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Liquor Scam: Big news from Raipur…! Bhupesh Baghel's son Chaitanya Baghel appeared in Chhattisgarh liquor scam… judicial remand extended till September 15
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Liquor Scam : रायपुर से बड़ी खबर…! शराब घोटाले में भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की पेशी…15 सितंबर तक न्यायिक रिमांड बढ़ी

रायपुर, 07 सितंबर। Liquor Scam : छत्तीसगढ़ के चर्चित शराब घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच के तहत आज एक महत्वपूर्ण सुनवाई हुई। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ED की विशेष कोर्ट में पेशी कराई गई। कोर्ट ने चैतन्य बघेल की न्यायिक रिमांड 15 सितंबर 2025 तक बढ़ा दी है। माना जा रहा है कि 15 सितंबर को उनके खिलाफ चालान दाखिल किया जा सकता है, जिससे पूरे मामले की कानूनी प्रक्रिया एक निर्णायक मोड़ पर पहुंच सकती है। यह सुनवाई रायपुर स्थित ईडी की विशेष अदालत में हुई, जहां जांच एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट और केस से जुड़े कुछ अहम दस्तावेज भी पेश किए। ईडी पहले ही इस घोटाले में कई बड़े अधिकारियों और कारोबारी व्यक्तियों से पूछताछ कर चुकी है। शराब घोटाले में करोड़ों के अवैध लेन-देन और कमीशन का मामला छत्तीसगढ़ में यह शराब घोटाला (Liquor Scam) करोड़ों रुपये के अवैध लेन-देन और कमीशनखोरी से जुड़ा हुआ है, जिसमें कई प्रभावशाली नामों की संलिप्तता की जांच चल रही है। चैतन्य बघेल का नाम इस केस में आने के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। इस मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल या कांग्रेस पार्टी की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। जैसे-जैसे 15 सितंबर की तारीख नज़दीक आती है, निगाहें इस बात पर टिकी होंगी कि ED चालान में क्या सबूत और आरोप पेश करती है।

Politics heated up over NHM workers' strike...! TS Singhdev's statement exposed Congress...PCC chief defended...Listen to the video here
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NHM कर्मियों की हड़ताल पर गरमाई सियासत…! टीएस सिंहदेव के बयान ने खोली कांग्रेस की पोल…PCC चीफ ने किया बचाव…यहां सुनिए VIDEO

रायपुर, 03 सितंबर। NHM कर्मियों की हड़ताल आज 17वें दिन भी जारी है। नियमितीकरण समेत 10 प्रमुख मांगों को लेकर आंदोलनरत कर्मियों को अब राजनीतिक दलों का समर्थन भी मिलने लगा है। मगर इसी बीच पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव का एक बयान कांग्रेस के लिए सियासी मुश्किलें बढ़ा रहा है। कांग्रेस पर सिंहदेव का ‘सीधा वार’ टीएस सिंहदेव का एक वायरल वीडियो इस समय सोशल मीडिया पर छाया हुआ है। वीडियो में सिंहदेव स्पष्ट रूप से स्वीकार करते नजर आ रहे हैं कि कांग्रेस ने 2018 के चुनावी घोषणा पत्र में NHM कर्मियों के नियमितीकरण का वादा किया था, जिसे सरकार रहते पूरा नहीं किया गया। उन्होंने कहा, हमसे वादा किया गया था, लेकिन वह वादा पूरा नहीं हुआ। शायद यही कारण था कि हम चुनाव हार गए और सरकार चली गई। सिंहदेव के इस बयान से कांग्रेस नेतृत्व असहज नजर आ रहा है, क्योंकि यह टिप्पणी पार्टी की नाकामी को खुद उसके ही वरिष्ठ नेता की ओर से उजागर करती है। राजनीति की नई करवट जहां एक ओर NHM कर्मी 18 अगस्त से अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं, वहीं अब इस आंदोलन को सियासी समर्थन भी मिलने लगा है। भाजपा सांसद विजय बघेल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर NHM कर्मियों की मांगों को ‘न्यायोचित’ बताया। सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कर्मियों से मुलाकात कर उनके आंदोलन को समर्थन दिया। लेकिन सियासत तब और तेज हो गई जब कैबिनेट मंत्री टंक राम वर्मा ने टीएस सिंहदेव के बयान पर पलटवार करते हुए कहा, कांग्रेस की हार के पीछे सिर्फ एक वादा नहीं, बल्कि रेत, कोयला और पीएससी जैसे कई घोटाले भी कारण थे। कांग्रेस में भी मतभेद  टीएस सिंहदेव के बयान से उपजी असहजता को कांग्रेस ने संभालने की कोशिश की। प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने बयान का बचाव करते हुए कहा, हमने पहले ही स्वीकार किया है कि कुछ कमियां रह गई थीं। बाबा साहेब (टीएस सिंहदेव) ने वही बात दोहराई है जो हमने भी मानी है। यहां यह बताना जरूरी है कि, 2023 की विधानसभा चुनाव हार के लगभग डेढ़ साल बाद कांग्रेस फिर से अपने अधूरे वादों की गूंज से जूझ रही है। NHM कर्मियों की मांगें अभी भी जस की तस हैं, लेकिन राजनीति बयानबाज़ी तेज होती जा रही है।

