Author name: Ek Janta Ki Awaaz

Major Accident: Big Breaking...Huge collision between bus and truck...! 18 Kanwadis die a painful death...see here
Accident, BREAKING NEWS

Major Accident : बिग ब्रेकिंग…बस और ट्रक में जबरदस्त टक्कर…! 18 कांवड़ियों की दर्दनाक मौत…यहां देखें

देवघर, 29 जुलाई। Major Accident : झारखंड के देवघर जिले में मंगलवार सुबह बड़ा हादसा हो गया। यहां बस और ट्रक में टक्कर हो गई। हादसे में 18 कांवड़ियों की मौत हो गई, जबकि 20 लोग घायल हो गए। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य किया। यह हादसा गोड्डा-देवघर मुख्य मार्ग पर मोहनपुर थाना क्षेत्र के जमुनिया मोड़ के पास हुआ.घटना मंगलवार सुबह करीब 5:30 बजे की है। सूचना मिलने पर मोहनपुर थाना प्रभारी प्रियरंजन समेत पुलिस टीम पहुंची और राहत-बचाव किया। स्थानीय लोगों की मदद से घायलों को एम्बुलेंस के जरिए मोहनपुर सीएचसी भेजा गया.स्थानीय लोगों ने दावा किया है कि हादसे में 20 से ज्यादा श्रद्धालु घायल हो गए हैं। हादसा इतना जबरदस्त था कि बस के परखच्चे उड़ गए। हादसे पर स्थानीय बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने दुख जाताया है। हादसे पर CM हेमंत सोरेन ने दुख जताया है। उन्होंने कहा कि आज सुबह देवघर के मोहनपुर प्रखंड के जमुनिया चौक के पास बस दुर्घटना में बस सवार श्रद्धालुओं की मृत्यु की अत्यंत दुःखद सूचना मिली है। जिला प्रशासन द्वारा राहत और बचाव कार्य के साथ घायलों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराया जा रहा है। बाबा बैद्यनाथ, दुर्घटना में मरने वाले श्रद्धालुओं की आत्मा को शांति प्रदान कर शोकाकुल परिवारजनों को दुःख की घड़ी सहन करने की शक्ति दें।

BJYM President: Ravi Bhagat controversy…! Former CM Bhupesh Baghel came out in support…told the discord within BJP as 'Adani connection'
Chhattisgarh, Politics

BJYM President : रवि भगत विवाद…! समर्थन में उतरे पूर्व CM भूपेश बघेल…भाजपा के भीतर की कलह को बताया ‘अडानी कनेक्शन’…यहां देखें उनका Tweet

