डेस्क, 28 जनवरी। President’s Award : हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा अलग-अलग क्षेत्र में कार्यरत शासकीय कर्मचारियों को उनकी विशिष्ट सेवाओं के लिए पुरस्कृत करने हेतु चयनित अधिकारियों की सूची जारी की गई है जिसमें छत्तीसगढ़ के पूर्व डीजीपी विजय शंकर चौबे की बेटी श्वेता चौबे का भी नाम शामिल है फिलहाल श्वेता उत्तराखंड के पौड़ी जिले में बतौर एसएसपी पदस्थ हैं और उनका नाम सराहनीय पुलिस सेवा के दृष्टिकोण से राष्ट्रपति मेडल के लिए चयनित हुआ है।
दिवंगत डीजीपी विजय शंकर चौबे की बेटी SSP श्वेता
श्वेता चौबे को उनकी पुलिसिंग के लिए पूरे उत्तराखंड में उत्तराखंड की शेरनी के नाम से जाना जाता है और उनके पिता श्री विजय शंकर चौबे को यह पुरस्कार सन 1987 में दुर्ग में पदस्थ रहते हुए मिला था इसके बाद वे सन 2000 में विशिष्ट पुलिसिंग सेवा के लिए भी राष्ट्रपति पुरस्कार से नवाजे गए थे बता दें कि श्वेता चौबे का पूरा बचपन छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में ही बीता है और उनका दादिहाल सारंगढ़ है। श्वेता ने सन 2005 में बतौर डीएसपी राज्य पुलिस सेवा में अपने करियर की शुरुआत की थी और अपने दबंग अंदाज के चलते उन्हें धीरे-धीरे पूरे उत्तराखंड में उत्तराखंड की शेरनी के नाम से जाना जाने लगा सन 2019 में उन्हें आईपीएस अवार्ड हुआ और वे देहरादून में बतौर एसपी पदस्थ हुई, कोरोना काल में बतौर एसपी सिटी उनके कार्यकाल की हर किसी ने सराहना की।
इसके अलावा 2021 के महाकुंभ के दौरान उन्होंने जिस तरह से कार्य किया वह किसी से छिपा नहीं है। एसआइटी में रहते हुए उन्होंने शिक्षक भर्ती घोटाले का भंडाफोड़ किया तो विजिलेंस में रहते हुए बड़े-बड़े भ्रष्टाचारियों को जेल भेजने का काम किया। अंकिता भंडारी कांड के बाद पौड़ी जिले के बिगड़ते हालात को देखते हुए उनको पौड़ी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की जिम्मेदारी मिली थी। उनके नेतृत्व में पौड़ी पुलिस ने कई बड़ी सफलता हासिल की है। इस बार के कांवड़ मेले के दौरान नीलकंठ महादेव मंदिर में उमड़ी भीड़ एवं खराब मौसम के बीच वह लगातार पुलिसकर्मियों का उत्साहवर्धन करती रही और अब केंद्रीय गृह विभाग ने उनकी बेहतरीन पुलिसिंग के लिए उन्हें राष्ट्रपति मेडल से सम्मानित करने का निर्णय लिया है।
पिता के पदचिन्हों पर चल रही है
मीडिया से बातचीत में श्वेता चौबे ने बताया कि उनके पिता जी श्री विजय शंकर चौबे को बचपन से ही उन्होंने पुलिस में सेवा देते हुए देखा है जिसके चलते वे भी बचपन से ही एक बड़ी पुलिस अधिकारी बनना चाहती थी और उनका यह सपना तब पूरा हुआ जब वे उत्तराखंड राज्य पुलिस सेवा में बतौर डीएसपी पदस्त हुईं। श्वेता ने बताया कि इस पुरस्कार के मिलने से वे बहुत खुश हैं लेकिन उससे भी ज्यादा खुशी उन्हें इस बात की है कि वे अपने पिता के पदचिन्हों पर आगे बढ़ रहीं है और आगे भी इसी तरह वो अपने पिता के आदर्शों के साथ ईमानदारी से पुलिस विभाग (President’s Award) में अपनी सेवाएं देती रहेंगी।