Name in Voter List: Election Commission issues notice to Congress spokesperson Pawan Khera... asks for reply by September 8
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Name in Voter List : कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा को चुनाव आयोग का नोटिस…8 सितंबर तक मांगा जवाब

नई दिल्ली, 02 सितंबर। Name in Voter List : वोटर लिस्ट में कथित गड़बड़ी के मुद्दे पर देशभर में विपक्ष लगातार सरकार और चुनाव आयोग पर सवाल उठा रहा है। इसी बीच कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा खुद दो वोटर लिस्ट में नाम दर्ज होने के आरोपों में घिरते नजर आ रहे हैं। अब चुनाव आयोग ने इस मामले में उन्हें औपचारिक नोटिस भेजकर 8 सितंबर तक जवाब देने को कहा है। क्या है मामला? भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने पवन खेड़ा पर आरोप लगाया था कि उनका नाम दिल्ली की दो विधानसभा सीटों, राजेन्द्र नगर और कलकाजी की मतदाता सूची में दर्ज है। यदि यह आरोप सही साबित होता है, तो यह चुनाव नियमों का उल्लंघन माना जा सकता है, क्योंकि एक व्यक्ति एक ही स्थान पर मतदाता के रूप में पंजीकृत हो सकता है। चुनाव आयोग की कार्रवाई चुनाव आयोग ने इस शिकायत को संज्ञान में लेते हुए पवन खेड़ा को नोटिस जारी किया है। नोटिस में उनसे 8 सितंबर को सुबह 11 बजे तक जवाब देने को कहा गया है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि यदि तय समय सीमा में जवाब नहीं दिया गया, तो आगे कानूनी प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के बीच विवाद यह मामला ऐसे समय पर सामने आया है, जब विपक्ष नेता राहुल गांधी ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के (Name in Voter List) माध्यम से मतदाता सूची में पारदर्शिता और ईवीएम की विश्वसनीयता जैसे मुद्दों को लेकर अभियान चला रहे हैं। बिहार में यात्रा के दौरान उन्हें आरजेडी और अन्य दलों का समर्थन भी मिला है। ऐसे में पवन खेड़ा पर लगा यह आरोप राजनीतिक रूप से विपक्ष के लिए असहज स्थिति पैदा कर सकता है।

Ex Vice President: Former Vice President Jagdeep Dhankhar sought MP and MLA pension...! Applied in Rajasthan Assembly
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Ex Vice President : पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मांगी सांसद और विधायक पेंशन…! राजस्थान विधानसभा में किया अप्लाई