रायपुर, 28 जुलाई। BJYM President : छत्तीसगढ़ की सियासत एक बार फिर गर्मा गई है। भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष रवि भगत को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और भाजपा के बीच तीखी जुबानी जंग छिड़ गई है। जहां बघेल ने रवि भगत का खुलकर समर्थन किया है, वहीं भाजपा ने पलटवार करते हुए कांग्रेस और भूपेश बघेल पर गंभीर आरोप लगाए हैं। भूपेश बघेल का बड़ा बयान- अडानी के प्रवक्ता से सवाल पूछना बना ‘अपराध’ पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने फेसबुक पोस्ट और ट्वीट के जरिए भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा: “रवि भगत, जो कि छत्तीसगढ़ भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष हैं, उन्हें पार्टी से निष्कासित करने की धमकी सिर्फ इसलिए दी जा रही है क्योंकि उन्होंने ‘अडानी संचार विभाग’ के एक मंत्री से लगातार DMF और CSR फंड में हो रहे भ्रष्टाचार पर सवाल पूछे।” बघेल ने यह भी कहा कि रवि भगत की विचारधारा अलग हो सकती है, लेकिन एक मेहनती आदिवासी युवा को धमकाकर भाजपा यह संदेश देना चाहती है कि “कोई भी न अडानी के लोगों से सवाल करेगा, न भ्रष्टाचार से पर्दा हटाएगा।” भाजपा का पलटवार इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश भाजपा सह मीडिया प्रभारी अनुराग अग्रवाल ने बघेल पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा: “आपने अपने बेटे की गिरफ्तारी के विरोध में पूरी कांग्रेस को लगा दिया, लेकिन जब बात आदिवासी नेता कवासी लखमा की आती है, जिनके नाम पर आपने करोड़ों बनाए, तो आप चुप रहते हैं।” उन्होंने आरोप लगाया कि भूपेश बघेल ने आदिवासी नेता मोहन मरकाम को DMF फंड पर सवाल उठाने के बाद प्रदेश अध्यक्ष पद से हटवा दिया था। साथ ही, जब कोरबा कलेक्टर रानू साहू ने DMF फंड के दुरुपयोग की बात उठाई, तो उन्हें सजा देने की बजाय प्रमोशन दिया गया। डीएमएफ पर गीत बना विवाद का कारण दरअसल, विवाद की शुरुआत तब हुई जब भाजयुमो अध्यक्ष रवि भगत ने सोशल मीडिया पर एक गीत पोस्ट किया, जिसमें DMF फंड में कथित भ्रष्टाचार पर सवाल उठाए गए। गीत में अप्रत्यक्ष रूप से राज्य सरकार और संबंधित मंत्री पर कटाक्ष किया गया था। इसके बाद भाजपा ने रवि भगत को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। राजनीतिक समीकरणों में हलचल भूपेश बघेल का इस तरह खुलकर भगत (BJYM President) का समर्थन करना राजनीतिक दृष्टिकोण से अहम माना जा रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि इससे भाजपा के अंदरूनी मतभेद सामने आ रहे हैं और कांग्रेस इसका राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश में है।

Bihar Elections: Entry of officers in politics has increased the stir...! Many former IAS-IPS are ready to enter the electoral fray...see the jumbo list here
Politics

Bihar Elections : राजनीति में अफसरों की एंट्री ने बढ़ाई हलचल…! कई पूर्व IAS-IPS चुनावी मैदान में उतरने को तैयार…यहां देखें जंबो List

