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Narottam Mishra: After the defeat, Narottam Mishra's poetic style… Coming at the door of the train, he said – My defeat is more discussed than your victory… Listen to VIDEO
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Narottam Mishra : शिकस्त के बाद शायराना अंदाज…ट्रेन के दरवाजे पर आकर बोले- तेरी जीत से ज्यादा चर्चे मेरी हार के हैं…सुनिए VIDEO

दतिया, 05 दिसंबर। MP Election : मध्य प्रदेश में भाजपा की प्रचंड जीत हुई लेकिन कुछ कद्दावर नेताओं को केवल निराशा ही हाथ लगी। सूबे के गृहमंत्री अपना 15 साल पुराना गढ़ दतिया को बचाने में नाकाम रहे। वो यहां से 2008 से विधायक निर्वाचित होते रहे थे लेकिन इस बार उन्हें राजेंद्र भारती के सामने शिकस्त का मिली। हार के बाद दतिया से भोपाल रवाना होते समय गृहमंत्री ने स्टेशन पर कार्यकर्ताओं को शायराना अंदाज में संबोधित किया। इससे पहले सोमवार दोपहर में नरोत्तम मिश्र ने कविता सुनाकर कहा था कि मैं वादा करता हूं जल्दी लौटूंगा। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्र ने स्टेशन पर कार्यकर्ताओं से बातचीत करते हुए शायराना अंदाज में कहा,”अपनी जीत पर इतना गुमान मत कर, तेरी जीत से ज्यादा चर्चे तो मेरी हार के हैं।” सोमवार को दतिया पहुंचे नरोत्तम मिश्र ने कार्यकर्ताओं से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने कहा था,” क्या हार में क्या जीत में, किंचित नहीं भयभीत मैं।” आगे बात जोड़ते हुए उन्होंने कहा था कि समुन्दर की लहर पीछे हट जाए तो किनारे पर घर मत बना लेना, मैं लौटकर वापस जरूर आऊंगा। गौरतलब हो सूबे में भाजपा की प्रचंड लहर के बावजूद शिवराज सिंह चौहान कैबिनेट के कई मंत्रियों को मुंह की खानी पड़ी है। प्रदेश में चुनाव लड़ रहे केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते भी हार गए हैं। इस लहर के बावजूद गृहमंत्री नरोत्तम मिश्र राजेंद्र भारती से 7742 वोटों से हार गए हैं। कांग्रेस ने इस सीट पर प्रत्याशी बदला था और इसका उन्हें फायदा भी मिला है। मध्य प्रदेश की 230 सीटों वाली विधानसभा चुनाव (MP Election) में भाजपा ने 163 सीटें जीती हैं। प्रमुख प्रतिद्वंदी कांग्रेस महज 66 सीटों पर सिमट कर रह गई। वहीं एक सीट अन्य के खाते में गई है। सूबे में एक चरण में 17 नवंबर को चुनाव हुआ था और 3 दिसंबर को नतीजे आए हैं।

MP Election Result: Congress's crushing defeat...! EX CM blames EVM...said- If you have lead on ballot then how come you lagged behind in counting?
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MP Election Result : कांग्रेस की करारी हार…! EX CM ने EVM पर फोड़ा ठीकरा…बोले- बैलेट पर बढ़त तो गिनती में कैसे पिछड़े?

भोपाल, 05 दिसंबर। MP Election Result : मध्य प्रदेश में करारी हार के बाद कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ठीकरा एक बार फिर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर फोड़ दिया है। दिग्विजय ने कहा है कि पोस्टल बैलेट की गिनती में उनकी पार्टी 199 सीटों पर बढ़त में थी, लेकिन ईवीएम वोटों की गिनती में पिछड़ गई। दिग्विजय सिंह ने यह भी कहा है कि चिप वाली किसी भी मशीन को हैक किया जा सकता है। उन्होंने चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट से भारतीय लोकतंत्र को बचाने की अपील की है। रविवार को घोषित हुए चुनाव नतीजों में कांग्रेस पार्टी को मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में हार का सामना करना पड़ा, जबकि तेलंगाना में उसकी जीत हुई है। चुनाव में कांग्रेस की हार की समीक्षा से पहले दिग्विजय सिंह ने ईवीएम पर सारा दोष मढ़ दिया है। सोमवार रात से मंगलवार सुबह तक उन्होंने एक के बाद एक कई पोस्ट के जरिए सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म ‘एक्स’ पर दावा किया कि ईवीएम की वजह से ही उनकी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है। दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘चिप वाली किसी भी मशीन को हैक किया जा सकता है। मैं 2003 से ही ईवीएम से वोटिंग का विरोध करता रहा हूं। क्या हम इस बात की इजाजत दे सकते हैं कि भारतीय लोकतंत्र को पेशेवर हैकर्स नियंत्रित करें! यह मूल सवाल है जिसका जवाब सभी राजनीतिक दलों को देना चाहिए। माननीय चुनाव आयोग (MP Election Result) और सुप्रीम कोर्ट, क्या आप कृपया हमारे लोकतंत्र की रक्षा कर सकते हैं?’ दिग्विजय सिंह ने अपने ट्वीट के साथ एक पुराने न्यूज आर्टिकल को भी शेयर किया है जिसमें कहा गया है कि भाजपा ने हार के लिए ईवीएम को जिम्मेदार बताया।

