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CG EX CM Bhupesh Baghel and this woman MLA have assets worth Rs 33.38 crore…! Know the condition of others
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CG EX CM भूपेश बघेल और इस महिला MLA के पास है 33.38 करोड़ की संपत्ति…! जानिए बाकियों का हाल

रायपुर, 5 दिसंबर। CG EX CM : 2023 में विश्लेषण किए गए 90 विजेता उम्मीदवारों में से 17 विजेता उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं। मंगलवार को एक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और छत्तीसगढ़ इलेक्शन वॉच ने छत्तीसगढ़ 2023 विधानसभा चुनावों में सभी 90 विजेता उम्मीदवारों के स्व-शपथ पत्रों का विश्लेषण किया। अपनी रिपोर्ट में कहा, ”2023 में विश्लेषण किए गए 90 विजेता उम्मीदवारों में से 17 (19 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं। 2018 में 24 विधायकों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किये थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि केवल 6 विजयी उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। 2018 में 13 विधायकों ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए थे। छत्तीसगढ़ में 72 विजयी उम्मीदवार है करोड़पति रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा के 54 विजेता उम्मीदवारों में से 12 और कांग्रेस के 35 विजेता उम्मीदवारों में से 5 ने हलफनामे में अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं। जबकि, भाजपा के 54 विजयी उम्मीदवारों में से 4 और कांग्रेस के 35 विजयी उम्मीदवारों में से 2 ने अपने हलफनामे में अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है। वहीं छत्तीसगढ़ में 72 विजयी उम्मीदवार करोड़पति हैं। 2018 में 68 विधायक करोड़पति थे। रिपोर्ट के अनुसार, 90 विधायकों में से भाजपा के 54 में से 43 और कांग्रेस के 35 में से 29 ने एक करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति घोषित की है। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में जीतने वाले उम्मीदवारों की संपत्ति का औसत 5.25 करोड़ रुपये है। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2018 में प्रति विधायक औसत संपत्ति 11.63 करोड़ रुपये थी। भाजपा के 54 विजयी उम्मीदवारों की प्रति विजेता औसत संपत्ति 5.70 करोड़ रुपये है और कांग्रेस के 35 विजेता उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 4.70 करोड़ रुपये है। वहीं गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के एक विजेता उम्मीदवार की औसत संपत्ति 26.03 लाख रुपये है। भाजपा विधायक भावना बोहरा के पास सबसे ज्यादा संपत्ति पंडरिया विधानसभा सीट से भाजपा विधायक भावना बोहरा के पास सबसे ज्यादा 33.86 करोड़ रुपए की संपत्ति है। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल 33.38 करोड़ रुपये की सबसे अधिक संपत्ति के साथ दूसरे उम्मीदवार हैं। वह पाटन विधानसभा सीट से विधायक भी हैं। वहीं भाजपा के बिलासपुर विधायक अमर अग्रवाल 27 करोड़ रुपये की सर्वाधिक संपत्ति वाले तीसरे विधायक हैं। कांग्रेस के चंद्रपुर विधायक रामकुमार यादव के पास सबसे कम 10.02 लाख रुपये की संपत्ति है, उनके बाद भाजपा के सीतापुर (एसटी) विधायक पूर्व सैनिक रामकुमार टोप्पो हैं, जिनके पास 13.12 लाख रुपये की संपत्ति है। वहीं भाजपा के पत्थलगांव (एसटी) विधायक गोमती साई के पास 15.47 लाख रुपये की संपत्ति है। 33 विजेता उम्मीदवार है 5वीं पास और 12वीं पास रिपोर्ट के अनुसार, 33 विजेता उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षिक योग्यता 5वीं पास और 12वीं पास के बीच घोषित की है, जबकि 54 विजेता उम्मीदवारों ने स्नातक और उससे अधिक की शैक्षिक योग्यता होने की घोषणा की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दो विजेता उम्मीदवार डिप्लोमा धारक हैं और एक विजेता उम्मीदवार सिर्फ साक्षर है। इस बीच, रिपोर्ट में कहा गया है कि 44 विजेता उम्मीदवारों ने अपनी उम्र 25 से 50 साल के बीच घोषित की है, जबकि 46 विजेता उम्मीदवारों ने अपनी उम्र 51 से 80 साल के बीच घोषित की है। रिपोर्ट के अनुसार, “विश्लेषण किए गए 90 विजयी उम्मीदवारों में से 19 विजेता उम्मीदवार महिलाएं हैं। 2018 में 90 विधायकों में से 13 विधायक महिलाएं थीं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023 के छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में 24 विधायक दोबारा चुने गए हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 2018 में दोबारा निर्वाचित विधायकों की औसत संपत्ति 5.13 करोड़ रुपये थी और 2023 में दोबारा निर्वाचित विधायकों की औसत संपत्ति 7.23 करोड़ रुपये है। दोबारा निर्वाचित विधायकों की औसत संपत्ति में 2.09 करोड़ रुपये यानी 41 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। राज्य विधानसभा चुनाव में भाजपा (CG EX CM) ने 54 सीटें जीतकर जीत हासिल की, जबकि कांग्रेस ने 35 सीटें जीतीं। मतदान दो चरणों में 7 नवंबर और 17 नवंबर को हुआ था। नतीजे 3 दिसंबर को घोषित किए गए थे।

