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Madrasa Board: Big news...Revolutionary change in Madrasa education...! Hindi, English, Science and Computer are compulsory...Important step of the government...See here in sequence
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Madrasa Board : बड़ी खबर…मदरसा शिक्षा में क्रांतिकारी बदलाव…! हिंदी, अंग्रेजी, विज्ञान और कंप्यूटर अनिवार्य…सरकार का अहम कदम…यहां देखें क्रमवार

लखनऊ, 21 मई। Madrasa Board : उत्तर प्रदेश में मदरसा शिक्षा में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। योगी सरकार मदरसों को आधुनिक बनाने के लिए एक नई योजना पर काम कर रही है, जिसके तहत यूपी बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन एक्ट, 2004 में संशोधन प्रस्तावित है। इस बदलाव से मदरसों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा। नया पाठ्यक्रम : हिंदी, अंग्रेजी, विज्ञान और कंप्यूटर नई योजना के तहत मदरसों में अब हिंदी, अंग्रेजी, विज्ञान और कंप्यूटर जैसे विषयों को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। इससे छात्रों को आधुनिक शिक्षा मिलेगी और वे बेहतर रोजगार के अवसरों के लिए तैयार होंगे। मदरसा एक्ट में प्रस्तावित संशोधन उत्तर प्रदेश सरकार मदरसा एक्ट में संशोधन की योजना बना रही है, जिसके तहत केवल कक्षा 12 तक की शिक्षा देने वाले मदरसों को ही मान्यता प्राप्त होगी। इससे उच्च स्तर की धार्मिक डिग्रियों जैसे कमिल और फाजिल की मान्यता समाप्त हो जाएगी। यह कदम सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उठाया जा रहा है, जिसमें कहा गया था कि मदरसों को उच्च शिक्षा देने का अधिकार नहीं है क्योंकि यह विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) अधिनियम का उल्लंघन है। मदरसों का औपचारिक शिक्षा प्रणाली में समावेशन सुप्रीम कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि मदरसों में पढ़ रहे छात्रों को औपचारिक शिक्षा प्रणाली में शामिल किया जाए। इससे छात्रों को बेहतर शैक्षिक अवसर मिलेंगे और वे समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सकेंगे। यह पहल उत्तर प्रदेश में मदरसा शिक्षा को आधुनिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो छात्रों को बेहतर भविष्य की ओर अग्रसर करेगी। प्रस्तावित सुधारों की मुख्य बातें

Right to Education: Right to education became the basis of rationalization...! Education department removed the misconceptions
Education, Raipur

Right to Education : शिक्षा का अधिकार बना युक्तियुक्तकरण का आधार…! शिक्षा विभाग ने भ्रांतियों को किया दूर

रायपुर, 20 मई। Right to Education : छत्तीसगढ़ में प्राथमिक शिक्षा प्रणाली को सशक्त और समावेशी बनाने के लिए शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया जारी है। इस संबंध में कुछ शिक्षकीय संगठनों द्वारा उठाई गई आपत्तियों और सवालों के जवाब में शिक्षा विभाग ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि यह प्रक्रिया पूरी तरह से शिक्षा के अधिकार अधिनियम, 2009 (RTE Act) के अनुरूप की जा रही है। विभाग ने यह भी दोहराया कि इसका उद्देश्य शिक्षकों की संख्या को घटाना नहीं, बल्कि उन्हें तर्कसंगत रूप से स्कूलों में पुनः तैनात करना है, जिससे सभी बच्चों को समान और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अधिकार मिल सके। शिक्षा का अधिकार अधिनियम है युक्तियुक्तकरण की आधारशिला शिक्षा विभाग का कहना है कि 2008 के स्कूल सेटअप की आज की परिस्थितियों में प्रासंगिकता नहीं रही, क्योंकि 2010 से पूरे देश में शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू हो चुका है। इस अधिनियम के अनुसार: बहुकक्षा शिक्षण को बताया व्यावहारिक समाधान बहु-कक्षा शिक्षण की आलोचनाओं के जवाब में विभाग ने कहा है कि यह पद्धति न केवल प्रशिक्षित शिक्षकों के लिए संभव है, बल्कि इसका प्रशिक्षण भी दिया गया है। विभाग के अनुसार राज्य के लगभग 30,700 प्राथमिक विद्यालयों में से 17,000 से अधिक में छात्र-शिक्षक अनुपात 20:1 से कम है, जो दर्शाता है कि शिक्षक संख्या पर्याप्त है। एकल-शिक्षकीय स्कूलों की आशंका को बताया निराधार कुछ संगठनों द्वारा यह आशंका जताई गई थी कि 60 से कम छात्र संख्या वाली स्कूलें एकल शिक्षक पर आधारित हो जाएंगी, जिसका खंडन करते हुए विभाग ने स्पष्ट किया कि: उद्देश्य है समान अवसर और संसाधनों का वितरण शिक्षा विभाग ने दोहराया कि युक्तियुक्तकरण का मकसद हर स्कूल में समान गुणवत्ता वाली शिक्षा सुनिश्चित करना है। साथ ही, यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि कहीं भी छात्र-शिक्षक अनुपात अधिनियम के मानकों से नीचे न जाए। मुख्य बिंदु संक्षेप में: शिक्षा विभाग का यह प्रयास छत्तीसगढ़ में प्राथमिक शिक्षा (Right to Education) की दिशा को संतुलित, न्यायसंगत और कानूनी रूप से सक्षम बनाने की एक महत्त्वपूर्ण पहल है, जो राज्य के नौनिहालों को बेहतर भविष्य की नींव देने में मदद करेगा।