Access to OBC: Yadav Chief Minister in Modi government...! BJP has given posts to how many more Yadavs...see list
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CG Election Result : छत्तीसगढ़ में ‘मोदी लहर’ की आंधी में उड़ गए ‘भूपेश कैबिनेट’ के दिग्गज…! इन नए प्रत्याशियों ने अमरजीत भगत-टीएस सिंहदेव-रवींद्र चौबे को दी पटखनी

रायपुर, 05 दिसंबर। CG Election Result : छत्तीसगढ़ 2018 विधानसभा के चुनावों में जिस तरह से कांग्रेस ने भाजपा का छत्तीसगढ़ से सूपड़ा साफ किया था। ठीक उसी तर्ज पर भारतीय जनता पार्टी ने इस बार कांग्रेस को कभी ना भूलने वाला झटका दिया है। हालात ऐसे बने कि छत्तीसगढ़ में मोदी लहर की आंधी में भूपेश कैबिनेट के सभी दिग्गज उड़ गए। जिसमें अमरजीत भगत-टीएस सिंहदेव-रवींद्र चौबे जैसे दिग्गज मंत्रियों को नये आये प्रत्याशियों ने हरा दिया। कांग्रेस को एग्जिट पोल के नतीजों से ही होना पड़ा खुश 2023 के मतगणना के बाद कांग्रेस को सिर्फ एग्जिट पोल के नतीजों पर ही खुश होने का मौका मिला। 30 नवंबर की शाम को आए एग्जिट पोल के दावे से कांग्रेस सिर्फ तीन दिन खुशी मान पाई। कांग्रेस के दफ्तर में जहां सुबह 9 बजे तक गहमा गहमी थी वो 11 बजे के बाद सन्नाटे में बदल गई। कांग्रेस के कई दिग्गज भाजपा के चुनावी चक्रव्यूह में फंसकर चित्त हो गए। नए उम्मीदवारों से हारे कांग्रेस के दिग्गज चित्रकोट विधानसभा सीट पर कांग्रेस के सबसे हाईप्रोफाइल और युवा नेता दीपक बैज चुनाव हार गए। दीपक बैज को भारतीय जनता पार्टी के विनायक गोयल ने हराया। भारतीय जनता पार्टी के विनायक गोयल का कोई बड़ा राजनीतिक करियर नहीं रहा है। दीपक बैज जगदलपुर लोकसभा सीट से सांसद और वर्तमान में पीसीसीसी चीफ भी हैं। सीतापुर सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता और खाद्य मंत्री रहे अमरजीत भगत पराजित हुए हैं।अमरजीत भगत को भारतीय जनता पार्टी से पहली बार चुनाव लड़ रहे रामकुमार टोप्पों ने चुनाव हरा दिया। रामकुमार टोप्पो आर्मी से रिटायर हुए जवान हैं। अपनी पहली ही राजनीतिक पारी में रामकुमार ने भूपेश बघेल के सबसे बड़े सिपहसालार को धूल चटाई। साजा विधानसभा सीट से प्रदेश के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे चुनाव हार गए हैं। रविंद्र चौबे को पहली बार चुनाव लड़ रहे ईश्वर साहू ने चुनाव हरा दिया। ईश्वर साहू की हत्या बीच बाजार में कर दी थी। भारतीय जनता पार्टी ने मौके को भुनाते हुए ईश्वर साहू को अपना उम्मीदवार बनाया और साहू ने भारतीय जनता पार्टी के फैसले को सही साबित कर दिखाया। रायपुर उत्तर सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता कुलदीप जुनेजा की हार हुई है। कुलदीप जुनेजा को बीजेपी के पुरंदर मिश्रा ने चुनाव हराया है। तो वहीं रायपुर दक्षिण सीट से भाजपा के 7 बार के विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने जीत दर्ज की, बृजमोहन अग्रवाल का मुकाबला यहां अपने ही गुरु महंत रामसुंदर दास था। कुनकुरी विधानसभा सीट इस बार काफी हाईप्रोफाइल सीट थी। यूडी मिंज को भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता विष्णुदेव साय ने करारी शिकस्त दी। विष्णुदेव साय पहले केंद्रीय मंत्री के पद पर रहे फिर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पर भी रहे। कोंडगांव सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता मोहन मरकाम को भाजपा की लता उसेंडी ने हरा दिया। मोहन मरकाम पहले कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे फिर उनको प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाकर कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। लता उसेंडी भाजपा सरकार में पूर्व मंत्री रह चुकी हैं। मोहम्मद अकबर को कवर्धा सीट से हार का सामना करना पड़ा है। कवर्धा सीट की लड़ाई में मोहम्मद अकबर को भारतीय जनता पार्टी विजय शर्मा ने चुनाव हार आया। रायगढ़ सीट से बीजेपी के ओपी चौधरी ने जीत हासिल की है। उन्होंने शक्रजीत नायक को हराया है। अंबिकापुर विधानसभा सीट पर उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव और राजेश अग्रवाल के बीच जबरदस्त टक्कर हुई. यहां हार जीत का अंतर काफी कम रहा। राजनांदगांव सीट पर रमन सिंह ने बड़े मार्जिन से जीत दर्ज की। रमन सिंह ने यहां कांग्रेस के गिरीश देवांगन को चुनावी मैदान में पटखनी दी। लोरमी विधानसभा सीट पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद अरुण साव ने जीत दर्ज की, साव ने कांग्रेस के थानेश्वर साहू को हराया। पहले राउंड से ही अरुण साव ने जो बढ़त बनाई वो आखरी राउंड तक बढ़त बनी रही। रायपुर पश्चिम सीट से भारतीय जनता पार्टी के राजेश मूणत ने कांग्रेस के युवा और तेजतर्रार नेता विकास उपाध्याय को बड़े अंतर से चुनाव हराया है। विकास उपाध्याय को मुख्यमंत्री का करीबी भी माना जाता था। दुर्ग ग्रामीण सीट पर कांग्रेस (CG Election Result) के कद्दावर नेता और वर्तमान में प्रदेश के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू को चुनाव हराया है। छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री को बीजेपी के ललित चंद्राकर ने 13 हजार वोटों से हराया।