Opposition Leader: The way CM Bhupesh Baghel resigned as soon as he came to power...! Whom did Meenal Chaubey warn...? Listen to this VIDEO
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Opposition Leader : सत्ता जाते ही जिस तरह से सीएम भूपेश बघेल ने इस्तीफा दिया….! मीनल चौबे ने किसे दी चेतावनी…? सुनिए ये VIDEO

रायपुर, 5 दिसंबर। Opposition Leader : छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनते ही रायपुर के कांग्रेस रायपुर के कांग्रेस महापौर एजाज ढेबर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की तैयारी में जुट गई है। नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे के नेतृत्व में भाजपा पार्षद दल की बैठक हो रही है। नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे का कहना है कि जिस तरह सीएम भूपेश बघेल ने सत्ता में जाते ही राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया, उसी तरह मेयर एजाज ढेबर को भी इस्तीफा दे देना चाहिए।उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी ने शहर के अधिकतम 70 वार्डों में जीत हासिल की है, इसलिए मेयर के पास बहुमत भी नहीं है, इसलिए नैतिकता के तौर पर उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में 70 सीटों वाली रायपुर नगर निगम में 31 पार्षद भाजपा के और कांग्रेस के 39 पार्षद हैं। हाल ही में निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले एक पार्षद अजीत कुकरेजा (Opposition Leader) को कांग्रेस पार्टी ने निष्कासित कर दिया है।

Big Action: As soon as the government changed, a bulldozer ran on the platform in front of Salem School in Raipur…see VIDEO.
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Big Action : सरकार बदलते ही रायपुर के सालेम स्कूल के सामने चौपाटी पर चला बुलडोजर…देखें VIDEO

रायपुर, 05 दिसंबर। Big Action : सरकार बदलते ही रायपुर के सालेम स्कूल के सामने बना चौपाटी पर बुलडोजर चला। यह कार्रवाई नगर निगम की और से किया गया है। आपको बता दे कि कल स्कूली छात्राओं ने सड़क पर उतर कर किया प्रदर्शन था जिसके बाद आज यह कार्रवाई की गई।

Access to OBC: Yadav Chief Minister in Modi government...! BJP has given posts to how many more Yadavs...see list
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CG Election Result : छत्तीसगढ़ में ‘मोदी लहर’ की आंधी में उड़ गए ‘भूपेश कैबिनेट’ के दिग्गज…! इन नए प्रत्याशियों ने अमरजीत भगत-टीएस सिंहदेव-रवींद्र चौबे को दी पटखनी

