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CM House in CG: Luxurious CM House ready for the new government of Chhattisgarh...! Will enter the house on this day
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CM House in CG : छत्तीसगढ़ की नई सरकार के लिए आलीशान सीएम हाउस तैयार…! इस दिन करेंगे गृह प्रवेश

रायपुर, 02 दिसंबर। CM House in CG : राज्य में नई सरकार के लिए सीएम हाउस नवा रायपुर के सेक्टर-24 में बनकर तैयार हो गया है। करीब 8 एकड़ में बने इस बंगले की लगात 65 करोड़ रुपए बताई गई है। इस बंगले में सभी तरह की मॉर्डन सुविधाएं उपलब्ध हैं। इस आलिशान बंगले में नए मुख्‍यमंत्री 14 जनवरी के बाद गृह प्रवेश कर सकते हैं। सीएम हाउस के साथ ही नवा रायपुर में मंत्रियों और अफसरों के भी बंगले बनकर तैयार हो गए हैं। नई तकनीक से तैयार ये बंगला अन्य राज्यों के सीएम हाउस से हटके और हाईटेक बनाया गया है। बंगले में सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। हर जगह सीसीटीवी कैमरे लगे है, जिनकी मॉनिटिरिंग कंट्रोल रुप में की जाएगी। बंगले में मौजूद खास व्यस्थाएं नए बंगले में प्रत्येक रुप से मीटिंग में जुड़ने के प्रंबंध किए गए हैं। फिलहाल तो सीएम पुराने बंगले में ही रह रहे हैं। उम्मीद की जा रही है कि नई सरकार के गठन के बाद सीएम हाउस में गृह प्रवेश होगा। 13 मंत्रियों के लिए भी बने बंगले बता दें कि सीएम हाउस के अलावा यहां पर 13 मंत्री और एक स्पीकर हाउस यानी विधानसभा अध्यक्ष का बंगला तैयार किया है। अंदर-बाहर से यह बंगले एक जैसे ही हैं। किसी भी बंगले में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। इन बंगलों की यह खास विशेषता है। यानी अब मंत्रियों के बीच छोटे-बड़े बंगलों को लेकर कोई विवाद भी नहीं होगा। सभी 14 बंगलों का काम पूरा हो गया है। केवल कुछ फिनिशिंग का काम बाकी है। 2020 में शुरु हुआ था काम जो फिनिशिंग का काम है वो भी नई सरकार के गठन के पहले पूरा कर लिया जाएगा। यानी नई सरकार का नए घर में रहना तय है। 2020 में इसका काम शुरू किया गया था, जो अब पूरा हो गया है। बंगले के बाहर का आकार अमेरिका के राष्ट्रपति निवास व्हाइट हाउस की याद दिलाता है। यही वजह है कि इस मुख्य द्वार को सफेद रंग से ही पेंट किया गया है। कोरोना की वजह कुछ समय के लिए रुका था काम नवा रायपुर में सीएम हाउस और मंत्रियों के निवास (CM House in CG) के साथ ही नया राजभवन और विधानसभा भवन भी बन रहा है। सभी भवनों को 2022 के अंत तक तैयार हो जाना था, लेकिन कोरोना की वजह से कुछ समय के लिए इन भवनों का निर्माण कार्य रुक गया था। अफसरों के अनुसार विधानसभा को छोड़कर अन्‍य सभी भवनों का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। कुछ भवनों में फिनिशिंग का काम अंतिम दौर में चल रहा है।

Exit Polls: 8 big signals emerged from the survey of 5 states...! Will Congress be able to defeat BJP in this category? See the exit poll released
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Exit Polls : 5 राज्यों के सर्वे से निकले 8 बड़े संकेत…! कांग्रेस इस कैटेगरी में BJP को पछाड़ पाएगी…? देखें जारी एग्जिट पोल