पटना, 28 जुलाई। Bihar Elections : बिहार की राजनीति एक नई करवट ले रही है। जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव 2025 करीब आ रहे हैं, पूर्व IAS और IPS अधिकारियों की सियासी एंट्री ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। कई रिटायर्ड नौकरशाहों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) लेकर चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू कर दी है। इनमें कुछ ऐसे चेहरे भी हैं, जो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद करीबी रहे हैं, जबकि कुछ प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी से राजनीतिक सफर शुरू कर रहे हैं। नीतीश कुमार के पूर्व सचिव दिनेश कुमार राय मैदान में पूर्व आईएएस अधिकारी और नीतीश कुमार के राजनीतिक सचिव रह चुके दिनेश कुमार राय ने करगहर विधानसभा से चुनाव लड़ने का मन बना लिया है। कुर्मी समुदाय से आने वाले राय स्थानीय स्तर पर मजबूत पकड़ रखते हैं। VRS लेने के बाद वे जमीनी राजनीति में पूरी तैयारी से उतर चुके हैं। ADG रहे IPS जय प्रकाश सिंह जन सुराज में शामिल 2000 बैच के पूर्व आईपीएस जय प्रकाश सिंह, जो हिमाचल प्रदेश में ADG पद पर थे, ने VRS लेकर जन सुराज पार्टी का दामन थाम लिया है। वे सारण जिले की छपरा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। उनकी एंट्री से जन सुराज को नई धार मिली है। ‘सिंघम’ शिवदीप लांडे ने बनाई अपनी पार्टी बिहार के चर्चित ‘सिंघम’ आईपीएस शिवदीप लांडे ने ‘हिंद सेना पार्टी’ का गठन कर राजनीति में उतरने का ऐलान किया है। उनका दावा है कि उनकी पार्टी राज्य की सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। IPS आनंद मिश्रा का उतार-चढ़ाव भरा राजनीतिक सफर पूर्व आईपीएस आनंद मिश्रा ने बक्सर से बीजेपी टिकट की उम्मीद में VRS लिया, लेकिन टिकट न मिलने पर जन सुराज पार्टी में शामिल हुए। बाद में उन्होंने वह पार्टी भी छोड़ दी। फिलहाल वे सियासी असमंजस में हैं। अन्य पूर्व अफसर भी सियासी मैदान में तैयार पूर्व डीएम अरविंद कुमार सिंह, पूर्व संयुक्त सचिव गोपाल नारायण सिंह, नवादा के पूर्व डीएम लल्लन यादव – इन सभी ने जन सुराज से जुड़कर चुनावी रणनीति बनानी शुरू कर दी है। वहीं, ओडिशा कैडर के पूर्व IAS मनीष वर्मा ने जेडीयू में शामिल होकर महासचिव का पद संभाल लिया है और संभावना है कि वे नालंदा से चुनाव लड़ सकते हैं। बिहार में अफसरों की सियासी मौजूदगी: परंपरा और प्रयोग बिहार में अफसरों का राजनीति में आना कोई नई बात नहीं। पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा, ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह, एन.के. सिंह और पूर्व मंत्री आरसीपी सिंह इसके सफल उदाहरण हैं। हालांकि कुछ अफसर, जैसे गुप्तेश्वर पांडेय, टिकट न मिलने के बाद हाशिए पर चले गए। MLC सर्वेश कुमार कहते हैं: “अगर अफसर राजनीति में भी ‘बाबू’ बने रहेंगे तो असफल होंगे, लेकिन जिन्हें जनसंपर्क और जमीन का अनुभव है, उनके लिए राजनीति में बेहतर संभावनाएं हैं।” नीतीश और मोदी दोनों को अफसरों पर भरोसा प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश दोनों प्रशासकीय अनुभव रखने वालों को राजनीतिक जिम्मेदारी सौंपने में विश्वास रखते हैं। मोदी सरकार में एस. जयशंकर, आर.के. सिंह और अश्विनी वैष्णव जैसे अफसर मंत्री पदों पर हैं। वहीं नीतीश ने दीपक कुमार, चंचल कुमार और अतुल प्रसाद जैसे अफसरों को पद से रिटायर होने के बाद भी रणनीतिक जिम्मेदारी सौंपी है। बदलते चुनाव की तस्वीर बिहार का आगामी विधानसभा चुनाव (Bihar Elections) पारंपरिक राजनीति से हटकर ‘ब्यूरोक्रेसी बनाम पॉलिटिक्स’ की नई लड़ाई के रूप में भी देखा जा रहा है। राजनीतिक दल भी अब ग्राउंड कनेक्ट वाले अफसरों को टिकट देने में रुचि दिखा रहे हैं। ऐसे में VRS लेने वाले अफसरों की बढ़ती संख्या चुनाव 2025 की तस्वीर को नया मोड़ दे सकती है।

Annual Income Certificate: Oh... Annual income is just ₹3...! Farmer gets the title of 'poorest'... Farmer's income recorded as ₹0.25/month in income certificate... See here
National

Annual Income Certificate : ओह…सालाना आमदनी महज ₹3…! किसान को मिला ‘सबसे गरीब’ का तमगा’…आय प्रमाण पत्र में किसान की आमदनी ₹0.25/माह दर्ज…यहां देखें