जयपुर/नई दिल्ली, 30 अगस्त। Ex Vice President : देश के पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने राजस्थान विधानसभा से पेंशन प्राप्त करने के लिए औपचारिक आवेदन किया है। धनखड़ वर्ष 1993 में कांग्रेस के टिकट पर अजमेर जिले की किशनगढ़ सीट से विधायक चुने गए थे। विधायक रहने के नाते उन्हें अब विधानसभा से मासिक पेंशन प्राप्त करने का अधिकार है। मिलेगी ₹42,000 की मासिक पेंशन वर्तमान में 74 वर्षीय धनखड़ को राजस्थान विधानसभा से लगभग ₹42,000 प्रति माह की पेंशन मिलेगी। राजस्थान में जनप्रतिनिधियों के लिए दोहरी व तिहरी पेंशन प्रणाली लागू है। यदि कोई व्यक्ति सांसद और विधायक दोनों पदों पर रह चुका है, तो वह दोनों की पेंशन प्राप्त कर सकता है। यही कारण है कि कई पूर्व नेता एक साथ विभिन्न पदों की पेंशन प्राप्त कर रहे हैं। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने पुष्टि की है कि धनखड़ का आवेदन विधानसभा को प्राप्त हो गया है और उस पर प्रक्रिया जारी है। इस्तीफे से पहले उठी राजनीतिक हलचल धनखड़ ने हाल ही में अचानक उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने 21 जुलाई 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर अपने इस्तीफे की जानकारी दी। अपने पत्र में उन्होंने स्वास्थ्य कारणों को इस्तीफे का आधार बताया। ध्यान देने वाली बात यह है कि उनका कार्यकाल अभी शेष था, ऐसे में यह फैसला राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है। विपक्ष ने खड़े किए सवाल पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने इस पूरे घटनाक्रम पर तंज कसते हुए कहा, अब तक तो ‘लापता लेडीज’ के बारे में सुना था, अब ‘लापता वाइस प्रेसिडेंट’ का मामला पहली बार देखा। उन्होंने कहा कि धनखड़ की सुरक्षा को लेकर विपक्ष को सतर्क रहना चाहिए। सिब्बल ने यह भी दावा किया कि इस्तीफे के बाद उन्होंने धनखड़ के निजी सचिव से संपर्क किया, जहाँ उन्हें सिर्फ इतना बताया गया कि वे आराम कर रहे हैं। इसके बाद से उनकी कोई बातचीत नहीं हुई, कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली और न ही उनकी वर्तमान लोकेशन का पता है। पूर्व उपराष्ट्रपति धनखड़ का पेंशन के लिए आवेदन करना एक सामान्य प्रक्रिया हो सकती है, लेकिन इस्तीफे की टाइमिंग और मौजूदा रहस्यमय चुप्पी ने इसे एक राजनीतिक मुद्दा बना दिया है। विपक्ष लगातार पारदर्शिता की मांग कर रहा है और देश के दूसरे सर्वोच्च संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति के अचानक गायब हो जाने को लेकर गंभीर सवाल उठा रहा है। कहां हैं धनखड़? पिछले महीने उपराष्ट्रपति पद से अचानक इस्तीफा देने वाले जगदीप धनखड़ अपने परिवार के साथ समय बिताने के साथ ही नियमित रूप से योगाभ्यास कर रहे हैं और टेबल टेनिस खेल रहे हैं। अगस्त 2022 में उपराष्ट्रपति निर्वाचित होने से पहले धनखड़ जब पश्चिम बंगाल के राज्यपाल थे, तब उन्होंने शौकिया टेबल टेनिस खेलना शुरू किया था। धनखड़ की दिनचर्या से वाकिफ लोगों ने बताया कि वह नियमित रूप से योग अभ्यास करते हैं और उपराष्ट्रपति एनक्लेव में अपने शुभचिंतकों व स्टाफ सदस्यों के साथ टेबल टेनिस खेलते हैं। पूर्व उपराष्ट्रपति की दिनचर्या से अवगत एक व्यक्ति ने बताया, “यहां तक ​​कि यात्रा से लौटने के बाद भी वह अपने स्टाफ सदस्यों के साथ टेबल टेनिस खेलते थे।” धनखड़ ने 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अचानक उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके उत्तराधिकारी को चुनने के लिए नौ सितंबर को चुनाव होने हैं।