Voters rejected JCCJ...NOTA got more votes...except Richa Jogi, no candidate crossed the 10 thousand mark
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JCCJ को मतदाताओं ने नकारा…NOTA को ज्यादा मिले वोट…ऋचा जोगी को छोड़ कोई भी प्रत्याशी 10 हजार का आंकड़ा नहीं किया पार

रायपुर, 05 दिसंबर। JCCI : छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जोगी के प्रत्याशियों को पसंद नहीं किया गया है। इस बार जेसीसीजे का वोट प्रतिशत भी गिरा है। पिछले विधानसभा चुनाव में JCCJ को कुल मतदान का 2 प्रतिशत वोट मिला था। इस बार ये आंकड़ा 1.23 पर सिमटकर रह गया है, जो नोटा के प्रतिशत से भी कम है। आंकड़ों की बात करें तो ये कुल मतदान का 1.26 प्रतिशत है। हालांकि ये 2013 और 2018 के मुकाबले कम है। 2018 में 2 लाख 82 हजार 738 और 2013 में 4 लाख 1 हजार 58 मतदाताओं ने नोटा दबाया। सबसे ज्यादा 8438 वोट नोटा को दंतेवाड़ा में मिले हैं। कुछ पार्टियों के वोट प्रतिशत का ग्राफ भी इस चुनाव में गिरा है। 2018 के विधानसभा चुनाव में बीएसपी के साथ मिलकर JCCI ने 7 सीटें जीती थी। इस विधानसभा चुनाव में जेसीसीजे अपना खाता भी नहीं खोल पाई है। अकलतरा प्रत्याशी ऋचा जोगी को छोड़, पार्टी का कोई भी प्रत्याशी 10 हजार वोटों का आंकड़ा भी पार कर नहीं पाया। ऋचा जोगी को 16,464, कोटा से पूर्व विधायक रेणु जोगी को 8884 और अमित जोगी को पाटन सीट पर 4822 वोटों ही मिले। इन पार्टियों को मिले इतने प्रतिशत वोट विधानसभा चुनाव 2023 में बीजेपी के पक्ष में 72 लाख 34 हजार 968 मतदाताओं ने वोट किया है। वहीं, कांग्रेस को 66 लाख 2 हजार 583, जेसीसीजे को 1 लाख 92 हजार 406, बीएसपी को 3 लाख 19 हजार 903 से ज्यादा और बाकी पार्टियों को 8 लाख 67 हजार 63 मतदाताओं ने वोट दिया है।

BJP Leader OP Chaudhary: Will you be the CM face...? OP Choudhary was shocked after hearing this...listen what he said next
Raipur

BJP Leader OP Chaudhary : क्या आप CM फेस होंगे…? यह सुनकर तमतमा गए OP चौधरी…सुनिए फिर क्या बोले

रायपुर, 05 दिसंबर। BJP Leader OP Chaudhary : प्रदेशभर से आए BJP के जीते हुए प्रत्याशियों से मीडिया लगातार कई तरह के सवाल कर रहा था। जब रायगढ़ से विधायक बने OP चौधरी रायपुर पहुंचे तो मीडिया ने उन्हें घेर लिया। एक सवाल सुनकर OP नाराज हुए। सवाल था क्या आप CM फेस होंगे। ये सुनकर चौधरी ने कहा- मीडिया अनावश्यक ऐसी बातों को तूल दे रहा है, ऐसे कयास नहीं लगाए जाने चाहिए। मैं पार्टी का छोटा कार्यकर्ता हूं। उन्होंने मीडिया पर जमकर बरसे और इस तरह की बातें ना करने की हिदायत भी दे डाली। एक मौका ऐसा भी आया जब वह मीडिया से बचकर प्रदेश कार्यालय की ऊपरी मंजिल में हड़बड़ा कर जाते दिखाई दिए। उन्हें ऊपर ओम माथुर और मनसुख मांडविया से मुलाकात करनी थी। भाजपा कार्यकर्ता जैसे-तैसे मीडिया से बचाकर चौधरी को साथ ले गए। आईएएस अधिकारी से बीजेपी नेता बने ओपी चौधरी ने छत्तीसगढ़ की रायगढ़ सीट पर जीत हासिल की है, उन्होंने कांग्रेस के प्रकाश शक्रजीत नाइक को 64,000 से अधिक वोटों से हराया है। ओबीसी नेता चौधरी को बीजेपी के मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में से एक माना जाता है। पार्टी ने राज्य की 90 सीटों में से 53 सीटें जीत ली हैं। जबकि कांग्रेस के हाथ इस चुनाव में 34 सीटें ही लगी। अमित शाह का करीबी है OP चौधरी ओपी चौधरी (BJP Leader OP Chaudhary) को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का करीबी माना जाता है। वह 2018 में बीजेपी में शामिल हुए थे। उस साल वह रायगढ़ जिले की खरसिया विधानसभा सीट से चुनाव लड़े, लेकिन सफलता नहीं मिली। वह न केवल हारे, बल्कि बीजेपी उस विधानसभा में केवल 15 सीटें हासिल कर पाई। उस चुनाव में कांग्रेस को 90 में से 68 सीटें मिलीं और भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में सरकार बनी।

