Job in New York : गूगल न्यूयॉर्क में 1.6 करोड़ की सैलरी फिर भी है ‘जेब’ खाली…! गूगल इंजीनियर मैत्री की कहानी वायरल…यहां देखें VIDEO
न्यूयॉर्क, 11 जुलाई। Job in New York : विदेश में करोड़ों की नौकरी पाकर ऐशोआराम की ज़िंदगी जीने का सपना आज के लाखों युवाओं का होता है, लेकिन हाल ही में एक वायरल वीडियो ने इस सोच पर सवाल खड़ा कर दिया है। गूगल न्यूयॉर्क में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में काम कर रहीं मैत्री मंगल ने बताया है कि उनका सालाना पैकेज लगभग 1.6 करोड़ रुपये है, फिर भी महंगे खर्चों के चलते कुछ भी सेविंग नहीं हो पाती। वायरल वीडियो ने खोली हकीकत यह खुलासा एक वायरल इंस्टाग्राम वीडियो के जरिए हुआ है, जिसे @kushallodha548 नामक अकाउंट से शेयर किया गया है। वीडियो में कुशाल लोढ़ा, जो स्वयं भी टेक और फाइनेंस से जुड़े हैं, मैत्री से बातचीत करते नजर आते हैं। उन्होंने उनसे पूछा कि गूगल में औसत पैकेज क्या होता है और न्यूयॉर्क जैसे शहर में रहने के खर्च कैसे होते हैं। 1.6 करोड़ का पैकेज लेकिन खर्च भारी मैत्री ने बताया कि गूगल में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर का सालाना पैकेज $150,000 से $200,000 के बीच होता है, जो भारतीय रुपये में लगभग 1.28 से 1.71 करोड़ बनता है। हालांकि यह सुनने में बहुत बड़ा आंकड़ा लगता है, लेकिन न्यूयॉर्क में रहने के खर्च उतने ही भारी हैं। इसके अलावा उन्होंने बताया कि खाने-पीने, ट्रांसपोर्ट, इंटरनेट, बिजली, मोबाइल, मेडिकल इंश्योरेंस, टैक्स और अन्य आवश्यकताओं पर इतना खर्च होता है कि सेविंग के लिए कुछ नहीं बचता। खर्च का संभावित विवरण खर्च का प्रकार अनुमानित मासिक खर्च ($) भारतीय रुपये में (लगभग) रेंट (Apartment) 3,000 ₹2,50,000+ ग्रोसरी व खाना 800 ₹66,000 ट्रांसपोर्ट व इंटरनेट 300 ₹25,000 अन्य खर्चे (Utility, इंश्योरेंस आदि) 600–800 ₹50,000–₹70,000 कुल अनुमानित खर्च $4,700–$4,900 ₹4–4.2 लाख प्रति माह युवाओं के लिए सीख मैत्री की कहानी उन युवाओं के लिए एक यथार्थवादी चेतावनी है जो केवल पैकेज के आंकड़ों को देखकर विदेश जाने का सपना पालते हैं। विदेश में रहना न सिर्फ महंगा, बल्कि तनावपूर्ण और व्यावहारिक रूप से चुनौतीपूर्ण भी हो सकता है। इस वायरल वीडियो ने साबित किया है कि “हाई सैलरी = लग्ज़री लाइफ” वाली सोच हमेशा सच नहीं होती। विदेश में कमाई भले ही लाखों में हो, लेकिन खर्च उससे कहीं ज्यादा होते हैं। मैत्री जैसी प्रतिभाशाली इंजीनियर की यह कहानी सपनों और सच्चाई के बीच की दूरी को बखूबी उजागर करती है।