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Cabinet Expansion: Political congratulations pour in on the cabinet expansion... Congress MLA's witty jibe... said- dominance will remain... but whose...? See here
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Cabinet Expansion : साय कैबिनेट विस्तार पर सियासी बधाईयों का तांता…कांग्रेस MLA का चुटीला तंज…बोले- दबदबा बना रहेगा…लेकिन किसका…? यहां देखें

रायपुर, 20 अगस्त। Cabinet Expansion : छत्तीसगढ़ में आज हुए साय कैबिनेट विस्तार के बाद सियासी हलकों में बधाईयों और प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है। इसी बीच अकलतरा से कांग्रेस विधायक राघवेन्द्र कुमार सिंह ने एक अलग ही अंदाज़ में अपनी बधाई दी, जो अब चर्चा का विषय बन गई है। पूर्व कांग्रेसियों पर निशाना या शुभकामना विधायक राघवेन्द्र सिंह ने शपथ लेने वाले मंत्रियों में से राजेश अग्रवाल (अंबिकापुर) और गुरु खुशवंत साहब (आरंग) का नाम लेते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, “दो पूर्व कांग्रेसियों को मंत्री बनने पर हार्दिक बधाई। दबदबा बना रहेगा।” उनकी यह टिप्पणी राजनीतिक हलकों में शुभकामना के साथ-साथ चुटीला तंज भी मानी जा रही है। गौरतलब है कि दोनों नेता कभी कांग्रेस से जुड़े रहे हैं और अब भाजपा सरकार में मंत्री पद तक पहुंचे हैं। बता दें कि, गुरु खुशवंत साहब और राजेश अग्रवाल दोनों की छवि अपने-अपने क्षेत्र में जमीनी नेताओं की रही है। राजनीतिक सफर में पार्टी बदलाव के बावजूद दोनों ने जनता का भरोसा कायम रखा, और अब उन्हें मंत्री बनने का मौका मिला। कांग्रेस का सधा हुआ सियासी संदेश विधायक राघवेन्द्र सिंह का यह बयान भाजपा सरकार पर सीधा हमला नहीं करता, लेकिन यह जरूर दिखाता है कि कैबिनेट में शामिल नए चेहरों की पृष्ठभूमि को लेकर कांग्रेस सतर्क है और इस अवसर को सियासी रूप से भुनाने का प्रयास कर रही है। जहां एक ओर राज्य सरकार कैबिनेट विस्तार (Cabinet Expansion) के जरिए प्रशासनिक मजबूती की कोशिश में जुटी है, वहीं दूसरी ओर विपक्ष इस अवसर को राजनीतिक टिप्पणियों और कटाक्षों के लिए भी इस्तेमाल कर रहा है।

Chaitanya Baghel: Big news from Raipur...! Chaitanya Baghel sent to jail on 14-day judicial remand till September 6
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CG Liquor Scam : चैतन्य बघेल को लगा बड़ा झटका…! तीसरी बार 14 दिन की न्यायिक रिमांड…1 सितंबर को अगली सुनवाई…यहां देखें VIDEO

रायपुर, 18 अगस्त। CG Liquor Scam : छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले मामले में गिरफ्तार पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल की 14 दिन की न्यायिक रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद आज उन्हें विशेष न्यायालय में पेश किया गया। सुनवाई के दौरान विशेष अदालत ने उन्हें तीसरी बार 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 1 सितंबर को होगी। इस बीच प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने चैतन्य बघेल की 5 दिन की कस्टोडियल रिमांड (हिरासत में पूछताछ) की मांग की है, जिस पर 19 अगस्त को सुनवाई की जाएगी। चैतन्य को उनके जन्मदिन पर किया था गिरफ्तार गौरतलब है कि चैतन्य बघेल को 18 जुलाई, उनके जन्मदिन के दिन, भिलाई स्थित उनके निवास से धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी की जानकारी 21 जुलाई को ईडी रायपुर जोनल कार्यालय द्वारा प्रेस नोट जारी कर सार्वजनिक की गई थी। ईडी ने यह जांच एसीबी/ईओडब्ल्यू रायपुर द्वारा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 और भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू की थी। प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि इस शराब घोटाले से राज्य के खजाने को लगभग 2,500 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा है। यह रकम कथित तौर पर अवैध रूप से घोटाले से जुड़े लाभार्थियों की जेब में गई है। आगे की कार्रवाई अब 19 अगस्त को यह देखा जाएगा कि कोर्ट ईडी को चैतन्य बघेल (CG Liquor Scam) की कस्टडी में लेकर और पूछताछ की इजाजत देता है या नहीं। फिलहाल, चैतन्य बघेल न्यायिक हिरासत में जेल में हैं। यह मामला राजनीतिक गलियारों में हलचल मचाए हुए है और आने वाले दिनों में इसमें और भी अहम खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है।

