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Ex CM of CG: Ex CM Baghel's big statement regarding Lok Sabha candidate selection...! Refused to contest elections citing this reason
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Ex CM of CG : लोकसभा उम्मीदवार चयन को लेकर Ex CM बघेल बड़ा बयान…! ये वजह बताकर चुनाव लड़ने से किया इनकार

रायपुर, 27 जनवरी। Ex CM of CG : पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लोकसभा चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि मैं तो विधायक हूं। मैं प्रदेश भर में घूम-घूमकर प्रचार करना चाहता हूं। मैं समझता हूं कि ये जिम्मेदारी मिलेगी तो ज्यादा अच्छा होगा। बता दें कि शुक्रवार को स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में भूपेश बघेल के नाम का प्रस्ताव पूर्व मंत्री मो. अकबर ने राजनांदगांव सीट से रखा था। जिसका समर्थन राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र के सभी विधायकों ने किया। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली हाईकमान की ओर से बघेल को चुनाव लड़ाने की हरी झंडी मिल चुकी है। बैठक में कमेटी की अध्यक्ष रजनी पाटिल, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सचिन पायलट, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज और अन्य सदस्य मौजूद थे। कांग्रेस की लोकसभावार (Ex CM of CG) बैठक लगातार जारी है। वरिष्ठ नेताओं काे लोसकभा चुनाव लड़ाने का प्रस्ताव रखा गया है। इसमें भूपेश बघेल को राजनांदगांव, ताम्रध्वज साहू को महासमुंद से लड़ाने का प्रस्ताव रखा गया। कांकेर से मोहन मरकाम, जांजगीर से शिव डहरिया को लड़ाने का सुझाव दिया गया। वहीं कोरबा से ज्योत्सना महंत, बस्तर से दीपक बैज का नाम सुझाया गया है।हालांकि भूपेश बघेल ने चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया है।

Ramlala Pran Pratishtha: Congress MLA surrounded his own party...! Said this on rejecting Sonia-Kharge's invitation...?
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Ramlala Pran Pratishtha : कांग्रेस MLA ने अपनी ही पार्टी को घेरा…! सोनिया-खड़गे के न्योता ठुकराने पर कही ये बात…? देखें X

नई दिल्ली, 11 जनवरी। Ramlala Pran Pratishtha : अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाली रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का न्योता कांग्रेस ने अस्वीकार कर दिया है। इस कार्यक्रम में सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कांग्रेस का कोई नेता नहीं जाएगा। इसे लेकर बीजेपी तो कांग्रेस को घेर ही रही है, लेकिन अब पार्टी में भी इसे लेकर विरोध में आवाज उठने लगी है। गुजरात की पोरबंदर सीट से कांग्रेस विधायक अर्जुन मोढवाडिया ने पार्टी के इस फैसले पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को ऐसे राजनीतिक फैसले लेने से दूर रहना चाहिए था। मोढवाडिया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कांग्रेस नेताओं के न्योता अस्वीकार करने वाले जयराम रमेश के बयान को शेयर करते हुए कहा, ‘भगवान श्रीराम आराध्य देव हैं। ये देशवासियों की आस्था और विश्वास का विषय है। कांग्रेस को ऐसे राजनीतिक निर्णय लेने से दूर रहना चाहिए था।’ कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने बयान जारी करते हुए कहा था कि पिछले महीने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी को राम मंदिर के उद्घाटन समारोह का न्योता मिला था। हमारे देश में लाखों लोग भगवान राम की पूजा करते हैं। धर्म एक निजी मामला है, लेकिन आरएसएस और बीजेपी ने लंबे समय से अयोध्या में मंदिर को राजनीतिक प्रोजेक्ट बना दिया है। उन्होंने कहा था कि बीजेपी और आरएसएस के नेताओं द्वारा अधूरे मंदिर का उद्घाटन स्पष्ट रूप से चुनावी लाभ के लिए किया जा रहा है। 2019 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन करते हुए और भगवान राम का सम्मान करने वाले लाखों लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी ने स्पष्ट रूप से आरएसएस/बीजेपी के कार्यक्रम के निमंत्रण को सम्मानपूर्वक अस्वीकार कर दिया है। बता दें कि अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा (Ramlala Pran Pratishtha) होनी है। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे।उनके अलावा आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहेंगे।