नई दिल्ली, 02 दिसंबर। Exit Polls : पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में से चार के नतीजे आने में अब 36 घंटे से भी कम का समय बचा है। यानी मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना के नतीजे 3 दिसंबर को आ जाएंगे। पहले मिजोरम के नतीजे भी इसी दिन आने थे, लेकिन शुक्रवार को चुनाव आयोग घोषणा कर दी कि इस राज्य के नतीजे 4 दिसंबर को जारी होंगे। नतीजों से पहले गुरुवार को एग्जिट पोल जारी हो गए हैं। इसके साथ ही सवाल उठने लगा है कि क्या पांच राज्यों के एग्जिट पोल में 2024 के लोकसभा चुनाव का रुझान समझा-देखा जा सकता है? दरअसल, पांच राज्यों में तीन राज्य मध्य और पश्चिम भारत के हैं, जहां हिंदी प्रमुखता से बोली जाती है। एक राज्य दक्षिण का है और एक राज्य पूर्वोत्तर का। देश के बड़े हिस्से का एक सैंपल इन पांच राज्यों में जहां 83 लोकसभा सीट आती हैं, उनमें बीजेपी का वोट प्रमुखता से बढ़ रहा है।कर्नाटक, हिमाचल जीतने के बाद तीन और राज्यों में कांग्रेस बढ़त बनाकर सरकार भी बना सकती है. कांग्रेस टक्कर में बनी हुई है।जाति गणना-ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर विपक्ष बीजेपी को घेरता नजर नहीं आ रहा है।नरेंद्र मोदी के नाम और काम पर वोट देना प्राथमिकता बना हुआ है।महिला वोटर पर और ज्यादा पकड़ बीजेपी की मजबूत हो रही है।पसंद की पार्टी के तौर पर प्राथमिकता तय करके वोट देना, कांग्रेस के मुकाबले बीजेपी के वोटर की ज्यादा है।वोटर चुनावी वादों को इस्तेमाल करके भरोसा करके वोट देने में विश्वास करने लगा है।तेलंगाना में बीजेपी की सीट बढ़ी है, यानी दक्षिण में कर्नाटक गंवाने के बाद तेलंगाना में बीजेपी का वोट बढ़ रहा है। 2024 का ट्रेलर समझने के लिए 2018 के नतीजे जरूरी 2023 के एग्जिट पोल में 2024 का ट्रेलर समझने के लिए 2018 के नतीजों को भी समझना जरूरी है। 2018 में मध्य प्रदेश में कमलनाथ ने शपथ ली, जिनकी सरकार 2020 तक चल पाई. 2018 में राजस्थान में अशोक गहलोत कांग्रेस के सीएम बने। 2018 में छत्तीसगढ़ में भी सरकार कांग्रेस की बनी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बने। 2018 में तेलंगाना में बीआरएस जीती थी तो मिजोरम में कांग्रेस की हार के साथ पूर्वोत्तर से देश की सबसे बड़ी पुरानी पार्टी की विदाई हो गई थी। हालांकि 2018 के अंत में मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में सत्ता गंवाने के बावजूद बीजेपी ने 5 महीने के भीतर 2019 के लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश की 29 में से 28, राजस्थान की सभी 25 और छत्तीसगढ़ में 11 लोकसभा में 9 लोकसभा सीट बीजेपी (एनडीए) ने जीतीं। 2018 में तेलंगाना विधानसभा चुनाव में बीजेपी सिर्फ एक सीट जीत पाई, लेकिन 5 महीने के भीतर 2019 लोकसभा चुनाव में 17 में से 4 लोकसभा सीट तेलंगाना में जीत ली गईं। 2018 में पांच राज्यों में विधानसभा के सेमीफाइनल में तीन राज्य में सरकार गंवाने के बावजूद बीजेपी 2019 में उन्हीं पांच राज्यों की 83 में से 65 लोकसभा सीट जीतती है। यानी 78 फीसदी सीट पर सीधा कब्जा. 