Election Results: Challenge of former minister Mahesh Gagda...! BJP is now in power, will not be spared...listen to VIDEO
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Election Results : पूर्व मंत्री महेश गागड़ा की चुनौती…! भाजपा अब सत्ता में है बख्शे नही जाएंगे…सुनिए VIDEO

बीजापुर, 04 दिसंबर। Election Results : चुनाव नतीजों आने के बाद पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने बीजापुर कलेक्टर राजेंद्र कटारा और एसपी अंजनेय वार्ष्णेय पर आरोप की उंगली उठाई है। उन्होंने अधिकारीयों पर विधायक विक्रम की जीत सुनिश्चित करने के लिए निष्पक्ष चुनाव के बजाय पक्षपातपूर्ण मतदान करने का आरोप लगाया। हार के बाद पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने कलेक्टर और एसपी को चुनौती देते हुए कहा कि अब प्रदेश में बीजेपी की सरकार है और उनके पास कलेक्टर के खिलाफ बहुत सारे सबूत हैं। बीजापुर कलेक्टर और SP पर गंभीर आरोप गागड़ा ने कहा कि चूंकि सत्ता में अब भाजपा है, इसलिए वे सीबीआई जांच की मांग भी करेंगे। कड़ी चेतावनी देते महेश ने कहा कि बीजापुर में पिछले पांच सालों में कलेक्टर के मार्फत डीएमएफ समेत अन्य मदों में जितने भी निर्माण कार्य हुए हैं, सबकी जांच कराई जाएगी। जहां भी भ्रष्टाचार की शिकायत मिली है, जिम्मेदार अफसर-कर्मी कतई बख्शे नहीं जाएंगे। भ्रष्टाचार कर जिले से बाहर जो भी कॉटेज-रिर्सोट बने हैं, जांच की आंच से वहां तक भी पहुंचेगी। गागड़ा ने दो टूक कहा कि जिन्होंने कांटा बोया है, उनके हिस्से कांटे ही आएंगे। गागड़ा ने प्रशासन को यह चेतावनी भी दी कि बैक डेट से कोई चेक ना कटे और ना ही किसी तरह की राशि का आहरण हो। पांच साल के काम की फाइल दोबारा खुलेगी महेश गागड़ा ने कहा कि, पंचायत सचिव से लेकर अधीक्षकों की बैठक लेकर उन पर कांग्रेस के पक्ष में काम करने का दबाव डाल रहे थे। भारतीय प्रशासनिक सेवा के एक अफसर से उन्हें ऐसी उम्मीद नहीं थी। अधीनस्थ अफसर-कर्मियों पर ना सिर्फ दबाव डाला गया था, बल्कि विधायक निवास से तैयार सूची के आधार पर पीठासीन अफसरों को बदलने में कलेक्टर पीछे नहीं थे। इतना ही नहीं बीजापुर पुलिस अधीक्षक के इशारे पर भाजपा कार्यकर्ताओं को सुरक्षा का हवाला देते उनका भयादोहन का प्रयास भी किया गया। उन्होंने कहा कि डीएमएफ से पिछले पांच साल में हुए सभी निर्माण कार्यों की फाइल दोबारा खोली जायेगी। मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा इसपर महेश गागड़ा (Election Results) ने कहा, भाजपा सभी जाति-समाज का सम्मान करती है। लिहाजा जनमानस की भावनाओं का सम्मान करते केंद्र की तरफ से उपयुक्त निर्णय लिया जाएगा।

Assembly Election Results: These veterans were 'clean bowled' on the political pitch... CMs of 2 states somehow saved their reputation.
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Assembly Election Results : सियासी पिच पर ये दिग्गज ‘क्लीन बोल्ड’…2 राज्यों के CM-EX CM ने बचाई साख

