Chhattisgarh

Gariaband: The construction of a fair price shop-cum-warehouse in Malgaon facilitated the safe storage of food grains, and villagers began receiving rations on time.
Chhattisgarh

Gariaband : मालगांव में उचित मूल्य की दुकान सह गोदाम निर्माण से खाद्यान्न के सुरक्षित भंडारण में मिली सुविधा, ग्रामीणों को समय पर मिलने लगा राशन

रायपुर, 10 अक्टूबर। Gariaband : राज्य शासन के प्रयास से गरियाबंद जिले की ग्राम पंचायत मालगांव में उचित मूल्य की दुकान सह गोदाम निर्माण से खाद्यान्न के सुरक्षित भंडारण में सुविधा मिली है। वहीं अब ग्रामीणों को समय पर राशन भी मिलने लगा है।  गौरतलब है कि मालगांव के ग्रामीणों एवं किसानों ने लंबे समय से उचित मूल्य की दुकान एवं गोदाम निर्माण की मांग कर रहे थे। ग्रामीणों की इस मांग को गंभीरता से लेते हुए पंचायत ने प्रस्ताव तैयार कर जनपद पंचायत को भेजा। तकनीकी स्वीकृति के बाद यह प्रस्ताव जिला पंचायत को प्रशासकीय स्वीकृति हेतु भेजा गया। उचित मूल्य की दुकान, जिसे आमतौर पर राशन की दुकान कहा जाता है, सरकार की सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण कड़ी है। इसके माध्यम से ग्रामीणों को सस्ते दर पर चावल, गेहूं, चीनी और मिट्टी का तेल उपलब्ध कराया जाता है। ग्राम पंचायत मालगांव की ग्राम सभा में ग्रामीणों और किसानों के सुझाव पर उचित मूल्य की दुकान सह गोदाम निर्माण की आवश्यकता महसूस की गई।  सभी सदस्यों की सहमति से पंचायत ने प्रस्ताव पारित किया। राशन दुकान निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद अब ग्रामीणों को राशन वितरण में काफी सुविधा मिल रही है। पहले उचित मूल्य की दुकान के लिए अलग भवन न होने से राशन में नमी आने, खाद्यान्न खराब होने तथा वितरण में विलंब जैसी समस्याएँ थीं। अब नए भवन के निर्माण से खाद्यान्न का भंडारण सुरक्षित हो पा रहा है तथा समय पर राशन वितरण संभव हो सका है। इससे ग्रामीणों में संतोष और प्रसन्नता का माहौल है। इस पर ग्रामीणों ने राज्य सरकार के प्रति आभार जताया है।

New Initiatives for Good Governance: Deadline set for online scholarship and stipend payment, Chief Minister transferred scholarship and stipend worth Rs 84.66 crore online to the accounts of 1.98 lakh students.
Chhattisgarh

New Initiatives for Good Governance : ऑनलाईन छात्रवृत्ति और शिष्यवृत्ति भुगतान के लिए समय-सीमा निर्धारित, मुख्यमंत्री ने 1.98 लाख विद्यार्थियों के खाते में 84.66 करोड़ रूपए की शिष्यवृत्ति एवं छात्रवृति ऑनलाईन अंतरित की