Euthanasia: BJP leader had asked for euthanasia...! Minister Laxmi Rajwade met him...referred to Raipur for better treatment
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Euthanasia : भाजपा नेता ने मांगी थी इच्छामृत्यु…! मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने की मुलाकात…बेहतर इलाज के लिए रायपुर रेफ़र

रायपुर, 28 अगस्त। Euthanasia : छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले के भाजपा नेता विशंभर यादव की बिगड़ती हालत को लेकर सरकार गंभीर नजर आ रही है। राज्य मंत्री रामविचार लक्ष्मी राजवाड़े ने बीती रात विशंभर यादव से मुलाकात की और उन्हें बेहतर इलाज के लिए रायपुर भेजा गया है। मंत्री राजवाड़े ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर जानकारी साझा करते हुए लिखा कि “भाजपा के समर्पित कार्यकर्ता एवं सूरजपुर जिले के पूर्व पदाधिकारी विशंभर यादव, वर्ष 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में शामिल होने रायपुर जाते समय सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गए थे। तब से वे रीढ़ की हड्डी में लगी चोट के कारण लगातार पीड़ा झेल रहे हैं।” इच्छामृत्यु की मांग से हड़कंप हाल ही में विशंभर यादव ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र लिखकर इच्छामृत्यु की मांग की थी। उन्होंने पत्र में लिखा कि आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण वे इलाज नहीं करवा पा रहे हैं और अब जीना नहीं चाहते। मंत्री का आश्वासन बता दें कि आज प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े (Euthanasia) और प्रेमनगर विधायक भूलन सिंह मरावी खुद सूरजपुर पहुंचे और विशंभर यादव से मुलाकात की। इसके बाद एंबुलेंस की व्यवस्था कर उन्हें बेहतर उपचार के लिए रायपुर रेफर किया गया। रायपुर में स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल की देखरेख में एक अच्छे अस्पताल में उनका इलाज कराया जाएगा। मंत्री राजवाड़े ने कहा कि “सरकार उनके इलाज को लेकर पूरी तरह गंभीर है और यह सुनिश्चित करेगी कि उन्हें सर्वोत्तम उपचार मिले।” लक्ष्मी राजवाड़े ने की मुलाकात बेहतर उपचार के लिए रायपुर रेफर

PCC chief Allegation: Deepak Baij attacks BJP government...! There should be a CBI inquiry into the scam in PSC...Bastar rain victims should get immediate compensation
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PCC chief Allegation : दीपक बैज का BJP सरकार पर हमला…! PSC में घोटाले की CBI जांच हो…बस्तर बारिश पीड़ितों को तुरंत मुआवज़ा मिले

