Hathras Accident: First action on the death of 121 people...! 6 people arrested... Rs 1 lakh reward on absconding main accusedHathras Accident
Spread the love

हाथरस, 04 जुलाई। Hathras Accident : हाथरस कांड में 121 लोगों की मौत पर पुलिस ने पहली ने कार्रवाई करते हुए 6 लोगों को किया गिरफ्तार है। आईजी शलभ माथुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस एक्शन के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि, आयोजन समिति से जुड़े 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। उन्होंने कहा कि मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर पर 1 लाख का इनाम रखा गया है। पुलिस जल्द ही कोर्ट से उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करवाएगी।

आईजी ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो भोले बाबा से पूछताछ की जाएगी। बाबा का रोल सामने आया, तो उसके खिलाफ करवाई की जाएगी। हालांकि FIR में भोले बाबा का नाम नहीं है। लेकिन भोले बाबा के अपराधिक इतिहास की जानकारी जुटाई जा रही है। उनके फॉलोअर्स हर शहर में हैं, ऐसे में कई शहरों में पुलिस की टीमें लगी हुई हैं। बाबा ने नौकरी से वीआरएस लिया था, न्यायिक आयोग इसमें प्रशासनिक लापरवाही की जांच करेगा।

आरोपी में 2 महिलाएं शामिल

आईजी ने कहा कि जिन आरोपियों को पूछताछ के बाद अरेस्ट किया गया है, वह आयोजन समिति के मेंबर हैं। आरोपी घटना के बाद मौके से फरार हो गए थे। पुलिस ने जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, उनमें 2 महिलाएं शामिल हैं। आरोपी खुद ही क्राउड मैनेजमेंट का काम करते थे। इस काम के लिए प्रशासन का हस्तक्षेप इन्हें स्वीकार नहीं था।

आईजी शलभ माथुर ने कहा कि हादसे में जान गंवाने वाले 121 लोगों की पहचान हो गई है. बता दें कि सूरजपाल उर्फ भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि के सत्संग के बाद भगदड़ मच गई थी, इसमें 121 लोगों की मौत हो गई थी.

80 हजार की परमिशन, 2.5 लाख लोग पहुंचे

वहीं, जिला मजिस्ट्रेट आशीष कुमार (Hathras Accident) ने कहा कि भगदड़ के बाद 21 शवों को आगरा, 28 को एटा, 34 को हाथरस और 38 को अलीगढ़ ले जाया गया। उत्तर प्रदेश सरकार ने बुधवार को हाथरस त्रासदी की जांच के लिए हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया, जो इस संभावना की भी जांच कर रहा है कि भगदड़ के पीछे कोई साजिश थी। पैनल दो महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगा. पुलिस ने हाथरस के फुलहारी गांव के पास ‘सत्संग’ के आयोजकों के खिलाफ FIR दर्ज की है, जिसमें उन पर 2.5 लाख लोगों को कार्यक्रम स्थल पर ठूंसने का आरोप लगाया गया है, जबकि उन्हें केवल 80,000 लोगों की अनुमति मिली थी।