रायपुर, 05 दिसंबर। CG Election Result : छत्तीसगढ़ 2018 विधानसभा के चुनावों में जिस तरह से कांग्रेस ने भाजपा का छत्तीसगढ़ से सूपड़ा साफ किया था। ठीक उसी तर्ज पर भारतीय जनता पार्टी ने इस बार कांग्रेस को कभी ना भूलने वाला झटका दिया है। हालात ऐसे बने कि छत्तीसगढ़ में मोदी लहर की आंधी में भूपेश कैबिनेट के सभी दिग्गज उड़ गए। जिसमें अमरजीत भगत-टीएस सिंहदेव-रवींद्र चौबे जैसे दिग्गज मंत्रियों को नये आये प्रत्याशियों ने हरा दिया। कांग्रेस को एग्जिट पोल के नतीजों से ही होना पड़ा खुश 2023 के मतगणना के बाद कांग्रेस को सिर्फ एग्जिट पोल के नतीजों पर ही खुश होने का मौका मिला। 30 नवंबर की शाम को आए एग्जिट पोल के दावे से कांग्रेस सिर्फ तीन दिन खुशी मान पाई। कांग्रेस के दफ्तर में जहां सुबह 9 बजे तक गहमा गहमी थी वो 11 बजे के बाद सन्नाटे में बदल गई। कांग्रेस के कई दिग्गज भाजपा के चुनावी चक्रव्यूह में फंसकर चित्त हो गए। नए उम्मीदवारों से हारे कांग्रेस के दिग्गज चित्रकोट विधानसभा सीट पर कांग्रेस के सबसे हाईप्रोफाइल और युवा नेता दीपक बैज चुनाव हार गए। दीपक बैज को भारतीय जनता पार्टी के विनायक गोयल ने हराया। भारतीय जनता पार्टी के विनायक गोयल का कोई बड़ा राजनीतिक करियर नहीं रहा है। दीपक बैज जगदलपुर लोकसभा सीट से सांसद और वर्तमान में पीसीसीसी चीफ भी हैं। सीतापुर सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता और खाद्य मंत्री रहे अमरजीत भगत पराजित हुए हैं।अमरजीत भगत को भारतीय जनता पार्टी से पहली बार चुनाव लड़ रहे रामकुमार टोप्पों ने चुनाव हरा दिया। रामकुमार टोप्पो आर्मी से रिटायर हुए जवान हैं। अपनी पहली ही राजनीतिक पारी में रामकुमार ने भूपेश बघेल के सबसे बड़े सिपहसालार को धूल चटाई। साजा विधानसभा सीट से प्रदेश के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे चुनाव हार गए हैं। रविंद्र चौबे को पहली बार चुनाव लड़ रहे ईश्वर साहू ने चुनाव हरा दिया। ईश्वर साहू की हत्या बीच बाजार में कर दी थी। भारतीय जनता पार्टी ने मौके को भुनाते हुए ईश्वर साहू को अपना उम्मीदवार बनाया और साहू ने भारतीय जनता पार्टी के फैसले को सही साबित कर दिखाया। रायपुर उत्तर सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता कुलदीप जुनेजा की हार हुई है। कुलदीप जुनेजा को बीजेपी के पुरंदर मिश्रा ने चुनाव हराया है। तो वहीं रायपुर दक्षिण सीट से भाजपा के 7 बार के विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने जीत दर्ज की, बृजमोहन अग्रवाल का मुकाबला यहां अपने ही गुरु महंत रामसुंदर दास था। कुनकुरी विधानसभा सीट इस बार काफी हाईप्रोफाइल सीट थी। यूडी मिंज को भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता विष्णुदेव साय ने करारी शिकस्त दी। विष्णुदेव साय पहले केंद्रीय मंत्री के पद पर रहे फिर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पर भी रहे। कोंडगांव सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता मोहन मरकाम को भाजपा की लता उसेंडी ने हरा दिया। मोहन मरकाम पहले कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे फिर उनको प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाकर कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। लता उसेंडी भाजपा सरकार में पूर्व मंत्री रह चुकी हैं। मोहम्मद अकबर को कवर्धा सीट से हार का सामना करना पड़ा है। कवर्धा सीट की लड़ाई में मोहम्मद अकबर को भारतीय जनता पार्टी विजय शर्मा ने चुनाव हार आया। रायगढ़ सीट से बीजेपी के ओपी चौधरी ने जीत हासिल की है। उन्होंने शक्रजीत नायक को हराया है। अंबिकापुर विधानसभा सीट पर उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव और राजेश अग्रवाल के बीच जबरदस्त टक्कर हुई. यहां हार जीत का अंतर काफी कम रहा। राजनांदगांव सीट पर रमन सिंह ने बड़े मार्जिन से जीत दर्ज की। रमन सिंह ने यहां कांग्रेस के गिरीश देवांगन को चुनावी मैदान में पटखनी दी। लोरमी विधानसभा सीट पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद अरुण साव ने जीत दर्ज की, साव ने कांग्रेस के थानेश्वर साहू को हराया। पहले राउंड से ही अरुण साव ने जो बढ़त बनाई वो आखरी राउंड तक बढ़त बनी रही। रायपुर पश्चिम सीट से भारतीय जनता पार्टी के राजेश मूणत ने कांग्रेस के युवा और तेजतर्रार नेता विकास उपाध्याय को बड़े अंतर से चुनाव हराया है। विकास उपाध्याय को मुख्यमंत्री का करीबी भी माना जाता था। दुर्ग ग्रामीण सीट पर कांग्रेस (CG Election Result) के कद्दावर नेता और वर्तमान में प्रदेश के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू को चुनाव हराया है। छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री को बीजेपी के ललित चंद्राकर ने 13 हजार वोटों से हराया।