सतना, 28 जुलाई। Annual Income Certificate : मध्य प्रदेश के सतना जिले से एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है, जिसने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जिले की कोठी तहसील के नयागांव निवासी किसान रामस्वरूप (45) को जारी एक आय प्रमाण पत्र में उनकी सालाना आय सिर्फ 3 रुपये दर्ज की गई, जिससे उन्हें इंटरनेट पर ‘भारत का सबसे गरीब व्यक्ति’ करार दिया गया। 25 पैसे प्रति माह की कमाई का दावा 22 जुलाई को तहसीलदार सौरभ द्विवेदी के हस्ताक्षर से जारी इस प्रमाण पत्र में रामस्वरूप की मासिक आय 25 पैसे बताई गई थी। सोशल मीडिया पर यह प्रमाण पत्र वायरल होते ही लोगों ने सरकार और सिस्टम पर जमकर निशाना साधा। ट्विटर (अब X) पर इसे हजारों बार शेयर किया गया और मीम्स की बाढ़ आ गई। प्रशासन की सफाई ‘लिपिकीय त्रुटि’ जैसे ही मामला सुर्खियों में आया, जिला प्रशासन हरकत में आया। तहसीलदार सौरभ द्विवेदी ने सफाई देते हुए कहा, “यह एक लिपिकीय त्रुटि थी, जिसे सुधार लिया गया है। नया आय प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया है।” 25 जुलाई को रामस्वरूप को नया प्रमाण पत्र दिया गया, जिसमें उनकी वार्षिक आय 30,000 रुपये (अर्थात 2,500 रुपये प्रति माह) दर्ज की गई। कांग्रेस का हमला इस मामले पर मध्य प्रदेश कांग्रेस ने भी सरकार पर जोरदार हमला बोला। पार्टी ने मूल प्रमाण पत्र की तस्वीर ट्विटर (X) पर साझा करते हुए लिखा: “मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के शासन में, हमें भारत का सबसे गरीब आदमी मिला! वार्षिक आय: मात्र 3 रुपये!” कांग्रेस ने कटाक्ष करते हुए सवाल उठाया, “क्या यह चौंकाने वाला नहीं है? लोगों को गरीब बनाने का मिशन? क्योंकि अब कुर्सी खुद कमीशन खा रही है।” बहरहाल,, इस घटना ने एक बार फिर सरकारी दस्तावेजों की विश्वसनीयता (Annual Income Certificate) और प्रशासनिक दक्षता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी त्रुटियाँ केवल ‘टाइपो’ नहीं, बल्कि गहरी लापरवाही और निरीक्षण की कमी का नतीजा होती हैं।

Savan Utsav: Chief Minister Vishnu Dev Sai boosted the enthusiasm of Bhavna Bohra and Kanwadis…gave best wishes
Chhattisgarh

Savan Utsav : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भावना बोहरा और कांवड़ियों का बढ़ाया उत्साह…दी शुभकामनाएं

पंडरिया, 27 जुलाई। Savan Utsav : सावन माह में पंडरिया विधायक भावना बोहरा के नेतृत्व में एक ऐतिहासिक 151 किलोमीटर लंबी कांवड़ यात्रा का समापन भव्य रूप से हुआ। यह यात्रा 21 जुलाई को अमरकंटक स्थित मां नर्मदा मंदिर से प्रारंभ होकर 27 जुलाई को भोरमदेव मंदिर में भगवान भोलेनाथ के जलाभिषेक के साथ पूर्ण हुई। विधायक भावना बोहरा के साथ 300 से अधिक कांवड़ यात्रियों ने सात दिनों तक कठिन मार्गों, घने जंगलों, बीहड़ों, उफनती नदियों और बारिश के बीच श्रद्धा और समर्पण के साथ यह यात्रा पूरी की। यह पहली बार है जब किसी महिला जनप्रतिनिधि ने इतनी लंबी कांवड़ यात्रा का नेतृत्व किया है, जिससे नारी शक्ति और सनातन संस्कृति दोनों को एक नई प्रेरणा मिली है। यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने फोन पर बातचीत कर यात्रा के लिए शुभकामनाएं दीं और कांवड़ियों का उत्साहवर्धन किया। भोरमदेव मंदिर पहुँचने पर बोड़ला और मंदिर प्रांगण में हजारों श्रद्धालुओं, सामाजिक संगठनों, भाजपा कार्यकर्ताओं और स्थानीय जनता ने ढोल-नगाड़ों, पुष्पवर्षा और ‘हर हर महादेव’ के जयकारों के साथ यात्रा दल का भव्य स्वागत किया। मंदिर में आयोजित भंडारे और महाप्रसादी में 5000 से अधिक श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।

Education System: These are our teachers…! They could not even write ‘Eleven’, ‘Eighteen’, ‘Nineteen’ in English… If you don’t believe it, watch the video here
BREAKING NEWS, Chhattisgarh, Education

Education System : ये हैं हमारे शिक्षक…! अंग्रेजी में ‘Eleven’, ‘Eighteen’, ‘Nineteen’ भी लिख नहीं पाए…यकीन न हो तो यहां देखिए VIDEO

