Education

National Education Policy-2020: National Education Policy 2020 is the foundation stone for building a new India, National Education Policy will act as a bridge between education and employment, one-day workshop organized on National Education Policy
Education

National Education Policy-2020 : राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 नवभारत के निर्माण की आधारशिला, राष्ट्रीय शिक्षा नीति शिक्षा और रोजगार में सेतु का कार्य करेगी, राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

रायपुर, 19 सितम्बर। National Education Policy-2020 : पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर में आज राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 पर आधारित एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का आयोजन मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग सेंटर एवं एनईपी इम्प्लीमेंटेशन सेल द्वारा किया गया।  उच्च शिक्षा मंत्री श्री टंक राम वर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को भारत के भविष्य की दिशा और दशा तय करने वाला एक क्रांतिकारी कदम बताया। यह नीति 21वीं सदी के नवभारत की आधारशिला मानी जा रही है, जिसका उद्देश्य वर्ष 2047 तक भारत को विकसित, सक्षम और श्रेष्ठ राष्ट्र के रूप में स्थापित करना है। मंत्री वर्मा ने कहा कि शिक्षा नीति के प्रथम चरण में हम प्रवेश कर चुके हैं और इसे सफल बनाने के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक हैं। यह नीति केवल ज्ञान तक सीमित नहीं है, बल्कि विद्यार्थियों को नैतिक, मानसिक, भावनात्मक और तकनीकी दृष्टि से भी सशक्त बनाएगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के मुख्य उद्देश्य गुणवत्ता, समानता, समावेशिता और सुलभता सुनिश्चित करना है। नीति के तहत पाठ्यक्रमों का पुनर्गठन, विषयों के बीच समन्वय, और शिक्षक प्रशिक्षण एवं शोध को बढ़ावा देने पर विशेष बल दिया जा रहा है। साथ ही उद्योग और शिक्षा की भागीदारी को प्रोत्साहित कर युवाओं को कौशल विकास और आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ाया जाएगा।     मंत्री वर्मा ने कहा कि सरकार ने प्राध्यापकों की कमी दूर करने के लिए 700 पदों की स्वीकृति दी है। डिजिटल संसाधन, प्रयोगशालाएं, पुस्तकालय और ई-लर्निंग सुविधाओं के विस्तार पर भी कार्य हो रहा है। मातृभाषा और स्थानीय सांस्कृतिक संदर्भों को पाठ्यक्रम में शामिल करने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। विषयों की कठोर सीमाओं को समाप्त कर लचीलापन प्रदान करने के साथ ही विद्यार्थियों को सीखने की स्वतंत्रता प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा और सांस्कृतिक विविधता को संरक्षित करना। आधुनिक तकनीक और रोजगारपरक शिक्षा को प्रोत्साहन देगी। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा टास्क फोर्स का गठन किया गया है, जो समयबद्ध योजना बनाकर प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में नीति के प्रावधानों को लागू करने की दिशा में कार्य कर रही है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 केवल एक दस्तावेज नहीं, बल्कि जीवन परिवर्तन का साधन है। इसका सफल क्रियान्वयन विद्यार्थियों को शिक्षित करने के साथ ही उन्हें सृजनशील, सामाजिक रूप से जागरूक और राष्ट्रभक्ति की भावना से परिपूर्ण बनाएगा। मंत्री श्री वर्मा ने कहा कि शिक्षा केवल परीक्षा पास करने का माध्यम नहीं है, बल्कि जीवन को समझने और संवारने का साधन है। इस नई शिक्षा नीति के माध्यम से आने वाले समय में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे और शिक्षा व्यवस्था अधिक समग्र तथा विद्यार्थी-केंद्रित होगी।  इस अवसर पर विशेषज्ञों ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की प्रमुख विशेषताओं पर चर्चा की और शिक्षकों को नई शिक्षा व्यवस्था में उनकी भूमिका के बारे में मार्गदर्शन दिया। कार्यशाला का उद्देश्य शिक्षकों एवं शिक्षाविदों को एनईपी के क्रियान्वयन की गहन जानकारी प्रदान करना और उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नई दृष्टि विकसित करना रहा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। इस नीति का उद्देश्य विद्यार्थियों को विषयों की दीवारों से मुक्त कर विज्ञान, वाणिज्य और कला जैसे क्षेत्रों को एक साथ पढ़ने की स्वतंत्रता देना है। इसके साथ ही उच्च शिक्षा में भागीदारी दर को वर्तमान 26 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों, शोधार्थियों, तथा विभिन्न कॉलेजों से आए शिक्षकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