Voters rejected JCCJ...NOTA got more votes...except Richa Jogi, no candidate crossed the 10 thousand mark
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JCCJ को मतदाताओं ने नकारा…NOTA को ज्यादा मिले वोट…ऋचा जोगी को छोड़ कोई भी प्रत्याशी 10 हजार का आंकड़ा नहीं किया पार

रायपुर, 05 दिसंबर। JCCI : छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जोगी के प्रत्याशियों को पसंद नहीं किया गया है। इस बार जेसीसीजे का वोट प्रतिशत भी गिरा है। पिछले विधानसभा चुनाव में JCCJ को कुल मतदान का 2 प्रतिशत वोट मिला था। इस बार ये आंकड़ा 1.23 पर सिमटकर रह गया है, जो नोटा के प्रतिशत से भी कम है। आंकड़ों की बात करें तो ये कुल मतदान का 1.26 प्रतिशत है। हालांकि ये 2013 और 2018 के मुकाबले कम है। 2018 में 2 लाख 82 हजार 738 और 2013 में 4 लाख 1 हजार 58 मतदाताओं ने नोटा दबाया। सबसे ज्यादा 8438 वोट नोटा को दंतेवाड़ा में मिले हैं। कुछ पार्टियों के वोट प्रतिशत का ग्राफ भी इस चुनाव में गिरा है। 2018 के विधानसभा चुनाव में बीएसपी के साथ मिलकर JCCI ने 7 सीटें जीती थी। इस विधानसभा चुनाव में जेसीसीजे अपना खाता भी नहीं खोल पाई है। अकलतरा प्रत्याशी ऋचा जोगी को छोड़, पार्टी का कोई भी प्रत्याशी 10 हजार वोटों का आंकड़ा भी पार कर नहीं पाया। ऋचा जोगी को 16,464, कोटा से पूर्व विधायक रेणु जोगी को 8884 और अमित जोगी को पाटन सीट पर 4822 वोटों ही मिले। इन पार्टियों को मिले इतने प्रतिशत वोट विधानसभा चुनाव 2023 में बीजेपी के पक्ष में 72 लाख 34 हजार 968 मतदाताओं ने वोट किया है। वहीं, कांग्रेस को 66 लाख 2 हजार 583, जेसीसीजे को 1 लाख 92 हजार 406, बीएसपी को 3 लाख 19 हजार 903 से ज्यादा और बाकी पार्टियों को 8 लाख 67 हजार 63 मतदाताओं ने वोट दिया है।

