रायपुर, 21 जुलाई। IPS GP Singh : छत्तीसगढ़ के सीनियर आईपीएस जीपी सिंह को भारत सरकार ने कंप्लसरी रिटायर कर दिया है। सर्विस रिव्यू कमेटी की सिफारिश पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह फैसला किया है। जीपी 94 बैच के छत्तीसगढ़ कैडर के आईपीएस हैं। वे एडीजी रैंक के अधिकारी हैं।
सितंबर 2022 में फिर सर्विस रिव्यू कमेटी की बैठक हुई और उसने जीपी सिंह को अनिवार्य सेवानिवृति देने की सिफारिश की। करीब 10 महीने से यह मामला केंद्र में लटका हुआ था और अब लग रहा था कि शायद चुनाव के कारण अब टल जाए। मगर आज अचानक खबर आ गई कि जीपी सिंह को केंद्र सरकार ने रिटायर कर दिया है।
जीपी सिंह की आईपीएस की सर्विस अभी आठ साल बची है। एडीजी ईओडब्लू से हटने के बाद 30 जून 2021 को ईओडब्लू का छापा पड़ा था। 11 जनवरी 2022 को उन्हें गुडगांव से गिरफ्तार किया गया। 5 जुलाई 2022 को उन्हें सस्पेंड कर दिया गया। पूरे चार महीने रायपुर जेल में रहने के बाद वे जमानत पर रिहा हुए थे।
कंप्लसरी रिटायरमेंट वाले चौथे आईपीएस
अनिवार्य सेवानिवृति वाले जीपी सिंह छत्तीसगढ़ के चौथे आईपीएस अधिकारी होंगे। उनसे पहले राजकुमार देवांगन, एएम जुरी और केसी अग्रवाल को पिछली सरकार में फोर्सली रिटायर किया गया था। इनमें से केसी अग्रवाल को हालांकि बाद में कैट से राहत मिल गई थी। और वे बाद में सरगुजा पुलिस रेंज के आईजी भी रहे।
जीपी सिंह मामले में कब क्या हुआ
– एसीबी की टीम ने एक जुलाई 2021 को सिंह के पुलिस लाइन स्थित सरकारी बंगले पर सुबह 6 बजे छापा मारने पहुंची। पुलिस लाइन के साथ ही राजनांदगांव और ओडिशा के 15 अन्य स्थानों पर जांच की कार्यवाही की गई।
– लगभग 68 घंटे से भी ज्यादा समय तक चली छापे की कार्यवाही के दौरान 10 करोड़ की अघोषित संपत्ति के साथ बंगले के पीछे गटर से कई दस्तावेज मिले थे।
– छापे से मिली संपत्ति के आधार पर एसीबी ने जीपी सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में एफआईआर दर्ज की। इसके आधार पर सरकार ने 5 जुलाई को उन्हें सस्पेंड किया।
– 8 जुलाई 2021 की रात जीपी सिंह के घर से मिले दस्तवोज के आधार पर उनपर राजद्रोह का केस दर्ज किया गया।
– 9 जुलाई 2021 को जीपी सिंह ने हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की है जिसमें सीबीआई जांच की मांग की गई।
– मामले की जांच के बाद 11 जनवरी 2022 को जीपी सिंह को नोएडा से गिरफ्तार किया गया।
– मई 2022 में उन्हें जमानत (IPS GP Singh) मिली।