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Love Triangle Drama Video : मंडप में फेरा…बाहर खड़ा बवाल…प्रेमिका ने पकड़ी प्रेमी की बेवफाई रंगे हाथ…!

भुवनेश्वर, 17 मई| Love Triangle Drama Video : ओडिशा के भुवनेश्वर में रविवार रात एक शादी में जमकर हंगामा हुआ। यहां एक युवती ने समारोह के बीच मंच पर पहुंचकर दूल्हे पर धोखा देने का आरोप लगा दिया। इसके बाद हड़कंप मच गया और अंत में पुलिस को दखल देना पड़ा। पुलिस ने दूल्हे को हिरासत में लेकर जांच शुरू कर दी है। पीड़िता के फोन कॉल और मैसेज देखे जा रहे हैं, आरोपों में दम हुआ तो पुलिस दूल्हे को गिरफ्तार कर, उसके खिलाफ मामला दर्ज कर सकती है। घटना धौली थाना क्षेत्र की है। यहां एक प्रसिद्ध विवाह मंडप में शादी हो रही थी। संगीत, रोशनी और मेहमानों के बीच दूल्हा-दुल्हन की जोड़ी स्टेज पर बैठी थी, तभी एक युवती पुलिस के साथ वहां पहुंची और सीधा मंच पर चढ़कर दूल्हे को सबके सामने घेर लिया। युवती ने लगाया धोखा देने का आरोप युवती ने आरोप लगाया कि दूल्हा उसका पूर्व प्रेमी है, जिसने कई साल तक उसके साथ संबंध बनाए और शादी का वादा किया। लेकिन बाद में अचानक उससे संपर्क तोड़ (Love Triangle Drama Video)दिया और चुपचाप किसी और से शादी कर ली। जानकारी के अनुसार, युवती ने दावा किया कि दोनों ने आपस में निजी रूप से शादी की कसमें भी खाई थीं। वह काफी भावुक हो गई और कहने लगी कि दूल्हे ने उसे धोखा दिया है और उसे झूठे वादों में रखकर उसकी जिंदगी से खिलवाड़ किया है। पुलिस ने दर्ज किया मामला घटना के बाद विवाह स्थल पर अफरा-तफरी मच गई। रिश्तेदार और मेहमान हैरान रह गए। पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा और माहौल को संभालते हुए दूल्हे को स्टेज से हटाकर हिरासत में लिया गया। इस मामले में अब लिंगराज थाने में शिकायत दर्ज कर ली गई है। पुलिस ने युवती के आरोपों के आधार पर शादी का झूठा वादा और विवाह के नाम पर शारीरिक शोषण जैसी धाराओं में मामला दर्ज किया है। युवक ने जवाब नहीं दिया तो पुलिस के पास पहुंची युवती युवती ने शादी से पहले दूल्हे से संपर्क करने की कई कोशिशें की थीं, लेकिन उसे कोई जवाब नहीं मिला। मजबूर होकर उसने कानूनी रास्ता अपनाया और पुलिस की मदद से रिसेप्शन में (Love Triangle Drama Video)पहुंची। पुलिस अब कॉल रिकॉर्ड, चैट मैसेज और गवाहों के बयान खंगाल रही है ताकि युवती के दावों की पुष्टि की जा सके। अगर आरोप सही पाए जाते हैं, तो दूल्हे को गंभीर कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।