BJP Leader OP Chaudhary: Will you be the CM face...? OP Choudhary was shocked after hearing this...listen what he said next
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BJP Leader OP Chaudhary : क्या आप CM फेस होंगे…? यह सुनकर तमतमा गए OP चौधरी…सुनिए फिर क्या बोले

रायपुर, 05 दिसंबर। BJP Leader OP Chaudhary : प्रदेशभर से आए BJP के जीते हुए प्रत्याशियों से मीडिया लगातार कई तरह के सवाल कर रहा था। जब रायगढ़ से विधायक बने OP चौधरी रायपुर पहुंचे तो मीडिया ने उन्हें घेर लिया। एक सवाल सुनकर OP नाराज हुए। सवाल था क्या आप CM फेस होंगे। ये सुनकर चौधरी ने कहा- मीडिया अनावश्यक ऐसी बातों को तूल दे रहा है, ऐसे कयास नहीं लगाए जाने चाहिए। मैं पार्टी का छोटा कार्यकर्ता हूं। उन्होंने मीडिया पर जमकर बरसे और इस तरह की बातें ना करने की हिदायत भी दे डाली। एक मौका ऐसा भी आया जब वह मीडिया से बचकर प्रदेश कार्यालय की ऊपरी मंजिल में हड़बड़ा कर जाते दिखाई दिए। उन्हें ऊपर ओम माथुर और मनसुख मांडविया से मुलाकात करनी थी। भाजपा कार्यकर्ता जैसे-तैसे मीडिया से बचाकर चौधरी को साथ ले गए। आईएएस अधिकारी से बीजेपी नेता बने ओपी चौधरी ने छत्तीसगढ़ की रायगढ़ सीट पर जीत हासिल की है, उन्होंने कांग्रेस के प्रकाश शक्रजीत नाइक को 64,000 से अधिक वोटों से हराया है। ओबीसी नेता चौधरी को बीजेपी के मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में से एक माना जाता है। पार्टी ने राज्य की 90 सीटों में से 53 सीटें जीत ली हैं। जबकि कांग्रेस के हाथ इस चुनाव में 34 सीटें ही लगी। अमित शाह का करीबी है OP चौधरी ओपी चौधरी (BJP Leader OP Chaudhary) को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का करीबी माना जाता है। वह 2018 में बीजेपी में शामिल हुए थे। उस साल वह रायगढ़ जिले की खरसिया विधानसभा सीट से चुनाव लड़े, लेकिन सफलता नहीं मिली। वह न केवल हारे, बल्कि बीजेपी उस विधानसभा में केवल 15 सीटें हासिल कर पाई। उस चुनाव में कांग्रेस को 90 में से 68 सीटें मिलीं और भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में सरकार बनी।

Big meeting against Raipur Mayor...! Ejaz Dhebar reached Mohd. Akbar's house late night... BJP councilors of the corporation angry with the mayor will bring no-confidence motion.
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Raipur Mayor के खिलाफ बड़ी बैठक…! देर रात मो.अकबर के घर पहुंचे एजाज ढेबर…महापौर से नाराज निगम के BJP पार्षद लाएंगे अविश्वास प्रस्ताव