बलरामपुर, 27 जुलाई। Education System : छत्तीसगढ़ के बलरामपुर-रामानुजगंज जिले से सरकारी शिक्षा व्यवस्था की बदहाल तस्वीर सामने आई है। कुसमी विकासखंड के ग्राम पंचायत मड़वा स्थित प्राथमिक शाला घोड़ासोत में शिक्षकों की शैक्षणिक गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। वायरल वीडियो में स्कूल के प्रधान पाठक और शिक्षक, भारत के राष्ट्रपति, मुख्यमंत्री, जिले के कलेक्टर और एसपी तक का नाम नहीं बता पाए। इतना ही नहीं, प्राथमिक स्तर के आम अंग्रेजी शब्दों जैसे ‘Eleven’, ‘Eighteen’, ‘Nineteen’ की भी वे सही स्पेलिंग नहीं लिख पाए। बच्चों से सवाल-जवाब नहीं मीडियाकर्मियों द्वारा स्कूल में पहुँचकर बच्चों से सामान्य ज्ञान के प्रश्न पूछे गए। मगर वे प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री जैसे मूलभूत जानकारी वाले सवालों का भी उत्तर नहीं दे सके। यह स्थिति तब और गंभीर हो गई जब वही प्रश्न शिक्षकों से किए गए और वे भी जवाब देने में असमर्थ रहे। शिक्षक खुद नहीं लिख पाए सामान्य स्पेलिंग स्कूल में उपस्थित तीनों शिक्षक, जिनमें प्रधान पाठक भी शामिल थे, ‘Eleven’, ‘Eighteen’, ‘Nineteen’ जैसे शब्दों की सही अंग्रेजी स्पेलिंग तक नहीं लिख पाए। इससे यह स्पष्ट हुआ कि बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षक खुद ही बुनियादी अंग्रेजी ज्ञान से वंचित हैं। प्रशासनिक मॉनिटरिंग पर भी उठे सवाल इस घटना ने न केवल स्कूल की कार्यप्रणाली, बल्कि पूरे जिला शिक्षा विभाग की निगरानी प्रणाली पर प्रश्नचिन्ह खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों और अभिभावकों का कहना है कि शिक्षा विभाग के अधिकारी मॉनिटरिंग और निरीक्षण में गंभीर नहीं हैं, जिसका नतीजा बच्चों की पढ़ाई पर सीधा असर डाल रहा है। DEO ने दी जांच और कार्रवाई का आश्वासन मामले के सामने आने के बाद बलरामपुर जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) से जब मीडियाकर्मियों ने बात की, तो उन्होंने कहा कि वीडियो की जांच की जा रही है, और इसमें जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने शिक्षा गुणवत्ता सुधारने के लिए ज़मीनी स्तर पर पहल करने की बात भी कही। यह मामला एक बार फिर दिखाता है कि ग्रामीण अंचलों में शिक्षा व्यवस्था (Education System) आज भी कितनी कमजोर और लापरवाह बनी हुई है। यदि ऐसे शिक्षक बच्चों को पढ़ा रहे हैं, तो आने वाली पीढ़ी का भविष्य अंधकारमय होना तय है। अब देखना होगा कि यह घटना केवल आश्वासन तक सीमित रह जाती है या प्रशासन वास्तविक सुधार की दिशा में ठोस कदम उठाता है।

Party Sought Clarification: Stir in BJP...! Show cause notice issued to Yuva Morcha president Ravi Bhagat... Social media post on DMF fund became the reason
Chhattisgarh, Politics

Party Sought Clarification : भाजपा में हलचल…! युवा मोर्चा अध्यक्ष रवि भगत को कारण बताओ नोटिस जारी…DMF फंड पर सोशल मीडिया पोस्ट बनी वजह