रायपुर, 28 अगस्त। PCC chief Allegation : प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने आज पत्रकारों से चर्चा के दौरान छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा ने राज्य लोकसेवा आयोग (CGPSC) जैसी प्रतिष्ठित संस्था को मजाक बना दिया है। जांचकर्ता के नाम हुए सार्वजनिक दीपक बैज ने कहा कि पीएससी की परीक्षा में उत्तर पुस्तिकाएं जांचने वाले शिक्षकों के नाम सार्वजनिक हो रहे हैं, जो गोपनीयता के नियमों का उल्लंघन है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बिलासपुर पीजीबीटी कॉलेज के डेपुटेशन शिक्षक, जैसे विद्याभूषण शर्मा, सलीम जावेद और कॉलेज की प्रिंसिपल का नाम सामने आया है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब कक्षा 5 की परीक्षा तक में मूल्यांकनकर्ता गोपनीय रहते हैं, तो एसडीएम, डीएसपी जैसे प्रशासनिक पदों के लिए हुई परीक्षा में यह लापरवाही कैसे हुई? बैज ने मांग की कि इस मामले में भी सीबीआई जांच कराई जाए ताकि पीएससी की निष्पक्षता और पारदर्शिता पर से उठता विश्वास बहाल हो सके। बस्तर में भारी बारिश से तबाही, सरकार दे मुआवज़ा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने बस्तर में लगातार हो रही बारिश पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि कई गांवों का संपर्क टूट गया है, सैकड़ों घर ढह चुके हैं, और लोगों के पास खाने तक को अनाज नहीं बचा है। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि वो तुरंत मुआवज़ा, राशन और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकारी राहत कार्य नाकाफी और धीमे हैं। अमेरिकी टैरिफ से छत्तीसगढ़ के निर्यात पर 95% असर बैज ने अमेरिका द्वारा भारतीय उत्पादों पर लगाए गए 50% आयात शुल्क (टैरिफ) को लेकर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि इसका सबसे बड़ा नुकसान छत्तीसगढ़ के उत्पादकों और कारीगरों को होगा। राज्य से अमेरिका को गैर-बासमती चावल, तेंदूपत्ता, जड़ी-बूटियां, हस्तशिल्प, लकड़ी की मूर्तियां और धातु कला जैसी चीज़ें निर्यात होती थीं। लेकिन अब ये उत्पाद बेहद महंगे हो जाएंगे, जिससे उनकी मांग घटेगी और बेरोजगारी बढ़ेगी। शांति नगर को ऑक्सीजोन बनाया जाए रायपुर के शांति नगर इरिगेशन कॉलोनी को तोड़कर वहां होटल, मॉल और क्लब बनाए जाने की खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए बैज ने कहा कि रायपुर पहले ही हरियाली और खुले मैदानों की कमी से जूझ रहा है। उन्होंने सुझाव दिया कि शांति नगर को ऑक्सीजोन या खेल मैदान के रूप में विकसित किया जाए। यदि सरकार को मॉल और होटल बनाने ही हैं तो नया रायपुर (PCC chief Allegation) में बनाए, जहां पर पर्याप्त खाली भूमि और अवसंरचना मौजूद है। दीपक बैज के इन बयानों से स्पष्ट है कि कांग्रेस भाजपा सरकार को युवाओं, किसानों, और आम नागरिकों के मुद्दों पर लगातार घेरने की रणनीति अपना रही है।

Political War: We will snatch PCC chief Deepak's chair and make our own man sit in it...! BJP targets Congress by releasing cartoon poster... see here
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Political War : PCC चीफ दीपक की कुर्सी छीन के अपने आदमी बैठाएंगे…! भाजपा ने कार्टून पोस्टर जारी कर कांग्रेस पर साधा निशाना…यहां देखें