2023 के एग्जिट पोल में 2024 का रुझान कैसे? 2023 के अंतिम महीने में पांच राज्यों के एग्जिट पोल में 2024 का रुझान क्या है? यही समझने की जरूरत है। दरअसल, 2024 का चुनाव जब होगा तो सबसे बड़ा मुद्दा क्या होगा? अगर पिछले दो से ढाई महीने की राजनीति पर नजर डालें तो ओबीसी यानी पिछड़ों का वोट और जाति गणना की देश में मांग। यही वो मुद्दा है, जिसके सहारे कांग्रेस और पूरा विपक्ष बीजेपी को घेरना चाहता है, लेकिन क्या पांच राज्यों के एग्जिट पोल में ऐसा लगता है कि पिछड़ों के वोट पर बीजेपी घिर सकती है? ओबीसी वोट को लेकर पांच राज्यों के Exit Polls की बड़ी बातें समझें ओबीसी वोट में बीजेपी का वोट शेयर बढ़ता नजर आ रहा है। फिलहाल जाति गणना और ओबीसी को आबादी मुताबिक हिस्सेदारी के मुद्दे पर कांग्रेस जनता के सामने बीजेपी को कठघरे में खड़ा करने में फेल रही है। ओबीसी वोट बीजेपी का अभी के बड़े चुनावी राज्यों में ना घटने का सीधा सा मतलब है कि पिछड़े वर्ग से आने वाले प्रधानमंत्री, पिछड़ों को विधायक और सांसद का ज्यादा टिकट देने का संदेश बीजेपी मतदाता तक पहुंचाने में कामयाब है। पिछड़े वर्ग के पुरुष जितना वोट बीजेपी को तीन बड़े चुनावी राज्यों में एग्जिट पोल में देते नजर आए हैं, उनसे ज्यादा पिछड़े वर्ग की महिलाएं बीजेपी को वोट दे सकती हैं। 2023 के पांच राज्यों के एग्जिट पोल से 2024 के रुझान में पहला संकेत मिलता है कि फिलहाल आबादी मुताबिक हिस्सेदारी और जाति गणना के सियासी जाल में विपक्ष बीजेपी को नहीं फंसा पाया है। ओबीसी वोट में बीजेपी का वोट शेयर बढ़ा राजस्थान का Exit Polls कहता है कि ओबीसी के किसी भी वर्ग में बीजेपी को कांग्रेस पीछे नहीं कर पाई। ओबीसी के ज्यादातर वर्ग में बीजेपी का वोट शेयर घटा नहीं बल्कि बढ़ा ही है। ओबीसी के अलग-अलग वर्ग में कांग्रेस से 4 फीसदी से लेकर 20 फीसदी तक की बढ़त बीजेपी के पास है। जिस माली ओबीसी वर्ग से खुद मुख्यमंत्री गहलोत आते हैं, उनके वर्ग ने भी बीजेपी को ज्यादा वोट दिया है। वहीं छत्तीसगढ़ में भी ओबीसी के हर वर्ग ने बीजेपी को ही ज्यादा वोट किया है। छत्तीसगढ़ में ओबीसी के हर वर्ग में बीजेपी का वोट कांग्रेस से ज्यादा ही नहीं बल्कि पिछले चुनाव के मुकाबले बढ़ा भी है। छत्तीसगढ़ में ओबीसी के हर वर्ग में बीजेपी ने कांग्रेस पर 7 फीसदी से लेकर 31 फीसदी तक की बढ़त बना रखी है। मध्य प्रदेश में बीजेपी ने कांग्रेस को पिछड़ा वोट लेने में आगे नहीं होने दिया है। देश में जब पांच राज्यों के एग्जिट पोल गुरुवार को आने वाले थे। तब दिन में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चार कैटेगिरियों में अपना लक्ष्य तय कर दिया। ये हैं–गरीब-महिला-युवा-किसान क्या कहता है इन चार कैटेगिरी के एग्जिट पोल मध्य प्रदेश का Exit Polls कहता है कि मजदूर वर्ग का सबसे ज्यादा 45 फीसदी वोट बीजेपी पा सकती है। महीने के सिर्फ 10 हजार रुपए तक कमा पाने वर्ग का भी सबसे अधिक 48 फीसदी वोट बीजेपी पा सकती है। राजस्थान में मजदूर वर्ग का सबसे ज्यादा 49

