नई दिल्ली, 07 जून। MP Joins Congress : महाराष्ट्र के सांगली सीट से लोकसभा चुनाव 2024 में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में विजयी विशाल पाटिल शुक्रवार को कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। पाटिल ने दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मुलाकात की और अपना समर्थन पार्टी को दिया।
विशाल पाटिल ने क्यों चुनी कांग्रेस?
विशाल पाटिल ने मीडिया से बातचीत में बताया कि कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ना संभव नहीं था, लेकिन जनता ने कांग्रेस की विचारधारा को ध्यान में रखते हुए उन्हें वोट दिया। उन्होंने कहा, “मैंने स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ा, लेकिन मेरी विचारधारा हमेशा कांग्रेस के करीब रही है।”
कांग्रेस के सांसदों की संख्या 101 हुई
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के 99 सांसद जीते थे। पाटिल के समर्थन के बाद पार्टी के सांसदों की संख्या अब 100 हो गई है। इसके अलावा, बिहार के पूर्णिया से निर्दलीय चुनाव जीते पप्पू यादव भी कांग्रेस के समर्थन में हैं, जिससे कांग्रेस के पास कुल 101 सांसद हो गए हैं। पप्पू यादव ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रत्याशी बीमा भारती को हराया और 23,847 वोटों से जीते थे।
एक लाख वोटों से जीते विशाल पाटिल
4 जून को जारी हुए लोकसभा चुनाव के नतीजों में महाराष्ट्र में सबसे बड़ा झटका भाजपा और उनके गठबंधन महायुति को लगा। बीजेपी और उसका गठबंधन 17 सीटों पर सिमट गया। वहीं सांगली लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार विशाल पाटिल की जीत हुई। विशाल पाटिल ने बीजेपी के उम्मीदवार संजयकाका पाटिल को करीब एक लाख वोटों से हराया है। चुनाव आयोग की वेबसाइट पर दिए गए आंकड़ों के मुताबिक विशाल पाटिल को 5,71,666 वोट मिले, जबकि बीजेपी के संजय काका पाटिल को 4,71,613 वोट मिले। इस तरह विशाल ने 1,00,053 वोटों के बड़े अंतर से जीत हासिल की।
कांग्रेस के टिकट नहीं मिलने पर लड़ा निर्दलीय चुनाव
कांग्रेस के टिकट नहीं मिलने पर लड़ा निर्दलीय चुनाव दरअसल, सांगली सीट पर कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर विशाल पाटील निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरे। जहां उन्होंने बीजेपी के दिग्गज नेता संजय काका पाटिल को शिकस्त दी। बता दें कि यह सीट महाविकास आघाड़ी में सीट शेयरिंग के तहत उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना यूटीबी को मिली थी। ऐसे में शिवसेना ने चंद्रहार पाटिल को अपना प्रत्याशी बनाया।
कौन हैं विशाल पाटिल?
विशाल पाटिल का परिवार कांग्रेस से गहरा संबंध रखता है। उनके दादा वसंतदादा पाटिल महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे और पिता प्रकाशबापू पाटिल सांगली से पांच बार सांसद रह चुके हैं। प्रकाशबापू के निधन के बाद उनके बेटे प्रतीक ने सांगली सीट पर उपचुनाव जीता और केंद्र में मंत्री भी रहे। प्रतीक ने हाल ही में राजनीति से सन्यास लिया, जिसके बाद विशाल पाटिल ने परिवार की राजनीतिक विरासत संभाली। उन्होंने भाजपा के संजय पाटिल को 1 लाख वोटों से हराया। विशाल पाटिल का कांग्रेस में शामिल होना पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो आगामी चुनावों (MP Joins Congress) में कांग्रेस के समर्थन को और मजबूत करेगा।