MGUHFS BREAKING : पाटन में सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति में गड़बड़…! कृषि मंत्री ने तत्काल भर्ती रोक कर दिए जांच के आदेश

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रायपुर, 9 जनवरी। MGUHFS BREAKING : महात्मा गांधी उद्यानिकी व वानिकी विश्वविद्यालय सांकरा (पाटन) में 35 पदों पर सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति प्रक्रिया में गड़बड़ी का मामला सामने आया है। छात्र-छात्राओं की शिकायत पर कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने भर्ती प्रक्रिया रोकने और संपूर्ण भर्ती प्रक्रिया की जांच तीन सदस्यीय समिति गठित कर सात दिवस के भीतर कराने के निर्देश दिए हैं।

मामले में विश्वविद्यालय के कुलपति ने किसी भी तरह की गड़बड़ी से इंकार करते हुए कहा कि किसी के कार्यकर्ता के चयन के लिए नियम नहीं बना सकते हैं। वहीं मंत्री कह रहे हैं कि जिसने भी गड़बड़ी की है उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। बतादें कि कांग्रेस की सरकार में यहां भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी।

दूसरी और कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने इस मुद्दे पर बोले कि, महात्मा गांधी उद्यानिकी व वानिकी विश्वविद्यालय में सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति के मामले में गड़बड़ी की कई शिकायतें मिली हैं। जांच के निर्देश दिए हैं। जिन्होंने गड़बड़ी की है उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

इस तरह की गड़बड़ी

बताया जाता है कि नियुक्ति के लिए तैयार किए गए स्कोर कार्ड में गड़बड़ी की शिकायत आई है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की गाइड लाइन के अनुसार पीएचडी और नेट की परीक्षा के लिए पृथक-पृथक अंक देना था, जो कि नहीं किया गया था। इस कारण बड़ी संख्या में पीएचडी उम्मीदवार उपलब्ध होते हुए भी गैर पीएचडीधारी अभ्यर्थियों का चयन और नियुक्ति की गई।

कुलसचिव के खिलाफ भी शिकायत

विद्यार्थियों ने शिकायत में कहा कि सहायक प्राध्यापक की चयन समिति के गठन में भी दोषपूर्ण प्रक्रिया अपनाई गई थी। विश्वविद्यालय की चयन समिति में कुलसचिव द्वारा साक्षात्कार के अंक दिए गए थे, परंतु कुछ अभ्यर्थियों के चयन में कुलसचिव को अंक देने से रोक दिया गया था। बतादें के वर्तमान में कुलसचिव डा. आरएल खरे और कुलपति डा. आरएस कुरील हैं।

कार्यकर्ता के लिए नियम नहीं बना सकते

महात्मा गांधी उद्यानिकी व वानिकी विश्वविद्यालय सांकरा के कुलपति डा. आरएस कुरील ने कहा कि, नियमों का पालन करके ही नियुक्तियां की हैं। किसी कार्यकर्ता के चयन करने के लिए तो नियम नहीं बना सकते हैं। नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान दावा आपत्ति मांगी थी जो भी आपत्ति आई थी उनका निराकरण भी किया है।