Rajasthan Exit Polls: 54 rebel candidates from both parties are in the fray...will turn the tables...! Independents can win 7 seats...see
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Rajasthan Exit Polls : दोनों पार्टियों के 54 बागी उम्मीदवार मैदान में…पलट देगी बाजी…! 7 सीटें जीत सकते हैं निर्दलीय…देखें

राजस्थान, 01 दिसंबर। Rajasthan Exit Polls : पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के एग्जिट पोल आ चुके हैं। इंडिया टुडे एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल के मुताबिक मध्य प्रदेश में एकतरफा बीजेपी की जीत हो सकती है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस आगे है, लेकिन राजस्थान वो राज्य है, जहां पर नतीजों में भले कांग्रेस आगे खड़ी है, लेकिन टक्कर बीजेपी से कम नहीं, बल्कि काफी कड़ी है। इसीलिए एग्जिट पोल के बाद राजस्थान में जोड़-तोड़ की सियासी सुगबुगाहट शुरू हो चुकी है। बताया जा रहा है कि एग्जिट पोल में कांटे की टक्कर दिखने के बाद जिताने की ताकत रखने वाले निर्दलीय बागी उम्मीदवारों से सूबे की दोनों बड़ी पार्टियां यानी बीजेपी और कांग्रेस संपर्क करने लगी है। दरअसल, राजस्थान में दावा है कि बीजेपी से बगावत करके 32 और कांग्रेस से बगावत करके 22 उम्मीदवार उतरे। इन्हीं बागियों से संपर्क में दोनों दलों के बड़े नेता जुटे हैं। क्या कहते हैं राजस्थान में एग्जिट पोल राजस्थान में एग्जिट पोल के मुताबिक कांग्रेस 86 से 106 सीट तक जा सकती है तो बीजेपी 80 से 100 सीट तक जा सकती है।यानी भले कांग्रेस आगे दिख रही है, लेकिन बीजेपी भी इससे बहुत पीछे नहीं है। राजस्थान में बहुमत 100 सीटों पर अभी माना जाएगा, क्योंकि 200 में से 199 सीट पर ही चुनाव हुआ है। एक सीट पर उम्मीदवार के चुनाव से पहले ही मृत्यु के कारण मतदान नहीं हो पाया है। 100 सीट के बहुमत में एग्जिट पोल के मुताबिक कांग्रेस बहुमत से बहुत ज्यादा सीटें हासिल करती नहीं दिख रही है। वहीं बीजेपी का आंकड़ा भी बहुमत के करीब पहुंच सकता है। ऐसी परिस्थिति में बागी, निर्दलीय और छोटे दल के विधायक सरकार को मजबूत करने में काम आ सकते हैं। एग्जिट पोल कहता है कि बीएसपी राजस्थान में एक से दो सीट और निर्दलीय समेत बाकी छोटे-छोटे दल 8 से 16 सीट तक जीत सकते हैं। राजस्थान का एग्जिट पोल कहता है कि राजस्थान में निर्दलीय ही 7 सीट जीत सकते हैं। अगर राजस्थान में नतीजे एकदम कांटे की टक्कर वाले आए तो बीजेपी और कांग्रेस के सामने सरकार बनाने के लिए निर्दलीय और जीते हुए बागियों की जरूरत होगी। 2018 में निर्दलीय और बागियों ने पटल दी थी बाजी गौरतलब है कि राजस्थान में 2018 के चुनाव में भी इन्हीं निर्दलीय और बागी विधायकों ने बाजी पलट दी थी। कारण, तब के चुनाव में कांग्रेस को कुल 100 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि बीजेपी 73 सीट पर सिमट गई थी। इसके बाद सचिन पायल और अशोक गहलोत ने एक साथ 12 बागी और निर्दलीय विधायकों को अपने साथ मिलाकर सरकार बना ली थी। वसुंधरा राजे और गहलोत बागियों को साधने में जुटे? अब बताया जा रहा है कि वसुंधरा राजे बीजेपी से जुड़े सभी बागियों से बात कर चुकी हैं। वहीं बीजेपी की तरफ से गजेंद्र सिंह शेखावत बागी उम्मीदवारों से संपर्क में हैं। वहीं कांग्रेस की तरफ से प्रताप सिंह खाचरियावास ने आजतक से दावा करते हुए कहा कि सबसे बड़े खिलाड़ी अशोक गहलोत हैं। वे 24 घंटे की राजनीति करते हैं। सभी लोगों को हमने इकट्ठा कर लिया है, जब तक बीजेपी वाले जगेंगे, थोड़ी बहुत जरूरत पड़ी तो हम खेल कर सकते हैं। ‘जनता जहां बोलेगी, उस पार्टी के साथ जाएंगे’ उधर, बागी नेता कह रहे हैं कि किसी भी पार्टी के साथ जाने का फैसला वह जनता से पूछकर करेंगे। उदयपुर जिले की वल्लभनगर सीट से जनता सेना की प्रत्याशी दीपेंद्र कुमार भिंडर का कहना है कि यदि वे जीतीं तो कार्यकर्ता जिसके लिए कहेंगे, उस पार्टी को समर्थन दिया जाएगा। दीपेंद्र कुंवर रणधीर सिंह भींडर की पत्नी हैं। भींडर को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का समर्थक माना जाता है। यह परिवार पहले बीजेपी में ही था लेकिन 2013 में टिकट नहीं मिलने पर रणधीर सिंह ने जनता सेना बनाई ओर लगातार 3 बार चुनाव लड़े। इसमे वे 1 बार वे जीते और 2 बार हारे। इस बार उन्होंने अपनी पत्नी दीपेंद्र कुंवर को मैदान में उतारा है। पूर्व राजपरिवार से होने के कारण दीपेंद्र कुंवर को रानीसा के नाम से भी जाना जाता है। चित्तौड़गढ़ से निर्दलीय प्रत्याशी (Rajasthan Exit Polls) चंद्रभान सिंह ने कहा कि मैं पार्टी में जाने से पहले अपने कार्यकर्ताओं से पूछूंगा कि जाना या नहीं। परिणाम आने के बाद चर्चा करेंगे, उसके मुताबिक ही किसी भी पार्टी में जाने का फैसला करेंगे। वहीं बाड़मेर की शिव विधानसभा से निर्दलीय उम्मीदवार रविंद्र सिंह भाटी ने कहा कि जो भी सरकार शिव और इसके लोगों के लिए काम करेगी, उनकी बात सुनेगी, उसके साथ जाने पर विचार करेंगे।

Exit Poll Results: Should it be considered that you are becoming CM for the 5th time...? Listen to the answer VIDEO
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Exit Poll Results : क्या माना जाए कि आप 5वीं बार CM बन रहे हैं…? सुनिए जवाब VIDEO

