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Unity Parade: Bastar honoured on the soil of Gujarat... Chhattisgarh's tableau showcased a new model of development in the Unity Parade, Prime Minister Narendra Modi was impressed by the glimpse of the new Chhattisgarh.
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Unity Parade : गुजरात की धरती पर बस्तर का सम्मान…एकता परेड में छत्तीसगढ़ की झांकी ने दिखाया विकास का नया मॉडल, नए छत्तीसगढ़ की झलक देख प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हुए प्रभावित

रायपुर, 31 अक्टूबर। Unity Parade : गुजरात के एकता नगर में सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर आज आयोजित एकता परेड में इस वर्ष छत्तीसगढ़ की झांकी “बस्तर की धरती – संस्कृति, सृजन और प्रगति की गाथा” ने सभी का मन मोह लिया। यह झांकी छत्तीसगढ़ के जनजातीय जीवन, परंपराओं और विकास यात्रा का जीवंत प्रतीक बनकर उभरी। इस अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने परेड में सम्मिलित सभी झांकियों का अवलोकन किया और विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक झलकियों की सराहना की। प्रधानमंत्री की उपस्थिति में प्रदर्शित छत्तीसगढ़ की झांकी ने अपने सौंदर्य, प्रतीकात्मकता और सशक्त संदेश से सबका ध्यान आकर्षित किया। झांकी के अग्रभाग में पारंपरिक वेशभूषा में सजे माड़िया जनजाति के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत गौर नृत्य ने बस्तर की आन-बान और सामूहिकता की भावना को सजीव कर दिया। उनके पास रखी पारंपरिक तुरही बस्तर के पर्वों की गूंज और लोक उल्लास की प्रतीक बनी। वहीं, नंदी का चित्रण बस्तर की गहरी लोक आस्था और शिव उपासना की परंपरा को अभिव्यक्त करता नजर आया। झांकी के मध्य भाग में बस्तर के विकास और परिवर्तन की यात्रा को कलात्मक रूप में दर्शाया गया। कभी नक्सलवाद से प्रभावित यह क्षेत्र अब शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और रोजगार के क्षेत्र में नई पहचान बना रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार की जन-कल्याणकारी योजनाओं और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन में बस्तर आज तेजी से बदलते भारत का प्रतीक बन चुका है। अब यहाँ बंदूक की नहीं, विकास की गूंज सुनाई देती है। झांकी के अंतिम भाग में टोकरी लिए महिला की प्रतिमा बस्तर की स्त्री शक्ति, श्रम और सृजनशीलता का प्रतीक बनी। संपूर्ण झांकी की ढोकरा शिल्पकला से की गई सजावट ने बस्तर के शिल्पकारों की अद्भुत कलात्मकता और परंपरागत कौशल को दर्शाया। छत्तीसगढ़ की यह झांकी न केवल अपनी संस्कृति और कला में समृद्ध है, बल्कि यह बस्तर में हो रहे सकारात्मक बदलाव की कहानी भी कहती है। झांकी ने दिखाया कि आज का नया बस्तर परंपरा, प्रकृति और विकास का सुंदर संगम बन चुका है। कभी दुर्गम और पहुँच से दूर रहने वाले इलाकों में अब सड़कों का जाल बिछ गया है, जिन पर बच्चों के स्कूल जाने की चहल-पहल सुनाई देती है और स्कूलों में घंटियाँ बजने लगी हैं। गांवों में बिजली की रौशनी और इंटरनेट की पहुँच ने नई आशाएँ जगाई हैं। युवाओं में कुछ करने, आगे बढ़ने का जोश दिखाई देता है। महिलाएँ आत्मनिर्भर बन रही हैं—हस्तशिल्प, वनोपज , विभिन्न विकासात्मक योजनाओं ने उनके जीवन में नई दिशा दी है। लोग अब विकास पर भरोसा करने लगे हैं। यह झांकी इस विश्वास का प्रतीक है कि बस्तर अब सिर्फ़ अपनी लोक संस्कृति और परंपराओं के लिए ही नहीं, बल्कि शिक्षा, सड़क, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे क्षेत्रों में तेज़ी से आगे बढ़ते एक नए युग के लिए भी जाना जा रहा है। एकता परेड के लिए झांकियों का चयन गृह सचिव की अध्यक्षता में गठित एक उच्चस्तरीय समिति और विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने देशभर के राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों और केंद्रीय संगठनों के प्रजेंटेशन देखे। हर राज्य ने अपनी थीम, मॉडल और विचार समिति के सामने प्रस्तुत किए। इसी प्रक्रिया में छत्तीसगढ़ की झांकी को उसकी मौलिकता, सांस्कृतिक समृद्धि और विकास के जीवंत चित्रण के लिए चयनित किया गया। अंतिम सूची में छत्तीसगढ़ के साथ एनएसजी, एनडीआरएफ, अंडमान-निकोबार द्वीप, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र, मणिपुर, पुद्दुचेरी और उत्तराखंड की झांकियाँ शामिल हुईं।