Lakshadweep Travel: Unique beauty of Lakshadweep...! From beautiful sunset to adventure activities, see the best 5 destinations here.
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Lakshadweep Travel : लक्षद्वीप का अनोखा सौंदर्य…! खूबसूरत सनसेट से लेकर एडवेंचर एक्टिविटीज के बेस्ट 5 Destinations देखें यहां 

डेस्क आर्टिकल, 8 जनवरी। Lakshadweep Travel : भारत के द्वीपसमूह लक्षद्वीप की अनूठी खूबसूरती देश-दुनिया के लोगों को अपनी तरफ खींचती है। लक्षद्वीप आइलैंड्स पर हरियाली, समुद्र के किनारे, रिजॉर्ट्स, स्पॉर्ट्स एक्टिविटीज और वो सबकुछ है जो आपकी ट्रिप को सबसे अलग बना सकते हैं। यहां मिनिकॉय आयलैंड, कवरत्ती आयलैंड, अगत्ती आयलैंड, पिट्टी बर्ड सैंक्चुरी और अमीनी बीच कुछ ऐसी ही जगहे हैं जहां घूमा जा सकता है। अगर आप वॉटर स्पॉर्ट्स के शौकीन हैं तो लक्षद्वीप में स्कूबा डाइविंग, स्नॉर्क्लिंग, वॉटर सर्फिंग, कायाकिंग और कैनोइंग ट्राई कर सकते हैं। यहां जानिए लक्षद्वीप की ऐसी 5 जगहों के बारे में जहां घूमकर आपको भी मजा आएगा।  लक्षद्वीप में घूमने की 5 जगहें कवरात्ती आयलैंड  सफेद रेत वाले इस आयलैंड से खूबसूरत सनसेट देखा जा सकता है। कहते हैं डूबते सूरज की खूबसूरती दिल में उतर जाया करती है। कुछ ऐसा ही दिल में घर कर लेने वाला नजारा कवरात्ती आयलैंड से नजर आता है। कवरात्ती में आप कम से कम 2 दिनों के लिए रुक सकते हैं। बीच पर घूमना और शांति महसूस करने के लिए यह जगह अच्छी है। यहां आप परिवार के साथ भी जा सकते हैं या फिर सोलो भी प्लान बनाया जा सकता है। मिनिकॉय आयलैंड मिनिकॉय आयलैंड पर आप 2 दिनों की ट्रिप प्लान कर सकते हैं। यहां आकर साइटसीइंग के अलावा बोट राइड का मजा उठाया जा सकता है। हाइकिंग के लिए भी यह जगह अच्छी है। इस जगह का खाना भी बेहद स्वादिष्ट है। मरीन म्यूजियम  अंडरवॉटर दुनिया कैसी दिखाई पड़ती है यह आपको इस म्यूजियम में आकर पता चलेगा। मरीन म्यूजियम में शार्क के स्केलेटन से लेकर अनेक मछलियां देखने को मिलेंगी। यहां एक से दो घंटे रुका जा सकता है। इससे आपको मरीन लाइफ के बारे में जानकारी भी मिलेगी और मरीन लाइफ को लेकर आपकी जिज्ञासा भी कुछ कम होगी। पिट्टी बर्ड सैंक्चुरी  अगर आप काल्पेनी आयलैंड पर रुके हैं तो यहां से छोटी नाव लेकर पिट्टीबर्ड सैंक्चुरी तक आ सकते हैं। इस छोटे से आयलैंड पर आपको अलग-अलग तरह के पक्षी नजर आएंगे. स्नॉर्क्लिंग के लिए भी यह जगह अच्छी है। यहां 2-3 घंटे बर्ड्स को देखने के लिए रुका जा सकता है। अमीनी बीच  स्कूबा डाइविंग के लिए लक्षद्वीप का अमीनी बीच खासा पॉपुलर (Lakshadweep Travel) है। इस बीच पर अलग-अलग एडवेंचर एक्टिविटीज की जा सकती हैं। स्कूबा डाइविंग के अलावा यहां स्नॉर्क्लिंग, रीफ वॉकिंग और कायाकिंग का मजा ले सकते हैं। कम से कम यहां 6-7 घंटों का वक्त बिताया जा सकता है। परिवार, दोस्त या कपल्स के लिए भी यह जगह परफेक्ट है। कैसे पहुंचे लक्षद्वीप लक्षद्वीप अरब सागर के किनारे पर है। यहां सिर्फ पानी वाले जहाज या फ्लाइट से ही पहुंचा जा सकता है। लक्षद्वीप जाने के लिए आपको सबसे पहले कोच्ची पहुंचना होगा। आमूमन सभी शहरों के एयरपोर्टसे कोच्ची की फ्लाइट मिलना आसान है। फिर आप यहां से लक्षद्वीप के लिए पानी वाला जहाज या फिर फ्लाइट ले सकते हैं। पानी वाले जहाज का सफर 14 से 20 घंटे का होता है। हालांकि अगर जल्दी पहुंचना चाहते हैं, तो कोच्चि से अगट्टी हवाई अड्डे के लिए सीधे फ्लाइट ले सकते हैं। अगट्टी आइलैंड से आप बोट द्वारा मिनिकॉय आइलैंड, कल्पेनी आइलैंड और दूसरे आइलैंड तक जा सकते हैं।  कब जाएं लक्षद्वीप  वैसे तो लक्षद्वीप ऐसी जगह है जहां साल भर सुहाना मौसम रहता है, लेकिन घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच का माना जाता है। हालांकि कुछ लोग मार्च से मई के बीच गर्मियों में भी लक्षद्वीप घूमने जाते हैं।