भोपाल, 01 दिसंबर। Exit Poll Results : मध्यप्रदेश में एग्जिट पोल के नतीजे आ गए हैं। इनमें बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर बताई जा रही है। कुछ एग्जिट पोल में बीजेपी की सरकार बनती दिख रही है, तो कुछ में कांग्रेस की। इन सबके बीच जब एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान से 5वीं बार सीएम बनने को लेकर सवाल किया गया, तो वे टाल गए। शिवराज सिंह से पूछा गया, क्या माना जाए कि आप 5वीं बार CM बन रहे हैं ? इस पर शिवराज सिंह बीजेपी जिंदाबाद का नारा लगाते हुए निकल गए। बीजेपी ने 3 केंद्रीय मंत्रियों समेत 7 सांसदों को मैदान में उतारा दरअसल, बीजेपी ने मध्यप्रदेश में इस बार सीएम का चेहरा घोषित नहीं किया है। साथ ही बीजेपी ने 3 केंद्रीय मंत्रियों समेत 7 सांसदों को मैदान में उतारा है। बीजेपी ने राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को भी टिकट दिया है। ऐसे में बीजेपी के सीएम चेहरे को लेकर सस्पेंस बना हुआ है। मतदान के दिन भी जब शिवराज सिंह से सीएम पद को लेकर सवाल किया गया था, तब उन्होंने कहा था, वे जनता के सेवक और बीजेपी के कार्यकर्ता हैं। नतीजे आने के बाद पार्टी उन्हें जो भूमिका देगी, वे उसे निभाएंगे। इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया’ एग्जिट पोल में एमपी में बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिलता दिख रहा है। बीजेपी एमपी में 140-162 सीटें जीत सकती है। वहीं, कांग्रेस को 68-90 सीटें मिलती दिख रही हैं, यानी एक बार फिर लोगों का शिवराज सरकार पर भरोसा दिखता नजर आ रहा है। बाकी एग्जिट पोल में 50-50 का मामला एमपी में अन्य एग्जिट पोल की बात करें तो 6 एग्जिट पोल में बीजेपी और तीन में कांग्रेस आगे दिख रही है, हालांकि, लगभग सभी पोल में दोनों पार्टियों के बीच कांटे की टक्कर दिख रही है। इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया के अलावा Today’s Chanakya के मुताबिक, बीजेपी 139-163 सीटों के साथ सरकार बना सकती है। वहीं कांग्रेस 62-86 सीट पर सिमट सकती है। एमपी में तीन सर्वे ऐसे भी हैं, जिनमें एमपी में कांग्रेस (Exit Poll Results) की सरकार बनते दिख रही है। जन की बात सर्वे में बीजेपी को 100-123 सीट, कांग्रेस को 102-125 मिलती दिख रही हैं। Polstrat कहता है कि बीजेपी को 106-116 सीट मिल जाएंगी। वहीं कांग्रेस 111-121 सीटों के साथ बड़ी पार्टी बन सकती है। C Voter ने बीजेपी को 88-112, वहीं कांग्रेस को 113-137 सीटें मिलने का अनुमान जताया है।

Exit Poll 2023: This newly formed party can clean everyone's mess...! CM is likely to get 3 to 7 seats
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Exit Poll 2023 : नई-नवेली ये पार्टी कर सकती है सबका सूपड़ा साफ…! CM को 3 से 7 सीटें मिलने की है संभावना

मिजोरम, 01 दिसंबर। Exit Poll 2023 : इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया एग्जिट पोल के सर्वे में मिजोरम को लेकर दिलचस्प अनुमान सामने आए हैं। यहां जोरम पीपल्स मूवमेंट बड़ी पार्टी बनकर उभर सकती है और अगर Exit Poll ही 3 दिसंबर को चुनाव परिणाम में तब्दील हुआ तो ZPM मिजोरम में भारी जीत हासिल कर सकती है। पूर्वोत्तर के राज्य मिजोरम में 40 विधानसभा सीटें है, जिनमें से उम्मीद है कि ZPM 28-35 सीटों के साथ बहुमत दर्ज कर सकती है। सीएम जोरमथंगा की पार्टी का सूपड़ा साफ होने का अनुमान सर्वेक्षण में अनुमान लगाया गया कि मुख्यमंत्री ज़ोरमथांगा का मिज़ो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) लगभग का सूपड़ा साफ है और उसे केवल 3 से 7 सीटें ही मिलने की संभावना है। इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया का अनुमान है कि एमएनएफ को 27 फीसदी वोट मिलेंगे, जेडपीएम को 49 फीसदी वोट मिलेंगे और कांग्रेस को 20 फीसदी वोट मिलेंगे। इस बीच, इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया, सी वोटर और जन की बात के संयुक्त एग्जिट पोल में एमएनएफ को 12, जेडपीएम को 22 और कांग्रेस को 5 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है।  मिजोरम में 7 नवंबर को मतदान हुआ था और 80 प्रतिशत से अधिक मतदान दर्ज (Exit Poll 2023) किया गया था। चुनाव नतीजे 3 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे। नवंबर 2018 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में एमएनएफ को 26 सीटें, जेडपीएम को 8 सीटें, कांग्रेस को 5 और बीजेपी को 1 सीट मिली थी। 

CG Election Breaking: 22 Congress MLAs and 2 BJP MLAs will not get government facilities...see list
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CG Election Breaking : कांग्रेस के 22 और BJP के 2 विधायकों को इस दिन से नहीं मिलेगी सुविधाएं…देखिए LIST