रायपुर, 05 दिसंबर। Raipur Mayor : छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनते ही रायपुर महापौर एजाज ढेबर के खिलाफ भाजपा अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में है। महापौर से नाराज निगम के भाजपा पार्षद अविश्वास प्रस्ताव को लेकर आज बैठक करेंगे। नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने कहा, कल 12 बजे अविश्वास प्रस्ताव को लेकर भाजपा पार्षद दल की बैठक होगी। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार नहीं है। नैतिकता के आधार पर एजाज ढेबर को महापौर पद छोड़ देना चाहिए। बहुमत में कांग्रेस नहीं है इसलिए अविश्वास प्रस्ताव लाया जा रहा है। कल की बैठक में तय होगा आधार क्या-क्या रखा जाएगा। वर्तमान में 70 सीटों वाली रायपुर नगर निगम में 31 पार्षद बीजेपी के हैं। वहीं कांग्रेस के पास 39 पार्षद हैं। हाल ही में निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले 1 पार्षद अजीत कुकरेजा को पार्टी ने निष्कासित कर दिया है। पार्षद पहुंचे अकबर के घर इन खबरों के बीच अचानक महापौर एजाज ढेबर MIC सदस्य आकाश शर्मा के साथ मौदहापारा पहुंचे। यहां कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे मो.अकबर के घर पर दोनों बैठक कर रहे हैं। कुछ अन्य कांग्रेसी पार्षदों के भी यहां पहुंचने की चर्चा है। पार्षद जीतेंद्र अग्रवाल भी मो अकबर के घर पहुंचे। पहले से ही कुछ पार्षदों के भीतर होने की खबर थी। हालांकि जीतेंद्र अग्रवाल ने कुछ कहा नहीं, वो भीतर चले गए। मगर इस चहलकदमी ने बता दिया कि महापौर एजाज ढेबर का टेंशन भाजपा बढ़ाने वाली है। कुकरेजा का भाजपा में जाने का हल्ला सोमवार शाम तेज हुई इस सुगबुगाहट के बीच एक बात ये भी सामने आई कि अजीत कुकरेजा मंगलवार को भाजपा में जा सकते हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक खबर है कि इसे लेकर महापौर एजाज ढेबर ने कुकरेजा को फोन कॉल किया। हालांकि कुकरेजा भाजपा में जाने की बात पर इंकार कर रहे हैं। कुकरेजा ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव को लेकर मुझे जानकारी नहीं है यदि ऐसे हालात (Raipur Mayor) बने तो मैं न्यूट्रल रहूंगा। कांग्रेस के साथ नहीं हूं तो इसका ये मतलब नहीं है कि मैं भाजपा का सपोर्ट करूं।

Coaching Guidelines: Big change...! Education Ministry's instructions... Now 'coaching institutes' will not give admission to children below 16 years of age... Know here why this decision had to be taken...?
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BREAKING NEWS : अब ट्रांसफर-पोस्टिंग-नई घोषणाएं हो जाएंगी प्रारंभ…आचार सहिंता समाप्त…भारत निर्वाचन आयोग ने जारी किया आदेश

रायपुर, 05 दिसंबर। BREAKING NEWS : आठ अक्टूबर से प्रभावित आचार संहिता आज चुनाव आयोग के आदेश के बाद इमिडियेट समाप्त हो गया। अब ट्रांसफर, पोस्टिंग, नई घोषणाएं प्रारंभ हो जाएंगी। भारत निर्वाचन आयोग ने छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम से आदर्श आचार सहिंता समाप्त करने का आदेश जारी कर दिया है। बता दें कि 9 अक्टूबर से इन चुनावी राज्यों में आदर्श आचार संहिता लागू थी। जिसे निर्वाचन आयोग ने समाप्त करने का आदेश जारी (BREAKING NEWS) कर दिया है। पढ़िए आयोग का पत्र-

Election Results: Challenge of former minister Mahesh Gagda...! BJP is now in power, will not be spared...listen to VIDEO
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Election Results : पूर्व मंत्री महेश गागड़ा की चुनौती…! भाजपा अब सत्ता में है बख्शे नही जाएंगे…सुनिए VIDEO