रायपुर, 27 अगस्त। Political War : छत्तीसगढ़ की राजनीति में इन दिनों कांग्रेस की आंतरिक खींचतान चर्चा का विषय बनी हुई है। पूर्व मंत्री रविन्द्र चौबे द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के समर्थन में दिए गए बयान के बाद शुरू हुई राजनीतिक हलचल थमने का नाम नहीं ले रही। अब इस मामले में भाजपा ने मोर्चा खोल दिया है और सोशल मीडिया पर व्यंग्यात्मक कार्टून पोस्टर जारी कर कांग्रेस की गुटबाजी पर करारा तंज कसा है। क्या है भाजपा का पोस्टर संदेश? भाजपा द्वारा जारी कार्टून में कांग्रेस पार्टी को आंतरिक संघर्ष, गुटबाजी और नेतृत्व की खींचतान में उलझी हुई दिखाया गया है। पोस्टर में बड़ी लाइन लिखी गई है, “कांग्रेस में मची है रार… एक-दूसरे को ही निपटाने कर रहे तकरार!” पोस्टर में कांग्रेस नेताओं को कुर्सी के लिए खींचतान करते हुए दर्शाया गया है, और नेतृत्व को लेकर भ्रम का माहौल दिखाया गया है। चौबे के बयान से शुरू हुआ विवाद पूर्व मंत्री रविन्द्र चौबे ने भूपेश बघेल को लेकर बयान दिया था कि, “बघेल को नेतृत्व करना चाहिए।” इस बयान को लेकर कांग्रेस के भीतर ही भिन्न मत उभर आए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि “पार्टी से ऊपर कोई नहीं है।” इसके बाद से यह साफ हो गया कि कांग्रेस में संगठनात्मक मतभेद सतह पर आ चुके हैं। भाजपा ने चौबे के बयान को कांग्रेस की अंदरूनी गुटबाज़ी का प्रतीक बताते हुए कहा, कांग्रेस जनता का मुद्दा छोड़कर कुर्सी की लड़ाई में उलझी है। जिस पार्टी में आपसी विश्वास ही नहीं, वो राज्य की जनता का क्या नेतृत्व करेगी? भाजपा के मीडिया सेल ने कहा कि यह पोस्टर सिर्फ कटाक्ष नहीं, बल्कि कांग्रेस की वास्तविक स्थिति का चित्रण है। सार्वजनिक तकरार का लिया रूप राज्य में सत्ता से बाहर होने के बाद कांग्रेस में संघर्ष और आत्मथन जारी है, लेकिन अब वह सार्वजनिक तकरार का रूप लेता जा रहा है। भाजपा इसे भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही। चुनाव से पहले इस तरह के दृश्य न केवल कांग्रेस की साख पर असर डालते हैं, बल्कि जनता के सामने पार्टी की एकता और विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े करते हैं। चौबे का बयान (Political War) अब सिर्फ एक बयान नहीं रहा, वह भाजपा के लिए हथियार बन गया है। कांग्रेस को जहां अपने अंदरूनी मतभेदों को सुलझाने की जरूरत है, वहीं भाजपा अब प्रचार युद्ध में बढ़त लेने की रणनीति पर आगे बढ़ रही है।पोस्टर वॉर शायद एक शुरुआत है, आने वाले दिनों में यह राजनीतिक वार-पलटवार का नया ट्रेंड बन सकता है।

Statement by Ex Minister: Ruckus over statement about Bhupesh Baghel... silence on issues...! Leadership struggle vs public concern in Chhattisgarh Congress... Amidst all this, these 2 ministers of the party are neutral
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Statement by Ex Minister : भूपेश बघेल को लेकर बयान पर बवाल…मुद्दों पर खामोशी…! छत्तीसगढ़ कांग्रेस में नेतृत्व संघर्ष बनाम जनसरोकार…इस सबके बीच पार्टी के ये 2 मंत्री तटस्थ