Pension of Legislators: Increase in salary and allowances of Chhattisgarh MLAs...! Notification issued in the gazette... see here
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List of Hospitals : ब्रेकिंग…! छत्तीसगढ़ सरकार को राहत…इन अस्पतालों में मिलेगा मुफ्त इलाज…यहां देखें List

रायपुर, 13 मई। List of Hospitals : छत्तीसगढ़ शासन ने शासकीय सेवकों और उनके आश्रित परिजनों के इलाज के लिए कुल 155 अस्पतालों को मान्यता दी है। इनमें राज्य में स्थित 114 और राज्य के बाहर के 41 अस्पताल शामिल हैं। यह मान्यता चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए प्रदान की गई है। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने राज्य शासन के सभी विभागों, राजस्व मंडल बिलासपुर के अध्यक्ष, सभी विभागाध्यक्षों, संभागायुक्तों और कलेक्टरों को मान्यता प्राप्त अस्पतालों की सूची प्रेषित की है। यह सूची चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा जारी की गई है, और शासकीय कर्मियों के इलाज के लिए इन अस्पतालों को मान्यता प्राप्त है। अधिक जानकारी के लिए संबंधित विभाग या चिकित्सा शिक्षा विभाग से संपर्क किया जा सकता है।

CG Tahsildar Transfer: Transfer order issued for Tehsildars, two relieved, see list
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Transffer In Education Department : छत्तीसगढ़ शिक्षा विभाग में बड़ा प्रशासनिक बदलाव…एक साथ कई अधिकारियों का ट्रांसफर…ये है List…

रायपुर/दुर्ग, 10 मई| Transffer In Education Department : छत्तीसगढ़ के शिक्षा विभाग में आज बड़ा फेरबदल हुआ है। राज्य सरकार ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में पदस्थ शिक्षकों और व्याख्याताओं के स्थानांतरण के आदेश जारी किए हैं। यह निर्णय विभागीय कार्यप्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाने के उद्देश्य से लिया गया है। इस सूची में दुर्ग, रायगढ़, बिलासपुर, बेमेतरा, मुंगेली सहित कई जिलों के वरिष्ठ शिक्षक, व्याख्याता एवं प्रधानपाठक शामिल (Transffer In Education Department)हैं जिन्हें नवीन कार्यस्थल पर तत्काल प्रभाव से कार्यभार ग्रहण करने के निर्देश दिए गए हैं। सूत्रों की मानें तो यह स्थानांतरण प्रक्रिया केवल प्रशासनिक नहीं बल्कि प्रदर्शन आधारित समीक्षा का भी हिस्सा है, जिससे योग्य और समर्पित शिक्षकों को बेहतर अवसर मिल सके। प्रमुख नामों में शामिल हैं: विष्णु शंकर साहू – सुरखीकला से खपरी, अंजोरा हेमलता – धमधा से मोहंदी पूर्णिमा ठाकुर – पाटन से कोलिहापुरी वंदना यादव – कबीरधाम से दुर्ग अपेक्षा अग्रवाल – मुंगेली से बिलासपुर (अन्य नाम ऊपर विवरण में देखें) शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह ट्रांसफर लिस्ट शिक्षकों के कार्यप्रदर्शन, क्षेत्रीय आवश्यकताओं और प्रशासनिक संतुलन को ध्यान में रखकर बनाई गई (Transffer In Education Department)है। इसके माध्यम से शैक्षणिक गुणवत्ता को और अधिक सुदृढ़ करने की दिशा में कदम बढ़ाया गया है।