Khelo India: Khelo India University Games in Rajasthan from November 24 to December 5, Union Sports Minister Dr. Mansukh Mandaviya says KIUG is the 'first step towards glory'
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Khelo India : खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स राजस्थान में 24 नवंबर से 5 दिसम्बर तक, केन्द्रीय खेल मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने कहा कि केआईयूजी ‘गौरव की दिशा में पहला कदम’ है

रायपुर, 28 अक्टूबर। Khelo India : पांचवें खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स राजस्थान के सात शहरों में 24 नवंबर से 5 दिसम्बर 2025 तक आयोजित होंगे। इसमें 23 मेडल स्पोर्ट्स और एक डेमोंस्ट्रेशन स्पोर्ट (खो-खो) में प्रतियोगिताएं होंगी। इसी साल कुछ समय पहले में बिहार में हुए खेलो इंडिया यूथ गेम्स की तरह, यूनिवर्सिटी गेम्स भी राजस्थान के सात शहरों जयपुर, अजमेर, उदयपुर, जोधपुर, बीकानेर, कोटा और भरतपुर में आयोजित होंगे। इस 12 दिनों के यूनिवर्सिटी आयोजन में 5,000 से अधिक एथलीटों के आने की उम्मीद है। खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स का आयोजन भारतीय विश्वविद्यालय संघ के सहयोग से किया जाता है। केन्द्रीय युवा मामले एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने कहा कि ‘खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स’ भारत के खेल मार्ग में एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं। दुनिया भर में विश्वविद्यालय, चैंपियनों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और केआईयूजी हमारे युवा एथलीटों को राष्ट्रीय स्तर पर अपनी क्षमता दिखाने का मंच प्रदान करता है। इन खेलों का राजस्थान संस्करण भारत के विस्तृत खेल परिदृश्य को उजागर करेगा और वैश्विक स्तर पर राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करने की आकांक्षा रखने वालों के लिए पहला कदम साबित होगा। डॉ. मंडाविया ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विज़न के तहत खेलो इंडिया पहल ने भागीदारी, प्रतिभा विकास और उत्कृष्टता को प्रोत्साहित करने वाला एक ठोस पारिस्थितिकी तंत्र बनाया है। राजस्थान में आयोजित होने वाले ये यूनिवर्सिटी गेम्स हजारों छात्रों को न केवल खेलों को पढ़ाई के समानांतर ही आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेंगे। साथ ही प्रतियोगिता एवं सौहार्द्र के माध्यम से ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत भी करेंगे। केआईयूजी-2025 में 23 मेडल स्पोर्ट्स और एक डेमोंस्ट्रेशन श्रेणी के स्पोर्ट्स होंगे। मेडल स्पोर्ट्स में तीरंदाजी, एथलेटिक्स, बैडमिंटन, बास्केटबॉल, बॉक्सिंग, फेंसिंग, फुटबॉल, हॉकी, जूडो, कबड्डी, मल्लखंब, रग्बी, शूटिंग, तैराकी, टेबल टेनिस, टेनिस, वॉलीबॉल, वेटलिफ्टिंग, कुश्ती, योगासन, साइक्लिंग, बीच वॉलीबॉल, कैनोइंग और कयाकिंग शामिल हैं। खो-खो एक डेमोंस्ट्रेशन इवेंट होगा। पहली बार केआईयूजी कार्यक्रम में कैनोइंग, बीच वॉलीबॉल, और कयाकिंग तथा साइक्लिंग को शामिल किया जा रहा है। पूर्वाेत्तर भारत में आयोजित हुए पिछले खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी चैंपियन बनी। लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी और गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी, अमृतसर ने क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया था। खेलो इंडिया के विषय में  खेलो इंडिया योजना युवा मामले एवं खेल मंत्रालय की प्रमुख केंद्रीय क्षेत्र की योजना है। खेलो इंडिया गेम्स खेल कौशल प्रदर्शन का आधारभूत मंच हैं, जो प्रतिभा की पहचान करने और प्रतिभाशाली बच्चों को उत्कृष्टता हासिल करने हेतु एक विकास का मार्ग प्रदान करने का प्लेटफॉर्म बनते हैं। ये राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताएं ओलंपिक आंदोलन की सच्ची भावना में आयोजित की जा रही हैं, जिसमें संबंधित एनएसएफ, एसजीएफआई, एआईयू आदि जैसे विभिन्न हितधारकों को शामिल किया जाता है। इस कार्यक्रम के तहत अब तक देश भर में 20 संस्करणों का आयोजन हो चुका है, जिसमें 7 संस्करण खेलो इंडिया यूथ गेम्स (केआईव्हायजी), 4 संस्करण खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स (केआईयूजी), 5 संस्करण खेलो इंडिया विंटर गेम्स (केआईव्हीजी), 2 संस्करण खेलो इंडिया पैरा गेम्स (केआईपीजी), 1 संस्करण खेलो इंडिया बीच गेम्स (केआईबीजी), और 1 संस्करण खेलो इंडिया वाटर स्पोर्ट्स फेस्टिवल (केआईडब्ल्यूएसएफ) शामिल हैं।