नई दिल्ली, 04 दिसंबर। Assembly Election Results : छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान और तेलंगाना के चुनावी नतीजों में जहां बीजेपी तीन राज्यों में सरकार बनाने जा रही है, वहीं तेलंगाना में कांग्रेस ने बड़ी जीत हासिल की है। इन चुनावों में जहां कांग्रेस ने अपनी पूरी तातक झोंक दी थी, वहीं बीजेपी ने भी एड़ीचोटी का ज़ोर लगा दिया था। बीजेपी ने कई सिटिंग सांसदों तक को इन विधानसभा चुनावों में उतार दिया था।  एक नज़र उन दिग्गज नेताओं पर डालते हैं जिन्हें जीत मिली, या फिर अपने प्रतिद्विंदी से हार गए।  मध्य प्रदेश प्रदेश की बुधनी सीट पर मौजूदा मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता शिवराज सिंह चौहान ने अपने प्रतिद्वंदी कांग्रेस के विक्रम मस्ताल शर्मा को एक लाख 49 हज़ार से अधिक वोटों के अंतर से हराया। साल 2006 से इस सीट पर शिवराज सिंह चौहान जीतते रहे हैं।  दतिया से बीजेपी के नरोत्तम मिश्रा (जो प्रदेश के गृहमंत्री हैं) को कांग्रेस के प्रत्याशी राजेंद्र भारती ने कड़ी टक्कर दी है। मिश्रा क़रीब 7700 से अधिक वोटों से कांग्रेस प्रत्याशी से हार गए हैं।  बाजेपी के फग्गन सिंह कुलस्ते को क़रीब 9,700 वोटों से कांग्रेस के चैनसिंह वरकड़े ने हरा दिया है। फग्गन सिंह केंद्रीय मंत्री हैं। छिंदवाड़ा, जिसे कांग्रेस नेता कमल नाथ की सीट माना जाता है, वहां से उन्हें जीत मिल गई है। उन्होंने क़रीब 35 हज़ार वोटों से बीजेपी के विवेक बंटी साहू को हरा दिया है। प्रह्लाद सिंह पटेल दमोह सीट से लोकसभा सांसद हैं और मौजूदा केंद्र सरकार में जल शक्ति राज्य मंत्री है। विधानसभा चुनावों में वो नरसिंहपुर सीट से उतरे थे। इस सीट पर उन्होंने कांग्रेस के लखन सिंह पटेल को क़रीब 31,000 वोटों के अंतर से जीत हासिल की है। मुरैना की दिमानी सीट में 2020 के उपचुनाव में कांग्रेस के रविंद्र सिंह तोमर ने जीत हासिल की थी। इस बार इस सीट पर बीजेपी के नरेंद्र सिंह तोमर बहुजन समाज पार्टी के बलवीर सिंह डंडोतिया से 24 हज़ार से अधिक वोटों से आगे चल रहे हैं।कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह चांचौड़ा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी थे। बीजेपी की प्रियंका पेंची ने उन्हें क़रीब 57 हज़ार मतों से पछाड़ दिया है। वहीं राघोगढ़ से चुनाव लड़ रहे दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह ने अपने विरोधी बीजेपी के हरेंद्र सिंह बंटी पीलाघाटा को बेहद क़रीबी 4,505 वोटों से अंतर से हराया। राजस्थान तिजारा सीट से बीजेपी के महंत बालक नाथ को जीत मिली है, हालांकि मतों का अंतर बेहद कम रहा है। उन्होंने कांग्रेस के इमरान ख़ान को 6173 वोटों से हराया। वो सांसद हैं और विधायकी के चुनाव में उतरे हैं। चुनाव प्रचार में उन्होंने तिजारा में चुनाव को भारत-पाकिस्तान मैच करार दिया था। प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री रही बीजेपी की वसुंधरा राजे ने अपनी पारंपरिक झालरापाटन सीट से जीत हासिल की है। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी रामलाल को 53 हज़ार से अधिक वोटों से मात दी। 2003 से इस सीट पर वसुंधरा राजे का कब्ज़ा रहा है।विद्याधर नगर सीट से बीजेपी की दीया कुमारी ने जीत हासिल की है। उन्होंने कांग्रेस से प्रत्याशी सीताराम अग्रवाल को 71 हज़ार से अधिक मतों के अंतर से हराया। तारानगर से बीजेपी के राजेन्द्र राठौर को कांग्रेस के नरेंद्र बेदुनिया ने हरा दिया है। दोनों के बीच मतों का अंतर क़रीब 10 हज़ार रहा। सरदारपुरा सीट पर एक बार फिर प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने जीत दर्ज की है। उन्होंने बीजेपी के प्रोफ़ेसर महेन्द्र राठौर को लगभग 26 हज़ार वोटों से अंतर से मात दी। वो इस सीट से 1998 से लगातार चुनाव जीतते रहे हैं। कांग्रेस से युवा नेता सचिन पायलट का गढ़ माने जाने वाले टोंक से एक बार फिर उन्हें जीत मिली है। इस सीट पर उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार अजीत सिंह मेहता को क़रीब 29 हज़ार मतों के अंतर से हरा दिया है। नागौर से सांसद राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने इन चुनावों में अपनी किस्मत आज़माई थी।किसान आंदोलन से पहले तक नडीए से सदस्य रहे बेनीवाल ने खींवसर सीट से बीजेपी के नेता रेवन्त राम डांगा को 2 हज़ार से अधिक मतों से हराया है। छत्तीसगढ़ प्रदेश के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने पाटन की अपनी सीट जीत ली है। उन्होंने अपने प्रतिद्विंदी बीजेपी के विजय बघेल को 19,700 से अधिक मतों के अंतर से मात दी। वहीं प्रदेश के उप मुख्यमंत्री रहे कांग्रेस के टीएस सिंहदेव ने अंबिकापुर सीट से बीजेपी के राजेश अग्रवाल से लगभग 7 हज़ार वोटों से हार गए हैं। बीजेपी के मुख्यमंत्री रह चुके डॉक्टर रमन सिंह राजनंदगांव सीट से चुनाव जीत गए हैं। उन्होंने 45 हज़ार से अधिक वोटों से कांग्रेस के गिरीश देवांगन को हराया। दंतेवाड़ा सीट पर कांग्रेस के छवीन्द्र कर्मा को बीजेपी के चैतराम अटामी ने 16,800 से अधिक वोटों से हरा दिया है। चैतराम पहली बार विधायकी के चुनाव में उतरे हैं। यहां की चित्रकूट सीट पर कांग्रेस के दीपक कुमार बैज क़रीब 8 हज़ार वोटों से अंतर से बीजेपी प्रत्याशी विनायक गोयल से हार गए हैं। यहां की कांकेर सीट पर मतों का अंतर बेहद कम रहा। केवल 16 मतों के अंतर से बीजेपी के आशा राम नेताम ने कांग्रेस के शंकर ध्रुवा को हराया है। प्रदेश की कवर्धा सीट से बीजेपी के विजय शर्मा ने जीत हासिल की है। उन्होंने 39 हज़ार वोटों के अंतर से कांग्रेस के अकबर भाई को हरा दिया है। तेलंगाना तेलंगाना में प्रदेश मे मौजूदा मुख्यमंत्री और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) प्रमुख के. चंद्रशेखर राव कामारेड्डी सीट से चुनाव हार गए हैं। इस सीट पर बीजेपी के के. वेंकट रमन रेड्डी ने उन्हें 6,700 से अधिक मतों के अंतर से हराया। इस सीट पर कांग्रेस के ए. रेवंत रेड्डी तीसरे नंबर पर रहे हैं। वहीं गजवेल सीट से के. चंद्रशेखर राव अभी 45 मतों के अंतर से बीजेपी के इताला राजेन्द्र से आगे चल रहे हैं। ए. रेवंत रेड्डी कोडंगल सीट से भी उम्मीदवार थे। कांग्रेस के रेवंत रेड्डी ने क़रीब एक लाख मतों के अंतर से 32,500 वोटों से बीआरएस के पी नरेंद्र रेड्डी हो हरा दिया है। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी के भाई अकबरुद्दीन ओवैसी चंद्रयानगुट्टा से चुनाव लड़