Revenue Minister Tank Ram Verma: Providing employment to youth is the first priority of the government, AI hub and technical education will open new doors of employment in Chhattisgarh - Guru Khushwant Saheb, 60 youth got employment under 'Hum Honge Kamyaab Abhiyan' and 15 youth got employment from the district employment office.
Education

Revenue Minister Tank Ram Verma : युवाओं को रोजगार दिलाना सरकार की पहली प्राथमिकता, छत्तीसगढ़ में एआई हब और तकनीकी शिक्षा से खुलेगा रोजगार का नया द्वार-गुरु खुशवंत साहेब, ‘हम होंगे कामयाब अभियान‘ के तहत 60 और जिला रोजगार कार्यालय से 15 युवाओं को मिला रोजगार

रायपुर, 18 सितंबर। Revenue Minister Tank Ram Verma : स्वामी आत्मानंद उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, बलौदाबाज़ार में जिला प्रशासन की ओर से आज भव्य रोजगार मेले का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रदेश के राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा और कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार मंत्री गुरु खुशवंत साहेब शामिल हुए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजस्व मंत्री वर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का विजन है कि प्रदेश के प्रत्येक युवा को रोजगार मिले। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार का प्रयास है कि कॉलेज की पढ़ाई पूरी करते ही युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए सरकार संकल्पित है। कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार मंत्री गुरु खुशवंत साहेब ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि सफलता का एकमात्र रास्ता कड़ी मेहनत है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार युवाओं के सुरक्षित भविष्य की जिम्मेदारी लेकर सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि तकनीकी शिक्षा को मजबूत बनाने के लिए प्रदेश में साढ़े 13 एकड़ में एआई हब का निर्माण किया जाएगा, जिससे युवाओं को नई तकनीकी सुविधाओं का लाभ मिलेगा। साथ ही उन्होंने शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज स्थित आई-हब लैब की भी जानकारी युवाओं के साथ साझा की। रोजगार मेले में हम होंगे कामयाब अभियान के तहत 60 तथा जिला रोजगार कार्यालय के माध्यम से 15, इस प्रकार कुल 75 युवाओं को ऑफर लेटर प्रदान किए गए। मेले में कुल 1458 पदों के विरुद्ध 1300 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए, जिनके आधार पर युवाओं को उनकी योग्यता व रुचि के अनुरूप रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। इस अवसर पर कलेक्टर दीपक सोनी, जिला पंचायत अध्यक्ष आकांक्षा जायसवाल, नगर पालिका अध्यक्ष अशोक जैन, जनपद अध्यक्ष सुलोचना यादव, भारत स्काउट गाइड के अध्यक्ष विजय केशरवानी सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि और युवा उपस्थित रहे।

CM Vishnu: Education is the key to success, service is the foundation of life, Chief Minister Sai participated in the blood donation Amritotsav 2.0 program.
Education

CM Vishnu : शिक्षा ही सफलता की कुंजी, सेवा ही जीवन का आधार, मुख्यमंत्री साय रक्तदान अमृतोत्सव 2.0 कार्यक्रम में हुए शामिल

