालन में होने वाली बढ़ौत्तरी का सजीव उदाहरण बन गए हैं। दुलार सिंह ने यह डबरी भी मनरेगा योजना के माध्यम से बनवाई है। ग्रामीण जीवन का आधार सदैव कृषि और पशुपालन रहा है, परंतु इन दोनों ही कार्यों की आत्मा जल है । यदि जल की व्यवस्था सुदृढ़ हो जाए तो ग्रामीण अर्थव्यवस्था स्वयं सशक्त हो जाती है। इसी सोच को दुलार सिंह ने साकार रूप दिया है। डबरी निर्माण होने से पूर्व श्री दुलार सिंह को अपने खेतों की सिंचाई हेतु जल की कमी रहती थी, जिससे सीमित फसल ही ले पाते थे। इसके अलावा बतख पालन, मछली पालन एवं धान की खेती की सिंचाई करने के लिए हमेशा पानी की कमी को महसूस करते आ रहे थे, ऐसे में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के माध्यम से ग्राम पंचायत जाटा में श्री दुलार सिंह के खेत पर डबरी निर्माण कार्य स्वीकृत किया गया। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत ग्राम जाटा के किसान श्री दुलार सिंह द्वारा अपनी निजी भूमि पर डबरी निर्माण कार्य कराया गया। इस कार्य के लिए 2.14 लाख की प्रशासकीय राशि स्वीकृत की गई इसका कार्य प्रारंभ हुआ और जून 2024 को पूर्ण हुआ। इसमें कुल 380 मानव दिवसों के सृजन से 37 श्रमिक परिवारों को 92,577 की मजदूरी प्राप्त हुई। इससे न केवल रोजगार सृजन हुआ बल्कि जल संरक्षण और कृषि उत्पादन में भी वृद्धि हुई। अब डबरी में वर्षा जल का संचयन होने से वर्षभर खेतों की सिंचाई सुचारू रूप से हो रही है। इसके साथ ही उन्होंने मत्स्य पालन एवं पशुपालन शुरू किया, जिससे अतिरिक्त आमदनी का स्रोत भी बना। दुलार सिंह बताते हैं कि मनरेगा योजना के अंतर्गत डबरी निर्माण से अब मेरी खेती सिंचित हो रही है। इससे धान के साथ-साथ मेढ़ पर सब्ज़ियाँ भी उगा पा रहा हूँ। डबरी में रोहू एवं पंगास मछली 2 कि.ग्रा. मछली के बीज डाले गये है। आगामी माह में मछली 01 किलो होने के बाद इन्होने बाजार में बिक्री करेंगे, जिससे आमदनी प्राप्त होगी। श्री दुलार सिंह अपने निर्मित डबरी के मेंड़ पार पर हल्दी एवं तिल का फसल लगाया हुआ है, जिसे वह हल्दी एवं तिल को अपने घर के लिये उपयोग करेंगे। मत्स्य पालन और पशुपालन से घर की आय में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। ग्राम पंचायत सरपंच एवं रोजगार सहायक ने बताया कि इस कार्य से गांव के अन्य किसानों को भी प्रेरणा मिली है। ग्रामीण अब अपनी भूमि पर जल संरक्षण संरचनाएँ बनवाने हेतु आगे आ रहे हैं। इस डबरी निर्माण कार्य ने न केवल श्री दुलार सिंह के जीवन में स्थायी आजीविका का आधार तैयार किया है, बल्कि यह मनरेगा के उद्देश्य रोजगार के साथ स्थायी संपत्ति निर्माण का एक उत्कृष्ट उदाहरण बन गया है।

Cough syrups banned: Breaking News… Chhattisgarh government issues strict directives…! Cough syrups are completely banned for children under 2 years of age… Chief Medical Officers and drug inspectors are instructed to take immediate action in their districts.
Chhattisgarh

Banned Cough Syrups : ब्रेकिंग…छत्तीसगढ़ सरकार का सख्त निर्देश जारी…! 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को खांसी सिरप पूर्णतः प्रतिबंधित…CMHO और औषधि निरीक्षकों को जिलों में तुरंत कार्रवाई के निर्देश

रायपुर, 6 अक्टूबर। Banned Cough Syrups : भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने दो साल से कम उम्र के बच्चों को खांसी की सिरप या सर्दी-जुकाम की दवाएं देने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। स्वास्थ्य सुरक्षा के लिहाज से जारी इस महत्वपूर्ण एडवाइजरी के बाद छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों को तत्काल प्रभाव से निर्देश जारी कर दिए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय का निर्देश 2 वर्ष से कम आयु के बच्चों को खांसी की कोई भी सिरप न दी जाए। 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए भी ऐसे सिरप सामान्यतः अनुशंसित नहीं हैं। दवाओं का उपयोग सिर्फ डॉक्टर के परामर्श से ही किया जाए। विशेषज्ञों की राय चिकित्सकों के अनुसार, बच्चों में सर्दी-खांसी स्वाभाविक और आम संक्रमण हैं, जो अक्सर बिना दवा के भी ठीक हो जाते हैं। लेकिन गलत दवा या सिरप देने से दुष्प्रभाव हो सकते हैं, खासकर इतने छोटे बच्चों में। छत्तीसगढ़ सरकार की सख्त कार्यवाही सभी जिलों को CMHO और सिविल सर्जनों के माध्यम से निर्देश जारी। सभी सरकारी और निजी अस्पतालों, फार्मेसियों को पालन के लिए निर्देशित। औषधि निर्माण इकाइयों और मेडिकल स्टोर्स पर निगरानी तेज। स्वास्थ्य आयुक्त द्वारा उच्च स्तरीय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दिशा-निर्देश। दवाओं की आपूर्ति पर पारदर्शिता छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन (CGMSC) ने जानकारी दी है कि राज्य में उन कंपनियों की कोई दवा आपूर्ति नहीं हुई, जिन पर अन्य राज्यों में कार्रवाई की गई है। इससे यह स्पष्ट होता है कि राज्य में दवा आपूर्ति प्रणाली पारदर्शी और सतर्क है। औषधि निरीक्षण एवं निगरानी खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने जोखिम-आधारित निरीक्षण (Risk-Based Inspection) शुरू कर दिया है। सभी औषधि निरीक्षकों को निजी फार्मेसियों का आकस्मिक निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं। उल्लंघन पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अभिभावकों के लिए अपील स्वास्थ्य विभाग ने सभी माता-पिता और अभिभावकों से आग्रह किया है कि, किसी भी दवा का इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह के बिना न करें, खासकर दो साल से छोटे बच्चों के लिए। यह कदम बच्चों के जीवन और स्वास्थ्य की रक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। सभी नागरिकों, स्वास्थ्यकर्मियों और दवा विक्रेताओं को इस गाइडलाइन का सख्ती से पालन करना होगा।