Radix Special Sum: Radix from 1 to 9...! Astrological effect of this lunar eclipse on your life... The eclipse of 7 September will be special due to the effect of Saturn... See A to Z in detail
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Radix Special Sum : मूलांक 1 से 9 तक…! इस चंद्र ग्रहण का आपके जीवन पर ज्योतिषीय प्रभाव…शनि के प्रभाव से 7 सितंबर का ग्रहण होगा खास…A टू Z विस्तार से देखें

धर्म डेस्क, 07 सितंबर। Radix Special Sum : ग्रहण का मूलांक ज्योतिष में बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह उस दिन के ऊर्जा और प्रभाव को दर्शाता है। आपने बताया कि 7 सितंबर 2025 का मूलांक 7 है, जो केतु का प्रतिनिधित्व करता है। आइए समझते हैं इसका क्या मतलब हो सकता है- मूलांक 7 और ग्रहण का प्रभाव मूलांक 7 के साथ लगने वाला यह चंद्र ग्रहण मानसिकता में गहराई, आत्म-विश्लेषण और आध्यात्मिक उन्नति के लिए अच्छा है, लेकिन यह भ्रम और अस्थिरता भी ला सकता है, इसलिए सावधानी बरतनी चाहिए। इसके साथ ही चंद्र ग्रहण का सभी मूलांकों (1 से 9 तक) के अनुसार संक्षिप्त ज्योतिषीय प्रभाव दिया गया है। ध्यान रखें, ग्रहण के दिन मूलांक विशेष ऊर्जा लेकर आता है और उससे जुड़े व्यक्ति पर अलग-अलग तरह का असर हो सकता है। मूलांक 1 (सूर्य का प्रतिनिधित्व) मूलांक 2 (चंद्रमा का प्रतिनिधित्व) मूलांक 3 (बुध का प्रतिनिधित्व) मूलांक 4 (राहु का प्रतिनिधित्व) मूलांक 5 (पंचम योग का) मूलांक 6 (शुक्र का प्रतिनिधित्व) मूलांक 7 (केतु का प्रतिनिधित्व) मूलांक 8 (सूर्य और शनि का मिश्रण) मूलांक 9 (मंगल का प्रतिनिधित्व) सलाह

