Daughter Dead Body: Shocking news…! Mother threw daughter's dead body in the bushes...this story came to lightDaughter Dead Body
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हरियाणा, 20 अप्रैल। Daughter Dead Body : हरियाणा के फरीदाबाद से एक झकझोर देने वाली खबर सामने आई है जहां एक मां ने अपनी बेटी के शव को झाड़ियों में फेंक दिया था क्योंकि उसके पास अंतिम संस्कार के लिए पैसे नहीं थे। एक दुखियारी मां की कहानी जिसने भी सुनी उसकी आंखों में आंसू आ गए। यह पूरा मामला तब सामने आया जब पुलिस को एक बच्ची के शव की सूचना मिली थी। पुलिस ने बच्ची के शव को बरामद किया और जब तफ्तीश की तो तुरंत मां को पकड़ लिया गया।

जांच अधिकारी रामकुमार ने बताया कि उन्होंने कड़ी मेहनत के बाद बच्ची की मां का पता लगाया है। अब बच्ची का पोस्टमॉर्टम करवाकर शव उसकी मां के हवाले कर दिया जाएगा। यदि इसकी मां बच्ची का दाह संस्कार करने में असमर्थ है तो वह अपनी जेब से खर्च कर बच्ची का दाह-संस्कार कराएंगे। घटना मंगलवार देर शाम की है। एक राहगीर ने मुजेसर स्थित थर्मल पॉवर कंपनी के ग्राउंड की झाड़ियों में एक बच्ची का शव कफन में लिपटा देखा और कंट्रोल रूम सूचित किया।

कंट्रोल रूम से थाना मुजेसर में इसकी सूचना आई थी। मौके पर जांच की गई तो जिस कफन में बच्ची लिपटी हुई थी उसके ऊपर बच्ची का नाम सृष्टि कुमारी और पिता का नाम विशाल सिंह लिखा हुआ। इस कफन पर लिखा था गवर्नमेंट सप्लाई ओनली यूज फॉर मॉर्चुरी। इसके बाद पुलिस ने मामले में जांच शुरू की। पुलिस ने जांच आगे बढ़ाई तो पता चला कि बच्ची की मौत दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में हुई है।

मां को हिरासत में लिया तो हुआ खुलासा

पुलिस ने बच्ची की मां शिखा को हिरासत में लिया। उसने बताया कि उसने 2021 में बच्ची को जन्म दिया था। उस समय वह अपने पति विशाल सिंह के साथ शिमला में थी। शिखा ने बताया कि वह मूल रूप से बिहार के छपरा जिले की रहने वाली है। बच्ची के होने के बाद से ही उसका पति उससे खुश नहीं था। वह उससे मारपीट करता रहता था। शिमला में कुछ समय रहने के बाद वह विशाल के साथ फरीदाबाद की डबुआ कॉलोनी में आकर रहने लगी। यहां उसकी बेटी की मौत हो गई। उसका आरोप है कि उसके पति के दूसरी महिला के साथ संबंध थे। जब उसे एक दिन टोका तो उसने मारपीट कर दी। इसके बाद छोड़कर भाग गया, लेकिन फोन पर उससे बात होती थी। 4-6 महीने में मिलने भी आता था।

13 अप्रैल को बिगड़ी थी बेटी की तबीयत

शिखा ने बताया कि 13 अप्रैल को उसकी बेटी की तबीयत खराब हुई। वह उसे पहले फरीदाबाद के बादशाह खान सिविल अस्पताल लेकर गई, लेकिन डॉक्टर ने बेटी को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। वहां वह दोपहर लगभग एक बजे पहुंची। डॉक्टरों ने बच्ची को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कर लिया, लेकिन उसी रात 9 बजे बेटी की मौत हो गई। इसके बाद डॉक्टर ने बच्ची का शव सौंप दिया गया।

शिखा का कहना है कि वह बच्ची के मरने के बाद घबरा गई थी। उसके पति का भी बार-बार फोन आ रहा था। वह कह रहा था कि बच्ची को उसी ने मार दिया है। शिखा ने कहा कि वह काफी घबरा गई थी। उसके पास बेटी के दाह संस्कार के लिए रुपए भी नहीं थे। उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वह बेटी के शव का क्या करे। उसके पास केवल 1700 रुपए थे, जो ऑटो वाले ने फरीदाबाद लाने के ले लिए। ऑटो से वह फरीदाबाद के बाटा पुल के नीचे 14 अप्रैल की सुबह लगभग 4.30 बजे पहुंची थी। तब उसने बच्ची के शव को झाड़ियों में फेंक दिया और घर चली गई।

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