रायपुर, 30 अप्रैल। IPS GP Singh : अनिवार्य सेवानिवृत्त किए गए IPS जीपी सिंह को कैट से राहत मिल गयी है। कैट ने चार हफ़्तों के भीतर जीपी सिंह से जुड़े सभी मामलों को निराकृत कर बहाल करने का आदेश दिया है।
ACB ने जीपी सिंह के ठिकानों पर की थी छापेमारी
आपको बता दें कि 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी जीपी सिंह को राज्य सरकार की अनुशंसा पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पिछली सरकार के कार्यकाल में बर्खास्त कर दिया था।
जुलाई के महीने में अनिवार्य सेवानिवृत्ति के आदेश को जीपी सिंह ने कैट में चुनौती दी थी। आपको बता दें कि एसीबी की टीम ने एक जुलाई 2021 को सिंह के पुलिस लाइन स्थित सरकारी बंगले के अलावा राजनांदगांव व ओडिशा के 15 अन्य स्थानों पर छापामार कार्रवाई की थी, जिसमें 10 करोड़ की अघोषित संपत्ति के साथ कई संवेदनशील दस्तावेज मिले थे। छापे से मिली संपत्ति के आधार पर एसीबी ने भ्रष्टाचार के मामले में एफआईआर दर्ज किया था, वहीं दूसरी ओर सरकार ने राजद्रोह का केस दर्ज किया था।
आपको बता दें कि जीपी सिंह पर 2022 में एमएल एमएम छत्तीसगढ़ सरकार ने राजद्रोह का केस दर्ज किया था। इस मामले में उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। हालांकि बाद में हाईकोर्ट से जमानत ले ली थी। लेकिन इस आदेश के बाद उनकी सेवा समाप्त हो जाएगी।सिंह को लेकर एक अफवाह ये भी फैल गई कि उन्हें बर्खास्त किया गया है, लेकिन ऐसा नहीं है। उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है।
सिंह को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने के लिए बाकायदा एक समिति बनाई गई थी। राज्य शासन से अनुशंसा के बाद केंद्र यह समिति बनाती है। सिंह के मामले में राजस्थान के आईपीएस अफसर के नेतृत्व में यह समिति बनी थी। इसकी अनुशंसा पर मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स ने फैसला लिया था। नियमों के मुताबिक 20 साल की सेवा या 50 साल की उम्र पूरी करने के बाद कंपलसरी रिटायरमेंट के लिए अनुशंसा की जा सकती है।