रायपुर, 30 नवंबर। CG Election Breaking : छत्तीसगढ़ में दो चरणों में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। मतदान होने के बाद अब पार्टियों को 3 दिसंबर का इंतजार है। प्रदेश में सरकार बनाने के लिए 3 दिसंबर के दिन परिणाम घोषित होंगे। इसके बीच भले ही कांग्रेस और बीजेपी अपनी अपनी सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं। इस सभी के बीच में उन विधायकों की दिक्कतें बढ़ने वाली है जिनको टिकट नहीं मिला है। दरअसल, इस बार के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी ने अपने कई विधायकों को चुनाव लड़ने के लिए टिकट ही नहीं दिया है। इसके चलते वो सभी अब पूर्व विधायकों की लिस्ट में चले गए है। इसके चलते विधानसभा चुनाव के परिणाम आने से पहले इन एमएलए को मिलने वाली सरकारी सुविधाएं बंद कर दिए गए है। नो-ड्यूज कराने की दी गई सूचना छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए इस बार बीजेपी ने अपने 2 विधायकों के टिकट काट दिए है। वहीं कांग्रेस ने 22 विधायकों को टिकट काट दिए है। जैसे ही इन विधायकों के टिकट कटे है इनके लिए मंत्रालय की तरफ से आदेश भी आने लगे है। चुनाव परिणाम से पहले आदेश आया है कि सरकारी सुविधाए बंद की जा रही है। घर खाली कराने को लेकर विधानसभा सचिवालय का कहना है कि यहां विधायकों को मिलने वाले घरों की संख्या सीमित है। जो विधायक जीतेंगे उनको ही घर उपलब्ध कराया जाएगा। इसके चलते ही जो चुनाव नहीं लड़ रहे हैं उनको घर खाली करना होगा। 1 दिसंबर से नहीं मिलेगी सरकारी सुविधाएं विधानसभा सचिवालय की तरफ से ऐसे विधायकों को सूचना दी गई है जिनके पार्टी ने टिकट काट दिए है। इनको सूचना दी गई है कि 1 दिसंबर से सरकारी सुविधाएं नहीं मिलेगी। इनमें से चार विधायकों को सरकारी आवास मिला हुआ है तो वहीं 20 विधायकों को आवास भत्ता दिया जा रहा है। जिन एमएमल के पास मकान है उन्हें नई सरकार बनने पर घर खाली करना होगा। कांग्रेस के इन विधायकों को अब सुविधाएं नहीं मनेंद्रगढ़ के विधायक डा. विनय जायसवाल, प्रतापपुर के डा. प्रेमसाय सिंह टेकाम, रामानुजगंज के बृहस्पत सिंह, सामरी के चिंतामणि महाराज, लैलूंगा के चक्रधर सिदार, सराईपाली के किस्मतलाल नंद, महासमुंद के विनोद सेवनलाल चंद्राकर, बिलाईगढ़ के चंद्रदेव प्रसाद राय, कसडोल के शकुंतला साहू, धरसींवा से अनिता योंगेंद्र शर्मा, रायपुर ग्रामीण के सत्यनारायण शर्मा, दंतेवाड़ा की देवती कर्मा, पाली-तानाखार के मोहित केरकेट्टा, सिहावा की डा. लक्ष्मी ध्रुव, नवागढ़ के गुरुदयाल सिंह बंजारे, पंडरिया की ममता चंद्राकर, डोंगरगढ़ से भुवनेश्वर बघेल, खुज्जी से छन्नी साहू, जगदलपुर से रेखचंद्र जैन, कांकेर से शिशुपाल सोरी, अंतागढ़ से अनूप नाग और चित्रकोट से राजमन बेंजाम। भाजपा और जकांछ के एक-एक विधायक भाजपा से बिंद्रानवागढ़ के विधायक डमरूधर पुजारी और जकांछ से निर्वाचित व वर्तमान में कांग्रेस के नेता व बलौदाबाजार के विधायक प्रमोद कुमार शर्मा को भी दिसंबर से सरकारी आवास व भत्ता की सुविधा नहीं मिलेगी।

CG Exit Poll 2023: Who should be the Chief Minister...? Questions asked in the survey - 'Kaka' or 'Baba'...see here
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CG Exit Poll 2023 : मुख्यमंत्री किसे होना चाहिए…? सर्वे में पूछे गए सवाल- ‘कका’ या ‘बाबा’…देखें यहां

