जबलपुर, 19 मार्च। Jabalpur Double Murder : 16 साल की वो लड़की जबलपुर की रेलवे कॉलोनी में रहती है। 20 साल का वो लड़का उसका पड़ोसी है। 15 मार्च को अचानक वो लड़की अपने कजिन को एक ऑडियो मैसेज भेजती है। मैसेज मिलते ही वो शख्स पुलिस को लेकर उसके घर पहुंचता है, जहां लड़की के पिता की लाश घर के किचन में एक पन्नी में लिपटी मिलती है। जबकि लड़की का आठ साल का मासूम भाई घर के फ्रिज में मुर्दा मिलता है। इसके बाद इस क्राइम सीन की जांच असली पुलिस शुरू करती है।
फ्रिज में 8 साल के बच्चे की लाश
जबलपुर के सिविल लाइंस में रेलवे की मिलेनियम कॉलोनी है। उस कॉलोनी में सिर्फ रेलवे के स्टाफ ही रहते हैं। मगर अब इस कॉलोनी का क्वार्टर नंबर 364/3 चर्चाओं में है। क्वार्टर जबलपुर के डीआरएम ऑफिस में तैनात राजकुमार विश्वकर्मा का है। राजकुमार डीआरएम ऑफिस में अधीक्षक के पद पर तैनात थे। देश में आफताब पूनावाला से फ्रिज में लाश रखने का जो सिलसिला शुरू हुआ था, ये उसकी सबसे ताज़ा कहानी है। ये ऐसा पहला फ्रिज है, जिसके अंदर रखी लाश की तस्वीरें पहली बार सामने आईं हैं। फ्रिज के अंदर की सभी ट्रे को बाहर निकाल कर आठ साल के एक बच्चे की लाश को पन्नी में लपेटने के बाद उसे फ्रिज में ठूंसा गया था। जब पुलिस उस कमरे में पहुंची और फिर इस फ्रिज को खोलने के बाद लाश को बाहर निकाला।
किचन में पड़ी थी राजकुमार की लाश
फ्रिज से कुछ कदम की दूरी पर घर का किचन है। इस किचन में एक दूसरी लाश पड़ी थी। लाश इस घर के मुखिया और डीआरएफ ऑफिस में अधीक्षक रेलवे कर्मचारी राजकुमार विश्वकर्मा की। राजकुमार की लाश किचन में फर्श पर पड़ी थी। लेकिन वो लाश भी पन्नी में लपेट कर रखी गई थी। घर के बाहर ये तमाम पुलिसवाले थे। मौके पर एंबुलेंस बुलाई गई, और फिर लाशों को एंबुलेंस में रख कर उन्हें पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।
पांच अलग-अलग CCTV कैमरों में क़ैद तस्वीरें
बाप और बेटे के इस डबल मर्डर के बाद की जबलपुर शहर की ये पांच अलग-अलग सीसीटीवी कैमरों में क़ैद पांच तस्वीरें हैं। इन सभी तस्वीरों में एक लड़का है और एक लड़की है। फिलहाल इस डबल मर्डर के लिए इन्हीं दोनों की तलाश है। ये तलाश और इन दोनों का मिलना इस केस के लिए बेहद जरूरी है। जरूरी इसलिए क्योंकि इस डबल मर्डर को लेकर एक सवाल और पहेली है। और उस सवाल और पहेली का जवाब इन दोनों में से कम से कम एक को या तो बेगुनाह साबित कर सकता है या फिर ये साबित कर सकता है कि इस डबल मर्डर के असली क़ातिल यही दोनों हैं।
ये तलाश और ये सवाल इसलिए सबसे ज्यादा अहम है क्योंकि पांच अलग-अलग कैमरों में जो लड़की नजर आ रही है, ये कोई और नहीं बल्कि रेलवे कॉलोनी के इस घर में जिन दो लोगों का क़त्ल हुआ है। उनमें से एक की बेटी और एक की बहन है। चलिए अब सिलसिलेवार पूरी कहानी आपके आपको बताते हैं।
काव्या ने भेजा था ऑडियो मैसेज
15 मार्च की सुबह की बात है। जबलपुर से करीब सवा दो सौ किलोमीटर दूर पिपरिया में रहनेवाली आरती के मोबाइल पर एक व्हाट्स एप ऑडियो मैसेज आता है, लेकिन आरती की नजर इस ऑडियो मैसेज पर करीब चार घंटे बाद पड़ती है। ऑडियो मैसेज उसकी चचेरी बहन 16 साल की काव्या ने जबलपुर से भेजा था। काव्या राजकुमार विश्वकर्मा की बेटी है। उसने मैसेज में कहा था कि उसके पापा और भाई को किसी ने मार डाला है और दोनों की लाशें घर में पड़ी है।
मैसेज देखने के बाद दी खबर