Senior BJP Leader: NDA has nominated CP Radhakrishnan for the post of Vice President...current Governor of Maharashtra
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Senior BJP Leader : NDA ने उपराष्ट्रपति पद के लिए सीपी राधाकृष्णन को बनाया उम्मीदवार…महाराष्ट्र के वर्तमान राज्यपाल

नई दिल्ली, 17 अगस्त। Senior BJP Leader : राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर दी है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शनिवार को बताया कि सीपी राधाकृष्णन एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होंगे। फिलहाल राधाकृष्णन महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में कार्यरत हैं। जेपी नड्डा ने कहा कि भाजपा के संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद इस नाम पर सर्वसम्मति से मुहर लगी। उन्होंने विश्वास जताया कि राधाकृष्णन का अनुभव, उनकी प्रतिबद्धता और विचारधारा उपराष्ट्रपति पद के लिए उपयुक्त हैं। कौन हैं सीपी राधाकृष्णन? तमिलनाडु के तिरुप्पुर में 20 अक्टूबर 1957 को जन्मे चन्द्रपुरम पोनुस्वामी राधाकृष्णन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और जनसंघ से अपने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत करने वाले कद्दावर नेता हैं। उन्होंने दो बार—1998 और 1999—कोयंबटूर से लोकसभा सांसद के रूप में प्रतिनिधित्व किया। वर्ष 2003 से 2006 तक वे भाजपा तमिलनाडु के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे। उनकी पहचान एक जमीनी नेता और संगठन के प्रति समर्पित कार्यकर्ता के रूप में रही है। तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष रहते हुए 2004–2007 के दौरान उन्होंने 93 दिनों की रथ यात्रा निकाली थी। इस यात्रा का उद्देश्य था, नदी जोड़ो अभियान, आतंकवाद के विरुद्ध जनजागरण, और अस्पृश्यता का उन्मूलन। संवैधानिक पदों पर अनुभव राधाकृष्णन के पास संवैधानिक पदों का भी व्यापक अनुभव रहा है। फरवरी 2023 से जुलाई 2024 तक वे झारखंड के राज्यपाल रहे। मार्च से जुलाई 2024 तक तेलंगाना के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार संभाला। मार्च से अगस्त 2024 तक पुडुचेरी के उपराज्यपाल का कार्यभार भी उनके पास था। 31 जुलाई 2024 से वे महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में कार्यरत हैं। संसदीय भूमिका लोकसभा सांसद रहते हुए उन्होंने वस्त्र उद्योग पर स्थायी समिति की अध्यक्षता की और वित्तीय तथा सार्वजनिक उपक्रमों से जुड़ी कई महत्वपूर्ण समितियों में सक्रिय भूमिका निभाई। शैक्षणिक पृष्ठभूमि सीपी राधाकृष्णन ने कोयम्बटूर स्थित वी.ओ. चिदंबरम कॉलेज से बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (BBA) की डिग्री प्राप्त की है। एनडीए (Senior BJP Leader) द्वारा उनका नाम सामने आने के बाद राजनीतिक हलकों में यह चर्चा तेज़ हो गई है कि उनके अनुभव और संगठन में दीर्घकालिक योगदान को देखते हुए वे एक मजबूत उम्मीदवार साबित हो सकते हैं। अब सभी की निगाहें आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव पर टिकी हैं।

Independence Day 2025: Police officers and jawans of Chhattisgarh will be honored on Independence Day...see list here
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Announcement of New Team : भाजपा की नई टीम का ऐलान…यहां देखिए पूरी List