रायपुर, 10 अक्टूबर। New Initiatives for Good Governance : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर राज्य के शैक्षणिक संस्थानों, आश्रम-छात्रावासों और तकनीकी एवं प्रोफेशनल पाठ्यक्रम में पढ़ाई करने वाले अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के विद्यार्थियों को शिष्यवृत्ति एवं छात्रवृत्ति का भुगतान अब उनके बैंक खाते में ऑनलाईन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री साय ने आज मंत्रालय, महानदी भवन में आयोजित कार्यक्रम में इन वर्गों के 1.98 लाख विद्यार्थियों के बैंक खातों में 84.66 करोड़ रूपए की शिष्यवृत्ति एवं छात्रवृत्ति ऑनलाईन अंतरित की।  प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा ने बताया कि प्री. मैट्रिक, पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति तथा शिष्यवृत्ति भुगतान के लिए नयी व्यवस्था में माह जून, सितंबर, अक्टूबर एवं दिसंबर में विद्यार्थियों को ऑनलाईन भुगतान किया जाएगा। इस पहल से छात्रों को शैक्षणिक अध्ययन के दौरान होने वाली आर्थिक समस्या से निजात मिलेगी। छात्रवृत्ति पहले विद्यार्थियों को दिसंबर एवं फरवरी-मार्च में वर्ष में एक बार छात्रवृति एवं शिष्यवृति की राशि प्रदान की जाती थी।  प्रमुख सचिव बोरा ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री साय के नेतृत्व में सुशासन की दिशा में लगातार हो रहे इन प्रयासों से शासन-प्रशासन को पूर्व की तुलना में अपेक्षाकृत अधिक जवाबदेही एवं पारदर्शी बनाया गया है। श्री बोरा ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री साय के हाथों आज आश्रम-छात्रावासों के 1 लाख 86 हजार 50 विद्यार्थियों को शिष्यवृति की द्वितीय किश्त की राशि 79 करोड़ 27 लाख रूपए एवं पो. मैट्रिक छात्रवृत्ति के 12 हजार 142 विद्यार्थियों को 5 करोड़ 38 लाख 81 हजार रूपए विद्यार्थियों के बैंक खातों में राशि अंतरित की गई है।  प्रमुख सचिव श्री बोरा ने बताया कि विद्यार्थियों को शिष्यवृत्ति और छात्रवृत्ति ऑनलाईन भुगतान की शुरूआत मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के हाथों पहली बार 10 जून 2025 को की गई थी। राज्य में संचालित सभी प्री. मैट्रिक छात्रावास एवं आश्रमों को शैक्षणिक सत्र प्रारंभ होने के पूर्व ही शिष्यवृति की प्रथम किश्त राशि 77 करोड़ रूपए एवं पोस्ट मैट्रिक छात्रावासों में अध्ययनरत छात्रों हेतु भोजन सहाय की प्रथम किश्त के रूप में राशि 8.93 करोड़ रूपए, इस प्रकार कुल 85 करोड़ रूपए की राशि जारी कर एक अभिनव पहल की गई थी। साथ ही इसके दूसरे चरण में 17 जून 2025 को 8370 विद्यार्थियों को छात्रवृति की राशि 6.2 करोड़ रूपए का ऑनलाइन अंतरण किया गया था।  इस अवसर पर आदिम जाति विकास मंत्री श्री रामविचार नेताम, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री केदार कश्यप, स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल, वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी, राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा, स्कूल शिक्षा मंत्री श्री गजेन्द्र यादव, अनुसूचित जाति विकास मंत्री गुरू खुशवंत साहेब, पर्यटन मंत्री श्री राजेश अग्रवाल, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह, आदिम जाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक विकास विभाग के आयुक्त डॉ. सारांश मित्तर भी उपस्थित थे। 

Rationalization Policy: The light of education has returned to the remote forest region of Swachh Bharat through the rationalization policy. The posting of teachers at Nagam School has brought enthusiasm to children, and parents have expressed gratitude.
Chhattisgarh, Education

Rationalization Policy : युक्तियुक्तकरण नीति से स्वच्छता के सुदूर वनांचल में लौटी शिक्षा की रोशनी, नागम विद्यालय में शिक्षकों की पदस्थापना से बच्चों में उत्साह, अभिभावकों ने जताया आभार