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Raipur

CG Election : ये हैं साहू समाज का गौरव…! बड़ी चुनौतियों को पार कर अब संभालेंगे विधायक की कुर्सी…देखिए प्रतिद्वंदियों को कितने वोटों से दी शिकस्त

रायपुर 04 दिसंबर। CG Election : छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में साहू समाज की भूमिका काफी अहम है। यहां 22 फीसद साहू समाज है। छत्तीसगढ़ में साहू समाज का बहुत महत्व है। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में भारतीय जनता पार्टी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज कर एक बार फिर सत्ता हासिल की है। राज्य की दो बड़ी पार्टियों कांग्रेस और बीजेपी ने इस बार भी साहू समाज को टिकट दिया है। जिसमें दर्जनभर समाज के लोगों ने चुनाव जीता। बताते चलें कि, प्रदेश में 52 फीसद ओबीसी आबादी है। सर्वाधिक 22 फीसद संख्या साहू समाज की मानी जाती है। ऐसे में माना जाता है कि जिस पार्टी को साहू समाज का साथ मिलता है, वह जीत जाता है। आइए आपको बताते हैं कि इस बार प्रदेश की राजनीति में साहू समाज की क्या स्थिति है।   लोरमी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा को बड़ी जीत हासिल हुई है। BJP प्रत्याशी अरुण साव ने 39 हजार से ज्यादा बहुमत दर्ज कर जीत हासिल की है। रायपुर ग्रामीण विधानसभा से जीतने वाले मोतीलाल साहू ने 35 हजार से ज्यादा मतों के बड़े अंतर से विजय हासिल कर एक तरह से चौंकाया है। भाजपा उम्मीदवार इंद्र कुमार ने कांग्रेस के पांच बार के विधायक धनेंद्र साहू को 15 हजार से ज्यादा मतों से मात दी है। हालांकि इस हार के बाद धनेंद्र साहू ने ईवीएम पर संदेह जताया है। राजिम सीट से कांग्रेस के विधायक अमितेश शुक्ल मैदान में थे। इस सीट से उनके पिता और दादा जीतकर सीएम बन चुके हैं। लेकिन आज उनके बेटे और पोते अमितेश शुक्ल यहां से हार गए। युवा बीजेपी प्रत्याशी रोहित साहू ने कांग्रेस के इस दिग्गज नेता को 11911 वोटो से करारी शिकस्त दी। बेमेतरा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी दीपेश साहू ने जीत दर्ज किया है। दीपेश ने कांग्रेस के आशीष छाबड़ा को 9 हजार से अधिक वोट से हराया। सबसे ज्यादा हैरान करने वाले नतीजे साजा में देखने को मिले हैं। यहां से बीजेपी प्रत्याशी ईश्वर साहू का सामना 7 बार विधायक रह चुके रविंद्र चौबे से था। बीजेपी की तरफ से ईश्वर साहू ने 5 हजार से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की। ईश्वर को यहां 1,01,789 वोट मिले, जबकि रविंद्र चौबे 96,593 वोटों पर ही सिमट गए। दोनों के बीच 5196 वोटों का अंतर रहा। डोंगरगांव विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस को बड़ी जीत हासिल हुई है। प्रत्याशी दलेश्वर साहू ने 2000 बहुमत दर्ज कर जीत हासिल की है। खुज्जी विधानसभा सीट से कांग्रेस के भोलाराम साहू ने 26242 वोटों से बीजेपी से गीता घासी साहू को हराया है। खुज्जी विधानसभा क्षेत्र वनांचल क्षेत्र है। यहां के अधिकतर आबादी वनांचल क्षेत्रों में निवास करती है। ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र होने के कारण यहां विधानसभा क्षेत्र और खास हो जाता है। लगातार कांग्रेस का कब्जा इस विधानसभा सीट में रहा है। विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 46 भाटापारा के लगभग ढाई लाख मतदाता में से 190929 मतदाताओं ने अपना मत का उपयोग करते हुए भाटापारा के लिए इंद्र साव के रूप में नया विधायक चुन लिया गया है। भाटापारा हमेशा से कांग्रेस का गढ़ रहा है और जब भी कांग्रेस से बागी उम्मीदवार रहा तब तब भाजपा को फायदा होता रहा है लेकिन इस बार कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधी टक्कर रही जिसका फायदा कांग्रेस को हुआ। कांग्रेस के विजयी प्रत्याशी इंद्र साव ने 11,316 मतों से जीत हासिल की। कसडोल से कांग्रेस के विजयी उम्मीदवार संदीप साहू का मुकाबला बीजेपी के धनीराम धीवर से था। जिसमें कांग्रेस ने 33765 वोटों से जीत हासिल की। धमतरी से कांग्रेस के ओंकार साहू (CG Election ) को 87900 वोट मिले जबकि भाजपा की रंजना साहू को 85256 वोट मिले। इस तरह 2644 वोटों से कांग्रेस ने की जीत हासिल की है। सक्ती जिले में जैजैपुर विधानसभा सीट पड़ती है। जैजैपुर सीट से बीजेपी की तरफ से कृष्ण कांत चंद्रा और कांग्रेस की तरफ से बालेश्वर साहू उम्मीदवार थे। कांग्रेस उम्मीदवार बालेश्वर साहू ने 76747 वोटों से जीत दर्ज की वहीं, बीजेपी उम्मीदवार कृष्णकांत चंद्रा केवल 50825 वोट ही हासिल कर पाए।