रायपुर, 27 जुलाई। Party Sought Clarification : छत्तीसगढ़ की राजनीति में इस वक्त भारतीय जनता पार्टी के भीतर ही बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रवि भगत को पार्टी लाइन के खिलाफ सोशल मीडिया पर की गई टिप्पणियों को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। रवि भगत ने हाल के दिनों में जिला खनिज न्यास (DMF) फंड के उपयोग और रायगढ़ क्षेत्र में विकास कार्यों की स्थिति को लेकर सोशल मीडिया पर लगातार सवाल खड़े किए थे। उनके इन बयानों ने पार्टी के अंदर ही असहजता की स्थिति पैदा कर दी थी। पार्टी सूत्रों के अनुसार, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष किरण सिंह देव के निर्देश पर रवि भगत को यह नोटिस जारी किया गया है, जिसमें उनसे पूछा गया है कि उन्होंने पार्टी मंच के बाहर सार्वजनिक तौर पर इस तरह की टिप्पणियां क्यों कीं। पार्टी ने इसे “अनुशासनहीनता” करार देते हुए रवि भगत से सात दिन के भीतर लिखित जवाब मांगा है। पार्टी छवि को नुकसान की आशंका भाजपा के अंदरूनी सूत्रों का मानना है कि रवि भगत के सोशल मीडिया पोस्ट से संगठन की सार्वजनिक छवि पर नकारात्मक असर पड़ा है। पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने इसे सार्वजनिक मंच पर पार्टी की नीतियों और कामकाज को चुनौती देने वाला कदम बताया है। क्या पद पर आ सकता है असर? अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि रवि भगत इस नोटिस का क्या जवाब देते हैं और क्या पार्टी उनके स्पष्टीकरण से संतुष्ट होती है। यदि जवाब असंतोषजनक पाया गया, तो उनके खिलाफ संगठनात्मक कार्रवाई संभव मानी जा रही है, जिसमें पद से हटाए जाने की संभावना भी शामिल है। यह घटनाक्रम राज्य की राजनीति और भाजपा के आंतरिक समीकरणों के लिहाज से अहम माना जा रहा है, खासकर तब जब पार्टी संगठनात्मक अनुशासन पर विशेष जोर दे रही है। यह मामला आने वाले दिनों में छत्तीसगढ़ की राजनीति (Party Sought Clarification) में और भी गहराई से असर डाल सकता है। वहीं पार्टी की आगे की कार्रवाई पर सभी की नजर बनी हुई है।

Tomar Brothers: Bulldozer runs on illegal construction of absconding Tomar brothers...Police force demolishes Bhatgaon office...Tomar brothers still absconding
BREAKING NEWS, Chhattisgarh

Tomar Brothers : फरार तोमर बंधुओं के अवैध निर्माण पर चला बुलडोजर…पुलिस बल ने किया भटगांव कार्यालय को ध्वस्त…आरोपी अब भी फरार