रायपुर, 17 सितम्बर। CM Vishnu : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज राजधानी रायपुर स्थित पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के प्रेक्षागृह में आयोजित रक्तदान अमृतोत्सव 2.0 कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए शिक्षा अनिवार्य है। शिक्षा केवल डिग्री या नौकरी प्राप्त करने का साधन नहीं, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में सफलता का मूल आधार है। इस अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना राज्य प्रकोष्ठ, उच्च शिक्षा विभाग एवं पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय द्वारा सेवा पखवाड़े का शुभारंभ किया गया। 17 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक चलने वाले इस अभियान में प्रदेशभर के महाविद्यालयों में रक्तदान सहित विविध गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी। मुख्यमंत्री साय ने रक्तदान कर रहे युवाओं से मुलाकात कर उन्हें शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि रक्तदान न केवल जीवन रक्षा का माध्यम है, बल्कि रक्तदाता के स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। यह सबसे बड़ा दान है, जिसे बार-बार किया जा सकता है। विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार शिक्षा के क्षेत्र में लगातार कार्य कर रही है और विद्यार्थियों को उपलब्ध सुविधाओं का पूरा लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ खनिज और वन संपदा सहित अनेक क्षेत्रों में समृद्ध है। ‘छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया’ की पहचान पूरे देश में है। नक्सलवाद जैसी बाधाओं को सुरक्षा बलों के साहस और निरंतर अभियानों से समाप्त किया जा रहा है। जल्द ही बस्तर में विकास की गंगा बहेगी और एक विकसित छत्तीसगढ़ का निर्माण होगा। उच्च शिक्षा मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि युवाओं का उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। उच्च शिक्षा विभाग में 700 पदों पर भर्ती की स्वीकृति दी गई है। उन्होंने एनएसएस को समाज को जोड़ने वाला सशक्त विचार बताया। कौशल विकास मंत्री गुरु खुशवंत साहेब ने कहा कि भारतीय संस्कृति में सेवा का भाव निहित है और रक्तदान सबसे बड़ा दान है। सरकार का लक्ष्य युवाओं को शिक्षा और रोजगार उपलब्ध कराते हुए उनके व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास करना है। सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि सेवा जीवन का सार है। रक्तदान या शिक्षा—किसी भी माध्यम से सेवा जीवन को यशस्वी बनाती है। कार्यक्रम में आयुक्त उच्च शिक्षा संतोष देवांगन, कुलपति डॉ. सच्चिदानंद शुक्ल, राज्य एनएसएस अधिकारी डॉ. नीता बाजपेयी, कुलसचिव प्रो. अम्बर व्यास सहित बड़ी संख्या में एनएसएस स्वयंसेवक विद्यार्थी उपस्थित थे।

CM Vishnu: Chief Minister Vishnudev Sai gave a big gift of 24 new hostel buildings to the district, approved Rs 41 crore 59 lakh for the construction of 24 new hostel buildings, construction work will start soon.
Chhattisgarh, Education

CM Vishnu : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दी जिले को 24 नए छात्रावास भवनों की बड़ी सौगात, 24 नए छात्रावास भवनों के निर्माण के लिए  41 करोड़ 59 लाख रुपए की दी मंजूरी, जल्द शुरू होगा निर्माण कार्य