रायपुर, 10 अक्टूबर। Rationalization Policy : छत्तीसगढ़ सरकार की शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की नीति से सुदूर वनांचल क्षेत्रों के स्कूलों में शिक्षकों की कमी की पूर्ति होती जा रही है। युक्ति युक्तकरण के फलस्वरूप अब वनांचलों आदिवासी क्षेत्रों के स्कूलों में शिक्षक पदस्थ हो जाने से बच्चों की पढ़ाई गति पकड़ रही है साथ ही उनका भविष्य संवरने की नींव पड़ गई है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की युक्तियुक्तकरण नीति ने प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को गुणवत्ता, समानता और प्रभावशीलता की नई ऊंचाई पर पहुंचाया है। इसी नीति के तहत सरगुजा जिले के लूण्ड्रा विकासखंड के सुदूर वनांचल ग्राम नागम की शासकीय प्राथमिक शाला, जो वर्षों से शिक्षक विहीन थी, अब बच्चों की पढ़ाई की आवाज़ों से गूंज उठी है। विद्यालय में दो सहायक शिक्षकों में सुश्री ज्ञानलता लकड़ा और श्री वासुकी मिर्री की पदस्थापना के बाद अब यहां के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल रही है। पहले जहां शिक्षक की कमी के कारण विद्यालय लगभग बंद जैसा था, अब वहीं कक्षाएं नियमित रूप से संचालित हो रही हैं। बच्चों में पढ़ाई को लेकर नया उत्साह देखने को मिल रहा है। सहायक शिक्षक ज्ञानलता लकड़ा ने बताया कि नागम के शासकीय प्राथमिक शाला में 40 बच्चे पढ़ते हैं, ये सभी बच्चे बहुत जिज्ञासु और सीखने के इच्छुक हैं। हमारा प्रयास है कि सभी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जाए, जिससे उनका सर्वांगीण विकास हो सके। युक्तियुक्तकरण नीति की अभिभावकों ने की सराहना विद्यालय में शिक्षकों की पदस्थापना से अभिभावकों में खुशी की लहर है। अभिभावक ने कहा कि पहले हमारे बच्चों को पढ़ाई के लिए दूसरे गांव भेजना पड़ता था, अब गांव में ही शिक्षक आ गए हैं। इससे बच्चों का भविष्य सुरक्षित हुआ है। उन्होंने मुख्यमंत्री और शिक्षा विभाग का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अब हमारे बच्चे रोज स्कूल जा रहे हैं, उन्हें स्कूल में पौष्टिक मध्यान्ह भोजन मिल रहा है जिससे बच्चों का पढ़ाई में मन लगा रहा हैं। यह बदलाव हमारे गांव के लिए बहुत बड़ा तोहफा है। विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने बताया कि युक्तियुक्तकरण नीति के तहत विकासखंड स्तर के सभी विद्यालयों में शिक्षकों की संतुलित तैनाती सुनिश्चित की गई है,ताकि शासकीय स्कूल में पढ़ रहे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण बेहतर शिक्षा मिले और बच्चों का भविष्य सुदृढ़ हो। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की युक्तियुक्तकरण नीति ने न केवल शिक्षा व्यवस्था में संतुलन स्थापित किया है बल्कि सुदूर अंचलों तक शिक्षा की रोशनी पहुंचाकर सबके लिए समान शिक्षा का अधिकार के संकल्प को साकार किया है।

Bastar Rising: 'Bastar Rising' will give national recognition to the cultural, environmental and entrepreneurial spirit of Bastar, visited Garhdhanora, Gobarheen and Honhed waterfalls.
Chhattisgarh

Bastar Rising : ‘बस्तर राइजिंग’ बस्तर की सांस्कृतिक, पर्यावरणीय और उद्यमशीलता को दिलायेगी राष्ट्रीय पहचान, गढ़धनोरा गोबरहीन और होनहेड़ जलप्रपात का किया भ्रमण

रायपुर, 09 अक्टूबर।  Bastar Rising : छत्तीसगढ़ शासन जनसम्पर्क विभाग और बस्तर संभाग के जिला प्रशासन के संयुक्त प्रयास से ‘बस्तर राइजिंग‘ विशेष अभियान की टीम आज केशकाल विकासखंड अंतर्गत टाटामारी पहुँचा। अभियान के प्रथम दिन हिमाचल प्रदेश से आए नवाचारी दल ने पुरातात्विक महत्व के स्थान गोबरहीन के प्राचीन शिवलिंग का अवलोकन किया और 06वीं शताब्दी के गढ़ धनोरा के इतिहास के बारे में जाना। इसके पश्चात उनकी टीम ने होनहेड़ जलप्रपात की सुंदरता को निहारा और उनकी प्रशंसा की।  उल्लेखनीय है कि ”हार्माेनी फेस्ट 2025” अंतर्गत “बस्तर राइजिंग” बहुआयामी अभियान के तहत बस्तर संभाग की सांस्कृतिक, पर्यावरणीय और उद्यमशीलता क्षमताओं को राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित करने व पृथक् पहचान दिलाने के उद्देश्य से जनसंपर्क विभाग द्वारा विशेषज्ञों, युवाओं, शिल्पकारों और स्थानीय समुदायों के बीच संवाद कार्यशालाएं और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने की पहल की गई है। “दिल मेला दिल में ला” थीम पर आधारित इस अभियान के अंतर्गत बस्तर की प्रेरक कहानियाँ, नवाचार एवं सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित किया जाएगा। सात सदस्यीय टीम में ‘प्लेसेज ऑफ पॉसिबिलिटीज़‘ के संस्थापक प्रतुल जैन सहित परीना सिंघल, पलक चौधरी, आयुषी कपूर, निष्ठा जोशी, सदफ अंजुम, फ्रानो डिसिल्वा शामिल हैं।

