Kamalnath ke Jalve: Kamalnath had a fierce clash with the journalist...showed him the way out by pushing...what did he say in anger? listen watch videoKamalnath ke Jalve
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इंदौर, 23 सितंबर। Kamalnath ke Jalve : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के ठीक पहले आज इंदौर में कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं सीएम कैंडिडेट कमलनाथ के कार्यक्रम में बड़ा घटनाक्रम हो गया। कमलनाथ की एक पत्रकार से झड़प हो गई। इसके बाद कमलनाथ के आदेश पर उनके सुरक्षाकर्मियों ने उसे पत्रकार को धक्का देकर भगा दिया। इस पूरे घटनाक्रम के दौरान कमलनाथ मंच पर खड़े लगातार सुरक्षा कर्मियों को निर्देशित करते रहे। एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें वह काफी भड़के हुए दिखाई दे रहे हैं। यह घटनाक्रम मांग मतंग समाज के महाधिवेशन का बताया जा रहा है।

पत्रकारों और कांग्रेस के बीच तनाव की स्थिति 

इस घटनाक्रम के बाद पत्रकारों और कांग्रेस के बीच में तनाव की स्थिति बन गई है। मध्य प्रदेश के ज्यादातर पत्रकार, कमलनाथ की चाय के बिना ही, कांग्रेस पार्टी को फायदा पहुंचाने वाली पत्रकारिता कर रहे थे। वह कमलनाथ में मध्य प्रदेश का नया मुख्यमंत्री देख रहे थे, परंतु इस घटनाक्रम के बाद परिस्थितियों बदलने लगी है। प्रश्न यह नहीं है कि पत्रकार ने कौन सा गलत सवाल पूछ लिया, बल्कि प्रश्न यह है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद का दावेदार क्या इतना संयम भी नहीं रख सकता। आज कार्यक्रम में धक्के देकर भगाया है। कल जेल भेज सकते हैं। इस घटनाक्रम के बाद एक बात स्पष्ट हो गई कि, सवाल ना तो इस तरफ वालों को पसंद है और ना ही उसे तरफ वालों को। तीखे सवाल सबको बुरे लगते हैं और पार्टियों द्वारा वित्त पोषित पत्रकार, अपने सम्मान और हितों की रक्षा के लिए भी संगठित नहीं हो पाते।

कमलनाथ- ना मुंह में शक्कर ना पैर में चक्कर

कहा जाता है कि कमलनाथ के पास 40 साल का पॉलिटिकल एक्सपीरियंस है, परंतु उनके अंदर राजनीति का सबसे पहला गुण “मुंह में शक्कर पैर में चक्कर” 10% भी दिखाई नहीं देता। उनको कभी भी गुस्सा दिलाया जा सकता है। स्पष्ट दिखाई देता है कि उनकी सहनशक्ति काफी कम है। वह अप्रत्याशित सवालों से घबराते हैं। खासकर ऐसे पत्रकारों से उन्हें डर लगता है जिनसे उनकी पहले कभी मुलाकात नहीं हुई। हादसे और प्राकृतिक आपदाओं के मामले में भी कमलनाथ दौड़कर जनता के बीच नहीं जाते। मध्य प्रदेश में नेता प्रतिपक्ष के तौर पर उन्होंने एक लंबा कार्यकाल बिताया है परंतु कभी भी तत्काल जनता के बीच नहीं पहुंचे। कई बार तो ऐसा हुआ कि जब तक नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ अपने दौरे की योजना बना रहे थे तब तक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दौरा करके लौट आए।