कोटपूतली, 24 दिसंबर। Daughter Fell in Borewell : राजस्थान के कोटपूतली में तीन साल की बच्ची पिछले 19 घंटे से 700 फीट गहरे बोरवेल में 150 फीट पर अटकी है। उसे निकालने के लिए रात भर कई बार प्रयास किए गए, लेकिन सफलता नहीं मिली। बच्ची के लिए बोरवेल में ऑक्सीजन तो भेजा जा रहा है, मगर बोरवेल इतना संकरा है कि खाने पीने के लिए कुछ नहीं भेजा जा सकता। रात को सीसीटीवी में बच्ची चेतना के सिर का मूवमेंट नजर आया था, लेकिन गर्दन के नीचे तक मिट्टी में फंसे होने की वजह से शरीर मूव नहीं कर पा रहा है।
बोरवेल के आसपास 150 फीट खोदना आसान नहीं है। इसमें एक सप्ताह का समय भी लग सकता है, इसलिए अब बच्ची को हुक से खींचने की तैयारी चल रही है। जिला प्रशासन ने चेतना के माता-पिता और दादा से लिखित में कपड़े में हुक लगाकर उसे ऊपर खींचने की इजाजत मांगी है ताकि अगर इस प्रक्रिया में चेतना को चोट लग जाती है तो वो प्रशासन को जिम्मेदार नहीं ठहराएंगे। ये करना इसलिए जरूरी है क्योंकि बीतते वक्त के साथ चेतना के बचाव के लिए समय कम पड़ता जा रहा है।
NDRF के सीनियर कमांडेंट ने क्या बताया?
बचाव काम में लगे एनडीआरएफ के सीनियर कमांडेंट योगेश मीणा ने बताया कि रात एक बजे हमने रिंग बनाकर अंब्रेला टेक्निक से बच्ची को निकालने का प्रयास किया मगर रिंग कपड़े में फंस गई और बच्ची को ठीक से पकड़ नहीं पाई। सुबह आठ बजे आज हमने फिर से रिंग डाली, लेकिन रिंग ग्रिप बच्ची के शरीर पर जगह कम होने की वजह से नहीं पकड़ पाया। इन प्रयासों के असफल होने पर हुक से निकालने का ही विकल्प बचा है जिसके लिए जिला प्रशासन को फैसला लेना है।
पिता ने ही खुदवाया था बोरवेल
मासूम के पिता भूपेंद्र ने बड्याली ढाणी में अपने घर के बाहर बोरवेल खुदवाया था। 700 फीट तक खोदने पर भी पानी नहीं मिलने पर उसे ढंकने के बजाय खुला छोड़ दिया था। सोमवार करीब डेढ़ बजे के आसपास उनकी दोनों बेटियां तीन साल की चेतना और आठ साल की काव्या बोरवेल के पास खेल रही थीं, इसी बीच चेतना का पैर बोरवेल के पास फिसल गया।
सरकार ने जारी की थी एडवाइजरी
करीब 15 दिन पहले राजस्थान के दौसा में ही आर्यन के बोरवेल में गिरने से मौत के बाद राज्य सरकार ने बोरवेल बंद करने के लिए एडवाइजरी जारी की थी, बावजूद इसके ये बोरवेल खुला हुआ था और जिसने ये बोरवेल खुदवाया, उसकी ही बेटी इसमें फंस गई।