बीजापुर, 04 दिसंबर। Election Results : चुनाव नतीजों आने के बाद पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने बीजापुर कलेक्टर राजेंद्र कटारा और एसपी अंजनेय वार्ष्णेय पर आरोप की उंगली उठाई है। उन्होंने अधिकारीयों पर विधायक विक्रम की जीत सुनिश्चित करने के लिए निष्पक्ष चुनाव के बजाय पक्षपातपूर्ण मतदान करने का आरोप लगाया। हार के बाद पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने कलेक्टर और एसपी को चुनौती देते हुए कहा कि अब प्रदेश में बीजेपी की सरकार है और उनके पास कलेक्टर के खिलाफ बहुत सारे सबूत हैं। बीजापुर कलेक्टर और SP पर गंभीर आरोप गागड़ा ने कहा कि चूंकि सत्ता में अब भाजपा है, इसलिए वे सीबीआई जांच की मांग भी करेंगे। कड़ी चेतावनी देते महेश ने कहा कि बीजापुर में पिछले पांच सालों में कलेक्टर के मार्फत डीएमएफ समेत अन्य मदों में जितने भी निर्माण कार्य हुए हैं, सबकी जांच कराई जाएगी। जहां भी भ्रष्टाचार की शिकायत मिली है, जिम्मेदार अफसर-कर्मी कतई बख्शे नहीं जाएंगे। भ्रष्टाचार कर जिले से बाहर जो भी कॉटेज-रिर्सोट बने हैं, जांच की आंच से वहां तक भी पहुंचेगी। गागड़ा ने दो टूक कहा कि जिन्होंने कांटा बोया है, उनके हिस्से कांटे ही आएंगे। गागड़ा ने प्रशासन को यह चेतावनी भी दी कि बैक डेट से कोई चेक ना कटे और ना ही किसी तरह की राशि का आहरण हो। पांच साल के काम की फाइल दोबारा खुलेगी महेश गागड़ा ने कहा कि, पंचायत सचिव से लेकर अधीक्षकों की बैठक लेकर उन पर कांग्रेस के पक्ष में काम करने का दबाव डाल रहे थे। भारतीय प्रशासनिक सेवा के एक अफसर से उन्हें ऐसी उम्मीद नहीं थी। अधीनस्थ अफसर-कर्मियों पर ना सिर्फ दबाव डाला गया था, बल्कि विधायक निवास से तैयार सूची के आधार पर पीठासीन अफसरों को बदलने में कलेक्टर पीछे नहीं थे। इतना ही नहीं बीजापुर पुलिस अधीक्षक के इशारे पर भाजपा कार्यकर्ताओं को सुरक्षा का हवाला देते उनका भयादोहन का प्रयास भी किया गया। उन्होंने कहा कि डीएमएफ से पिछले पांच साल में हुए सभी निर्माण कार्यों की फाइल दोबारा खोली जायेगी। मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा इसपर महेश गागड़ा (Election Results) ने कहा, भाजपा सभी जाति-समाज का सम्मान करती है। लिहाजा जनमानस की भावनाओं का सम्मान करते केंद्र की तरफ से उपयुक्त निर्णय लिया जाएगा।

CG Election: This is the pride of Sahu community...! After overcoming big challenges, he will now hold the chair of MLA... see by how many votes he defeated his rivals.
Raipur

CG Election : ये हैं साहू समाज का गौरव…! बड़ी चुनौतियों को पार कर अब संभालेंगे विधायक की कुर्सी…देखिए प्रतिद्वंदियों को कितने वोटों से दी शिकस्त