रायपुर, 27 अगस्त। Statement by Ex Minister : छत्तीसगढ़ में सत्ता से बाहर हो चुकी कांग्रेस अब संगठनात्मक असमंजस और आपसी टकराव की गिरफ्त में नजर आ रही है। भूपेश बघेल के जन्मदिन पर पहुंचे पूर्व मंत्री रविंद्र चौबे के एक बयान ने प्रदेश कांग्रेस में हलचल मचा दी है। उन्होंने कहा था कि “भूपेश बघेल को पार्टी का नेतृत्व करना चाहिए”-बस, यहीं से बात बिगड़ गई। अब यह महज़ जन्मदिन की शुभकामना नहीं रही, बल्कि इसे अगली चुनावी दिशा तय करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि चौबे ने बाद में स्पष्ट किया कि “प्रदेश में सामूहिक नेतृत्व (Collective Leadership) से ही काम हो रहा है और चुनाव भी इसी तरह लड़े जाएंगे”, फिर भी राजनीतिक संकेतों को पढ़ने वाले लोग मानते हैं कि यह बयान यूं ही नहीं दिया गया। कांग्रेस में दो खेमों की लड़ाई? चौबे के इस बयान को लेकर प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि “पार्टी से ऊपर कोई नहीं है”, जबकि चौबे ने उन्हें “छोटा भाई” बताया। इस बयान को लेकर संगठन का एक धड़ा सक्रिय हो गया, मानो संगठन की एकजुटता खतरे में हो। सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या यह बघेल बनाम बैज खेमे की लड़ाई का इशारा है? मुद्दों पर चुप्पी क्यों? चर्चा इस बात पर होनी चाहिए थी कि- रायपुर में बढ़ते अपराधों पर कांग्रेस क्या कर रही है? कवर्धा कलेक्टर आवास घेराव पर पार्टी की स्थिति क्या है? बिलासपुर की बदहाल सड़कों, मस्तूरी की कोल वॉशरी समस्या, और महिला पार्षद पर एफआईआर जैसे स्थानीय मुद्दों पर कांग्रेस की आवाज़ कहां है? वास्तविक मुद्दों को छोड़कर केवल नेतृत्व को लेकर बयानबाजी पर फोकस होना, प्रदेश कांग्रेस की राजनीतिक धार को कुंद करता दिख रहा है। दो मंत्री तटस्थ इस पूरे घटनाक्रम में पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव की भूमिका अब भी अलग थलग है, वे कभी भी संगठनात्मक मुद्दों में खुद को प्रमुख रूप से नहीं जोड़ते। वहीं नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत की शैली हमेशा से ही ‘तटस्थ’ रही है, जो उन्हें बाकी नेताओं से भिन्न बनाती है। यह स्पष्ट होता जा रहा है कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस की प्राथमिकता जनसरोकारों के बजाय आंतरिक समीकरण साधने की हो चली है। संगठन जब मुद्दों की बजाय बयानों की dissecting में व्यस्त हो, तो वह जनता की नजरों में अप्रासंगिक होता चला जाता है। भूपेश बघेल की लोकप्रियता अभी भी पार्टी के भीतर (Statement by Ex Minister) मजबूत है, पर यह तय करना कि नेतृत्व किसके हाथ में होगा, संगठन के भविष्य की दिशा तय करेगा। लेकिन यह तय है कि बयान से राजनीति भले हो जाए, जमीन पर मौजूद न होना पार्टी की सबसे बड़ी कमजोरी बनती जा रही है।

Karni Sena's PC: Karni Sena's national president's stand point on the controversial Tomar brothers...! Said- misuse of party name...? Listen to the video here
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Karni Sena ki PC : विवादास्पद तोमर बंधुओं पर करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष का स्टैंड पॉइंट…! बोले- पार्टी नाम का दुरुपयोग…? यहां सुनिए VIDEO

रायपुर, 25 अगस्त। Karni Sena ki PC : छत्तीसगढ़ में तोमर बंधुओं को लेकर जारी विवाद पर आज राष्ट्रीय करणी सेना के अध्यक्ष महिपाल सिंह राजपूत ने प्रेसवार्ता कर बड़ी सफाई दी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि फरार वीरेंद्र सिंह तोमर और उनके भाईयों से करणी सेना का कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा, “तोमर बंधु करणी सेना का हिस्सा नहीं हैं। वे फर्जी संगठन चला रहे थे। हमारी संस्था ‘श्री राजपूत करणी सेना’ है, जो पूरी तरह स्वतंत्र और वैधानिक संगठन है। हम किसी का व्यक्तिगत विरोध या समर्थन नहीं करते। अगर कोई करणी सेना के नाम पर गलत काम करेगा, तो हम स्वयं कार्रवाई करेंगे। करणी सेना की सख्त चेतावनी महिपाल सिंह ने प्रेस को संबोधित करते हुए साफ शब्दों में कहा, तोमर बंधु अब हमारे संगठन का हिस्सा नहीं हैं। हमारी करणी सेना एक अलग संगठन है, कृपया हमें उनसे जोड़कर न देखा जाए। आप जिन लोगों को करणी सेना मान रहे हैं, वो गलत है। वीरेंद्र सिंह तोमर पर गंभीर आरोप बताया जा रहा है कि फरार चल रहे वीरेंद्र सिंह तोमर पर फर्जी संस्था चलाने और करणी सेना के नाम का दुरुपयोग करने का आरोप है। उनकी गतिविधियों से असहमत होकर राष्ट्रीय करणी सेना ने उन्हें पूरी तरह से दरकिनार कर दिया है। छत्तीसगढ़ में जल्द होगा करणी सेना का भव्य आयोजन महिपाल सिंह ने यह भी घोषणा की कि जल्द ही छत्तीसगढ़ में करणी सेना का भव्य आयोजन किया जाएगा, जिसमें संगठन की वास्तविक छवि और विचारधारा को जन-जन तक पहुंचाया जाएगा। करणी सेना (Karni Sena ki PC) की इस प्रेसवार्ता ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि संगठन किसी भी प्रकार के गलत कार्य या फर्जीवाड़े को स्वीकार नहीं करेगा, चाहे वह कोई भी व्यक्ति हो।