PM Awaas Yojana: Governor Ramen Deka honored the beneficiaries of the PM Awas Yojana, inspected the material produced by the sisters of the self-help group, and encouraged them to move forward.
Chhattisgarh

PM Awaas Yojana : राज्यपाल रमेन डेका ने पीएम आवास योजना के हितग्राहियों को किया सम्मानित, स्व-सहायता समूह की दीदियों के द्वारा उत्पादित सामग्री का किया अवलोकन, आगे बढ़ने किया प्रेरित

रायपुर, 06 अक्टूबर। PM Awaas Yojana : राज्यपाल रमेन डेका द्वारा विकासखण्ड लखनपुर अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों को सम्मानित किया गया। इस दौरान ग्राम जुड़वानी नवापारा की मीरा प्रजापति एवं पहाड़ी कोरवा हितग्राही ग्राम लब्जी की नमिता को शॉल प्रदान कर सम्मानित कर उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएं दीं गई। वहीं दो हितग्राहियों को आयुष्मान वय वंदना कार्ड, दो हितग्राहियों को प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान अंतर्गत अतिरिक्त पोषण आहार का वितरण किया गया। राज्यपाल डेका इस दौरान स्व-सहायता समूह की दीदियों से मिले। उन्होंने दीदियों द्वारा निर्मित की गई सामग्रियों का अवलोकन किया।  ग्राम पंचायत कुन्नी की गायत्री महिला समूह द्वारा बनाए गए खाद्य सामग्रियों का अवलोकन कर आय की जानकारी ली। इसी प्रकार उन्होंने दीदियों द्वारा बनाए गए सजावटी सामग्रियों, बेकरी उत्पादों, कोसा शॉल, बोरा आदि का अवलोकन कर लागत एवं आय की जानकारी ली तथा आवश्यकताओं के बारे में पूछा। राज्यपाल डेका ने महिलाओं को अन्य गतिविधियों का संचालन कर आगे बढ़ने प्रेरित किया। इस दौरान लोसंगी की बीसी सखी बालेश्वरी यादव ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2021 से अब तक 11 करोड़ रुपए का ट्रांसेक्शन किया है, राज्यपाल डेका ने उन्हें शुभकामनाएं दीं।

Sarguja: Governor Ramen Deka reached Kasturba Gandhi Girls Residential School, Rajpurikala, inspired the children to work hard and study diligently, it was announced to provide 5 computer systems to the school.
Chhattisgarh, Education

Sarguja : कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय रजपुरीकला पहुंचे राज्यपाल रमेन डेका, कड़ी मेहनत, मन लगाकर पढ़ने बच्चों को किया प्रेरित, विद्यालय को 5 कम्प्यूटर सिस्टम प्रदान करने घोषणा की गई

रायपुर, 06 अक्टूबर। Sarguja : राज्यपाल रमेन डेका सरगुजा जिला प्रवास के दौरान सोमवार को विकासखण्ड लखनपुर के रजपुरीकला स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय पहुंचे। उन्होंने यहां बालिकाओं से मिलकर कहा कि कड़ी मेहनत से ही सफलता प्राप्त होती है। राज्यपाल डेका ने इस दौरान विद्यालय को 5 कम्प्यूटर सिस्टम प्रदान करने की घोषणा की। जब राज्यपाल डेका ने बच्चों से पूछा कि भविष्य में क्या बनना चाहती हैं, तो बच्चों ने अपनी-अपनी इच्छा जाहिर की। राज्यपाल डेका ने कहा कि आप जो सपना देख रहें हैं, उसे साकार करने के लिए कडी मेहनत करनी होगी। अपना लक्ष्य निर्धारित कर ईमानदारी के साथ आगे बढ़े, मन लगाकर पढ़ाई करें, सफलता जरूर मिलेगी।  राज्यपाल डेका ने शिक्षकों सेे कहा कि शिक्षक बच्चों को राह दिखाते हैं, इसलिए शिक्षक अपनी जिम्मेदारी को समझें, बच्चों के प्रति अच्छा व्यवहार रखें। उन्होंने बच्चों को शिक्षक के साथ अच्छा व्यवहार करने, उनका आदर करने कहा। उन्होंने कहा कि हमें गिरने पर खड़े होने की ताकत शिक्षक से ही मिलेगी। इसी प्रकार उन्होंने बच्चों से कहा कि अपने माता-पिता का सम्मान करें, आवश्यकतानुसार ही मोबाईल का उपयोग करें।