रायपुर, 16 सितंबर। CM Vishnu : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जशपुर जिले को 24 नए छात्रावास भवनों की बड़ी सौगात दी है।  शिक्षा और विद्यार्थियों के हित में निर्णय लेते हुए अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों के लिए जिले के विभिन्न विकासखंडों एवं ग्रामों में नए छात्रावास भवनों के निर्माण की स्वीकृति दी है। छात्रावास भवनों के निर्माण से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा क्योकि विशेष रूप से दूरदराज के क्षेत्रों और वंचित वर्गों के छात्रों को एक सुरक्षित और अनुकूल वातावरण मिलेगा । जिले में 24 नए छात्रावास भवनों के निर्माण के लिए  41 करोड़ 59 लाख रुपए की स्वीकृति दी गई है। प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने छात्रावास भवनों के निर्माण में पूर्ण गुणवत्ता और समयसीमा का पालन करने निर्देश दिए हैं। निर्माण कार्यों की नियमित निगरानी के लिए विभागीय अधिकारियों और सहायक आयुक्तों को निर्देशित किया है। छात्रावास भवनों के निर्माण के लिए मंजूरी से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और विद्यार्थियों के लिए सुरक्षित आवासीय सुविधा सुनिश्चित करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। जिले में नए छात्रावास भवन निर्माण के लिए पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास जशपुर के लिए 1 करोड़ 92 लाख रूपए, पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास लोदाम के लिए 1 करोड़ 53 लाख रूपए, प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास पैकु के लिए 1 करोड़ 53 लाख रूपए, पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास मनोरा के लिए 1 करोड़ 92 लाख रूपए, पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास बगीचा के लिए 1 करोड़ 92 लाख रूपए, प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास रौनी के लिए 1 करोड़ 53 लाख,पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास कांसाबेल के लिए 2 करोड़ 89 लाख रूपए, पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास दोकड़ा के लिए 1 करोड़ 92 लाख रूपए, पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जनजाति कन्या छात्रावास पतराटोली के लिए 1 करोड़ 92 लाख रूपए, पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास भवन दुलदुला  के लिए 1 करोड़ 92 लाख रूपए की स्वीकृति जारी की गई है।  इसी प्रकार प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास दुलदुला 1 करोड़ 53 लाख रूपए, प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास कुनकुरी वार्ड 2 में 1 करोड़ 53 लाख,पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास पंडरीपानी 1 करोड़ 92 लाख,पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास तपकरा 1 करोड़ 92 लाख रूपए, प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास लवाकेरा 1 करोड़ 53 लाख रूपए की स्वीकृति शामिल हैं। प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास पंडरीपानी 1 करोड़ 53 लाख रूपए, प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास कांसाबेल 1 करोड़ 53 लाख रूपए, प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास बटाईकेला 1 करोड़ 53 लाख रूपए, प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास दोकड़ा 1 करोड़ 53 लाख रूपए, पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास कोतबा 1 करोड़ 92 लाख रूपए, प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास कोतबा 1 करोड़ 53 लाख रूपए, प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास बागबहार 1 करोड़ 53 लाख रूपए, प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास भवन गाला के लिए 1 करोड़ 53 लाख रूपए की स्वीकृति दी गई है,जिसका निर्माण कार्य जल्द प्रारंभ किया जाएगा। जर्जर भवन से विद्यार्थियों को मिलेगी मुक्ति, सर्व सुविधायुक्त भवन का किया जाएगा निर्माण इन छात्रावास भवनों के बन जाने से जशपुर जिले के हजारों छात्र-छात्राओं को सुरक्षित और आधुनिक आवासीय सुविधा मिलेगी। खासतौर पर आदिवासी एवं सुदूर अंचल के बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ रहने और भोजन की सुविधा भी बेहतर ढंग से उपलब्ध होगी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का जिले वासियों ने जताया आभार जिले के जनप्रतिनिधियों, ग्रामीणा,  विद्यार्थियों  के अभिभावकों और सामाजिक संगठनों ने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का आभार जताया है। उनका कहना है कि यह निर्णय शिक्षा के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा और आदिवासी बच्चों के भविष्य को नई दिशा प्रदान करेगा।

Rationalization: 366 teachers posted in Durg district
Education

Rationalization : दुर्ग जिले में 366 शिक्षक पदांकित

रायपुर, 15 सितंबर। Rationalization : दुर्ग जिले में शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है। काउंसलिंग के उपरांत 366 शिक्षकों को पदांकित किया गया है। जिला शिक्षा अधिकारी अरविन्द कुमार मिश्रा से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में युक्ति युक्तिकरण और काउंसलिंग के बाद, कुल 631 अतिरिक्त शिक्षकों की पहचान की गई थी। जिनमें 86 व्याख्याता, 01 प्र.पा.पू.मा.शाला, 329 शिक्षक, 06 प्र.पा.प्राथ.शाला एवं 209 सहायक शिक्षक शामिल है। कुल 366 शिक्षक काउंसलिंग उपरांत जिले में पंदाकित किए जा चुके हैं। जिनमें 75 व्याख्याता, 01 प्र.पा.पू.मा.शाला, 75 शिक्षक, 06 प्र.पा.प्राथ.शाला एवं 209 सहायक शिक्षक शामिल है। जबकि 17 शिक्षकों ने पदभार ग्रहण नहीं किया। जिनमें 02 व्याख्याता, 06 शिक्षक, 02 प्र.पा.प्राथ.शाला एवं 07 सहायक शिक्षक शामिल है। पदभार ग्रहण नहीं करने पर संबंधित शिक्षकों का वेतन रोक दिया गया है और अकार्य दिवस के संबंध में पत्र भी जारी किया गया है।