Death of Congress Leader: Big breaking…! Congress leader's tragic death in a road accident... dense fog took his life
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Death of Congress Leader : बिग ब्रेकिंग…! सड़क हादसे में कांग्रेस नेता की ददर्नाक मौत…घने कोहरे ले ली जान

सूरजपुर, 31 दिसंबर। Death of Congress Leader : जिले में दर्दनाक सड़क हादसे में कांग्रेस नेता की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि तड़के सुबह कांग्रेस पार्षद गंगाराम रवि अपने परिवार के साथ जशपुर की ओर जा रहे थे, तभी घने कोहरे की वजह से अनंत्रित होकर कार पड़े से टकरा गई। इस हादसे में पार्षद की मौत हो गई। जबकि कार में सवार पत्नी समेत तीन लोग घायल हो गए हैं। घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यह मामला बगीचा थाना क्षेत्र का है। जानकारी के अनुसार, बिश्रामपुर नगर पंचायत पार्षद कांग्रेस नेता गंगाराम रवि की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई है। वह वार्ड क्रमांक 4 के पार्षद थे। गंगाराम रवि अपने परिवार के साथ जशपुर की ओर जा रहे थे। इस दौरान घने कोहरे की वजह से बगीचा के पास अनंत्रित होकर कार पड़े से जा टकराई। जिसके कारण पार्षद की मौत हो गई है। वहीं पत्नी सहित तीन लोग घायल हैं, जिनका इलाज अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज (Death of Congress Leader) में चल रहा है। ममले की सूचना पर पोलइ मौके पर पहुंचकर जांच में जुट गई है।