CG State Election Commission: Chhattisgarh State Election Commission's management of local body elections 2025 received international recognition, Chhattisgarh State Election Commission received award in Botswana for excellent management of local body elections 2025.
Chhattisgarh

CG State Election Commission : छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग के स्थानीय निकाय चुनाव 2025 के प्रबंधन को मिला अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान, स्थानीय निकायों के निर्वाचन 2025 के उत्कृष्ट प्रबंधन हेतु छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग को बोत्सववाना में अवार्ड प्राप्त हुआ

रायपुर, 09 अक्टूबर। CG State Election Commission : छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग को संयुक्त राष्ट्र लोक प्रशासन नेटवर्क (UNPAN) की शोध संस्था International Centre for Parliamentary Studies (ICPS) द्वारा अवार्ड से सम्मानित किया गया है। माननीय राज्य निर्वाचन आयुक्त अजय सिंह के निर्देशन में संपन्न स्थानीय निकाय निर्वाचन 2025 के उत्कृष्ट प्रबंधन के लिये उक्त संस्था को प्रस्ताव भेजा गया था। आयोग द्वारा प्रेषित प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए ICPS द्वारा उत्कृष्ट निर्वाचन प्रबंधन हेतु आयोग को नामांकित किया गया तथा बोत्सवाना की राजधानी गेब्रोन में आयोजित सम्मेलन में आयोग की प्रस्तुति के आधार पर आयोग को अवार्ड हेतु चयनित किया गया है। संयुक्त राष्ट्र लोक प्रशासन नेटवर्क (UNPAN) की शोध संस्था International Centre for Parliamentary Studies (ICPS) का कार्यालय मिलबैंक टावर, लंदन (यू.के.) में स्थित है। ICPS, United Nations Development Program (UNDP) की सहयोगी संस्था है। ICPS के द्वारा लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं का अध्ययन एवं अनुसंधान किया जाता है तथा अंतराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न सरकारों को लोकतांत्रिक व्यवस्था सुदृढ करने के लिये सुझाव भी दिये जाते हैं। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा बताया कि ICPS द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग के नगरपालिका एवं पंचायत निर्वाचन 2025 एक साथ मात्र 36 दिन में संपन्न कराये जाने के लिये किये गये निर्वाचन प्रबंधन को उत्कृष्ट उपलब्धि मानते हुए Special Recognition for Outstanding Achievement Award श्रेणी में आयोग को अवार्ड प्रदान किया गया है। अवार्ड वितरण कार्यक्रम दिनांक 01.10.2025 से 04.10.2025 तक बोत्सवाना की राजधानी गेब्रोन में आयोजित था। सम्मेलन में आयोग की ओर से सर्वश्री सुखनाथ अहिरवार, सचिव एवं श्री आलोक कुमार श्रीवास्तव, उप सचिव ने भाग लिया।

Sujalam Bharat: Chief Minister Sai participated in the workshop organized on the subject of water conservation and water enrichment under 'Sujlam Bharat', our future will be secured by water conservation with public participation - Chief Minister Vishnu Dev Sai
Chhattisgarh