DAV School: DAV School of Surguja shook humanity…! Made a class-2 student do 100 sit-ups… girl's leg muscles cracked… unable to walk
Chhattisgarh, Education

DAV School : सरगुजा के इस स्कूल ने मानवता को झकझोर दिया…! क्लास-2 की छात्रा से 100 बार कराई उठक-बैठक…पैरों के मसल्स क्रैक…चलने-फिरने से लाचार

सरगुजा/प्रतापगढ़ 06 सितंबर। DAV School : छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के प्रतापगढ़ स्थित DAV पब्लिक स्कूल से मानवता को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। यहां दूसरी कक्षा की 8 साल की छात्रा समृद्धि गुप्ता को उसकी महिला शिक्षिका ने सिर्फ टॉयलेट जाने के कारण 100 बार उठक-बैठक कराई और डंडे से मारा, जिससे बच्ची की हालत गंभीर हो गई। बच्ची की हालत बेहद नाजुक पीड़िता समृद्धि गुप्ता, DAV पब्लिक स्कूल प्रतापगढ़ की दूसरी कक्षा की छात्रा है। उसे उसकी शिक्षिका नम्रता गुप्ता ने सजा के तौर पर क्लास में 100 बार उठक-बैठक कराई। इसके बाद बच्ची के पैरों में असहनीय दर्द शुरू हुआ और वह खड़ी तक नहीं हो पा रही है। निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। डॉक्टरों के अनुसार, पैरों के मसल्स क्रैक हो चुके हैं, और बच्ची चलने-फिरने की हालत में नहीं है। क्या हुआ था? समृद्धि जब टॉयलेट जा रही थी, तो रास्ते में शिक्षिका मोबाइल चला रही थीं। शिक्षक ने टोकते हुए पूछा कि वह कहां जा रही है। जब छात्रा ने टॉयलेट जाने की बात बताई, तो उसे दो डंडे मारे गए और क्लास में वापस बुलाकर 100 बार उठक-बैठक करने की सजा दी गई। फ़िलहाल समृद्धि का इलाज निजी अस्पताल में किया जा रहा है। उसके पिता मनोज गुप्ता अंबिकापुर में काम करते हैं, जबकि समृद्धि अपने बड़े पिता अनुराग गुप्ता के साथ प्रतापगढ़ के गुतुरमा गांव में रहकर पढ़ाई कर रही है। प्रशासन की प्रतिक्रिया बहरहाल, DEO दिनेश झा ने कहा, हमें इस मामले की कोई जानकारी नहीं मिली है और न ही कोई शिकायत मिली है। अगर शिकायत मिलती है तो जांच कराई जाएगी। सीतापुर BEO इंदु तिर्की ने कहा, हमें घटना की जानकारी मिली है। शिक्षा विभाग की टीम दो दिनों के भीतर मामले की जांच करेगी। अगर शिक्षिका दोषी पाई जाती है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इधर परिजनों ने इस अमानवीय व्यवहार पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। साथ ही विद्यालय प्रबंधन और शिक्षा विभाग से शिक्षिका के निलंबन की मांग की गई है। यह घटना छत्तीसगढ़ की शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है। स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा और संवेदनशीलता को लेकर एक बार फिर बहस शुरू हो गई है।  बच्चों पर शारीरिक दंड पर सुप्रीम कोर्ट की राय भारत में बच्चों को शारीरिक दंड देना गैरकानूनी है। Right to Education Act, 2009 की धारा 17 के अनुसार, “किसी भी बच्चे को मानसिक या शारीरिक रूप से प्रताड़ित नहीं किया जा सकता।

CSVTU: Sad news from Bhilai...! Deputy-registrar went into the pond to pluck flowers...could not come out as he got stuck in the roots of lotus and swamp...painful death
Education

CSVTU : भिलाई से दुखद खबर…! फूल तोड़ने तालाब में उतरे डिप्टी-रजिस्ट्रार…कमल की जड़ों और दलदल में फंसने से नहीं आ सके बाहर…दर्दनाक मौत

