गरियाबंद, 26 जून। PMGSY Road Construction : गरियाबंद ब्लॉक में PMGSY (प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना) के तहत महज 65 लाख रुपए की लागत से बनी रक्शा से कमारपारा तक की डेढ़ किलोमीटर लंबी सड़क चंद महीनों में ही उखड़ने लगी है। जनजाति आदिवासी न्याय महाभियान के तहत बनी इस सड़क की गुणवत्ता पर ग्रामीणों ने सवाल उठाए हैं।
ग्रामीणों का आरोप है कि, ठेकेदार बाफना कंस्ट्रक्शन ने सड़क निर्माण में डामर और बजरी की कमी की, जिसके कारण सड़क जल्दी टूटने लगी। स्थानीय निवासियों ने इस निर्माण को भ्रष्टाचार कहना शुरू कर दिया है, उन्होंने प्रशासन से जवाब और कार्रवाई की मांग की है।
सिस्टम का सुस्त रवैया
पीएमजीएसवाई के स्थानीय अधिकारी सवालों के जवाब देने से बचते रहे, कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया। कहा जा रहा है कि इंजीनियरों और ठेकेदारों की मिलीभगत से ही इतना घटिया निर्माण संभव हो पाया। उल्लेखनीय है कि इससे पहले देवभोग ब्लॉक में ही करीब 16 करोड़ की लागत से बनी एक अन्य सड़क भी नियमों की अनदेखी के कारण घटिया हालत में बनी थी। ग्रामीणों ने आरोप लगाया था कि इसमें घटिया बिटुमिन और कम गिट्टी का इस्तेमाल किया गया है।
ग्रामीणों की मांग:
- अधिकारी और ठेकेदारों के खिलाफ प्रभावशाली जांच और केंद्रीय/राज्य स्तर से निरीक्षण कराए जाएं।
- मरम्मत या सामर्थ्यवान पुनर्निर्माण तुरंत शुरू हो।
- दोषियों को चिन्हित कर कानूनी कार्रवाई और भुगतान रोक दी जाए।
हालांकि, सरकारी योजना (PMGSY Road Construction) के तहत बनी इस सड़क का घटिया स्तर का होना और तुरंत क्षतिग्रस्त हो जाना यह स्पष्ट करता है कि हर निर्माण में पारदर्शिता, गुणवत्ता की जांच और जवाबदेही जरूरी है। गरियाबंद के ग्रामीणों का कहना है कि स्थानीय अधिकारियों से भी उन्हें कोई सहयोग नहीं मिल रहा है।