Sujalam Bharat : ‘सुजलाम भारत’ के तहत जल संरक्षण एवं जल संवर्धन विषय पर आयोजित कार्यशाला में शामिल हुए मुख्यमंत्री साय, जनभागीदारी से जल संचयन कर सुरक्षित होगा हमारा भविष्य-मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर, 09 अक्टूबर। Sujalam Bharat : “जल है तो कल है, और जल से ही कल संवरेगा। जल संरक्षण के लिए हम सभी को मिलकर काम करना होगा, तभी हम अपने भविष्य को सुरक्षित रख पाएंगे।” मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ‘सुजलाम भारत’ के अंतर्गत राजधानी रायपुर स्थित ओमाया गार्डन में जल संरक्षण एवं जल संवर्धन विषय पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए यह बात कही। इस अवसर पर उन्होंने जल कलश पर जल अर्पित कर जल संचयन का संदेश दिया। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अनेक अवसरों पर जल संकट को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है। जल संरक्षण के प्रति जनमानस में जागरूकता की कमी इस संकट को और गहरा कर सकती है। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में लोग अपने-अपने ढंग से जल संचयन के लिए प्रयास कर रहे हैं, और ऐसे मंचों के माध्यम से सभी अपने अनुभव साझा कर पाएंगे, जो अंततः नीति निर्माण में भी निर्णायक सिद्ध होंगे। मुख्यमंत्री श्री साय ने अपने राजनांदगांव प्रवास का उल्लेख करते हुए बताया कि एक महिला सरपंच ने स्वप्रेरणा से सूख चुके हैंडपंपों को पुनर्जीवित करने का कार्य किया। उनके इस अभिनव प्रयास की सराहना केंद्र सरकार द्वारा भी की गई और इस पुनीत पहल को आगे बढ़ाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की गई।मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे उदाहरण हमें प्रेरित करते हैं। हम सभी को मिलकर जल संरक्षण को एक जन आंदोलन का स्वरूप देना होगा, ताकि हमारा भविष्य सुरक्षित रह सके। उन्होंने कहा कि इस संगोष्ठी से प्राप्त होने वाले सुझाव और इनपुट आगामी कार्ययोजनाओं के निर्माण में अत्यंत सहायक सिद्ध होंगे। मुख्यमंत्री ने केलो नदी का जल अर्पित कर धरती को सिंचित करने का दिया संदेश कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पृथ्वी के प्रतीक स्वरूप स्थापित कलश में केलो नदी का पवित्र जल अर्पित किया और जल संरक्षण एवं संचयन का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि “जल ही जीवन है” और हमारी पावन नदियाँ धरती को सींचकर जीवनदायिनी बनाती हैं। इन्हीं नदियों से हमारी संस्कृति, सभ्यता और अस्तित्व की पहचान जुड़ी हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की नदियाँ — महानदी, इंद्रावती, शिवनाथ, केलो और अन्य — प्रदेश की जीवनरेखाएँ हैं। ये नदियाँ न केवल धरती को उर्वर बनाती हैं, बल्कि कृषि, उद्योग और जीवन के हर क्षेत्र को संजीवनी प्रदान करती हैं। उन्होंने कहा कि पृथ्वी रूपी कलश में केलो नदी का जल अर्पण इस बात का प्रतीक है कि हमें जल की हर बूंद का सम्मान करना चाहिए और आने वाली पीढ़ियों के लिए इसे सहेजकर रखना चाहिए। मुख्यमंत्री साय ने उपस्थित जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और नागरिकों से आह्वान किया कि वे जल संरक्षण के इस संकल्प को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं, ताकि छत्तीसगढ़ की धरती सदैव हरियाली और समृद्धि से लहलहाती रहे। जल संसाधन विभाग के सचिव राजेश सुकुमार टोप्पो ने कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में इस कार्यक्रम की संकल्पना की गई है। विभिन्न विभागों को एक-एक थीम पर संगोष्ठी आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके तहत जलशक्ति मंत्रालय द्वारा जल संचयन विषय पर इस संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज लगभग 300 से अधिक लोगों ने, जो जल संरक्षण के क्षेत्र में कार्यरत हैं, अपना पंजीयन कराया है। जल संरक्षण को सरकार ने सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखा है। पिछले एक वर्ष में जिलों के कलेक्टरों और संबंधित विभागों ने जल संचयन में उल्लेखनीय योगदान दिया है। अब तक साढ़े तीन लाख संरचनाओं का निर्माण किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप भू-जल स्तर में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। कार्यक्रम में पद्मश्री फूलबासन बाई यादव, नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव डॉ. बसवराजु एस., लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सचिव मोहम्मद कैसर अब्दुल हक सहित बड़ी संख्या में गणमान्यजन उपस्थित थे।