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Brahma Kumaris Organization : मीडिया…विश्व शांति और सद्भाव का संवाहक…! ज्ञान सरोवर सम्मेलन में उभरी मीडिया की जागरूक और उत्तरदायी छवि

माउंट आब, 03 मई। Brahma Kumaris Organization : माउंट आबू के ज्ञान सरोवर में ब्रह्माकुमारी संगठन के मीडिया प्रभाग द्वारा ‘वैश्विक शांति व सद्भाव के अग्रदूत के रूप में मीडिया की भूमिका’ विषय पर चार दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया। उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि उद्योग व खेल राज्यमंत्री के.के. विश्नोई ने मीडिया की भूमिका की सराहना की। प्रमुख वक्ताओं में ब्रह्माकुमारी संगठन की मुख्य प्रशासिका बीके मोहिनी, संयुक्त प्रशासिका बीके सुदेश, जयपुर विधायक डॉ. गोपाल शर्मा और प्रो. डॉ. संजय द्विवेदी शामिल रहे। सभी ने शांति, आत्मज्ञान व सकारात्मक पत्रकारिता पर बल दिया। बीके मृत्युंजय ने राजयोग को आत्म-शक्ति और शांति की कुंजी बताया। सम्मेलन में देशभर से आए वरिष्ठ मीडियाकर्मियों व ब्रह्माकुमारी सदस्यों ने विचार साझा किए। लोकतंत्र की आत्मा और शांति का वाहक उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि उद्योग व खेल राज्यमंत्री के.के. विश्नोई ने कहा कि मीडिया आज जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण संरक्षण और वैश्विक शांति जैसी चुनौतियों से निपटने में अहम भूमिका निभा रहा है। उन्होंने मीडियाकर्मियों की निस्वार्थ सेवा की सराहना करते हुए कहा कि वे विषम परिस्थितियों में भी अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हैं। ब्रह्माकुमारी संगठन की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके मोहिनी ने मीडियाकर्मियों से आग्रह किया कि वे समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाएं। संयुक्त मुख्य प्रशासिका बीके सुदेश ने भारत में शांति के स्वराज्य की पुनर्स्थापना की आवश्यकता पर बल दिया। जयपुर विधायक डॉ. गोपाल शर्मा ने कहा कि एक सभ्य और सशक्त समाज की स्थापना के लिए स्वाभिमान का होना आवश्यक है। माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के प्रो. डॉ. संजय द्विवेदी ने आत्मा के सत्य को जानने और लोकतंत्र की आत्मा की गहराई से समझ विकसित करने की आवश्यकता जताई। राजयोग व पत्रकारिता: शांति स्थापना के दो सशक्त माध्यम रायपुर के कुशाभाऊ ठाकरे यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति प्रो. डॉ. मानसिंह परमार ने कहा कि भारत विश्व को शांति का संदेश देने वाला देश है। ब्रह्माकुमारी संगठन के अतिरिक्त सचिव बीके मृत्युंजय ने कहा कि यदि व्यक्ति अपने मन को परमात्मा की शक्तियों से भर दे, तभी वह वैश्विक शांति और सद्भावना का संवाहक बन सकता है। उन्होंने सभी को दिनचर्या में नियमित रूप से राजयोग का अभ्यास करने की सलाह दी। मल्टी मीडिया प्रमुख और प्रभाग अध्यक्ष बीके करूणा, उपाध्यक्ष बीके आत्मप्रकाश, राष्ट्रीय संयोजक बीके शान्तनू, बीके निकुंज, बीके सुशांत, बीके सरला, जयपुर क्षेत्रीय संयोजिका बीके चंद्रकला, डॉ. बीके रीना, और दिल्ली से आए समाचार पत्र के एक्जीक्यूटिव चीफ एडीटर विष्णु प्रकाश त्रिपाठी सहित कई वरिष्ठ व्यक्तियों ने भी अपने विचार रखे। अंत में, शिक्षा प्रभाग की उपाध्यक्षा बीके शीलू बहन ने सभी प्रतिभागियों को राजयोग का अभ्यास कराते हुए गहन शांति की अनुभूति कराई।