Shipra River: Sad news…! Police station in-charge dies after car falls into river…2 policemen missing…see VIDEO here
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Shipra River : दुखद खबर…! नदी में कार गिरने से थाना प्रभारी की मौत…2 पुलिसकर्मी लापता…यहां देखें VIDEO

उज्जैन, 07 सितंबर। Shipra River : मध्य प्रदेश के उज्जैन में शिप्रा नदी के पुल से कार गिरने की दर्दनाक घटना सामने आई है। हादसे में उन्हेल थाना प्रभारी अशोक शर्मा की मौत हो गई, जबकि उनके साथ कार में मौजूद सब-इंस्पेक्टर मदनलाल और महिला कांस्टेबल आरती पाल अब भी लापता हैं। यह हादसा शनिवार देर रात हुआ जब तीनों पुलिसकर्मी एक केस की जांच के सिलसिले में उज्जैन से उन्हेल लौट रहे थे। इसी दौरान उनकी कार शिप्रा नदी के पुल से अनियंत्रित होकर नीचे जा गिरी। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और राहत दल मौके पर पहुंचे, लेकिन रात में रेस्क्यू के दौरान कुछ पता नहीं चल सका। रविवार सुबह रेस्क्यू ऑपरेशन दोबारा शुरू किया गया। एनडीआरएफ और गोताखोरों की टीम ने घंटों की मशक्कत के बाद नदी से कार को बाहर निकाला, जिसमें से थाना प्रभारी अशोक शर्मा का शव बरामद किया गया।हालांकि सब-इंस्पेक्टर मदनलाल और कांस्टेबल आरती पाल का अब तक कोई सुराग नहीं मिल सका है। उनकी तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन जारी है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि तेज बहाव और नदी की गहराई सर्च ऑपरेशन में सबसे बड़ी बाधा बनी हुई है। पूरे घटनाक्रम की जांच शुरू कर दी गई है। इस दुखद हादसे से पूरे पुलिस महकमे में शोक (Shipra River) की लहर है। वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद हैं और लापता पुलिसकर्मियों की तलाश के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। दो पुलिसकर्मी की तलाश उन्हेल थाना प्रभारी की मौत

GST Rate Cuts: Big relief to the general public before Durga Puja and Diwali...! Clothes and shoes will be cheaper from September 22... Government has reduced GST... Understand by looking at the list here
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GST Rate Cuts : दुर्गा पूजा और दीपावली से पहले आम जनता को बड़ी राहत…! 22 सितंबर से सस्ते होंगे कपड़े और जूते…Shopping करने से पहले जरूर पढ़ें