CM Vishnu: Transparent and fair recruitment processes have secured the future of the youth. Chief Minister Vishnu handed over appointment letters to 233 candidates selected for the post of Laboratory Technician in the Higher Education Department.
Chhattisgarh

CM Vishnu : पारदर्शी एवं निष्पक्ष भर्ती प्रक्रियाओं से युवाओं का भविष्य हुआ सुरक्षित, मुख्यमंत्री साय ने उच्च शिक्षा विभाग में प्रयोगशाला तकनीशियन के पद पर चयनित 233 अभ्यर्थियों को प्रदान किए नियुक्ति पत्र

रायपुर, 08 अक्टूबर। CM Vishnu : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राजधानी रायपुर स्थित पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के सभागार में उच्च शिक्षा विभाग अंतर्गत प्रयोगशाला तकनीशियन के पद पर चयनित 233 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पारदर्शी और विश्वसनीय भर्ती प्रक्रियाओं से प्रदेश के युवाओं का भविष्य सुरक्षित हुआ है। उन्होंने बताया कि विगत 20 महीनों में विभिन्न विभागों में 10 हजार से अधिक सरकारी नौकरियां प्रदान की जा चुकी हैं। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रदेश के युवाओं को पुलिस विभाग, विद्युत विभाग, सहकारिता विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, आदिम जाति विकास विभाग सहित कई अन्य विभागों में नियुक्तियाँ दी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में उच्च शिक्षा विभाग में 700 सहायक प्राध्यापकों और स्कूल शिक्षा विभाग में 5000 शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि आज का यह अवसर ऐतिहासिक और अत्यंत हर्ष का विषय है — पहली बार इतनी बड़ी संख्या में नियुक्ति पत्र एक साथ प्रदान किए जा रहे हैं। यह निश्चित रूप से विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण में एक मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने सभी नवनियुक्त प्रयोगशाला तकनीशियनों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए अपने कर्तव्यों का शत-प्रतिशत निष्ठा और ईमानदारी के साथ निर्वहन करने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार ने नई औद्योगिक नीति को अपनाया है, जिसके माध्यम से बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर सृजित हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस नई उद्योग नीति के तहत अब तक लगभग ₹7 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं, और इनमें से कई प्रस्तावों के अंतर्गत औद्योगिक इकाइयों की स्थापना का कार्य प्रारंभ भी हो गया है। इन उद्योगों से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से राज्य की जनता को व्यापक लाभ प्राप्त होगा। उच्च शिक्षा मंत्री श्री टंकराम वर्मा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में पिछले 20 महीनों में छत्तीसगढ़ के प्रत्येक क्षेत्र में उल्लेखनीय परिवर्तन हुए हैं। पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ प्रत्येक विभाग की भर्ती प्रक्रिया पूर्ण की जा रही है। उच्च शिक्षा मंत्री श्री वर्मा ने नवचयनित प्रयोगशाला तकनीशियनों को बधाई देते हुए कहा कि आप सभी निश्चित रूप से अपने महाविद्यालयों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे और विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण में योगदान देंगे। उन्होंने उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों की भी सराहना की और कहा कि मात्र तीन माह की अवधि में बिना किसी विवाद के तीन चरणों में संपूर्ण काउंसलिंग प्रक्रिया को पारदर्शी एवं निष्पक्ष रूप से पूर्ण करना अत्यंत सराहनीय उपलब्धि है। इस अवसर पर तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री श्री खुशवंत साहेब, पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सच्चिदानंद शुक्ला, उच्च शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. एस. भारतीदासन सहित विभागीय अधिकारी एवं नवनियुक्त प्रयोगशाला तकनीशियन बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

Bastar: The surrender and rehabilitation policy and the "Poona Margem, Rehabilitation to Rebirth" campaign have brought hope for peace to Bastar. Sixteen Maoist cadres surrendered in Narayanpur and returned to the mainstream. Bastar is changing – now a wind of development and trust is blowing here: Chief Minister Vishnu Dev Sai.
Chhattisgarh