रायपुर, 27 जुलाई। Tomar Brothers : राजधानी रायपुर में लंबे समय से फरार चल रहे सूदखोर और हिस्ट्रीशीटर तोमर बंधुओं पर प्रशासन ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए बड़ा एक्शन लिया है। आज सुबह नगर निगम और पुलिस की संयुक्त टीम ने भारी पुलिस बल के साथ भाठागांव स्थित तोमर बंधुओं के अवैध कार्यालय पर बुलडोजर चलाया। कार्रवाई के दौरान ऑफिस को ढहा दिया गया, जिसे बिना नक्शे और अनुमति के अवैध रूप से निर्मित किया गया था। वीरेंद्र और रोहित तोमर पर मारपीट, अवैध हथियार रखने और सूदखोरी जैसे गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। दोनों पिछले दो महीनों से फरार हैं और पुलिस को चकमा देकर भूमिगत हो गए हैं। उन्हें पकड़ने के लिए पुलिस की कई टीमें लगातार दबिश दे रही हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस सुराग नहीं मिला है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, दोनों भाइयों के नेपाल भागने की आशंका है। उनका पासपोर्ट भी गायब है, जिससे उनके ठिकानों का पता लगाने में और कठिनाई हो रही है। कोर्ट ने घोषित किया है फरार कोर्ट द्वारा फरार घोषित किए गए तोमर बंधुओं पर इनाम भी घोषित किया गया है। अब तक उनके सात से अधिक रिश्तेदारों और करीबियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। प्रशासन उनकी संपत्ति की कुर्की की तैयारी में है। जांच में खुलासा हुआ है कि तोमर बंधुओं ने ब्याज के नाम पर लोगों से करोड़ों रुपये की वसूली की है। जबरन वसूली के बाद कर्जदारों की संपत्तियां अपने नाम या कर्मचारियों के नाम पर रजिस्ट्री करवा ली गईं। इन कर्मचारियों के बैंक खातों में भी बड़ी रकम का ट्रांजैक्शन सामने आया है। लेकिन अब इनमें से अधिकांश कर्मचारी गायब हैं। पुलिस के अनुसार, जिन 35 लोगों के नाम सामने आए हैं, उनमें से 25 लापता हैं। बताया जा रहा है कि ये सभी लोग दूसरे राज्यों से हैं, जिससे उनकी गिरफ्तारी और पूछताछ मुश्किल होती जा रही है। संपत्ति और बैंक खातों की हो रही छानबीन पुलिस और आर्थिक अपराध शाखा अब इन सभी संदिग्ध खातों और संपत्तियों की जांच कर रही है। प्रशासनिक स्तर पर भी नगर निगम द्वारा अवैध संपत्तियों पर कार्रवाई तेज कर दी गई है। आने वाले दिनों में अन्य अवैध परिसरों पर भी बुलडोजर चलाया जा सकता है। नगर निगम की इस कार्रवाई को तोमर बंधुओं के खिलाफ (Tomar Brothers) अब तक की सबसे बड़ी प्रशासनिक कार्यवाही माना जा रहा है। पुलिस ने आम नागरिकों से भी अपील की है कि यदि किसी को इन आरोपियों के बारे में कोई जानकारी हो तो तत्काल पुलिस को सूचित करें।

Murder: Woman Panchayat Secretary murdered in Korba...! After love marriage, husband gave her a painful death... strangled her and burnt the body
Chhattisgarh

Murder : कोरबा में महिला पंचायत सचिव की हत्या…! प्रेम विवाह के बाद पति ने ही दी दर्दनाक मौत…गला घोंट कर लाश को जलाया

कोरबा, 27 जुलाई। Murder : कोरबा जिले में महिला पंचायत सचिव सुषमा खुसरों की हत्या के मामले में पुलिस ने मृतका के पति अभिनेक खुसरों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी ने पूछताछ में अपना जुर्म कबूलते हुए बताया कि घरेलू विवाद से परेशान होकर उसने गला घोंटकर पत्नी की हत्या की और फिर लाश को जलाकर आत्महत्या का स्वरूप देने की कोशिश की थी। घटना सिविल लाइन थाना क्षेत्र की है, जहाँ बीते दिनों सुषमा की अधजली लाश उनके घर में संदिग्ध हालात में मिली थी। घटना की जानकारी खुद पति अभिनेक ने पुलिस को दी थी। उसने बताया था कि वह घर से बाहर गया था और लौटने पर पत्नी की लाश कमरे में मिली। प्रारंभिक रूप से मामला आत्महत्या का प्रतीत हुआ, लेकिन मृतका की मां ने इसे हत्या बताते हुए पुलिस से न्याय की मांग की थी। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा, जहाँ रिपोर्ट में सुषमा की गला घोंटकर हत्या किए जाने की पुष्टि हुई। इसके बाद संदेह के आधार पर पुलिस ने पति को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की, जिसमें उसने पूरी घटना का खुलासा किया। वर्ष 2023 में किया था प्रेम विवाह पुलिस के अनुसार, वर्ष 2023 में दोनों ने प्रेम विवाह किया था। दोनों पंचायत विभाग में सचिव के पद पर कार्यरत थे। शादी के कुछ ही महीनों में दोनों के बीच घरेलू कामकाज को लेकर विवाद शुरू हो गया था, जो समय के साथ बढ़ता गया। आरोपी ने बताया कि वह पत्नी से अलग होना चाहता था, लेकिन सुषमा इसके लिए तैयार नहीं थी। रोज़-रोज़ के झगड़ों से परेशान होकर उसने पत्नी को मारने की योजना बनाई। घटना के एक दिन पहले भी दोनों के बीच तीखा विवाद हुआ था। अगले दिन, आए दिन के झगड़ों से परेशान होकर आरोपी ने सुषमा की गला घोंटकर हत्या कर दी। इसके बाद उसने लाश को आग लगा दी ताकि मामला आत्महत्या का लगे। लेकिन शव पूरी तरह जल नहीं पाया, जिससे पुलिस को शक हुआ। घटना की जानकारी सबसे पहले पति अभिनेक ने ही पुलिस को दी थी। उसने दावा किया था कि वह घर से बाहर था और लौटने पर पत्नी को जली हालत में मृत पाया। हालांकि, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह स्पष्ट हो गया कि सुषमा की मौत जलने से नहीं, बल्कि गला घोंटे जाने से हुई है। पुलिस से सख्त कार्रवाई की मांग मामले में मृतका की मां ने भी हत्या की आशंका जाहिर करते हुए पुलिस से सख्त कार्रवाई की मांग की थी। जांच में मिले सबूतों और आरोपी के बयान के आधार पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है।