नई दिल्ली, 04 सितंबर। GST Rate Cuts : देशभर के उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलने जा रही है। केंद्र सरकार ने जीएसटी (GST) दरों में बड़ा बदलाव करते हुए 12% और 28% टैक्स स्लैब को समाप्त कर दिया है। अब केवल दो स्लैब 5% और 18% लागू होंगे। इसका सीधा असर आम जरूरत के सामानों की कीमतों पर पड़ेगा, खासकर कपड़े, जूते, खाद्य पदार्थ, और दैनिक उपभोग की वस्तुओं पर। नई दरें 22 सितंबर 2025 से लागू होंगी। क्या बदला है? टैक्स स्लैब (पहले) टैक्स स्लैब (अब) असर 12% या 28% समाप्त इन श्रेणियों को अब 5% या 18% में शामिल किया गया 5% और 18% लागू केवल दो स्लैब रहेंगे कपड़े और रेडीमेड गारमेंट्स पर जीएसटी में बदलाव प्रोडक्ट कीमत (₹) पहले जीएसटी अब जीएसटी फर्क शर्ट / टी-शर्ट ≤ ₹2,500 12% 5% 7% कम जींस / रेडीमेड कपड़े ≤ ₹2,500 12% 5% 7% कम साड़ी (₹3,000 की) > ₹2,500 12% 18% 6% ज़्यादा ब्रांडेड महंगे कपड़े > ₹2,500 12% 18% महंगे उदाहरण जूते पर राहत या बोझ? प्रोडक्ट कीमत (₹) पहले जीएसटी अब जीएसटी फर्क जूते (लेदर, रबर आदि) ≤ ₹2,500 12% 5% सस्ते जूते > ₹2,500 12% 18% महंगे महंगे ब्रांडेड जूते ₹15,000 तक 28% 18% सस्ते उदाहरण 10,000 रुपये की खरीदारी पर कितना फायदा? यदि आप शॉपिंग मॉल या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से ₹2,500 से कम कीमत वाले जूते, कपड़े और अन्य चीजें खरीदते हैं और कुल खर्च ₹10,000 होता है, तो: जीएसटी दर कुल खर्च जीएसटी रकम कुल भुगतान पहले 12% ₹10,000 ₹1,200 ₹11,200 अब 5% ₹10,000 ₹500 ₹10,500 आपकी बचत: ₹700 रियायती GST दरों की मुख्य सूची उत्पाद कीमत सीमा नई GST दर पहले दर बचत/अंतर शर्ट, टी-शर्ट ≤ ₹2,500 5% 12% सस्ती जूते (लेदर/रबर सोल) ≤ ₹2,500 5% 12% सस्ती जींस, ट्राउजर, रेडीमेड कपड़े ≤ ₹2,500 5% 12% सस्ती साड़ी, ब्रांडेड कपड़े > ₹2,500 18% 12% महंगी ब्रांडेड जूते (₹15,000) > ₹2,500 18% 28% सस्ती 22 सितंबर से लागू हो रही नई जीएसटी दरें आम ग्राहकों के लिए बड़ी राहत लेकर आएंगी, खासकर मिड-रेंज कपड़े और जूते खरीदने वालों के लिए। हालांकि ₹2,500 से ऊपर के प्रोडक्ट अब पहले से थोड़े महंगे हो सकते हैं। यह बदलाव खासतौर पर त्योहारों से पहले लोगों की जेब को राहत देगा।

Death of Father Son: Heartbreaking scene...! Father and son died in Kota on the same day...everyone is shocked to know the truth
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Death of Father Son : हृदयविदारक…! पिता का हुआ अंतिम संस्कार…चंद घंटे में बेटे की भी हार्ट अटैक से मौत

कोटा/राजस्थान, 04 सितंबर। Death of Father Son : राजस्थान के कोटा शहर के हरिओम नगर कच्ची बस्ती में मंगलवार को ऐसा दर्दनाक हादसा हुआ जिसने पूरे इलाके को गहरे शोक में डुबो दिया। एक मजदूर परिवार पर जिंदगी और मौत का ऐसा कहर टूटा, कि जिसने भी यह कहानी सुनी, उसकी आंखें नम हो गईं। मामला 50 वर्षीय पूरी लाल बैरवा के निधन से शुरू हुआ, जो कई दिनों से लकवे की बीमारी से जूझ रहे थे। मंगलवार सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली। परिवार ने जैसे-तैसे गमगीन माहौल में उनका अंतिम संस्कार किया, लेकिन यह हादसा यहीं नहीं रुका। पिता की चिता ठंडी भी नहीं हुई, बेटे ने भी तोड़ा दम पूरी लाल के 25 वर्षीय बेटे राजू बैरवा को पिता की मौत का सदमा बर्दाश्त नहीं हुआ। अंतिम संस्कार के महज दो घंटे बाद ही उसे हार्ट अटैक आया और वहीं उसकी भी मौत हो गई। मोहल्ले में यह हृदयविदारक दृश्य देख हर कोई स्तब्ध रह गया। राजू के निधन की खबर से घरवालों का दुख दोगुना हो गया। पिता की चिता की राख ठंडी भी नहीं हुई थी, कि बेटे की चिता सजानी पड़ी। इस मंजर को देखकर पूरे मोहल्ले में मातम पसरा रहा, और लोग अपनी आंखों के आंसू रोक नहीं पाए। अंतिम संस्कार के लिए जुटानी पड़ी सहयोग राशि पूरी लाल मजदूरी कर किसी तरह अपने परिवार का पालन-पोषण करते थे। बेटे राजू भी मेहनत-मजदूरी में हाथ बंटाता था। घर की आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी, कि दोनों के अंतिम संस्कार के लिए भी पैसे नहीं थे। ऐसे में मोहल्ले के लोगों ने आपसी सहयोग से चंदा इकट्ठा किया, तब जाकर पिता-पुत्र का अंतिम संस्कार हो सका। यह दृश्य न केवल मोहल्ले को, बल्कि पूरे कोटा शहर को झकझोर गया। अब बची सिर्फ मां और 13 साल का मासूम अब इस घर में मां गुड्डी देवी और 13 वर्षीय बेटा अरविंद (Death of Father Son) ही बचे हैं। एक ही दिन में पति और बेटे को खो चुकी गुड्डी का रो-रोकर बुरा हाल है। वहीं छोटा अरविंद दहशत और अनिश्चित भविष्य को लेकर सहमा हुआ है। परिवार को अब मदद और सहारे की बेहद जरूरत है।