Bastar : आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति और ‘पूना मारगेम, पुनर्वास से पुनर्जीवन’ अभियान से बस्तर में लौटी शांति की उम्मीद, नारायणपुर में 16 माओवादी कैडरों ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में की वापसी, बस्तर बदल रहा है — अब यहां विकास और विश्वास की बयार बह रही है : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर, 08 अक्टूबर। Bastar : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि बस्तर बदल रहा है — अब यहां बंदूक और बारूद का धुआं नहीं, बल्कि विकास और विश्वास की बयार बह रही है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राज्य सरकार की “आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025” और “पूना मारगेम : पुनर्वास से पुनर्जीवन” जैसे मानवीय अभियानों ने उन लोगों के दिलों में आशा का दीप जलाया है, जो कभी भटककर लाल आतंक के रास्ते पर चले गए थे। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आज नारायणपुर जिले में 16 माओवादी कैडरों ने हिंसा का मार्ग त्यागकर मुख्यधारा में लौटने का साहसिक निर्णय लिया है। आत्मसमर्पण करने वाले इन कैडरों पर कुल ₹48 लाख का इनाम घोषित था। उन्होंने अब शांति, शिक्षा और सम्मानपूर्ण जीवन की नई राह चुनी है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार की नीतियों पर जन-जन का विश्वास बढ़ा है और सुरक्षा बलों की दृढ़ता ने विकास और विश्वास का माहौल स्थापित किया है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि पिछले 20 महीनों में कुल 1,837 माओवादी हिंसा का मार्ग छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हो चुके हैं। यह परिवर्तन इस बात का साक्षी है कि “डबल इंजन सरकार” की नीतियां न केवल शांति ला रही हैं, बल्कि बस्तर को एक नए युग की ओर अग्रसर कर रही हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य केवल नक्सलवाद को समाप्त करना नहीं, बल्कि बस्तर के हर गांव तक विकास, शिक्षा और आत्मनिर्भरता की रोशनी पहुँचाना है।

CM Vishnu: Preserving the legacy of tribal heroes is our collective responsibility, Chief Minister Vishnudev Sai participated in the workshop organized on Tribal Pride Day.
Chhattisgarh

CM Vishnu : जनजातीय नायकों की विरासत को सहेजना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जनजातीय गौरव दिवस पर आयोजित कार्यशाला में हुए शामिल