दुर्ग, 05 सितंबर। CSVTU : भिलाई स्थित स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय के उप-कुलसचिव भास्कर चंद्राकर की असमय मौत हो गई। यह दुखद घटना ग्राम पतोरा (उतई) में उस वक्त हुई, जब वे तालाब में कमल का फूल तोड़ने उतरे थे और डूब गए। मिली जानकारी के अनुसार, 4 सितंबर की शाम कार्यालयीन समय के बाद भास्कर चंद्राकर मुख्य वित्त अधिकारी (CFO) के साथ अपने उतई स्थित प्लॉट का निरीक्षण कर रायपुर लौट रहे थे। इसी दौरान ग्राम पतोरा से गुजरते हुए तालाब में कमल का फूल तोड़ते हुए वे डूब गए। तालाब में कमल की जड़ों और दलदल में फंसने की वजह से वे बाहर नहीं आ सके। सहकर्मी व गांव वालों की मदद से उन्हें जल्दी तालाब से निकाला गया और CPR दिया गया। उन्हें तुरंत निजी अस्पताल पहुंचाया गया, फिर बीएसपी सेक्टर 9 हॉस्पिटल रेफर किया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। भावुक विदाई उनके पार्थिव शरीर को दुर्ग से पोस्टमॉर्टम के बाद उनके निवास स्थान पचपेड़ी नाका नवजीवन कॉलोनी, रायपुर ले जाया जाएगा। उनका अंतिम संस्कार आज दोपहर 2 बजे किया जाएगा। प्रो. चंद्राकर के बारे में वे स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय के उप-कुलसचिव थे। मूल रूप से रायपुर निवासी थे। अपनी सेवा की शुरुआत शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय, जगदलपुर से की। तकनीकी शिक्षा क्षेत्र में उन्होंने करीब 15 वर्षों तक सेवाएं दी। पिछले 4 वर्षों से सीएसवीटीयू में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत थे। कुलपति डॉ. अरुण अरोरा ने उन्हें सरल, सहज, विनम्र स्वभाव और दक्ष प्रशासनिक व अकादमिक व्यक्तित्व के रूप में याद किया। कुलपति का शोक संदेश डॉ. अरुण अरोरा ने कहा, उप रजिस्ट्रार चंद्राकर का असमय निधन तकनीकी शिक्षा जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। वे अपने सहज व्यवहार और प्रशासनिक दक्षता के लिए सभी के बीच सम्मानित थे। यह दुःखद घटना तकनीकी शिक्षा जगत और परिवार के लिए गहरा सदमा है। हम दिवंगत आत्मा की शांति और उनके परिवार को इस कठिन समय में धैर्य की कामना करते हैं।

Education Ambassador: Sad news...! Education ambassador returning home from school was murdered... How many education ambassadors have been targeted in Bastar so far... See the list here
Chhattisgarh, Education

Education Ambassador : दुखद खबर…! स्कूल से घर लौट रहे शिक्षा दूत की हत्या…बस्तर में अब तक कितने शिक्षा दूतों को किया टारगेट…यहां देखें List

