Jaisingh Aggarwal raised questions on party leadership by holding a press conference...now Congress took action...see LETTERJaisingh Aggarwal
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रायपुर, 14 दिसंबर। Jaisingh Aggarwal : पूर्व विधायक बृहस्पत सिंह और विनय जायसवाल के बाद अब जयसिंह अग्रवाल को भी पार्टी ने नोटिस भेज दिया है। पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल को पार्टी ने नोटिस भेजकर अनर्गल बयानबाजी के लिए तीन दिन के भीतर जवाब मांगा है।

दरअसल चुनाव में मिली हार के बाद जयसिंह अग्रवाल ने प्रेस कांफ्रेंस कर मुख्यमंत्री का नाम लिये बगैर पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़े किये थे। जयसिंह अग्रवाल ने सीएम का नाम लिये बगैर आरोप लगाया कि सरकार में मंत्रियों को जो पाॅवर मिलनी थी….वो नही मिल पायी। एक ताकत सेंट्रलाइज हो के कुछ चुनिंदा लोगों के साथ पूरे 5 साल काम करती रही। कोरबा में चुन-चुन के एसपी-कलेक्टर की पोस्टिंग किया गया, जिन्होने कार्यो में सिर्फ व्यवधान ही डाले। राजस्व मंत्री रहे जयसिंह अग्रवाल का अपने ही मुखिया को लेकर दिये इस बयान के बाद एक बार फिर राजनीति गरमा गयी थी।

जयसिंह अग्रवाल ने मीडिया को दिये थे ये बयान

मीडिया में दिये बयान में राजस्व मंत्री ने आरोप लगाया कि…” साल 2018 के विधानसभा चुनाव में सभी ने एकजुट होकर चुनाव लड़ा था। लेकिन मौजूदा चुनाव सेंट्रलाइज हो गया था। जयसिंह अग्रवाल ने आगे कहा कि जो जनादेश हमे मिला था, उसका सही आदर हमारी सरकार नही कर पायी। सरकार से मंत्रियों को जो पाॅवर मिलनी चाहिए थी….वो नही मिली।

एक ताकत सेंट्रलाइज होके कुछ चुनिंदा लोगों के साथ पूरे 5 साल काम करती रही। मंत्री रहे जयसिंह अग्रवाल ने अपनी करारी हार का जिम्मेदार भी सूबे के मुखिया को बताया। उन्होने नाम लिये बगैर कह दिया कि कोरबा जिले में चुन चुनकर ऐसे अधिकारियों को भेजा गया, जो भ्रष्टाचार में लिप्त रहे। अवैध कार्यो को खुलेआम चलाया गया, जिससे जिले में कांग्रेस डैमेज हुई।”

आगे जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश भर के शहरी क्षेत्र में हम बुरी तरह से पिछड़ गए। सरकार ने किसानों पर ध्यान दिया, बेशक उनके काम भी हुए। लेकिन ऐसा लगता है कि हमारे मुखिया को कहीं ना कहीं यह विश्वास था कि ग्रामीण क्षेत्र की सारी सीट जीत लेंगे। शहरी क्षेत्र की ज्यादा जरूरत नहीं पड़ेगी।

लेकिन यह भी गलत साबित हुआ। शहरों में विकास हुआ, लेकिन सारी शहरी क्षेत्र की सारी सीटों पर कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। गौरतलब है कि जिस तरह से साल 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के बड़े नेता और मंत्रियों को करारी हार का सामना करना पड़ा था। ठीक वैसी ही हार का सामना इस बार कांग्रेस के बड़े नेताओं को देखना (Jaisingh Aggarwal) पड़ा है।