Congress MLA Meeting: After the crushing defeat, now the responsibility of choosing the new leader of the opposition lies on him...Listen to the VIDEO
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Congress MLA Meeting : भूपेश पर सहमति…! करारी हार के बाद अब विपक्ष का नया नेता चुनने की जिम्मेदारी है इन पर…सुनिए VIDEO

रायपुर, 13 दिसंबर। Congress MLA Meeting : छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस विधायक दल की पहली बैठक ख़त्म हो गई है। राजधानी में प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित इस बैठक में प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा, पूर्व सीएम भूपेश बघेल, पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव, चुनाव पर्यवेक्षक अजय माकन, प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज, पूर्व मंत्री मोहन मरकाम, सक्ति से कांग्रेस विधायक चरणदास महंत समेत बड़ी संख्या में एमएलए मौजूद थे। कांग्रेस विधायक दल की इस बैठक नए नेता प्रतिपक्ष को लेकर सहमति बनी। इस बैठक में पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने यह प्रस्ताव रखा था कि कांग्रेस विधायक दल के नए नेता का फैसला हाईकमान करें, उनके इस प्रस्ताव का डॉ चरणदास महंत ने भी समर्थन किया। विधायक दल की बैठक ख़त्म होने के बाद प्रदेश प्रभारी दिल्ली के लिए लौट गई है। उन्होंने दिल्ली रवाना होने के पहले रायपुर एयरपोर्ट पर पत्रकारों से चर्चा कि। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस विधायक दल की बैठक और नई सरकार को लेकर बयान दिया। विधायक दल की बैठक को लेकर कुमारी सैलजा ने कहा कि विधायक दल के नेता को लेकर भूपेश बघेल ने प्रस्ताव रखा था, डॉ चरणदास महंत ने अनुमोदन किया। बैठक में यह प्रस्ताव सर्वसम्मति ने पारित हुआ है, जिसके बाद अब कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे तय करेंगे कि विधायक दल का नेता कौन होगा। सीएम विष्णुदेव साय के शपथ ग्रहण को लेकर पूछे गए सवाल पर कुमारी सैलजा ने कहा कि बीजेपी ने मुख्यमंत्री चुनने में विलंब किया। हम उम्मीद करते हैं छत्तीसगढ़ को एक अच्छी सरकार मिलें। चुनाव में किसका जादू कहां चला कहां नहीं चला मुझे नहीं पता लेकिन जुमलेबाजी फिर से चली। छत्तीसगढ़ के लोगों ने हमारा जितना साथ दिया हम उसके लिए उनका धन्यवाद करते है।छत्तीसगढ़ के लोगों की आवाज को हमारी पार्टी के विधायक (Congress MLA Meeting) उठाते रहेंगे।

Vishnu Deo Sai Net Worth: Chhattisgarh's new CM Vishnu Dev Sai has so much debt...! know net worth
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Vishnu Deo Sai Net Worth : छत्तीसगढ़ के नए सीएम विष्णुदेव साय पर है इतना कर्ज…! जानें नेटवर्थ

