रायपुर, 14 दिसंबर। Saumya Chaurasia : मनी लॉन्ड्रिंग मामले में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पूर्व उप सचिव सौम्या चौरसिया को जमानत देने से सुप्रीम कोर्ट ने मना कर दिया। इससे पहले छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने चौरसिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके खिलाफ उसने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। अब सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की डिवीजन बेंच ने चौरसिया की जमानत याचिका खारिज की।
बता दें, चौरसिया कोयला घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी हैं। निलंबित सिविल सेवक अब एक साल से अधिक समय से जेल में है। सुप्रीम कोर्ट ने जमानत याचिका खरिज तो की ही साथ ही एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। अदालत ने अपने आदेश में कहा, “हमारे सामने गलत तथ्य पेश किए गए, इसलिए एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाता है।”
क्या है पूरा मामला?
सौम्या चौरसिया पर छत्तीसगढ़ की खदानों से कोयला परिवहन करने वाले कोयला और खनन ट्रांसपोर्टरों से जबरन वसूली और अवैध लेवी वसूली के आरोप लगे हैं। प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार, जांच में बड़े पैमाने पर घोटाले का खुलासा हुआ, जिसमें प्रति टन कोयले पर 25 रुपये की अवैध उगाही शामिल है, जिसकी धनराशि कथित तौर पर 16 महीनों के भीतर 500 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है।
केंद्रीय एजेंसी का दावा कि इस पैसे का इस्तेमाल कथित तौर पर चुनावी फंडिंग और रिश्वत के लिए किया जा रहा था। पिछले साल अक्टूबर में इसने छापे मारे, जिससे आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई, कोयला व्यवसायी सुनील अग्रवाल, उनके चाचा लक्ष्मीकांत तिवारी और ‘किंगपिन’ सूर्यकांत तिवारी की गिरफ्तारी हुई। दिसंबर में केंद्रीय एजेंसी ने सौम्या चौरसिया (Saumya Chaurasia) को गिरफ्तार किया था।