रायपुर, 08 अप्रैल। Money Laundering Case : छत्तीसगढ़ शराब घोटाला केस में बड़ा अपडेट सामने आया है। छत्तीसगढ़ के इस बहुचर्चित 2 हजार 160 करोड़ रुपए के शराब घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग केस को रद्द कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की डबल बैंच ने अलग-अलग याचिकाओं की संयुक्त तौर पर सुनवाई करते हुए यह फैसला दिया है।
कोर्ट ने कहा है कि इस मामले में ईसीआईआर और एफआईआर को देखने से पता चलता है कि कोई विधेय अपराध नहीं हुआ और अपराध से कोई आय नहीं है। इसलिए मनी लॉन्ड्रिंग केस का केस नहीं बनता। ज्ञात हो कि इस मामले में जिन छह लोगों ने याचिकाएं लगाई थीं, उनमें एक अनवर ढेबर भी हैं। फिलहाल अनवर कोर्ट की ओर से एसीबी-ईओडब्लू की रिमांड पर हैं। इस फैसले से टुटेजा पिता-पुत्र को राहत
वरिष्ठ वकीलों का कहना है कि फैसला देखे बगैर कुछ नहीं कह सकते, लेकिन जितने भी याचिकाकर्ता हैं, उन्हें बड़ी राहत मिली है। इस मामले में पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश टुटेजा, अनवर ढेबर, करिश्मा ढेबर, अरुणपति त्रिपाठी औरसिद्धार्थ सिंघानिया याचिकाकर्ता (Money Laundering Case) हैं। जाहिर है सभी को राहत मिल सकती है।
अभी यह स्पष्ट नहीं है कि एसीबी-ईओडब्लू के केस में अनवर को क्या राहत मिलेगी, क्योंकि वह अभी एजेंसी की हिरासत में हैं। विधि विशेषज्ञों का कहना है कि आदेश देखने के बाद ही कहा जा सकता है कि शराब घोटाले की वर्तमान जांच पर इस फैसला का क्या असर होगा।