देर से ही सही पर मैसेज पढ़ते ही आरती घबरा गई। उसने अपने पापा को इस मैसेज के बारे में बताया। इसके बाद आरती के पापा ने फौरन जबलपुर में रहने वाले अपने जानकारों को इस बात की खबर दी। तब कहीं जा कर दोपहर तीन बजे के आस-पास पुलिस को पहली बार इसकी जानकारी मिली। पुलिस की एक टीम अब फौरन रेलवे कॉलोनी पहुंची। घर का दरवाजा बंद था। जबकि घर के पीछे बालकोनी की तरफ का दरवाजा गैस कटर से कटा हुआ था।
किचन में पिता, फ्रिज में बेटे की लाश
घर में दाखिल होते ही पुलिस की नजर सबसे पहले किचन में एक पन्नी में लिपटी लाश पर पड़ती है। किचन में चारों तरफ खून की खून था। लाश की शिनाख्त राजकुमार विश्वकर्मा के तौर पर होती है। घर में विश्वकर्मा के अलावा उनकी 16 साल की बेटी काव्या और 8 साल का बेटा तनिष्क ही रहते थे। राजकुमार की पत्नी की 2023 में बीमारी की वजह से मौत हो गई थी। पुलिस घर में चारों तरफ बाकी दोनों बच्चों को ढूंढती है, लेकिन कोई और नहीं मिलता। तभी एक पुलिस वाले की नजर फ्रिज के दरवाजे पर बने हैंडल पर पड़ती है। हैंडल पर खून के छींटे थे। इसी के बाद जब पुलिस वाले ने फ्रिज का दरवाजा खोला, तो अंदर पन्नी में लिपटी एक और लाश मिलती है। ये लाश थी राजकुमार के 8 साल के बेटे तनिष्क की।
घर में थीं दो लाशें तो तीसरा सदस्य कहां?
घर में रहने वाले तीन लोगों में से दो की लाश मिल चुकी थी, लेकिन काव्या घर में कहीं नहीं थी। घर के पीछे बालकोनी का दरवाजा गैस कटर से कटा हुआ था, जिसे देख कर पुलिस ने अंदाजा लगा लिया कि कातिल इसी दरवाजे से घर के अंदर दाखिल हुआ। लेकिन घर के अंदर घर की तीसरी सदस्य काव्या की ना तो लाश मिली और ना ही खुद काव्या। तो क्या कातिल काव्या को किडनैप कर अपने साथ ले गया? कहीं काव्या का भी कत्ल नहीं हो गया? आखिर राजकुमार विश्वकर्मा के परिवार से किसी की क्या दुश्मनी हो सकती है? इन्हीं सवालों के साथ पुलिस ने अपनी तफ्तीश शुरू की।
लाल रंग की स्कूटी के पीछे जाती है लड़की
राजकुमार का परिवार जिस रेलवे कॉलोनी में रहा करता था, उस कॉलोनी में सीसीटीवी कैमरे भी लगे थे। पुलिस ने अपनी तफ्तीश यहीं से शुरू की। तभी कैमरे में कैद एक तस्वीर पर जब पुलिस की नजर पड़ी, तो खुद पुलिस चौंक उठी। ये वही तस्वीर थी। 15 मार्च की दोपहर करीब 12 बजे इस रेलवे कॉलोनी से एक लड़का लाल रंग की स्कूटी पर बाहर निकलता है। जैसे ही वो लड़का कॉलोनी की गेट से बाहर निकलता है, तभी एक लड़की ठीक उसके पीछे-पीछे पैदल बाहर निकल जाती है। और उसी तरफ मुड़ती है, जिस तरफ स्कूटी के साथ वो लड़का मुड़ा था।
काव्या को जिंदा देख पुलिस ने ली राहत की सांस
वो लड़की कोई और नहीं बल्कि राजकुमार की बेटी काव्या थी। दिन के उजाले में काव्या की इस तस्वीर को देखने के बाद पुलिस ने राहत की सांस ली कि कम से कम काव्या जिंदा है। और किसी ने उसे किडनैप नहीं किया, लेकिन इसी तस्वीर के साथ पुलिस के मन में तमाम शक और सवाल भी कौंधने लगे। अब जबलपुर पुलिस ने तय किया कि वो कॉलोनी के बाहर शहर में अलग-अलग जगह पर लगे बाकी सीसीटीवी कैमरों को भी खंगालेगी। इसके लिए एक साथ पुलिस की कई टीमें जुट गईं।
रेलवे स्टेशन पर पार्क थी स्कूटी
थोड़ी ही देर के बाद पुलिस को पहली कामयाबी मिली। रेलवे कॉलोनी के करीब ही मौजूद मदनमहल रेलवे स्टेशन की पार्किंग में उसी लाल रंग की स्कूटी पर वो लड़का और काव्या एक साथ नजर आए। ल़ड़के ने स्टेशन की पार्किंग में स्कूटी पार्क कर दी। इसके बाद दोनों वहां से पैदल निकल पड़े। पार्किंग में स्कूटी पार्क करने की इस तस्वीर से पुलिस ने अंदाजा लगाया कि दोनों किसी ट्रेन से शहर छोड़ कर जा रहे हैं। अब पुलिस ने मदन महल रेलवे स्टेशन की सीसीटीवी तस्वीरों को खंगालना शुरू किया।
रेलवे स्टेशन के अंदर दाखिल होते दिखे काव्या और मुकुल