रायपुर, 30 नवंबर। CG Exit Poll 2023 : छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के नतीजे तीन दिसंबर को आने हैं। इससे पहले 30 नवंबर को चुनाव के नतीजों को लेकर एग्जिट पोल जारी हो गए हैं। India Today Axis My India के Exit Poll से राज्य में एक तस्वीर साफ हो गई है कि किसकी सरकार बनने जा रही है। दरअसल, छत्तीसगढ़ में 16,270 लोगों को सर्वे में शामिल (सैंपल साइज) किया गया है। इनमें 77 फीसदी ग्रामीण तो 23 फीसदी शहरी क्षेत्र के लोग शामिल हैं। इस सर्वे में हिस्सा लेने वाले लोगों में कुल 56 फीसदी पुरुष तो 44 फीसदी महिलाएं शामिल हैं।इंडिया टुडे एक्सिस माय इंडिया के सर्वे के मुताबिक राज्य में एक बार फिर कांग्रेस को बढ़त मिलती दिख रही है। कारण, सर्वे में कांग्रेस को 40 से 50 तो बीजेपी को 36 से 46 सीट मिलने का अनुमान है। एग्जिट पोल से 9 बड़े संदेश 1. कांग्रेस के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार के खिलाफ कोई सत्ता विरोधी लहर नहीं है, लेकिन ऐसा लगता है कि मतदान की तारीख से एक महीने पहले बीजेपी ने काफी बढ़त हासिल कर ली है और इस तरह बीजेपी पर कांग्रेस की बढ़त बहुत कम है। 2. बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में किए गए वादों से लोगों, खासकर किसान और महिलाओं को आकर्षित किया है। – विवाहित महिलाओं को 12,000 रुपये प्रति वर्ष।– गरीबों को 500 रुपये में एलपीजी सिलेंडर।– भूमिहीन खेतिहर मजदूरों को 10,000 रुपये।– प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की खरीद 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से। 3. महिला, शहरी, ओबीसी और सामान्य जाति और युवाओं (18-35 आयु) में बीजेपी आगे चल रही है। 4. पुरुष, ग्रामीण, एससी, एसटी और मुस्लिमों में कांग्रेस आगे है। 5. तीन नवंबर को बीजेपी के बाद 5 नवंबर को कांग्रेस का घोषणापत्र जारी किया गया, जहां “किसान लोन माफ” ने बहुत से किसानों को आकर्षित किया, जिससे माहौल फिर से कांग्रेस के पक्ष में आ गया। 6. 2018 में बीजेपी बहुत बुरी तरह हार गई और दोनों पार्टियों के बीच 10% वोट शेयर अंतर के साथ कुल 90 सीटों में से केवल 15 सीटें ही जीत सकी। मुख्य कारण यह है कि एससी/एसटी/ओबीसी और यहां तक कि उच्च जाति ने बड़े पैमाने पर कांग्रेस के पक्ष में मतदान किया, लेकिन इस बार बीजेपी ओबीसी, विशेष रूप से साहू (14% जनसंख्या) और उच्च जाति का बड़े स्तर पर वोट हासिल कर सकती है। 7. बीजेपी बस्तर क्षेत्र में आगे चल रही है, जो सबसे बड़ी हैरान करने वाली बात है। कारण, परंपरागत रूप से पिछले चुनावों में इस क्षेत्र में कांग्रेस आगे रही है। वहीं राज्य के के बाकी हिस्सों में कहानी उलट है। 8. बसपा ने इस बार जीजीपी (गोंडवाना गणतंत्र पार्टी) के साथ गठबंधन किया, लेकिन पिछली बार की तरह इस बार भी कोई खास प्रभाव नहीं डाल पाई। पिछली बार बसपा ने स्वर्गीय अजीत जोगी की पार्टी जेसीसी (जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे)) के साथ गठबंधन किया था। तभी भी ये गठबंधन कोई खास आंकड़े हासिल नहीं कर पाया। 9. इस बार मुकाबला बहुत कांटे का है। मैदान में 4-6 उम्मीदवार छोटे दल और निर्दलीय ऐसे मैदान में हैं, जो त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में अहम रोल निभा सकते हैं। इन दलों में बसपा, जीजीपी, सीपीआई शामिल हैं। 10. मुख्यमंत्री किसे होना चाहिए? सर्वे में पूछे गए इस सवाल में ‘काका’ यानी भूपेश बघेल नबर वन हैं। 31 फीसदी लोगों ने बघेल के नाम पर मुहर लगाई है, जबकि रमन सिंह के नाम पर 21 फीसदी लोगों ने मुहर लगाई है। टी.एस सिंह देव को महज 2 फीसदी लोगों ने मुख्यमंत्री (CG Exit Poll 2023) के रूप में देखा है।

Chhattisgarh Exit Poll 2023: Tight fight in Chhattisgarh...! Results are coming... see how many seats are there between Congress and BJP.
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Chhattisgarh Exit Poll 2023 : छत्तीसगढ़ में टाइट फाइट…! आने लगे नतीजे…देखें कांग्रेस-BJP में कितने सीटों का है मार्जिन

