रायपुर, 4 नवंबर। Mahadev Gaming App : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर महादेव सट्टा एप के प्रमोटरों से 508 करोड़ लेने का आरोप लगाया है। ईडी का आरोप है कि भिलाई से पकड़े गए असीम दास के जरिए यह पैसा चुनाव खर्च के लिए भूपेश बघेल ने लिए है। इस आरोप पर सीएम भूपेश ने कहा कि इससे बड़ा मजाक कुछ नहीं हो सकता।
सीएम भूपेश पर महादेव एप के प्रमोटर से 508 करोड़ लेने का आरोप, सीएम बोले- इससे बड़ा मजाक नहीं हो सकता, किसी राज्य के मुख्यमंत्री के खिलाफ आप मारपीट करके या दबाव बनाकर बयान दिला दें। बघेल ने कहा कि क्या पीएम का कोई नाम ले तो उनसे पूछताछ होगी क्या। किसी की इज्जत उछालना बहुत आसान हो गया है। बघेल ने कहा कि महादेव एप मामले में हमने 500 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है।
मुख्यमंत्री भूपेश ने कहा कि जैसा कि मैंने पहले कहा है कि भारतीय जनता पार्टी ईडी, आईटी, डीआरआई और सीबीआई जैसी एजेंसियों के सहारे छत्तीसगढ़ का चुनाव लड़ना चाहती है। चुनाव के ठीक पहले ईडी ने मेरी छवि धूमिल करने की सबसे कुत्सित प्रयास किया है। यह कांग्रेस की लोकप्रिय सरकार को बदनाम करने का राजनीतिक प्रयास है जो ईडी के माध्यम से किया जा रहा है।
‘महादेव ऐप’ की कथित जांच के नाम पर ईडी ने पहले मेरे करीबी लोगों को बदनाम करने के लिए उनके घर छापे डाले और अब एक अनजान से व्यक्ति के बयान को आधार बनाकर मुझ पर 508 करोड़ लेने का आरोप लगा दिया है।
ईडी की चालाकी देखिए कि उस व्यक्ति का बयान ज़ाहिर करने के बाद एक छोटे से वाक्य में लिख दिया है कि बयान जांच का विषय है। अगर जांच नहीं हुई है तो एक व्यक्ति के बयान पर प्रेस रिलीज़ जारी करना न केवल ईडी की नीयत को बताता है बल्कि इसके पीछे केंद्र सरकार की बदनीयती को भी ज़ाहिर करता है।
इस समय राज्य में चुनाव हो रहे हैं. सब कुछ चुनाव आयोग के हाथों में है। पुलिस के अलावा सीआरपीएफ़ के जवान जांच कर रहे हैं. ऐसे में सवाल यह उठता है कि इतनी बड़ी रकम लेकर लोग किस तरह से छत्तीसगढ़ पहुंच पा रहे हैं? कहीं इसमें भी तो केंद्रीय एजेंसियों की सांठगांठ नहीं चल रही है? कहीं ये रकम उन संदूकों में तो भरकर नहीं लाई गई है जो ईडी के अफ़सरों और सुरक्षा एजेंसियों के साथ विशेष विमान से तो नहीं पहुंची है?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह दोनों मिलकर भी कांग्रेस का छत्तीसगढ़ में मुकाबला नहीं कर पा रहे हैं तो वे जांच एजेंसियों के सहारे चुनाव लड़ना चाहते हैं।
ईडी के ख़िलाफ़ मैंने खुले बयान दिए हैं और जनता को बताता रहा हूं कि ईडी किस तरह से काम करती है। वह पहले लोगों के नाम तय करती है फिर लोगों को गिरफ़्तार करके धमकाती डराती है और नाम लेने के लिए बाध्य करती है। इसके लिए वह किसी भी हद तक जा सकती है। मारना, डराना धमकाना तो सामान्य बात है।
कांग्रेस तैयार है। कांग्रेस का एक एक कार्यकर्ता तैयार है। ईडी, आईटी जैसी एजेंसियों के मुक़ाबले के लिए छत्तीसगढ़ की जनता हमारे साथ है।