MP Election: BJP's bumper victory...! Kamal Nath reached CM Shivraj House to congratulate...listen what he said VIDEO
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MP Election : BJP की बंपर जीत…! बधाई देने कमलनाथ पहुंचे CM शिवराज हाउस…सुनिए क्या कहा VIDEO

भोपाल, 04 दिसंबर। MP Election : मध्य प्रदेश में बीजेपी की प्रचंड जीत के बाद पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ सीएम शिवराज से मिलने उनके आवास पहुंचे। उन्होंने बंपर जीत के लिए बधाई भी दी और यह भी कहा कि जनहित में सरकार जो भी काम करेगी, उसमें विपक्ष हमेशा उसके साथ रहेगा। उन्होंने एमपी के युवा किसानों की समस्याओं से भी अवगत कराया और और अधिक काम करने को कहा। कमलनाथ ने कहा कि हार का आकलन करने के लिए उन्होंने सभी विधायकों और प्रत्याशियों को भोपाल बुलाया है। हम बैठेंगे और आत्ममंथन करेंगे। इधर, हार के बाद प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने बोला है कि हम हमारी हार पर चिंतन करेंगे कि आखिर हमसे कहां चूक हो गई और हम जनता का विश्वास क्यों नहीं जीत पाए। मध्यप्रदेश विधान सभा चुनाव 2023 में करारी हार झेलने के बाद कांग्रेस अपनी कमियों को तलाशने में जुट गई है। इसके लिए राजधानी भोपाल में एक समीक्षा बैठक बुलाई गई है। बैठक मंगलवार को सुबह 11 बजे से प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ की मोजूदगी में प्रदेश कोंग्रेस कार्यलय में होगी। इसमें सभी 230 प्रत्याशियों को बुलाया गया है। पीसीसी चीफ के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, मध्यप्रदेश के चुनाव प्रभारी रणदीप सुरजेवाला बैठक में प्रत्याशियों के साथ चर्चा कर हार की समीक्षा करेंगे। कांग्रेस को माहौल अपने पक्ष में नजर आ रहा था बावजूद इसके उसे बड़ी हार मिली। ऐसे में कांग्रेस हर पहलू पर विचार करने की बात कह रही है।  ये रहा परिणाम बता दें, 230 में से कांग्रेस के 164 प्रत्याशी चुनाव हार गए हैं। केवल 66 प्रत्याशियों को ही जीत का स्वाद चखने मिला है। जबकि तीन तीन सर्वे करवाने के बाद ये टिकट दिए गए थे। अब इतनी बड़ी संख्या में प्रत्याशियों के चुनाव हारने से कांग्रेस हैरान है। अब वो अपने सभी हारे हुए उम्मीदवारों से उनकी हार के कारण पूछेगी। इसके बाद आगे की रणनीति बनाई जायेगी। इसके पहले 2018 के चुनाव में कांग्रेस के 114 कैंडिडेट जीते थे। पिछले चुनाव के मुकाबले कांग्रेस को इस बार 48 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा है।  ये बड़े दिग्गज नेताओं को मिली हार  नेता प्रतिपक्ष (MP Election) गोविंद सिंह, पूर्व मंत्री प्रिकियव्रत सिंह, जीतू पटवारी, हुकुम सिंह कराड़ा, सुखदेव पांसे, पीसी शर्मा, लाखन सिंह यादव, केपी सिंह, सज्जन सिंह वर्मा, विजयलक्ष्मी साधौ, कमलेश्वर पटेल और तरुण भनोट चुनाव हारे हैं। इनके साथ ही लक्ष्मण सिंह, मुकेश नायक और कुणाल चौधरी जैसे नेता भी चुनाव हार गए हैं।

