रायपुर, 30 नवंबर। Ex CM: प्रदेश में भाजपा की सरकार आने के बाद पूर्ववर्ती भूपेश सरकार की 18 योजनाओं को विष्णुदेव साय सरकार ने बंद कर दिया है। इनमें से कुछ तो भूपेश सरकार की फ्लैगशिप योजनाएं थीं। जैसे गौठान और गोबर खरीदी योजना का अब राज्य में अस्तित्व नहीं है।
इतना ही नहीं, साय सरकार ने भूपेश सरकार द्वारा बंद की गईं रमन सरकार की पुरानी योजनाओं को फिर से चालू कर दिया है। इनमें मीसा बंदियों को पेंशन देने जैसी स्कीम भी शामिल है, जिसे 5 साल के अंतराल के बाद फिर से चालू किया गया है।
राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद कांग्रेस और भाजपा सरकार के बीच का अंतर आम लोगों ने महसूस किया है। कांग्रेस और भाजपा की सोच में अंतर उन योजनाओं से झलक रहा है जिन्हें सरकारों ने बढ़-चढ़कर प्रस्तुत किया था। मसलन, भूपेश सरकार ने गोबर खरीदी को युवाओं को रोजगार देने वाली अहम योजना बताया था, उसे साय सरकार ने अनुपयोगी मानते हुए बंद कर दिया है।
अब न गौठान है और न गाय
इसी प्रकार गौठानों के बारे में भी भूपेश सरकार गर्व के साथ प्रचार करती थी, अब गौठानों में न गाय हैं और न ही उनका संचालन हो रहा है। दूसरी ओर, मीसा में जेल जाने वाले भाजपा नेताओं को पेंशन देने की रमन सरकार की योजना को भूपेश सरकार ने ये कहते हुए बंद कर दिया था कि ये राजनीति से प्रेरित निर्णय है। उसको सरकार ने फिर से चालू कर मीसाबंदियों को पेंशन देना शुरू कर दिया है।
साय सरकार ने भूपेश सरकार की 6 योजनाओं का नाम भी बदल दिया है। मसलन, राजीव गांधी किसान न्याय योजना की जगह कृषक उन्नति योजना शुरू कर दी गई है। राजीव गांधी स्वावलंबन योजना का नाम दीनदयाल उपाध्याय स्वावलंबन योजना कर दिया गया है।
राजीव गांधी आजीविका केंद्र को दीनदयाल उपाध्याय आजीविका केंद्र योजना कर दिया गया है। राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर योजना का नाम बदलकर दीनदयाल भूमिहीन कृषि मजदूर योजना कर दिया गया है। डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य योजना का नाम अब शहीद वीर नारायण सिंह आयुष्मान स्वास्थ्य योजना कर दिया गया है। मुख्यमंत्री सार्वभौम पीडीएस योजना का नाम अब मुख्यमंत्री खाद्यान्न सहायता योजना कर दिया गया है।
दूरदर्शिता की कमी की वजह से किया बंद
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का मानना है कि, उनकी (Ex CM) सरकार ने गहन समीक्षा के बाद योजनाओं पर निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि, केवल वही योजनाएं आगे बढ़ाई जाएं, जो राज्य के विकास और जनता के व्यापक हित में हों। जिन योजनाओं में स्पष्ट उद्देश्य और दूरदर्शिता की कमी थी, उन्हें बंद करना आवश्यक था।
ये योजनाएं कर दी बंद
नरवा, गरवा, घुरवा बारी, मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय, मुख्यमंत्री महतारी दुलार, मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन, धरसा विकास, शहरी गरीबों को पट्टा एवं आवास, छत्तीसगढ़िया ओलिंपिक, मुख्यमंत्री सुपोषण।
ये योजनाएं फिर से शुरू
मुख्यमंत्री चरण पादुका, संचार क्रांति योजना, सरस्वती साइकिल योजना, अन्नपूर्णा दाल भारत केंद्र, मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा ऋण, राजिम कुंभ कल्प, मुख्यमंत्री सोलर लैंप।