Changes in NCERT's new books...! Now children will not read 'Babur'... but 'Chandragupta'... pages decorated with Sanskrit words
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NCERT की नई किताबों में बदलाव…! अब बच्चे ‘बाबर’ को नहीं…’चद्रगुप्त’ को पढ़ेंगे…संस्कृत शब्दों से सजे पन्ने…यहां देखें

नई दिल्ली, 27 अप्रैल। NCERT : भारत के स्कूली शिक्षा ढांचे में बड़ा बदलाव करते हुए, नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (NCF) के तहत कक्षा 7 की नई NCERT सामाजिक विज्ञान की किताबों में इतिहास की प्रस्तुति को पूरी तरह से नया रूप दिया गया है। अब छात्रों को मुगल साम्राज्य और दिल्ली सल्तनत के अध्याय नहीं पढ़ाए जाएंगे। इनकी जगह मगध, मौर्य, शुंग और सातवाहन जैसे प्राचीन भारतीय राजवंशों पर आधारित अध्याय जोड़े गए हैं, जो भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों और “भारतीय लोकाचार” को केंद्र में रखते हैं। क्या बदला है? भाषा में भी बदलाव नई किताबों में संस्कृत शब्दों का समावेश बढ़ाया गया है। उदाहरण के तौर पर: इन शब्दों को छात्रों को भारतीय भाषाई परंपरा से जोड़ने के उद्देश्य से शामिल किया गया है। मकसद क्या है? NCERT और शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह बदलाव बच्चों में भारतीयता, सांस्कृतिक गर्व और ऐतिहासिक गहराई को समझाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। यह कदम भारतीय सभ्यता के मूल तत्वों को उजागर करने की कोशिश है, जिसे लंबे समय से पाठ्यक्रम में सीमित रूप में पढ़ाया जा रहा था। हालांकि, कुछ शिक्षाविदों और इतिहासकारों ने इस पर बहस शुरू कर दी है, जिसमें यह सवाल उठाया जा रहा है कि क्या इससे छात्रों को भारत के इतिहास की संतुलित समझ मिल पाएगी। 3 किताबों को 1 में मर्ज किया दरअसल, NCERT ने हिस्‍ट्री, जियोग्राफी और सोशल एंड पॉलिटिकल लाइफ की 3 अलग-अलग किताबों को 1 में मर्ज किया है। इसका नाम एक्‍सप्‍लोरिंग सोसाइटी- इंडिया एंड बियॉन्‍ड पार्ट 1 है। जल्‍द ही इसका पार्ट 2 जारी होगा। ये किताबें 2025-26 सेशन से लागू होंगी। ‘मैरीगोल्ड’ का नाम ‘मृदंग’ किया हाल ही में, NCERT ने विभिन्न कक्षाओं के लिए किताबों के नए नाम जारी किए। कक्षा 1 और कक्षा 2 की इंग्लिश किताबों का नाम मैरीगोल्ड (MARIGOLD) से बदलकर ‘मृदंग (MRIDANG)’ और कक्षा 3 की पुस्तक का नाम ‘संतूर (SANTOOR)’ रखा गया है। कक्षा 6 की की इंग्लिश किताब का नाम ‘हनीसकल (HONEYSUCKLE)’ से बदलकर ‘पूर्वी (POORVI)’ कर दिया गया है। मैथ्स की किताबों के लिए भी यही पैटर्न अपनाया गया है। कक्षा 6 की गणित की किताब, जो पहले इंग्लिश में मैथमेटिक्स और हिंदी में गणित थी, अब दोनों भाषाओं में यह गणित नाम से आएगी।

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Video Of Higher Education Minister : उच्च शिक्षा मंत्री ने कान पकड़कर लगाई उठक बैठक…सामने आया VIDEO…जानें वजह…