Big Reform in GST: Big reform in GST...! Now 40% tax on tobacco, cold drinks, fast food and luxury items...IPL tickets also expensive...see list here
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Big Reform in GST : जीएसटी में बड़ा रिफॉर्म…! तंबाकू, कोल्ड ड्रिंक, फास्ट फूड और लग्जरी आइटम्स पर अब 40% टैक्स…IPL टिकट भी महंगे…यहां देखें List

नई दिल्ली, 04 सितंबर। Big Reform in GST : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 15 अगस्त को किए गए जीएसटी रिफॉर्म के ऐलान के बाद अब जीएसटी काउंसिल ने कर दरों और टैक्स स्लैब को लेकर बड़ा फैसला लिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में 40% का नया ‘सिन गुड्स स्लैब’ लागू किया गया है, जिसमें सेहत और वित्तीय दृष्टि से हानिकारक सामानों को शामिल किया गया है। क्या है ‘सिन गुड्स स्लैब’? ‘सिन गुड्स (Sin Goods)’ वे वस्तुएं और सेवाएं होती हैं जो व्यक्ति की सेहत या वित्तीय स्थिति को नुकसान पहुंचाती हैं। इनकी खपत को कम करने के लिए सरकार ने अब इन पर 40% जीएसटी लगाने का फैसला किया है। वित्त मंत्री ने बताया कि इसके अलावा सामान्य उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए अब सिर्फ दो मुख्य टैक्स स्लैब, 5% और 18% ही रहेंगे। 40% टैक्स स्लैब में शामिल वस्तुएं और सेवाएं तंबाकू उत्पाद हानिकारक पेय पदार्थ हाई परफॉर्मेंस वाहन और लग्जरी गाड़ियां सुपर लग्जरी सामान आईपीएल टिकट पर भी 40% जीएसटी क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक बड़ा झटका ,अब आईपीएल मैच के टिकटों पर भी 40% जीएसटी लगाया जाएगा। पहले इस पर 28% जीएसटी लगता था। अन्य वस्तुएं

Ganesh Utsav: 'Bappa' decorated with 1.51 crore notes of 50, 100, 200 and 500 rupees...! A flood of devotees gathered... see here
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Ganesh Utsav : 50, 100, 200 और 500 रुपये के 1.51 करोड़ नोटों से सजा ‘बप्पा’…! उमड़ा भक्तों का सैलाब…यहां देखें