बीजापुर, 30 अगस्त। Education Ambassador : बस्तर क्षेत्र में शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए किए जा रहे प्रयासों को नक्सलियों के द्वारा लगातार चुनौती दी जा रही है। एक ओर जहां सरकार और प्रशासन शिक्षा के माध्यम से बस्तर को बदलने का प्रयास कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर नक्सली समूह लगातार शिक्षादूतों की हत्या कर इलाके में दहशत फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। बीजापुर जिले के गंगालूर क्षेत्र में एक और शिक्षादूत कल्लू ताती को नक्सलियों ने अगवा कर उनकी हत्या कर दी। यह घटना 29-30 अगस्त की रात की है, जब कल्लू ताती अपनी स्कूल से घर लौट रहे थे। पुलिस के अनुसार, कल्लू ताती को स्कूल से लौटते समय अगवा कर लिया गया था और देर रात उनकी हत्या कर शव को सड़क पर फेंक दिया गया। उनका शव शुक्रवार सुबह ग्रामीणों ने देखा और पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। बीजापुर पुलिस के ASP चंद्रकांत गवर्ना ने बताया, हम पूरे मामले की जांच कर रहे हैं। इस घटना से शिक्षा दूतों की सुरक्षा पर सवाल उठते हैं, और हम अपराधियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की कोशिश कर रहे हैं। इस साल अब तक 9 शिक्षादूतों की हत्या नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र में इस साल अब तक 9 शिक्षादूतों की हत्या हो चुकी है। ये घटनाएँ नक्सलियों की ओर से शिक्षा के प्रसार को रोकने के प्रयासों का हिस्सा मानी जा रही हैं। शिक्षादूतों की हत्या की लिस्ट इन घटनाओं से यह साफ हो जाता है कि नक्सली लगातार स्थानीय शिक्षकों और शिक्षादूतों को निशाना बना रहे हैं ताकि वे शिक्षा के प्रसार में रुकावट डाल सकें। शिक्षा क्षेत्र में बढ़ी चिंता बस्तर के नक्सल प्रभावित इलाकों में बंद पड़े स्कूलों का संचालन फिर से शुरू किया गया है, और इसके लिए स्थानीय युवाओं को शिक्षादूत के रूप में काम पर रखा गया है। लेकिन नक्सलियों द्वारा इन शिक्षादूतों की हत्या से इन युवाओं के बीच डर का माहौल है। यह कदम न सिर्फ बच्चों की शिक्षा के लिए चुनौतीपूर्ण है, बल्कि इन स्थानीय युवाओं की जान को भी खतरे में डाल रहा है। इस दौरान, पुलिस प्रशासन ने आरोप लगाया है कि नक्सली शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे इस बदलाव को अपनी ताकत के लिए खतरा मानते हैं और इसलिए इस तरह की हिंसक घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। बस्तर में शिक्षा की स्थिति में बदलाव की आवश्यकता शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे सुधारों के बीच यह घटनाएँ बस्तर क्षेत्र की सुरक्षा स्थिति और शिक्षा के संवर्द्धन के लिए एक बड़ा प्रश्न खड़ा करती हैं। पुलिस और प्रशासन को इस मामले में और सख्ती से कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि शिक्षादूतों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इसके साथ ही, सरकार और शिक्षा विभाग को (Education Ambassador) यह भी विचार करना होगा कि स्थानीय समुदायों और शिक्षकों के साथ मिलकर काम करने से ही बस्तर की शिक्षा व्यवस्था को स्थिर और सुरक्षित बनाया जा सकता है।

Mid-Day Meal: Big news from Sukma...! Conspiracy to kill small children...teacher's involvement...poison mixed in mid-day meal vegetable...High Court takes suo motu cognizance
BREAKING NEWS, Education

Mid-Day Meal : सुकमा से बड़ी खबर…! छोटे बच्चों को मारने की साजिश…शिक्षक की संलिप्तता…मिड-डे मील की सब्जी में मिलाया ज़हर…हाईकोर्ट ने लिया स्वतः संज्ञान