रायपुर 04 दिसंबर। CG Election : छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में साहू समाज की भूमिका काफी अहम है। यहां 22 फीसद साहू समाज है। छत्तीसगढ़ में साहू समाज का बहुत महत्व है। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में भारतीय जनता पार्टी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज कर एक बार फिर सत्ता हासिल की है। राज्य की दो बड़ी पार्टियों कांग्रेस और बीजेपी ने इस बार भी साहू समाज को टिकट दिया है। जिसमें दर्जनभर समाज के लोगों ने चुनाव जीता। बताते चलें कि, प्रदेश में 52 फीसद ओबीसी आबादी है। सर्वाधिक 22 फीसद संख्या साहू समाज की मानी जाती है। ऐसे में माना जाता है कि जिस पार्टी को साहू समाज का साथ मिलता है, वह जीत जाता है। आइए आपको बताते हैं कि इस बार प्रदेश की राजनीति में साहू समाज की क्या स्थिति है।   लोरमी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा को बड़ी जीत हासिल हुई है। BJP प्रत्याशी अरुण साव ने 39 हजार से ज्यादा बहुमत दर्ज कर जीत हासिल की है। रायपुर ग्रामीण विधानसभा से जीतने वाले मोतीलाल साहू ने 35 हजार से ज्यादा मतों के बड़े अंतर से विजय हासिल कर एक तरह से चौंकाया है। भाजपा उम्मीदवार इंद्र कुमार ने कांग्रेस के पांच बार के विधायक धनेंद्र साहू को 15 हजार से ज्यादा मतों से मात दी है। हालांकि इस हार के बाद धनेंद्र साहू ने ईवीएम पर संदेह जताया है। राजिम सीट से कांग्रेस के विधायक अमितेश शुक्ल मैदान में थे। इस सीट से उनके पिता और दादा जीतकर सीएम बन चुके हैं। लेकिन आज उनके बेटे और पोते अमितेश शुक्ल यहां से हार गए। युवा बीजेपी प्रत्याशी रोहित साहू ने कांग्रेस के इस दिग्गज नेता को 11911 वोटो से करारी शिकस्त दी। बेमेतरा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी दीपेश साहू ने जीत दर्ज किया है। दीपेश ने कांग्रेस के आशीष छाबड़ा को 9 हजार से अधिक वोट से हराया। सबसे ज्यादा हैरान करने वाले नतीजे साजा में देखने को मिले हैं। यहां से बीजेपी प्रत्याशी ईश्वर साहू का सामना 7 बार विधायक रह चुके रविंद्र चौबे से था। बीजेपी की तरफ से ईश्वर साहू ने 5 हजार से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की। ईश्वर को यहां 1,01,789 वोट मिले, जबकि रविंद्र चौबे 96,593 वोटों पर ही सिमट गए। दोनों के बीच 5196 वोटों का अंतर रहा। डोंगरगांव विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस को बड़ी जीत हासिल हुई है। प्रत्याशी दलेश्वर साहू ने 2000 बहुमत दर्ज कर जीत हासिल की है। खुज्जी विधानसभा सीट से कांग्रेस के भोलाराम साहू ने 26242 वोटों से बीजेपी से गीता घासी साहू को हराया है। खुज्जी विधानसभा क्षेत्र वनांचल क्षेत्र है। यहां के अधिकतर आबादी वनांचल क्षेत्रों में निवास करती है। ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र होने के कारण यहां विधानसभा क्षेत्र और खास हो जाता है। लगातार कांग्रेस का कब्जा इस विधानसभा सीट में रहा है। विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 46 भाटापारा के लगभग ढाई लाख मतदाता में से 190929 मतदाताओं ने अपना मत का उपयोग करते हुए भाटापारा के लिए इंद्र साव के रूप में नया विधायक चुन लिया गया है। भाटापारा हमेशा से कांग्रेस का गढ़ रहा है और जब भी कांग्रेस से बागी उम्मीदवार रहा तब तब भाजपा को फायदा होता रहा है लेकिन इस बार कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधी टक्कर रही जिसका फायदा कांग्रेस को हुआ। कांग्रेस के विजयी प्रत्याशी इंद्र साव ने 11,316 मतों से जीत हासिल की। कसडोल से कांग्रेस के विजयी उम्मीदवार संदीप साहू का मुकाबला बीजेपी के धनीराम धीवर से था। जिसमें कांग्रेस ने 33765 वोटों से जीत हासिल की। धमतरी से कांग्रेस के ओंकार साहू (CG Election ) को 87900 वोट मिले जबकि भाजपा की रंजना साहू को 85256 वोट मिले। इस तरह 2644 वोटों से कांग्रेस ने की जीत हासिल की है। सक्ती जिले में जैजैपुर विधानसभा सीट पड़ती है। जैजैपुर सीट से बीजेपी की तरफ से कृष्ण कांत चंद्रा और कांग्रेस की तरफ से बालेश्वर साहू उम्मीदवार थे। कांग्रेस उम्मीदवार बालेश्वर साहू ने 76747 वोटों से जीत दर्ज की वहीं, बीजेपी उम्मीदवार कृष्णकांत चंद्रा केवल 50825 वोट ही हासिल कर पाए।