नई दिल्ली, 03 सितंबर। Ganesh Utsav : राजस्थान की लेकसिटी उदयपुर इन दिनों गणेश महोत्सव के उल्लास में सराबोर है। हर साल की तरह इस बार भी ‘उदयपुर चा राजा’ की भव्य प्रतिमा और उसका नोटों से किया गया अलौकिक श्रृंगार पूरे शहर की आस्था और आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। बापू बाजार स्थित श्री स्वास्तिक विनायक गणपति मंडल की ओर से स्थापित की गई 17 फीट ऊंची भगवान गणेश की प्रतिमा इस बार खास इसलिए भी है क्योंकि इसका श्रृंगार 50, 100, 200 और 500 रुपये के 1 करोड़ 51 लाख की राशि वाले असली नोटों से किया गया है। श्रृंगार को तैयार करने के लिए मुंबई से आई आठ सदस्यीय विशेषज्ञ टीम ने पिछले पांच दिनों तक लगातार कार्य किया। यह नयनाभिराम आंगी न केवल भक्ति भाव को दर्शाती है, बल्कि भक्तों को चकित भी कर रही है। मंडल के सदस्यों के अनुसार, इस विशेष श्रृंगार की शुरुआत 5 लाख 55 हजार 555 रुपये से हुई थी, जो हर वर्ष भक्तों के सहयोग से बढ़ती चली गई। पिछले वर्षों में यह राशि क्रमश, 7,77,777, 11,11,111 से बढ़ते हुए इस साल 1.51 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। यह पूरी राशि मंडल के 30 कार्यकर्ताओं द्वारा आपसी सहयोग से एकत्रित की जाती है और उत्सव के पश्चात उन्हें लौटा दी जाती है। यह एक सामूहिक भक्ति और पारदर्शिता का सुंदर उदाहरण भी है। उदयपुर चा राजा’ बन रहा है नया प्रतीक श्रद्धालुओं का कहना है कि जैसे मुंबई का ‘लालबाग का राजा’ गणेश चतुर्थी का राष्ट्रीय प्रतीक बन चुका है, वैसे ही ‘उदयपुर चा राजा’ अब लेकसिटी में धार्मिक आस्था, सामाजिक समर्पण और सांस्कृतिक सौंदर्य का प्रतीक बनकर उभर रहा है। गणपति बप्पा के दरबार को भी भव्य मंडप, विशेष लाइटिंग, और सुरक्षा व्यवस्था के साथ सजाया गया है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आ रहे हैं और इस अनुपम श्रृंगार को देखकर मंत्रमुग्ध हो रहे हैं। गणेश चतुर्थी (Ganesh Utsav) का यह पर्व 27 अगस्त से शुरू होकर 6 सितंबर तक चलेगा। आयोजक मंडल का कहना है कि वे न केवल भक्ति बल्कि पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक विरासत को भी इस उत्सव का हिस्सा बना रहे हैं।

Historic Decision in HC: High-paid wife asks for alimony from husband... High Court's clear decision...? See here
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Historic Decision in HC : उच्च वेतन वाली पत्नी ने पति से मांगा गुजारा भत्ता…हाईकोर्ट का दो-टूक फैसला…? यहां देखिए

लखनऊ, 1 सितंबर। Historic Decision in HC : पारिवारिक विवादों से जुड़े मामलों में एक महत्वपूर्ण नजीर पेश करते हुए लखनऊ हाईकोर्ट की एकल पीठ ने साफ कर दिया है कि अगर पत्नी खुद आर्थिक रूप से सक्षम है और अच्छा वेतन कमा रही है, तो वह पति से गुजारा भत्ता (भरण-पोषण) की हकदार नहीं हो सकती। यह फैसला न्यायमूर्ति सौरभ लवानिया की पीठ ने सुनाया, जिसमें पारिवारिक न्यायालय के उस आदेश को पलट दिया गया, जिसमें पति को पत्नी को हर महीने ₹15,000 भरण-पोषण के तौर पर देने का निर्देश दिया गया था। दोनों सॉफ्टवेयर इंजीनियर, लेकिन गुजारा भत्ता सिर्फ बच्चे को मामला एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर दंपति के बीच चल रहे पारिवारिक विवाद से जुड़ा है। पति की आय लगभग ₹1.75 लाख प्रति माह है, जबकि पत्नी भी एक प्रतिष्ठित कंपनी में कार्यरत है और ₹73,000 प्रति माह कमाती है। इसके अलावा पत्नी के पास 80 लाख रुपये मूल्य का फ्लैट भी है, जिसे उसने खुद खरीदा है। पति ने हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए तर्क दिया कि जब पत्नी स्वयं आत्मनिर्भर है, तो वह भरण-पोषण की पात्र नहीं हो सकती। कोर्ट ने इस तर्क को उचित माना और पारिवारिक न्यायालय के आदेश को त्रुटिपूर्ण बताते हुए रद्द कर दिया। बच्चे के भरण-पोषण से नहीं हट सकती जिम्मेदारी हालांकि, कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यह मामला सिर्फ पति-पत्नी के बीच नहीं है, बल्कि इसमें नाबालिग बच्चे के अधिकार भी शामिल हैं। अदालत ने कहा कि बच्चे की जरूरतों की जिम्मेदारी पिता की बनी रहेगी। इस आधार पर कोर्ट ने पति को आदेश दिया कि वह हर महीने ₹25,000 रुपये अपने बच्चे के भरण-पोषण के लिए देता रहे। न्याय की नई दृष्टि इस फैसले को पारिवारिक मामलों में एक महत्वपूर्ण मिसाल माना जा रहा है। हाईकोर्ट ने दो टूक कहा कि, “गुजारा भत्ता की अवधारणा उसी स्थिति में लागू होती है, जब पत्नी को जीविकोपार्जन के लिए पति पर निर्भर रहना पड़े। यदि वह आर्थिक रूप से स्वतंत्र है, तो भरण-पोषण की मांग औचित्यहीन हो जाती है।” भविष्य के मामलों में बनेगी नजीर कानूनी विशेषज्ञों (Historic Decision in HC) का मानना है कि यह फैसला भविष्य में चल रहे हजारों पारिवारिक विवादों के लिए दिशा-निर्देशक साबित हो सकता है, खासकर उन मामलों में जहां दोनों पक्ष अच्छी आय अर्जित करते हैं और विवाद केवल अधिकारों और दायित्वों की व्याख्या पर केंद्रित होता है।