Saja Candidate: Winning Ishwar Sahu was not as important as defeating Ravindra Choubey...! Listen to what Congress said after the victory VIDEO
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Saja Candidate : ईश्वर साहू का जीतना उतना महत्वपूर्ण नहीं था जितना कि रवीन्द्र चौबे को हराना…! सुनिए जीतने के बाद कांग्रेस के लिए और क्या कहा VIDEO

बेमेतरा, 04 दिसंबर। Saja Candidate : बेमेतरा जिला के तीनों विधानसभा साजा, बेमेतरा और नवागढ़ में विधानसभा चुनाव में भाजपा ने जीत का परचम लहराया है। साजा से जहां प्रदेश के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे को मजदूर ईश्वर साहू ने मात दी है वही प्रदेश के कैबिनेट मंत्री गुरु रुद्र कुमार को उनके ही चेले और पूर्व कैबिनेट मंत्री दयाल दास बघेल ने हरा दिया है। साजा में हार का कारण- बिरनपुर हिंसा मंत्री रविंद्र चौबे पर पड़ा भारी गौरलतब है कि साजा विधानसभा कांग्रेस का गढ़ मानी जाती है। जहां से रविंद्र चौबे के मां और भाई भी विधायक रह चुके हैं।चौबे की जीत की परंपरागत सीट माने जाने वाली सीट पर ईश्वर साहू ने जीत दर्ज की है। मंत्री रविन्द्र चौबे को दूसरी बार साजा की जनता ने नकारा है। इससे पहले लाभचंद बाफना ने उन्हें हाराया था। मंत्री चौबे बिरनपुर हिंसा के बाद पीड़ित भुनेश्वर साहू के घर नहीं गए, जिसे लेकर हिंदुत्व विरोधी होने का उन पर आरोप लगा। जिसके बाद लोगों ने ईश्वर को सहानुभूति के चलते जमकर वोट दिया और चुनाव जीता दिया है। नवागढ़ में हार का कारण- बाहरी प्रत्याशी को टिकट देना नवागढ़ विधानसभा सीट में संसदीय सचिव गुरुदयाल सिंह बंजारे को टिकट नहीं देना और बाहरी प्रत्याशी अहिवारा विधायक गुरु रुद्र कुमार को टिकट देना कांग्रेस के लिए भारी पड़ गया। कांग्रेस प्रत्याशी मंत्री गुरुरुद्र कुमार को 15 हजार मतों से हार का सामना करना पड़ा है। इससे पहले 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के गुरुदयाल सिंह बंजारे ने 33 हजार मतों से जीत दर्ज की थी। तब उन्हें संसदीय सचिव बनाया गया था, लेकिन पार्टी ने उन्हें 2023 में टिकट ही नहीं दिया और गुरु रुद्र कुमार को मैदान में उतर दिया। जिसका खामियाजा इस चुनावी नतीजों में साफ दिखाई दे रहा है। नवागढ़ में BJP के जीत का कारण- गांव में लोगों से सीधा सम्पर्क नवागढ़ विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी दयाल दास बघेल ने जीत दर्ज की है। इससे पहले वह 2003, 2008 और 2013 में तीन बार क्षेत्र के विधायक रह चुके हैं। दयालदास की इस क्षेत्र में अच्छी पकड़ होने के साथ ही बेदाग छवि है। गांव-गांव में लोगों से सीधा सम्पर्क होने का उन्हें फायदा मिला है। 2018 में वे कर्जा माफी की आंधी में उड़ गए थे, लेकिन इस बार उन्होंने फिर से वापसी की है। बेमेतरा में भाजपा के जीत का कारण- OBC कार्ड रहा हावी बेमेतरा विधानसभा क्षेत्र से विधायक आशीष छाबडा की छवि बेहतर और मिलनसार छवि है। इसके बावजूद वे चुनाव हार गए।बेमेतरा विधानसभा चुनाव में ओबीसी कार्ड हावी रहा और भाजपा ने मास्टर स्ट्रोक खेलते हुए बेमेतरा विधानसभा का सीट पर गहन मंथन कर बाद OBC प्रत्याशी और नौकरी छोड़कर भाजपा पार्टी ज्वाइन करने वाले दीपेश साहू पर दांव खेला। जिसका फायदा नतीजों में साफ दिखाई दे रहा है। दिपेश साहू ने कांग्रेस के प्रत्याशी आशीष छाबडा को 9137 मतों से हराया है। जिन्हें OBC मतदाताओ (Saja Candidate) का भरपूर साथ मिला है।