कोरबा, 19 जून। Death of Tribals : कच्ची महुआ शराब के सेवन से एक महिला समेत तीन आदिवासियों की मौत हो गई है। मृतक महिला का पति किसी काम से सुबह बाहर गया था, दोपहर को वापस लौटा, तो घर के बाहर बरामदे में पत्नी लाश मिली। घर के अंदर गया तो दो अन्य ग्रामीणों की लाश उसने देखा। कच्ची शराब का पालिथीन मौके पर मिला है। संभावना जताई जा रही है कि शराब जहरीली थी, इस वजह से यह घटना हुई।
पति घर पहुंचा तो उड़े होश
घटना करतला थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम कोटमेर की है। यहां निवासरत चैतराम कंवर मंगलवार की किसी कार्य से सुबह आठ बजे करतला गया था। दोपहर 12 बजे वह काम निपटा कर घर पहुंचा, तो उसके होश उड़ गए। घर के बरामदे में उसकी पत्नी मालती बाई 50 वर्ष की लाश पड़ी हुई थी। घर के अंदर गया तो गांव के ही रहने वाले राम सिंह 60 वर्ष तथा बेदराम 49 वर्ष की भी लाश मिली।
घटना की जानकारी उसने आसपास के लोगों को दी और लोगों की वहां भीड़ लग गई। गांव के सरपंच नीलांबर राठिया का कहना है कि घटनास्थल पर पालिथीन में कच्ची शराब रखा हुआ था। साथ ही मछली व कुछ चखना था। अंदाजा लगाया जा रहा है कि जहरीली शराब के सेवन की वजह से तीनों की मौत हुई है। घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी भी मौके पर पहुंचे और घटनास्थल का जायजा लिया। उनका कहना है कि घटनास्थल का वैज्ञानिक परीक्षण किया जा रहा।
गांव में है शराब बंदी
कोटमेर के ग्रामीण शराब पीने के आदी हो रहे थे, इसे देखते हुए यहां की महिलाओं ने शराबबंदी अभियान छेड़ रखा है। इस अभियान के बाद से गांव में शराब बनने की खबर मिलने पर जागरूक ग्रामीण मौके पर पहुंच कर उसे पुलिस के हवाले कर देते हैं। अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या पालिथीन में कच्ची शराब गांव से बाहर किसी अन्य गांव से खरीद कर लाया गया था। कच्ची शराब बनाए जाने के दौरान अधिक नशा के लिए कीटनाशक दवा व बेशरम के जड़ का भी इस्तेमाल किया जाता है। कई बार मात्रा अधिक हो जाने की वजह से शराब जहरीली हो जाती है और इसके सेवन से मौत होेने की कई घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं।