रायपुर, 19 जुलाई। Spreading Obscenity : विधानसभा मानसून सत्र के दौरान फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे 267 लोगों के नौकरी करने वालों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कुछ युवकों ने नग्न प्रदर्शन किया। आमा सिवनी मोड़ के पास विधानसभा रोड में नग्न प्रदर्शन करने आए प्रदर्शनकारियों को ड्यूटी पर पुलिस ने रोकने की कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की एक ना सुनी। जिसके बाद पुलिस ने अश्लील और अवैधानिक प्रदर्शन को रोकने के लिए हिरासत में लिया। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झूमाझटकी भी हुई।
40 लोगों को किया जा चुका है बर्खास्त
बता दें कि, प्रदर्शनकारियों ने जिला प्रशासन से निर्वस्त्र होकर विधानसभा घेराव करने की अनुमति मांगी थी। जिसे निरस्त कर दिया गया था और उन्हें जानकारी भी उपलब्ध कराई गई थी कि जो मांग आप लोग कर रहे हैं उनमें से पूर्व में भर्ती हुए और लंबे समय से कार्यरत फ़र्ज़ी जाति प्रमाण पत्र वाले 267 लोगों पर कार्रवाई के संबंध में राज्य शासन द्वारा संबंधित विभागों को कार्रवाई के लिए वर्ष 2020 में पत्र जारी किया गया था।
इसमें से 40 लोगों को बर्खास्त किया जा चुका है। कुछ के प्रकरण में कार्रवाई प्रक्रियाधीन है, जबकि ज़्यादातर प्रकरणों में न्यायालय से स्टे है। इसके बावजूद प्रदर्शनकारियों ने अवैधानिक और भारतीय सामाजिक मूल्यों के विपरीत निर्वस्त्र होकर अश्लील प्रदर्शन किया।
29 के खिलाफ इन धाराओं के तहत मामला दर्ज
वहीं पुलिस ने मामले में निर्वस्त्र होकर प्रदर्शनकर रहे 29 आरापियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों का मोबाइल चेक करने पर पाया गया कि, उनके द्वारा निर्वस्त्र होकर बनाये गए अश्लील वीडियो को सोशल मीडिया के विभिन्न ग्रुपों में वायरल भी कर दिया गया था। जिस पर 29 आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ थाना विधानसभा में अपराध क्र. 213/23 धारा 146, 147, 353, 332, 294 भा.द.वि. और 67(ए) आई.टी. एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जेल भेजा गया है।
वहीं पुलिस ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि, प्रदर्शनकारियों (Spreading Obscenity) द्वारा बनाए गये अश्लील वीडियो को यदि कोई भी व्यक्ति सोशल मीडिया में या अन्य माध्यम से प्रचार-प्रसार कर अश्लीलता फैलाता है तो उसके खिलाफ भी ITI की धारा 67(ए) के तहत कार्रवाई की जा सकती है।