रायपुर, 08 अक्टूबर। CM Vishnu : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर स्थित सिविल लाइन के कन्वेंशन हॉल में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस कार्यशाला में शामिल हुए और इसका शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि गत वर्ष भी इसी सभागार में जनजातीय गौरव दिवस की कार्यशाला सफलतापूर्वक आयोजित हुई थी, जिसे पूरे प्रदेश में उत्साहपूर्वक मनाया गया। जशपुर में आयोजित 10 किलोमीटर लंबी पदयात्रा में केंद्रीय मंत्री श्री मनसुख मांडविया शामिल हुए थे, जिसमें जनजातीय समाज की पारंपरिक वेशभूषा, व्यंजन, आभूषण और संस्कृति का आकर्षक प्रदर्शन किया गया था। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा था कि ऐसे आयोजन देशभर में प्रतिवर्ष आयोजित किए जाने चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर जनजातीय गौरव दिवस मनाने का निर्णय लेकर जनजातीय नायकों की गौरवशाली विरासत को सम्मानित किया है। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने पहली बार आदिवासी कल्याण मंत्रालय का गठन कर जनजातीय समाज के सम्मान और उत्थान की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया था। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में पीएम जनमन योजना और प्रधानमंत्री धरती आबा ग्राम उत्कर्ष योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में तीव्र गति से विकास कार्य हो रहे हैं। जनमन योजना के अंतर्गत प्रदेश में 2,500 किलोमीटर सड़कों का निर्माण और 32,000 प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किए गए हैं। उन्होंने बताया कि नवा रायपुर में छत्तीसगढ़ के 14 जनजातीय विद्रोहों और अमर शहीद वीर नारायण सिंह के जीवन पर आधारित ट्राइबल म्यूजियम का निर्माण किया गया है, जो आदिवासी इतिहास और गौरव की धरोहर को संरक्षित करने की दिशा में हमारी सरकार की एक बड़ी पहल है। मुख्यमंत्री ने शिक्षाविदों और प्रबुद्धजनों से आग्रह किया कि जनजातीय गौरव और इतिहास को शैक्षणिक पाठ्यक्रमों में शामिल किया जाए, ताकि नई पीढ़ी अपने पूर्वजों की समृद्ध विरासत से प्रेरणा ले सके। उच्च शिक्षा मंत्री श्री टंकराम वर्मा ने कहा कि यह कार्यशाला हमारे जनजातीय समाज की समृद्ध परंपराओं और इतिहास को रेखांकित करने के साथ-साथ आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए मील का पत्थर साबित होगी। इसका उद्देश्य जनजातीय समाज के उत्थान के लिए ठोस रणनीति बनाना तथा उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका और रोजगार से जोड़ना है। आदिम जाति विकास एवं कृषि मंत्री श्री राम विचार नेताम ने कहा कि इस कार्यशाला की रूपरेखा आप सभी प्रबुद्धजनों द्वारा तैयार की जाएगी और राज्य सरकार उसी दिशा में ठोस कदम उठाएगी। उन्होंने कहा कि गत वर्ष प्रदेश के लगभग सभी जिलों में जनजातीय गौरव दिवस का सफल आयोजन हुआ था, इस वर्ष इसे और अधिक प्रभावी और भव्य रूप से मनाने का प्रयास किया जाएगा। वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री केदार कश्यप ने कहा कि पिछले वर्ष आयोजित जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में 70,000 से अधिक लोगों ने भाग लिया था। इस आयोजन से यह संदेश पूरे देश में गया कि छत्तीसगढ़ ने जनजातीय समाज के उत्थान को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया है। हमारे महान जनजातीय नायकों की बदौलत हमें यह समृद्ध विरासत प्राप्त हुई है, जिसे सहेजकर रखना हम सबकी जिम्मेदारी है। अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के महामंत्री श्री योगेश बापट ने कहा कि जनजातीय समाज आत्मनिर्भर समाज है और उसके गौरव को पुनः स्थापित करना हम सभी का दायित्व है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय जनजातीय समाज के उत्थान के लिए विशेष रूप से समर्पित हैं। उन्होंने आग्रह किया कि इस कार्यशाला के माध्यम से ऐसी ठोस योजनाएं तैयार की जाएं जो जनजातीय समाज के गौरव और आत्मसम्मान को और ऊंचा उठाने में सहायक बनें। इस अवसर पर उच्च शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. एस. भारतीदासन, आयुक्त आदिम जाति विकास विभाग डॉ. सारांश मित्तर, संचालक रोजगार एवं प्रशिक्षण श्री विजय दयाराम के., विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, अग्रणी महाविद्यालयों के प्राचार्य तथा विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

National Award: Chhattisgarh's daughter, pride of the country - Lakhani Sahu receives "MY Bharat NSS National Award"
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National Award : छत्तीसगढ़ की बेटी, देश का गौरव — लखनी साहू को मिला “MY Bharat NSS राष्ट्रीय पुरस्कार”

रायपुर, 07 अक्टूबर। National Award : छत्तीसगढ़ की माटी ने एक बार फिर पूरे देश में अपनी प्रतिभा का परचम लहराया है। कोरबा जिले की लखनी साहू, ई. विश्वेश्वरैया इंजीनियरिंग कॉलेज की एनएसएस स्वयंसेविका ने अपने समर्पण, सेवा और कर्मनिष्ठा से प्रदेश का नाम रोशन किया है। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें “MY Bharat NSS राष्ट्रीय पुरस्कार (2022-23)” से सम्मानित किया है। यह उपलब्धि न केवल लखनी साहू के अथक प्रयासों की पहचान है, बल्कि हर छत्तीसगढ़वासी के लिए गर्व और प्रेरणा का विषय है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने इस सम्मान पर लखनी साहू को हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने समाजसेवा के क्षेत्र में अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) के माध्यम से समाजहित में किए गए उनके योगदान ने यह सिद्ध किया है कि जब युवा संकल्प लेकर आगे बढ़ते हैं, तो परिवर्तन निश्चित होता है। उनकी यह उपलब्धि प्रदेश के युवाओं को देश सेवा और जनकल्याण के मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी। मुख्यमंत्री श्री साय ने उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि राज्य सरकार युवाओं की ऊर्जा को रचनात्मक दिशा देकर उन्हें समाज निर्माण और राज्य के नवोदय में सहभागी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।