वहां से भी पुलिस को तस्वीरों की शक्ल में दो सबूत मिलते हैं। दोपहर लगभग 12 बज कर उनसठ मिनट पर काव्या और वही लड़का पहले रेलवे स्टेशन के अंदर दाखिल होते हुए दिखाई देते हैं और फिर एक दूसरे कैमरे में स्टेशन से बाहर निकलते दिखाई देते हैं। मुश्किल से मिनट दो मिनट की बात थी, जब दोनों स्टेशन आए भी और फिर स्टेशन से बाहर भी निकल गए। उनके इस आने और फौरन लौट जाने से ऐसा लगता है मानों वो स्टेशन कोई ट्रेन पकड़ने नहीं आए थे। बस आ कर लौट जाने के लिए आए थे।
पीले रंग की बस में सवार हुए थे दोनों
अब पुलिस की टीम रेलवे स्टेशन के आस-पास के इलाकों के कैमरों को खंगालती है। पुलिस को फिर कामयाबी फिर मिलती है। इस बार काव्या और वो लड़का जबलपुर के आईएसबीटी पर एक कैमरे में नजर आते हैं। दोनों एक पीले रंग की बस की तरफ बढ़ते हैं और फिर बस में सवार हो जाते हैं। ये बस जबलपुर से कटनी जा रही थी। चूंकि बस कैमरे में कैद हो चुकी थी लिहाजा अब पुलिस की एक टीम उस बस को ढूंढने में लग जाती है।
बार-बार बदल रहे थे बस
बस के ड्राइवर और कंडक्टर से पता चलता है कि वो दोनों कटनी से बहुत पहले आधारताल में ही उतर गए थे। अब पुलिस आधारताल के बस स्टैंड से जानकारी लेती है। तो पता चलता है कि दोनों आधारताल से एक दूसरी बस में रवाना हुए और कटनी से बहुत पहले सिहोरा में उतर गए। पुलिस की टीम अब सिहोरा पहुंचती है। सिहोरा बस स्टैंड से पता चलता है कि दोनों ने वहां से एक और बस ली और फिर दोनों कटनी उतर गए।
कटनी जाने के लिए बदली तीन-तीन बसें?
अब सवाल ये है कि जबलपुर से 90 किलोमीटर दूर कटनी जाने के लिए दोनों ने तीन बसें क्यों बदलीं? वो जबलपुर से सीधे पहली बस से ही कटनी जा सकते थे। अमूमन ऐसा लोग तभी करते हैं, जब वो पुलिस को चकमा देने की कोशिश करते हैं। पर ये दोनों पुलिस को क्यों चकमा दे रहे थे? तो चलिए पूरी कहानी समझने के लिए सबसे पहले काव्या के साथ जगह-जगह कैमरे में नजर आ रहे इस लड़के से आपको मिलाते हैं।
काव्या ने मुकुल को भिजवा दिया था जेल
करीब 20 साल के उस लड़के का नाम मुकुल सिंह है। मुकुल इसी रेलवे कॉलोनी में रहता है। और काव्या का पड़ोसी है। पिछले साल सितंबर में काव्या ने मुकुल के खिलाफ पुलिस में एक रिपोर्ट लिखाई थी। इसी के बाद पुलिस ने पॉक्सो एक्ट और बाकी धाराओं में मुकुल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। लेकिन करीब महीने भर बाद वो जमानत पर बाहर आ गया। सितंबर में इस रिपोर्ट को लिखाने के साथ-साथ काव्या के पिता राजकुमार विश्वकर्मा ने अपनी बेटी को अपने भाई के घर पिपरिया भेज दिया था। तब से काव्या वहीं रह रही थी।
फिर भी एक साथ क्यों थे काव्या और मुकुल?
दसवीं की स्टूडेंट काव्या का इसी महीने बोर्ड का इम्तेहान था। वो इम्तेहान देने के लिए जबलपुर आई थी। अब आप सोच रहे होंगे कि जिस मुकुल की वजह से काव्या को जबलपुर से पिपरिया जाना पड़ा और काव्या की वजह से मुकुल को जेल जाना पड़ा, वही दोनों राजकुमार और तनिष्क के कत्ल के बाद लगातार एक साथ क्यों भाग रहे हैं? तो इस सवाल का जवाब इन दोनों के मिलने के बाद ही मिलेगा।
उलझी हुई है कत्ल की ये मिस्ट्री
जबलपुर पुलिस के मुताबिक रेलवे कॉलोनी (Jabalpur Double Murder) के एक और सीसीटीवी फुटेज में 14 और 15 मार्च की देर रात की एक और तस्वीर कैद हुई है. इस तस्वीर में मुकुल राजकुमार विश्वकर्मा के घर के इर्द गिर्द चक्कर काटता हुआ नजर आ रहा है. उसके हाथ में कुछ सामान भी था. जो शायद गैस कटर और पन्नियां थी. ये तस्वीर रात करीब तीन बजे की है. बकौल पुलिस ये दोनों कत्ल रात तीन बजे के बाद ही हुए हैं.