रायपुर, 13 अगस्त। Announcement of New Team : भारतीय जनता पार्टी प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव की नई टीम का ऐलान हो गया है। नई टीम में नए चेहरों को स्थान दिया गया है। बता दें कि किरण सिंहदेव की नई टीम को लेकर चर्चा कई दिनों से सरगर्म थी। जनवरी में प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर काबिज हुए थे, तब से वे अपनी पुरानी टीम के साथ काम कर रहे हैं। इनमें से केदार कश्यप मंत्री बन गए, अनुराग सिंहदेव नई जिम्मेदारी में आ गए, संजय श्रीवास्तव को भी नई जिम्मेदारी मिल चुकी है। रामू रोहरा महापौर के तौर पर सामने आ गए हैं।

Independence Day 2025: Police officers and jawans of Chhattisgarh will be honored on Independence Day...see list here
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Action by the EC : निर्वाचन आयोग की बड़ी कार्रवाई…! छत्तीसगढ़ के 9 दलों की मान्यता रद्द…देशभर के 344 दल भी सूची से बाहर…यहां देखें List

रायपुर, 11 अगस्त। Action by the EC : भारत निर्वाचन आयोग ने देशभर में निष्क्रिय और कागजी राजनीतिक दलों पर कड़ा शिकंजा कसते हुए 344 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (RUPPs) की मान्यता समाप्त कर दी है। इस ऐतिहासिक और साफ-सुथरी चुनाव प्रक्रिया की दिशा में उठाए गए कदम के तहत इन दलों को तकनीकी रूप से डीलिस्ट कर दिया गया है। इस बड़ी कार्रवाई की जद में छत्तीसगढ़ के भी 9 राजनीतिक दल आए हैं, जो अब निर्वाचन आयोग की सूची से हटा दिए गए हैं। जांच का आदेश और निष्कर्ष निर्वाचन आयोग ने यह कार्रवाई जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29A के तहत की है। इस धारा के अनुसार, प्रत्येक पंजीकृत राजनीतिक दल को अपने नाम, पता और पदाधिकारियों की जानकारी आयोग को देनी होती है। इनमें किसी भी प्रकार का बदलाव होने पर इसकी सूचना तत्काल आयोग को देना अनिवार्य होता है। साथ ही, यदि कोई दल लगातार 6 वर्षों तक किसी भी चुनाव में भाग नहीं लेता, तो उसे डीलिस्ट किया जा सकता है। जून 2025 में निर्वाचन आयोग ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (CEOs) को निर्देश दिया था कि वे 345 गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों की गतिविधियों, दस्तावेजों और नियमों के पालन की गहन जांच करें। जांच में पाया गया कि, कई दल चुनावी प्रक्रिया में सक्रिय नहीं थे। उन्होंने आयोग को अपनी अद्यतन जानकारी नहीं दी थी। कुछ दल केवल कागजों में ही अस्तित्व में थे और इनकी कोई जमीनी गतिविधि नहीं पाई गई। मान्यता रद्द पार्टियां छत्तीसगढ़ एकता पार्टी छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा छत्तीसगढ़ समाजवादी पार्टी छत्तीसगढ़ संयुक्त जातीय पार्टी छत्तीसगढ़ विकास पार्टी पृथक बस्तर राज्य पार्टी राष्ट्रीय आदिवासी बहुजन पार्टी राष्ट्रीय मानव एकता कांग्रेस पार्टी राष्ट्रीय समाजवाद पार्टी (संविधान मोर्चा) देश में वर्तमान स्थिति चुनाव आयोग की इस कार्रवाई के बाद अब भारत में 6 राष्ट्रीय दल, 67 राज्य स्तरीय दल (क्षेत्रीय दल) और 2,854 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल शेष रह गए हैं। निर्वाचन आयोग का मानना है कि यह कदम राजनीतिक दलों की जवाबदेही बढ़ाने और चुनावी प्रणाली को पारदर्शी बनाने की दिशा में अहम साबित होगा। आयोग ने स्पष्ट किया कि यह कवायद भविष्य में भी जारी रहेगी, जिससे निष्क्रिय और बेवजह पंजीकृत दलों को हटाया जा सके। छत्तीसगढ़ के जिन 9 दलों की मान्यता समाप्त हुई है, उनके नामों की घोषणा आयोग द्वारा जल्द की जाएगी। फिलहाल राज्य में मौजूद सक्रिय क्षेत्रीय और राष्ट्रीय दलों को इससे कोई असर नहीं पड़ा है। यह कार्रवाई यह भी संकेत देती है कि आने वाले समय में फर्जीवाड़े, बेनामी चंदा, और राजनीतिक दलों के नाम पर ग़ैर-कानूनी गतिविधियों पर निर्वाचन आयोग की नजर और सख्त होने वाली है।