शाजापुर, 09 फरवरी।Video Of Higher Education Minister : मध्य प्रदेश के शाजापुर से एक अनोखा नजारा सामने आया। यहां के एक स्कूल में उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कान पकड़कर उठक बैठक लगाई। इसका वीडियो भी सामने आया है, जिसमें मंत्री उठक बैठक लगाते हुए दिख रहे हैं। क्या है पूरा मामला? शाजापुर जिले के शुजालपुर में सीएम राइज स्कूल में आज एमपी के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने उठक बैठक लगाकर स्कूली दिन याद किए। अलग-अलग शहर से पूर्व छात्र सम्मेलन में आए कई उद्योगपति, शिक्षक, सेवानिवृत कर्मचारी कान पकड़कर उठक बैठक लगाते दिखे और क्लास रूम में टेबल बजाकर गाना गाते नजर (Video Of Higher Education Minister)आए। शुजालपुर के पहले हाई स्कूल की स्थापना वर्ष 1931 में श्री राम मंदिर के पीछे हुई थी, जिसे लाल स्कूल के नाम से जाना जाता है। साल 1957 में वर्तमान सीएम राइज स्कूल में हाईस्कूल की कक्षाएं लगने लगीं। यहां आज मंगलवार को पूर्व छात्र सम्मेलन आयोजित किया गया। आयोजन से पहले स्कूल परिसर में कोई 67 साल बाद आया था, तो कई लोग 85 की उम्र में लकड़ी के सहारे इस यादगार आयोजन में साथियों से मिलने पहुंचे। क्लास रूम में शिक्षकों द्वारा दी जाने वाली सजा ‘कान पकड़कर उठक बैठक’ लगाने को याद किया गया और पूर्व छात्रों ने शिक्षकों के नाम लेकर अमर रहे के नारे लगाए। गीत गुनगुनाने के साथ सेल्फी लेने, ग्रुप फोटो निकलवाने का उत्साह रहा। प्रोफेसर एमआर नालमें ने बताया कि साल 1951 में उनकी हाईस्कूल क्लास में 19 लड़के थे, तब सेकंड डिविजन पास होना भी बहुत बड़ी बात होती (Video Of Higher Education Minister)थी। उन्होंने बताया साल 1957 में स्कूल इस भवन में लगने लगा था। 1 जनवरी 1957 को एडमिशन लेने वाले श्री राम शर्मा बताते हैं कि उनकी तीन पीढ़ियां इसी शिक्षा स्थल से पढ़ी हैं। वे इस स्कूल के छात्र और शिक्षक दोनों रहे हैं। मंत्री परमार ने कहा कि नई शिक्षा नीति से बड़ा परिवर्तन आने वाला है,  अब भारत में शिक्षक बाय चांस नहीं, बल्कि बाय चॉइस बनेंगे। मंत्री परमार ने कहा कि भारत ने आयुर्वेद, इंजीनियरिंग, शल्य चिकित्सा, (Video Of Higher Education Minister)गणित, संस्कृति, संस्कार हर क्षेत्र में विश्व को मार्गदर्शित किया है, इसलिए भारत को विश्व गुरु कहा जाता है।

Strange behavior of IPS Rohan Jha…! Rats' necks bitten...female officer misbehaved...SP traffic office vandalized...see the officer's orgy here
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IPS रोहन झा की अजीबोगरीब हरकत…! चूहों की गर्दन काटी…महिला अफसर से बदसलूकी…SP ट्रैफिक के दफ्तर में तोड़फोड़…यहां देखें अफसर का तांडव