रायपुर, 10 दिसंबर। Vishnu Deo Sai Net Worth : आखिरकार लंबे इंतजार के बाद रविवार को छत्तीसगढ़ का नया सीएम मिल गया। विधायक दल की बैठक में आदिवासी नेता विष्णुदेव साय के नाम पर मुहर लगी। यानी वे छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री बनेंगे। 4 बार सांसद, 2 बार विधायक और 2 बार प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालने वाली विष्णुदेव साय की नेटवर्थ करोड़ों में हैं। आइए जानते हैं नए सीएम के पास क्या-क्या है?  हलफनामे में संपत्ति की जानकारी Chhattisgarh New CM विष्णुदेव साय द्वारा विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान चुनाव आयोग में जमा कराए गए एफिडेबिट के मुताबिक, उनके पास 3 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति है। Myneta.com के मुताबिक, हलफनामे में दी गई जानकारी के मुताबिक, विष्णुदेव साय और उनकी फैमिली के पास 3,80,81,550 रुपये की कुल संपत्ति है, जबकि देनदारी की बात करें तो ये 65,81,921 रुपये है। कैश से लेकर बैंक डिपॉजिट छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री की नेटवर्थ के बारे में दी गई जानकारी के मुताबिक, उनके पास 3.5 लाख रुपये का कैश, जबकि पत्नी के पास 2.25 लाख रुपये का कैश मौजूद है। अगर पूरी फैमिली की बात की जाए, तो कुल कैश 8.5 लाख रुपये है। इसके अलाव बैंक डिपॉजिट की बात करें, तो विष्णुदेव साय के बैंक ऑफ बड़ौदा अकाउंट में एक लाख रुपये, सीजी राज्य ग्रामीण बैंक में 82 हजार रुपये, एसबीआई अकाउंट में 15,99,418 रुपये और Indian Bank Accout  में महज 2 हजार रुपये हैं। पत्नी की बात करें तो उनके राज्य ग्रामीण बैंक अकाउंट में 10.9 लाख रुपये डिपॉजिट हैं। 

BJP Big Victory: Congress 'entered the hearts' of the people and BJP 'entered the minds' again.
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BJP Big Victory : कांग्रेस जनता-जनार्दन के ‘मन से उतरी’ और भाजपा वापस ‘मन में उतरी’