Breaking...Deputy CM registered at two places...! Accused of having 2 EPIC cards...Questions raised on transparency of SIR process...See here
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Breaking…Deputy CM दो जगह पंजीकृत…! 2 EPIC कार्ड रखने का आरोप…SIR प्रक्रिया की पारदर्शिता पर उठे सवाल…यहां देखें

पटना, 10 अगस्त। Deputy CM : बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने राज्य की Special Intensive Revision (SIR) ड्राफ्ट वोटर लिस्ट को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया कि डिप्टी CM विजय कुमार सिन्हा के नाम पर दो अलग-अलग EPIC (वोटर आईडी) कार्ड हैं, जो दो अलग निर्वाचन क्षेत्रों, पटना और लखीसराय में पंजीकृत हैं और इसमें जन्मतिथि/उम्र भी अलग-अलग दर्ज है। उन्होंने दोनों EPIC के डिजिटल विवरण मीडिया के सामने प्रदर्शित किए। तेजस्वी ने सवाल उठाया- क्या यह SIR प्रक्रिया का दोष है या खुद डिप्टी CM की कथित “धांधली”? वहीं, विजय कुमार सिन्हा ने सफाई में कहा कि उन्होंने 5 अगस्त को पटना से नाम हटवाने के लिए BLO को आवेदन दिया है, जिससे दोबारा पंजीकरण की समस्या हो सकती है। चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया प्रारंभिक जांच में, आयोग ने आरवीसी संख्या RAB0456228 को सत्यापित कर बताया कि यह पहले के सालों (2015, 2020) में इस्तेमाल भी की गई है और वर्तमान ड्राफ्ट लिस्ट में भी मौजूद है। दूसरी संख्या, RAB2916120, किसी आधिकारिक रिकॉर्ड में नहीं मिली, इसकी उत्पत्ति और सत्यता की जांच जारी है। निर्वाचन आयोग ने तेजस्वी यादव को नोटिस जारी किया और उनसे संदिग्ध EPIC कार्ड (RAB2916120) को जांच के लिए सौंपने का निर्देश दिया है। इस कथित फर्जी दस्तावेज़ के उपयोग को आपराधिक प्रावधानों के तहत जांचा जाएगा और उन्हें 16 अगस्त तक यह कार्ड जमा करने को कहा गया है। राजनीतिक झंझावात दूसरी ओर, तेजस्वी ने आयोग पर फर्जी EPIC की कहानी बनाने का आरोप लगाया और SIR प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी और जनताविरोधी छंटनी का आरोप लगाया। NDA नेताओं ने RJD नेता पर दो वोटर आईडी रखने का आरोप लगाते हुए इसे अपराध करार दिया और चुनाव आयोग से FIR दर्ज करने की मांग की है। SIR ड्राफ्ट लिस्ट विवाद के बीच, EC ने बिहार में लगभग 65.6 लाख नामों को हटाया है, जिससे राज्य की मतदाता संख्या लगभग 7.89 करोड़ से घटकर 7.24 करोड़ हो गई है, यह व्यापक राजनीतिक और संवैधानिक बहस का विषय बना हुआ है। ये आरोप और प्रतिक्रिया बिहार की राजनीतिक गतिशीलता को और भी गर्म बना रहे हैं, विशेषकर विधानसभा चुनावों से पहले मतदाता सूची की समीक्षा पर राजनीति की तीव्रता को देखते हुए।

Satta App: Viral advertisement of Mahadev Satta App...! Ex CM Bhupesh Baghel's X post...wrote- Take ED and CBI sir...? See here
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Satta App : महादेव सट्टा ऐप के वायरल विज्ञापन…! Ex CM भूपेश बघेल का X पोस्ट…लिखा- लीजिए ED और CBI साहब…? यहां देखें