मुरादाबाद, 01 फरवरी। IPS : मुरादाबाद में अजीबो गरीब घटना सामने आई है। यहां की कानून व्‍यवस्‍था संभाल रहे आईपीएस अफसर रोहन झा अपनी हरकतों से चर्चा में आ गए। खुद को भगवान कल्कि का अवतार बताने वाले आईपीएस अफसर का नया कारनामा सामने आया है। इसे देखकर पुलिस महकमे के अफसरों के होश उड़ गए हैं। यह है पूरा मामला दरअसल, मुरादाबाद में ट्रेनी आईपीएस अफसर रोहन झा की तैनाती है। आरोप है कि आईपीएस रोहन झा ने 26 जनवरी से 3 दिन पहले परेड ग्राउंड में पहले तो गाड़ी चलाई फिर अपने कपड़े उतारकर मिट्टी में लेट गए। इतना ही नहीं उनकी अजीबो गरीब हरकत यहीं नहीं थमी। आरोप है कि इसके बाद आईपीएस रोहन झा ने अपने आवास पर सिपाही को बुलाया और दरवाजा बंद कर 2 चूहों की गर्दन काट दी। इतना ही नहीं चूहों की गर्दन कर हवन करने की बात कही। एसपी ट्रैफ‍िक कार्यालय पहुंचकर मचाया उत्‍पात इतना ही नहीं दूसरे दिन आईपीएस रोहन झा एसपी ट्रैफिक कार्यालय पहुंचे। यहां जमकर उत्पात मचाते हुए तोड़फोड़ की और कई रिकार्ड को फाड़ दिया। इस दौरान रोकने की कोशिश की गई तो ट्रैफिक पुलिस कर्मियों को पीटा। इसकी जानकारी लगते ही एसपी सिटी मौके पर पहुंचे और आईपीएस को शांत कराकर एक निजी अस्पताल में ले गए। यहां उनका इलाज चल रहा है। आरोप है कि आईपीएस के बगल में एक महिला IPS का आवास है। IPS ने घटना से एक दिन पहले महिला IPS से भी अपशब्द कहे थे। इसकी जानकारी महिला IPS ने उच्चाधिकारियों को दी थी। 10 दिन की छुट्टी पर भेजा गया IPS को 10 दिन की छुट्टी पर भेज दिया गया है। उनके परिवार के लोग मुरादाबाद आए और तीन दिन पहले IPS को अपने साथ ले गए। हालांकि मामला एक IPS से जुड़ा है इसलिए विभागीय अधिकारी इस बारे में कुछ भी बोलने से इनकार कर रहे हैं। पुलिस लाइन के सूत्रों के मुताबिक इस मामले में जिन पुलिस कर्मियों से IPS ने मारपीट की थी, उन्हें भी खामोश रहने के लिए कहा गया है।

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Kolkata Rape Case  : CBI पहुंची हाईकोर्ट…उम्रकैद के खिलाफ की फांसी की सजा की अपील…

कोलकाता, 22 जनवरी। Kolkata Rape Case : कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर संग हुए रेप और मर्डर मामले में बड़ा अपडेट आया है। सीबीआई ने दोषी संजय रॉय की निचली अदालत के फैसले के खिलाफ फांसी की सजा के लिए हाईकोर्ट में अपील है। कोलकाता की सियालदाह कोर्ट ने शनिवार को संजय रॉय को इस मामले में दोषी करार दिया था और सोमवार को संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने कहा था कि दोषी संजय रॉय को उसकी मौत होने तक जेल में ही रहना होगा। इसके अलावा उस पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया (Kolkata Rape Case) है। जज ने राज्य सरकार को पीड़िता के परिवार को 17 लाख रुपये बतौर मुआवजा देने का आदेश भी दिया है। कोर्ट ने कहा- यह रेयरेस्ट ऑफ रेयर मामला नहीं बता दें कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज-अस्पताल में 8 अगस्त की रात को ट्रेनी डॉक्टर से रेप और मर्डर के दोषी संजय रॉय को उम्रकैद (मरते दम तक जेल) की सजा सुनाई गई और 50 हजार का जुर्माना लगाया। सियालदह कोर्ट के जज अनिर्बान दास ने सोमवार, दोपहर 2:45 बजे सजा सुनाते हुए कहा, ‘यह रेयरेस्ट ऑफ रेयर मामला नहीं है। मौत की सजा नहीं दी सकती।’ कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को निर्देश दिया कि वह पीड़ित परिवार को 17 लाख रुपए मुआवजा दे। हालांकि परिवार ने इसे लेने से इनकार कर ((Kolkata Rape Case))दिया। फैसला सुनाने से पहले दोपहर 12:30 बजे कोर्ट ने दोषी संजय, CBI और पीड़ित परिवार की बातें सुनीं। संजय से कहा- यह बताया जा चुका है कि तुम किन अपराधों के दोषी हो। क्या बोला संजय का परिवार? कोर्ट ने 18 जनवरी को संजय को दोषी ठहराया था। घटना के 164वें दिन (20 जनवरी) सजा पर 160 पेज का फैसला सुनाया। CBI और पीड़ित परिवार ने मौत की सजा मांगी थी। संजय का परिवार बोला- भले ही फांसी हो। हम फैसले के खिलाफ अपील नहीं करेंगे। संजय की मां ने कहा कि मैं उस लड़की के मां-बाप का दुख समझती हूं, मेरी भी बेटियां हैं।