सुकमा, 27 अगस्त। Mid-Day Meal : छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के पकेला पोटाकेबिन स्कूल में बच्चों की जान से खिलवाड़ की एक सनसनीखेज घटना सामने आई है। सोमवार को मिड-डे मील तैयार किए जाने के दौरान कर्मचारियों को खाने की गंध में गड़बड़ी का संदेह हुआ। सतर्कता दिखाते हुए खाना तुरंत बच्चों को परोसने से रोक दिया गया, जिससे करीब 400 बच्चों की जान बचाई जा सकी। क्या हुआ था? मिड-डे मील (दोपहर का भोजन) की सब्जी में फिनाइल जैसी जहरीली वस्तु की गंध पाई गई। कर्मचारियों ने समय रहते भोजन वितरण रोक दिया। बच्चों ने भी गंध की शिकायत की थी। यदि यह साजिश पकड़ में न आती, तो सैकड़ों बच्चों की जान पर बन सकती थी। जांच और प्रशासन की कार्रवाई सुकमा कलेक्टर ने घटना पर संज्ञान लेते हुए जांच समिति गठित की। जिसमें 21 अगस्त को घटी इस घटना का सबसे बड़ा खुलासा यह हुआ कि, एक शिक्षक की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। इस शिक्षक से गंभीर पूछताछ जारी है। पुलिस ने साक्ष्य जुटाए हैं और केस की आपराधिक जांच शुरू की गई है। शिक्षक की संलिप्तता का संदेह घटना के बाद प्रारंभिक जांच में सामने आया कि जानबूझकर सब्जी में फिनाइल मिलाई गई थी। शिक्षक की संदिग्ध भूमिका को लेकर बच्चों और कर्मचारियों के बयान दर्ज किए गए हैं। शिक्षक को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। अभिभावकों का गुस्सा फूटा घटना के बाद अभिभावकों और ग्रामीणों में भारी आक्रोश देखा गया। लोगों का कहना है कि अगर समय पर रोक नहीं लगती, तो बड़ा जनहानि का मामला हो सकता था। उन्होंने प्रशासन पर सुरक्षा में लापरवाही का आरोप लगाया। हाईकोर्ट का दखल छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने इस मामले पर स्वतः संज्ञान लिया है। कोर्ट ने राज्य सरकार और जिला प्रशासन से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट ने कहा: “बच्चों की सुरक्षा से कोई समझौता (Mid-Day Meal) बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

Obscene act by Lecturer: Obscene act of teacher during studies... used to do objectionable acts with girl students by closing doors and windows
BREAKING NEWS, Education

Obscene act by Lecturer : पढ़ाई के दौरान शिक्षक की अश्लील करतूत…दरवाजे-खिड़कियां बंद कर छात्राओं से करता था आपत्तिजनक हरकतें

सरायपाली/महासमुंद, 14 अगस्त। Obscene act by Lecturer : सरायपाली ब्लॉक के शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल, लिमगांव में पदस्थ व्याख्याता संदीप साहू पर छात्राओं के साथ अश्लील हरकतें और अनुचित व्यवहार करने के गंभीर आरोप सामने आए हैं। मामले की शिकायत के बाद सरायपाली थाना पुलिस ने आरोपी शिक्षक के खिलाफ विभिन्न धाराओं में अपराध दर्ज कर लिया है और जांच प्रारंभ कर दी है। चरित्र प्रमाण पत्र को खराब करने की धमकी ग्रामीणों और पीड़ित छात्राओं के पालकों के अनुसार, आरोपी शिक्षक कक्षा में पढ़ाई के दौरान जानबूझकर दरवाजे और खिड़कियां बंद कर देता था और छात्राओं के साथ आपत्तिजनक व्यवहार करता था। विरोध करने पर वह छात्राओं को धमकी देता था कि उनके चरित्र प्रमाण पत्र को खराब कर देगा, जिससे उनका आगे का भविष्य प्रभावित हो सकता है। बड़ी संख्या में पालक और ग्रामीण थाने पहुंचे थाना इस घटना के सामने आने के बाद बुधवार को बड़ी संख्या में पालक और ग्रामीण थाने पहुंचे और आरोपी के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की मांग की। ग्रामीणों का कहना है कि आरोपी की पत्नी घटना की जानकारी मिलने के बाद गांव में रहकर पालकों पर “एक मौका और देने” की अपील करती रही और समझौते का प्रयास करती रही, ताकि मामला पुलिस तक न पहुंचे। लेकिन पीड़ितों के परिजनों ने साफ इनकार करते हुए थाने में एफआईआर दर्ज करवाई। सरायपाली थाना प्रभारी ने जानकारी दी कि शिकायत और बयान के आधार पर आरोपी शिक्षक के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया गया है। पुलिस ने कहा है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए निष्पक्ष जांच की जा रही है और दोष सिद्ध होने पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। ग्रामीणों की मांग ग्रामीणों ने मांग की है कि ऐसे शिक्षकों को तत्काल निलंबित किया जाए और जेल भेजा जाए, ताकि शैक्षणिक संस्थानों में बेटियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। पुलिस ने यह भी बताया कि पीड़ित छात्राओं के बयान दर्ज किए जा रहे हैं और अन्य साक्ष्य भी एकत्रित किए जा रहे हैं। मामले की जांच जारी है