रायपुर, 10 अगस्त। Satta App : पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महादेव सट्टा ऐप के सोशल मीडिया पर छाए विज्ञापनों को लेकर बड़ी टिप्पणी की और ED/CBI को कोसा। भूपेश ने पूछा- अब कौन दे रहा है संरक्षण? केंद्रीय गृह मंत्री या छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री? उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या कार्रवाई केवल बयान देने पर होगी या वास्तविक कार्रवाई होनी चाहिए। बता दें कि, महादेव सट्टा ऐप मामले में छत्तीसगढ़ की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने पूर्व सीएम भूपेश बघेल समेत 21 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की थी, जिसमें एसारूप था कि प्रमोटर्स ने हवाला के माध्यम से प्रोटेक्शन मनी दी गई थी। इसमें भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश जैसी धाराओं के तहत मामला दर्ज हुआ था। वहीं, सीबीआई ने दिसंबर 2024 में FIR दर्ज की और मार्च-अप्रैल 2025 में छापे चलाए, जिसमें पूर्व सीएम को आरोपी नंबर 6 बनाया गया। बघेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि उनकी सरकार ने सट्टा ऐप (Satta App) पर कार्रवाई की थी, जबकि वर्तमान सरकार निष्क्रिय है, साथ ही उन्होंने राजनीतिक साजिश का भी आरोप लगाया।

Supreme Court gives a shock to Bhupesh Baghel...! Anticipatory bail plea rejected... See here what the court said...?
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Supreme Court से भूपेश बघेल को झटका…! अग्रिम जमानत याचिका खारिज…कोर्ट ने क्या कहा यहां देखें…?

रायपुर, 04 अगस्त। Supreme Court : छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका मिला है। गिरफ्तारी की आशंका को लेकर दाखिल अग्रिम जमानत याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने विचारार्थ स्वीकार करने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने याचिका को लौटा दिया और निर्देश दिया कि वे उचित फोरम यानी निचली अदालत में जाएं। क्या है मामला? भूपेश बघेल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर गिरफ्तारी की आशंका जताते हुए अग्रिम जमानत की मांग की थी। यह याचिका प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच और संभावित कार्रवाई को लेकर दायर की गई थी। पूर्व सीएम का कहना था कि राजनीतिक कारणों से उन्हें टारगेट किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, “आपको पहले निचली अदालत में जाना चाहिए। अग्रिम जमानत का पहला मंच ट्रायल कोर्ट ही है।” कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि वह सीधे सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं दे सकती, और मामले को योग्य न्यायालय में रखने की सलाह दी। अब आगे क्या? भूपेश बघेल को अब सेशन कोर्ट या हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन देना होगा। यदि वहां से राहत नहीं मिलती, तब वे पुनः सुप्रीम कोर्ट आ सकते हैं। राजनीतिक प्रतिक्रिया इस घटनाक्रम को लेकर छत्तीसगढ़ की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस ने इसे सत्ता के दुरुपयोग का मामला बताया है, जबकि बीजेपी नेताओं ने कहा कि “कानून सबके लिए समान है।” भूपेश बघेल का नाम पिछले कुछ समय से छत्तीसगढ़ में हुए कथित घोटालों और ईडी जांच में सामने आता रहा है। उन्होंने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा था कि यह राजनीतिक बदले की कार्रवाई है।

JMM Supremo: Former Jharkhand Chief Minister Shibu Soren passes away...! See Hemant Soren's emotional message here
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JMM Supremo : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का निधन…! यहां देखें हेमंत सोरेन का भावुक संदेश