अनिल पुरोहित। BJP Big Victory : सत्ता में रहकर जिन राजनीतिक विकारों का शिकार होने में भारतीय जनता पार्टी को छत्तीसगढ़ में 15 साल का वक़्त लगा था और जनता ने पक्का मन बनाकर उसे न केवल सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाया था, अपितु विधानसभा में संख्याबल की दृष्टि से दयनीय स्थिति में ला दिया था, उन विकारों की शिकार कांग्रेस सत्ता में आते ही इतनी तेजी से हुई और इतनी ज्यादा हुई कि छत्तीसगढ़ की जनता ने कांग्रेस की सरकार को छत्तीसगढ़ पर असहनीय बोझ मानकर ‘अपने मन से उतारने में’ जरा भी देर नहीं की और पाँच साल में जनता जनार्दन ने भाजपा को वापस ‘अपने मन में उतारने’ का संकल्प साकार कर 75 पार का दंभ भरती कांग्रेस को अब तक के हुए पाँच चुनावों में सबसे न्यूनतम संख्याबल के साथ विपक्ष की भूमिका सौंप दी। इन चुनाव नतीजों ने राममनोहर लोहिया की याद ताजा कर दी जो कहते थे कि ज़िंदा क़ौमें पाँच साल इंतज़ार नहीं करतीं। छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव-2023 के नतीजों को इसी परिप्रेक्ष्य में समझा जा सकता है जिसने तमाम एक्ज़िट पोल को धता बताकर भाजपा की भारी बहुमत की सरकार बनाने का एक्ज़ेक्ट पोल सामने रखकर सभी राजनीतिक पंडितों को खामोश कर दिया है। छत्तीसगढ़ के चुनाव में कांग्रेस की हार सत्ता के गुमान में जनादेश के अपमान का परिणाम है। सत्तावादी अहंकार से लबरेज कांग्रेस आख़िर तक जन-मन को भाँपने में नाकारा साबित हुई और जिस चुनावी मैदान में वह टहलने के लिए उतरी थी, उस पर उसे हाँफते हुए सत्ता की चौखट से बाहर ही ढेर होते इस प्रदेश ने देखा। सरप्लस बिजली वाले छत्तीसगढ़ में बिजली बिल हाफ का वादा करके सत्ता में आई कांग्रेस की सरकार ने अनियमित और अघोषित बिजली कटौती को लेकर उठी आवाज को दबाने के लिए जिस फुर्ती से दो पत्रकारों पर राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किया, वहीं से पत्रकार सुरक्षा का ढोल पीटती कांग्रेस के इरादे समझ आ गए थे, पूत के पाँव पालने में नज़र आ गए थे। मंत्रियों से लेकर विधायकों तक और कांग्रेस के नेताओं, उनके परिजनों, रिश्तेदारों, मित्रों तक के सत्तावादी अहंकार के प्रदर्शन का यह सिलसिला कांग्रेस के पूरे पाँच साल के शासनकाल में कभी बैंक कर्मी के साथ मारपीट, तो कभी अफसरों के साथ गाली-गलौज, धमकी-चमकी और कभी अपने निज सहायकों के सार्वजनिक अपमान और कभी महिलाओं के साथ बदसलूकी व अनाचार के रूप में चलता रहा। अपने किए वादों से मुकरने का जैसा राजनीतिक चरित्र छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार ने पाँच वर्षों में प्रदर्शित किया, पुलिस जवानों के परिजनों पर, वादों की याद दिलाकर भर्ती और रोजगार की मांग करते युवाओं पर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, संविदा व अस्थायी/दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों पर आतंक का कहर बरपाया, उसने जन आक्रोश का एक ऐसा ज्वालामुखी तैयार किया कि आज उसके लावे में झुलसी कांग्रेस कराह रही है। अपनी इस नियति की पटकथा कांग्रेस के मदांध सत्ताधीशों ने खुद अपने हाथों पाँच सालों में लिखी है। सत्ता संस्थान को अपने राजनीतिक अंतर्कलह का केंद्र बनाकर सबने अपनी-अपनी महत्वाकांक्षाओं को अपने राजनीतिक कद से भी ज्यादा बड़ा माना और नतीजा यह हुआ कि प्रदेश में न तो कानून के राज का कोई ख़ौफ़ रह गया था, न जनता की तकलीफें सत्ताधीशों और सामंती नौकरशाहों को विचलित कर रही थीं। चहुँओर माफियाओं ने जंगलराज जैसे हालात कायम कर रखे थे। बढ़ते अपराधों ने कदम-कदम पर लोगों को असुरक्षित और सशंकित कर रखा था, तीन साल की मासूम बच्चियों से लेकर वृद्ध महिलाएँ तक रोज वहशी दरिंदों के हाथों अपनी अस्मत को लहूलुहान होते देखने को विवश थीं पर सरकार न कुछ देखने को, न सुनने को और न ही कुछ बोलने को तैयार थी। महिला सशक्तीकरण कांग्रेस का राजनीतिक जुमला बनकर रह गया। गंगाजल की सौगंध खाकर पूर्ण शराबबंदी का किया गया वादा केवल झाँसा साबित हुआ और प्रदेश की मातृ-शक्ति इसके दुष्परिणामों की शिकार होकर अपने परिवार को टूटते-बिखरते देखती रही। यह विश्वासघात की पराकाष्ठा थी। सूखे नशे के काले कारोबार के साथ ही ऑनलाइन सट्टेबाजी की अंधी गलियों में धकेलकर युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ किया जाता रहा, उन्हें आख़िरी के कुछ महीनों को छोड़कर उस बेरोजगारी भत्ता तक के लिए मोहताज रखा गया जिसके कसीदे पढ़ते हुए और इसके लिए बजट के प्रावधानों की व्याख्या करते हुए 2018 के विधानसभा चुनावों के लिए घोषणा पत्र जारी करते समय उस समिति के प्रमुख टीएस सिंहदेव ने राहुल गांधी को ‘सर-सर’ संबोधित करने का रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज कराया था। रोजगार मुहैया कराने के नाम पर कोरोना काल में शराब कारोबार की कोचिया बनी भूपेश सरकार ने इन प्रतिभासंपन्न युवाओं को डिलीवरी ब्वॉय बना डाला और पीएससी परीक्षाओं में घोटालों का करतब दिखाकर कांग्रेस नेताओं और बड़े नौकरशाहों के परिवार वालों को नियुक्ति दे दी और युवाओं के सपनों को चूर-चूर कर दिया। बीते पाँच सालों में शराब, कोयला परिवहन, गौठान, गोबर, पीडीएस राशन, जमीन, रेत, प्रधानमंत्री अन्न योजना के चावल में भ्रष्टाचार और घोटालों के जितने मामले सामने आए, उसने भूपेश सरकार के राजनीतिक चरित्र को इतना दागदार कर दिया था कि अंत तक वह इसे धो नहीं सकी। महादेव एप पर पाबंदी लगाने का अधिकार अपने पास होते हुए भी प्रदेश सरकार ने उसे बंद करने का काम नहीं किया और इसके लिए भी वह केंद्र सरकार पर ही आख़िर तक ठीकरा फोड़ती रही। अपने ऊपर लगे आरोपों के जवाब में वह भाजपा की पूर्ववर्ती राज्य सरकार को भ्रष्ट बताने में ही लगी रही। दूसरों के दोष दिखाकर अपने दोषों को सही ठहराने की इस राजनीतिक निर्लज्जता को प्रदेश ने सिरे से खारिज कर दिया है। विडम्बना यह रही कि भ्रष्टाचार के जिन मामलों के लिए कांग्रेस के नेता और स्वयं निवर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व उनकी सरकार के लोग भाजपा सरकार पर हमलावर हो रहे थे, पाँच साल तक सत्ता में रहकर भी उनमें से किसी भी एक मामले की जाँच कराने का वे न तो नैतिक साहस दिखा सके, न ही राजनीतिक इच्छाशक्ति जुटा सके! उल्टे, कोरोना सेस का हिसाब देने से प्रदेश सरकार मुँह चुराती रही परंतु मुख्यमंत्री बघेल समेत तमाम कांग्रेस नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पीएम केयर की राशि को लेकर सवाल दागते रहे। केंद्र सरकार की उन जनकल्याणकारी योजनाओं को रोककर