Excellent Artisan: Excellent craftsmanship of the artisan...! Eco-friendly Ganesh made from 10 types of pulses... If you don't believe it, see the pictures here
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Excellent Artisan : कारीगर की उत्कृष्ट शिल्पकला…! 10 तरह की दालों से बने इको-फ्रेंडली गणेश…यकीन न हो तो यहां देखें तस्वीरें

नई दिल्ली, 30 अगस्त। Excellent Artisan : इस साल गणेशोत्सव 27 अगस्त से शुरू होकर 6 सितंबर तक मनाया जाएगा। हिंदू धर्म में इस पर्व का खास महत्व बताया गया है। माना जाता है कि इन 10 दिनों तक बाप्पा हर घर में विराजते हैं। जगह-जगह पर घरों और पंडालों में उनकी स्थापना होती है। इसी कड़ी में महाराष्ट्र के वाशिम जिला स्थित कारंजा शहर में बाप्पा की एक अनोखी और ईको फ्रेंडली प्रतिमा ने सभी का ध्यान खींचा लिया है। दरअसल, भाजी बाजार परिसर के श्री बाल हौसी गणेश मंडल ने इस साल पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए भगवान गणेश की ईको फ्रेंडली प्रतिमा बनाई है, जो पूरी तरह दाल से सजी है। मंडल के सदस्य सुमेत येवतेकर ने कहा कि बाकी मंडलों को भी डीजे और सजावट पर फिजूलखर्च करने की बजाय इको-फ्रेंडली मूर्तियां बनानी चाहिए। उनके अनुसार, पर्यावरण ही असली देवता है, इसे बचाना हर किसी का फर्ज है। आमतौर पर चना, उड़द, मसूर और मूंग की दाल हमारे खाने में इस्तेमाल होती है, लेकिन इस मंडल ने इन्हीं दालों से बाप्पा की भव्य प्रतिमा को तैयार की है। खास बात यह है कि इसमें 10 से 12 तरह की दालें इस्तेमाल की गई हैं। प्रतिमा करीब 8 फीट ऊंची है और इसका वजन 100 किलो है। बाप्पा के हाथ में लड्डू, हाथों के नाखून और गहने भी दालों से ही बनाए गए हैं। देखने में यह मूर्ति जितनी सुंदर लगती है, कारीगरों की उतनी ही मेहनत इसमें झलकती है। प्रतिमा बनाने वाले (Excellent Artisan) अमित करे का कहना है कि इसके लिए पहले मिट्टी से ढांचा तैयार किया गया था और फिर उस पर अलग-अलग तरह की दालें चिपकाई गई थीं। इसे बनाने में करीब 15 दिन लगे थे।