भोपाल, 04 दिसंबर। MP Election : मध्य प्रदेश में बीजेपी की प्रचंड जीत के बाद पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ सीएम शिवराज से मिलने उनके आवास पहुंचे। उन्होंने बंपर जीत के लिए बधाई भी दी और यह भी कहा कि जनहित में सरकार जो भी काम करेगी, उसमें विपक्ष हमेशा उसके साथ रहेगा।
उन्होंने एमपी के युवा किसानों की समस्याओं से भी अवगत कराया और और अधिक काम करने को कहा। कमलनाथ ने कहा कि हार का आकलन करने के लिए उन्होंने सभी विधायकों और प्रत्याशियों को भोपाल बुलाया है। हम बैठेंगे और आत्ममंथन करेंगे। इधर, हार के बाद प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने बोला है कि हम हमारी हार पर चिंतन करेंगे कि आखिर हमसे कहां चूक हो गई और हम जनता का विश्वास क्यों नहीं जीत पाए।
मध्यप्रदेश विधान सभा चुनाव 2023 में करारी हार झेलने के बाद कांग्रेस अपनी कमियों को तलाशने में जुट गई है। इसके लिए राजधानी भोपाल में एक समीक्षा बैठक बुलाई गई है। बैठक मंगलवार को सुबह 11 बजे से प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ की मोजूदगी में प्रदेश कोंग्रेस कार्यलय में होगी। इसमें सभी 230 प्रत्याशियों को बुलाया गया है। पीसीसी चीफ के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, मध्यप्रदेश के चुनाव प्रभारी रणदीप सुरजेवाला बैठक में प्रत्याशियों के साथ चर्चा कर हार की समीक्षा करेंगे। कांग्रेस को माहौल अपने पक्ष में नजर आ रहा था बावजूद इसके उसे बड़ी हार मिली। ऐसे में कांग्रेस हर पहलू पर विचार करने की बात कह रही है।
ये रहा परिणाम
बता दें, 230 में से कांग्रेस के 164 प्रत्याशी चुनाव हार गए हैं। केवल 66 प्रत्याशियों को ही जीत का स्वाद चखने मिला है। जबकि तीन तीन सर्वे करवाने के बाद ये टिकट दिए गए थे। अब इतनी बड़ी संख्या में प्रत्याशियों के चुनाव हारने से कांग्रेस हैरान है। अब वो अपने सभी हारे हुए उम्मीदवारों से उनकी हार के कारण पूछेगी। इसके बाद आगे की रणनीति बनाई जायेगी। इसके पहले 2018 के चुनाव में कांग्रेस के 114 कैंडिडेट जीते थे। पिछले चुनाव के मुकाबले कांग्रेस को इस बार 48 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा है।
ये बड़े दिग्गज नेताओं को मिली हार
नेता प्रतिपक्ष (MP Election) गोविंद सिंह, पूर्व मंत्री प्रिकियव्रत सिंह, जीतू पटवारी, हुकुम सिंह कराड़ा, सुखदेव पांसे, पीसी शर्मा, लाखन सिंह यादव, केपी सिंह, सज्जन सिंह वर्मा, विजयलक्ष्मी साधौ, कमलेश्वर पटेल और तरुण भनोट चुनाव हारे हैं। इनके साथ ही लक्ष्मण सिंह, मुकेश नायक और कुणाल चौधरी जैसे नेता भी चुनाव हार गए हैं।