CG Election Result: 5 rounds of counting completed in 7 assembly seats of Raipur district… BJP's lead in all the seats… See celebrating VIDEO
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CG Election Result : रायपुर जिले के 7 विधानसभा सीटों में 5 राउंड की गिनती पूरी…सभी सीटों में BJP की बढ़त…देखें जश्न मनाते VIDEO

रायपुर, 03 दिसंबर। CG Election Result : छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 के दो चरणों में हुए मतदान का मतगणना जारी है। मतगणना के अब तक जो रुझान आए हैं उसमें बीजेपी बढ़त बनाई हुई है। जिसमें भाजपा 51, कांग्रेस 37 और अन्य 2 पर आगे चल रही है। वहीं रायपुर जिले के 7 विधानसभा सीटों 5 राउंड के गिनती के बाद भाजपा सभी सीटों में कब्जा बनाई हुई है। रायपुर जिले के 7 विधानसभा में कौन कहां आगे रायपुर पश्चिम – राजेश मूणत (भाजपा) 6376 वोटों से आगेरायपुर उत्तर – पुरंदर मिश्रा (भाजपा) 8000 वोटों से आगेरायपुर दक्षिण – बृजमोहन अग्रवाल (भाजपा) 5000 वोटों से आगेरायपुर ग्रामीण – मोती लाल साहू (भाजपा) 9100 वोटों से आगेधरसींवा – अनुज शर्मा (भाजपा) 7653 वोटों से आगेआरंग – खुशवंत साहेब (भाजपा) 1200 से आगेअभनपुर – इंद्रकुमार साहू (भाजपा) 4547 वोटों से आगे

MP Election Results: BJP gets 2/3rd majority...Congress ahead on so many seats...Listen to what CM Shivraj said VIDEO
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MP Election Results : बीजेपी को 2 तिहाई बहुमत…कांग्रेस इतने सीटों पर आगे…सुनिए क्या बोले CM शिवराज VIDEO