Teacher Recruitment Scam: These are the MLAs of the ruling party...! Fell in the mud while trying to jump and escape during ED raid...threw 2 mobiles in the pond too...still unsuccessful
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Teacher Recruitment Scam : ये हैं सत्ताधारी पार्टी के विधायक…! ED की रेड में कूदकर भागने की कोशिश में कीचड़ में गिर पड़ा…2 मोबाइल को तालाब में भी फेंका…फिर भी नाकाम

मुर्शिदाबाद, 25 अगस्त। Teacher Recruitment Scam : पश्चिम बंगाल में बहुचर्चित शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सोमवार को बड़ा एक्शन लेते हुए तृणमूल कांग्रेस (TMC) के विधायक जीवन कृष्ण साहा को गिरफ्तार कर लिया है। फिल्मी अंदाज़ में भागे विधायक ईडी की टीम जब मुर्शिदाबाद जिले के बुरवान स्थित उनके आवास पर तड़के छापेमारी करने पहुंची, तो विधायक दीवार कूदकर फरार होने की कोशिश करने लगे। कुछ ही दूरी पर खेत में भागते समय उन्हें ईडी अधिकारियों ने दौड़ाकर पकड़ लिया। ईडी अधिकारियों के मुताबिक, “उन्हें खेत में पकड़ा गया, उस वक्त उनके कपड़े और शरीर मिट्टी से सने हुए थे। सबूत मिटाने तालाब में फेंके मोबाइल रेड के दौरान विधायक ने महत्वपूर्ण सबूत नष्ट करने की कोशिश की। उन्होंने अपने दोनों मोबाइल फोन घर के पास बने तालाब में फेंक दिए, लेकिन ईडी टीम ने तालाब से दोनों फोन बरामद कर लिए हैं। अब इन्हें फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा जा रहा है। तीन जगहों पर छापेमारी किस आधार पर हुई कार्रवाई यह रेड बिरभूम निवासी एक मुखबिर की जानकारी (Teacher Recruitment Scam) पर की गई, जिसने भर्ती घोटाले से जुड़े लेन-देन का खुलासा किया था। वही व्यक्ति ईडी की टीम को लेकर टीएमसी विधायक के घर भी गया। पहले भी हो चुकी है पूछताछ और गिरफ्तारी अप्रैल 2023 में सीबीआई ने भी जीवन कृष्ण साहा को भर्ती घोटाले में गिरफ्तार किया था। मई 2023 में उन्हें जमानत मिली थी। इससे पहले ईडी उनकी पत्नी और परिजनों से पूछताछ कर चुकी है। अब क्या होगा? ईडी विधायक को कोलकाता ले जा रही है, जहां उन्हें ईडी कोर्ट में पेश किया जाएगा। एजेंसी मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही है, जबकि सीबीआई भर्ती घोटाले के आपराधिक पहलुओं की तह में जा रही है। यह गिरफ्तारी पश्चिम बंगाल की राजनीति में फिर हलचल पैदा कर सकती है। टीएमसी विधायक के भागने की कोशिश और सबूत मिटाने की कोशिश ने गंभीर सवाल खड़े किए हैं।