रांची/नई दिल्ली, 04 अगस्त। JMM Supremo : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री, झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक और आदिवासी राजनीति की मजबूत आवाज शिबू सोरेन का सोमवार, 4 अगस्त को निधन हो गया। वह 81 वर्ष के थे। उनके निधन की पुष्टि उनके बेटे और राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने की। शिबू सोरेन बीते कई दिनों से दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में भर्ती थे और किडनी संबंधी गंभीर समस्याओं से जूझ रहे थे। उनकी हालत लगातार नाजुक बनी हुई थी और उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था। नेताओं और जनता में शोक की लहर शिबू सोरेन के निधन पर झारखंड से लेकर दिल्ली तक शोक की लहर दौड़ गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, राज्यपाल संतोष गंगवार, और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी सहित कई नेताओं ने उनके निधन पर गहरा दुख जताया है। प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर लिखा: “शिबू सोरेन एक ज़मीनी नेता थे, जिन्होंने जनता के प्रति अटूट समर्पण के साथ सार्वजनिक जीवन में ऊँचाइयाँ हासिल कीं। वे आदिवासी समुदायों, गरीबों और वंचितों के सशक्तिकरण के लिए विशेष रूप से समर्पित थे।” हेमंत सोरेन का भावुक संदेश मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक्स पर लिखा: “आदरणीय दिशोम गुरुजी हम सभी को छोड़कर चले गए हैं। आज मैं शून्य हो गया।” उनके इस संदेश से उनके निजी और राजनीतिक नुकसान का गहरा भाव स्पष्ट झलकता है। राजनीतिक सफर और योगदान ‘दिशोम गुरु’ के नाम से प्रसिद्ध शिबू सोरेन झारखंड के आदिवासी आंदोलन के अग्रदूत माने जाते हैं। उन्होंने झारखंड को अलग राज्य बनाने के लिए लंबा संघर्ष किया। वे तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री बने – 2005, 2008 और 2009 में, हालांकि उनका कोई कार्यकाल पूरा नहीं हो पाया। वे आठ बार दुमका से लोकसभा सांसद और दो बार राज्यसभा सांसद रहे। 2004 में कोयला मंत्री के रूप में भी वे केंद्र सरकार में शामिल हुए। परिवार और अंतिम क्षण उनके परिवार में बेटे और वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, विधायक बहू कल्पना सोरेन, और बेटे बसंत सोरेन हैं। निधन के समय पूरा परिवार दिल्ली में मौजूद था। जनता और कार्यकर्ताओं की श्रद्धांजलि राज्य भर में JMM के कार्यकर्ताओं और आम जनता ने सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों से श्रद्धांजलि अर्पित की। झारखंड में शोक की लहर है और संभावना है कि राज्य सरकार उनके सम्मान में राजकीय शोक की घोषणा कर सकती है। एक अपूरणीय क्षति शिबू सोरेन का निधन न सिर्फ JMM पार्टी, बल्कि पूरे झारखंड और (JMM Supremo) भारतीय राजनीति के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनकी राजनीतिक विरासत और आदिवासी हितों के लिए संघर्ष को हमेशा याद रखा जाएगा।

Prajwal Revanna: Mother raped, daughter's clothes removed and obscenity on video call...! This is Deve Gowda's grandson Prajwal Revanna...now sentenced to life imprisonment
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Prajwal Revanna : मां से रेप, बेटी के उतरवाए कपड़े और वीडियो कॉल पर अश्लीलता…! ऐसे है देवेगौड़ा के पोते प्रज्वल रेवन्ना…अब उम्रकैद की सजा

बेंगलुरु, 02 अगस्त। Prajwal Revanna : कर्नाटक के पूर्व सांसद और जेडीएस नेता प्रज्वल रेवन्ना को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। उन पर लगाए गए गंभीर आरोपों में शामिल हैं,बलात्कार, यौन शोषण, धमकी देना और डिजिटल अपराध है। बेंगलुरु में पीड़िता की मां से रेप, कई महिलाओं का यौन शोषण पीड़िता ने खुलासा किया था कि उसकी मां के साथ बेंगलुरु के बसवनगुड़ी स्थित आवास पर रेप किया गया। इस वारदात का वीडियो बाद में सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। केवल प्रज्वल ही नहीं, पीड़िता ने उसके पिता और जेडीएस के वरिष्ठ नेता एचडी रेवन्ना पर भी गंभीर आरोप लगाए थे। उसने कहा था कि बाप-बेटे आदतन अपराधी हैं। इन दोनों ने पीड़िता की मां के साथ घर में काम करने वाली अन्य महिला कर्मचारियों का भी यौन शोषण किया था। इस खुलासे के बाद तीन नौकरानियां भी सामने आई थीं। पीड़िता के पिता की नौकरी छीन ली, जमीन तक बेचनी पड़ी पीड़िता ने बताया था कि दो साल तक लगातार उत्पीड़न ने उसके परिवार को उजाड़ दिया। उसकी मां महीनों तक घर से दूर रहती थीं। आधी रात को ही फोन कर पाती थीं। पिता के साथ मारपीट हुई। उनको अपनी जमीन बेचनी पड़ी और नौकरी तक छिन गई। निर्णय की मुख्य बातें आरोपों की गहराई