भोपाल, 03 दिसंबर। MP Election Results : मध्य प्रदेश के रुझानों में कांग्रेस 61, बीजेपी- 150, बीएसपी-3 सीटों पर आगे चल रही है। नतीजों से पहले ही सीएम शिवराज सिंह चौहान ने तो सोशल मीडिया पर बयान दे दिया है कि बीजेपी पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने जा रही है। शिवराज चौहान ने कहा कि भारत माता की जय, जनता जनार्दन की जय। मुझे पूरा विश्वास है कि जनता के आशीर्वाद और पीएम मोदी के कुशल नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी पूर्ण बहुमत के साथ फिर सरकार बनाने जा रही है। भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा, “परिणाम आना शुरू हो गए हैं, मैं मानता हूं कि बीजेपी अब तक की सर्वाधिक सीट जीतकर मध्य प्रदेश में इतिहास बनाएगी। इधर, बीजेपी प्रदेश कार्यालय में जश्न मनाया जा रहा है। कार्यालय को फूलों से सजाया जा रहा है। रुझानों को देखकर बीजेपी कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर है। गौरतलब है कि मध्‍य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों के लिए मतगणना जारी है। भाजपा ने रुझानों में बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है। प्रदेश में 17 नवंबर को एक ही चरण में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हुआ था। यहां 2,533 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। इसी बीच बड़ी खबर सामने आ रही है।

BIG BREAKING: Big news...This former IAS joined BJD...! Listen what he said VIDEO
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BIG BREAKING : बड़ी खबर…बीजेडी में शामिल हुए ये पूर्व IAS…! सुनिए क्या बोले VIDEO

भुवनेश्वर, 27 नवंबर। BIG BREAKING : भारतीय प्रशासिक सेवा से इस्तीफा देने के बाद उड़ीसा के पूर्व आईएएस वीके पांडियन अपनी राजनीतिक जीवन की शुरूआत करने जा रहे है। भुवनेश्वर में वीके पांडियन ने बीजेडी का दामन थामा है। जिसको लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई है। स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति से पहले वीके पांडियन मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के निजी सचिव के तौर पर कार्यरत थे। अक्तूबर माह में इस्तीफा स्वीकार होने के बाद वीके पांडियन को राज्य सरकार की 5टी (परिवर्तन पहल) और नवीन ओडिशा योजना के अध्यक्ष पद पर नियुक्त किया गया। सोमवार सुबह भुवनेश्वर में वीके पांडियन बीजेडी में शामिल हो गए। इस दौरान ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक भी मौजूद रहे, उनके आवास पर उन्हें पार्टी में शामिल किया गया। अमर पटनायक बोले पार्टी होगी मजबूत बीजेडी में शामिल होने पर पार्टी नेता अमर पटनायक ने कहा, वीके पांडियन के आने से पार्टी मजूबत होगी साथ ही इससे पूरे राज्य को लाभ होगा। राज्य के मुख्यमंत्री की तरह वे भी राज्य के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। पांडियन के पार्टी में शामिल होने से विकास कार्यों में तेजी आएगी। ऐसा कुछ नहीं है कि केवल इन्हें 2024 को देखते हुए शामिल किया गया है। सीएम का दीर्घकालिक दृष्टिकोण है। ओडिशा की जनता चाहती है कि मुख्यमंत्री अपने विजन को पूरा करें, पांडियन के रूप में हमें एक सक्षम सहयोगी मिलें।  वीके पांडियन का करियर 2000 बैच के पांडियन ने अपने करियर की शुरुआत 2002 में कालाहांडी जिले के धर्मगढ़ के उप-कलेक्टर के रूप में की थी। 2005 में उन्हें मयूरभंज जिले का कलेक्टर नियुक्त किया गया। 2007 में उन्हें गंजम का कलेक्टर बनाया गया। गंजम में नियुक्ति के दौरान ही वे मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के करीबी बन गए। बता दें, पटनायक मूल रूप (BIG BREAKING) से गंजम जिले के रहने वाले हैं।