Independence Day: 25 Chhattisgarh policemen will be honored on Independence Day...3 awarded gallantry medals posthumously...see list here
Chhattisgarh

Big Action : सरकारी अस्पतालों में करोड़ों की आपूर्ति घोटाला उजागर…! श्याम सर्जिकल पर राज्य GST विभाग की बड़ी कार्रवाई

रायगढ़, 26 जुलाई। Big Action : छत्तीसगढ़ शासन ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टोलरेंस नीति के तहत एक और बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। राज्य जीएसटी विभाग ने रायगढ़ की फर्म मेसर्स श्याम सर्जिकल पर भारी वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा करते हुए सख्त कदम उठाया है। जांच में सामने आया फर्जी फर्मों का नेटवर्क उजागर राज्य जीएसटी विभाग की जांच में पाया गया कि, श्याम सर्जिकल ने स्वास्थ्य विभाग में पिछले 4–5 वर्षों में 48 करोड़ रुपये की आपूर्ति दिखाई, जबकि वास्तविक खरीदी केवल 10 करोड़ रुपये की थी। उपकरणों की आपूर्ति खरीदी मूल्य से 4–5 गुना अधिक दरों पर की गई। लगभग 400–500% तक अनुचित मुनाफा कमाया गया। इस मुनाफे को छिपाने और GST देनदारी से बचने के लिए फर्जी लेनदेन का सहारा लिया गया। विभागीय जांच में खुलासा हुआ कि व्यवसायी ने अपने परिवारजनों के नाम पर तीन अलग-अलग फर्में बनाईं, राहुल इंटरप्राइजेज, नारायणी हेल्थकेयर और पी.आर. इंटरप्राइजेस है। इनके माध्यम से आपस में फर्जी लेन-देन दिखाकर करीब 1 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी की गई। मुख्यमंत्री श्री साय ने सख्त लहजे में कहा, “जन स्वास्थ्य सेवाओं में भ्रष्टाचार केवल आर्थिक अपराध नहीं, यह जनहित के साथ विश्वासघात है। राज्य सरकार किसी भी परिस्थिति में इसे सहन नहीं करेगी। दोषियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।” वित्त मंत्री ओ. पी. चौधरी के निर्देश पर राज्य जीएसटी विभाग को सभी सरकारी आपूर्तियों पर विशेष निगरानी रखने को कहा गया था। इसी के परिणामस्वरूप यह घोटाला उजागर हुआ। ठेकेदारों कड़ा संदेश राज्य शासन ने साफ किया है कि, “सरकारी व्यवस्था का दुरुपयोग कर अनुचित लाभ लेने वाले किसी भी व्यक्ति या संस्था को बख्शा नहीं जाएगा।” बहरहाल, यह कार्रवाई ईमानदार और पारदर्शी प्रशासन के प्रति छत्तीसगढ़ सरकार की प्रतिबद्धता, भ्रष्टाचार के खिलाफ मुख्यमंत्री साय के सख्त रुख और जन स्वास्थ्य से जुड़े हर पहलू पर प्रशासन की सतर्क निगरानी को दर्शाती है।