नई दिल्ली, 30 नवंबर। Chhattisgarh Exit Poll 2023 : तीन दिसंबर को पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे आने हैं। इन चुनावी राज्यों में एक प्रदेश छत्तीसगढ़ भी है, जहां दो चरणों में वोटिंग हुई थी। वहां वोट प्रतिशत 76.31 फीसदी रहा जो साल 2018 के मुकाबले (76.88) मामूली नीचे था। यहां फेज-1 में 20 सीटों पर चुनाव हुए थे, तो वहीं फेज 2 में बाकी बची 70 सीटों पर वोटिंग हुई थी। चुनाव के नतीजों से पहले सत्ताधारी कांग्रेस और विपक्षी पार्टी बीजेपी दोनों में हलचल है। छत्तीसगढ़ में 90 विधानसभा सीटे हैं, इनमें कांग्रेस का दावा है कि वह 75 सीटें जीतेगी। India Today Axis My India के exit poll में देखें कैसा रहने वाला है चुनावी हाल- Exit Poll के आंकड़े आने शुरू हो गए हैं। ताजा आए आंकड़ों के मुताबिक अभी तक सामने आया है कि छत्तीसगढ़ मे कांग्रेस को 36 से 46 सीटों पर भाजपा को जीत मिल सकती तो वहीं कांग्रेस को 40 से 50 सीटों पर जीत मिल सकती। इसमें भी अन्य को जो सीटें मिल सकती हैं उनके आंकड़े 1 से 5 तक हैं। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को टाइट फाइट Exit Poll के नतीजे आने शुरू हो गए हैं। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को टाइट फाइट मिल रही है। यहां कांग्रेस को 40-50 सीटें मिलने का अनुमान है, तो वहीं बीजेपी को 36 से 46 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है। बता दें कि यहां 7 व 17 नवंबर को वोटिंग हुई थी। छत्तीसगढ़ में 90 सीटों पर वोटिंग हुई थीं। भूपेश बघेल सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर नहीं छत्तीसगढ़ के Exit Poll में जिस तरह के नतीजे आए हैं, उसके मुताबिक, कांग्रेस के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार के खिलाफ कोई सत्ता विरोधी लहर नहीं है, लेकिन एक महीने पहले बीजेपी को काफी बढ़त मिलती दिख रही है।मतदान की तारीख और इस प्रकार कांग्रेस को भाजपा पर बहुत कम बढ़त हासिल है। BJP के घोषणापत्र ने लोगों को किया आकर्षित महिलाएं (Chhattisgarh Exit Poll 2023) और किसान।विवाहित महिलाओं को 12,000 रुपये प्रति वर्ष।एलपीजी सिलेंडर रु. गरीबों को 500 रु।रु. भूमिहीन खेतिहर मजदूरों को 10,000 रु।प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की खरीद 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से होगी।

Exit Poll Breaking: Election results of 5 states on 3rd December...! How effective will the exit poll be?
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Exit Poll Breaking : 3 दिसंबर को 5 राज्यों के चुनाव परिणाम…! कितना असरदार होगा एग्जिट पोल…?

नई दिल्ली, 30 नवंबर। Exit Poll Breaking : जी हां, पांच राज्यों के चुनाव परिणाम 3 दिसंबर को आएंगे लेकिन उससे पहले आज एग्जिट पोल में तस्वीर साफ हो जाएगी। छत्तीसगढ़ में क्या कका जीतेगी, एमपी में क्या बीजेपी वापसी कर रही है, राजस्थान में कांग्रेस सत्ता बचा पाएगी… ऐसे न जाने कितने सवाल सियासी फिजा में तैरने लगेंगे। ऐसे में कहा जा सकता है कि एग्जिट पोल जनता का मूड बताते हैं। वोटिंग पैटर्न दिखाते हैं और नेताओं की धड़कनें भी बढ़ाते हैं। जब तक अंतिम परिणाम नहीं आ जाते, एग्जिट पोल की ही चर्चा होती रहती है। यह हर चुनाव के बाद होता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि एग्जिट पोल किया कैसे जाता है। इसकी शुरुआत कब हुई थी और क्या यह 100 प्रतिशत विश्वसनीय होता है? क्या एग्जिट पोल हमेशा सही होते रहे हैं? जब तक एग्जिट पोल आता है, इन सवालों का जवाब ढूंढ लेते हैं। पहले जान लेते हैं कि एग्जिट पोल किसे कहते हैं? एग्जिट पोल क्या होते हैं? दरअसल, एग्जिट पोल करने वालों की एक टीम होती है जो वोटरों से सवाल करती है जब वे मतदान केंद्र से बाहर निकल रहे होते हैं। मतदान के दिन इकट्ठा की गई इसी जानकारी के आधार चुनाव परिणाम की भविष्यवाणी की जाती है। भारत में कई संगठन एग्जिट पोल करते हैं। ओपिनियन पोल से कितना अलग? हां, एग्जिट पोल और ओपिनियन पोल में भ्रमित मत होइएगा। ओपिनियन पोल चुनाव से पहले और एग्जिट पोल मतदान पूरा होने के बाद सामने आते हैं। ओपिनियन पोल में वोटर अपनी राय देते हैं उसी आधार पर सर्वे सामने आता है। विडंबना यह है कि इसमें वे लोग भी अपनी राय दे सकते हैं जो वोटिंग करें ही न। जबकि एग्जिट पोल अपेक्षाकृत सटीक कहा जा सकता है क्योंकि इसमें वे लोग शामिल होते हैं जो चुनाव वाले दिन वोट डालकर निकले होते हैं। नियम यह कहता है कि आखिरी चरण का मतदान खत्म होने के आधे घंटे बाद एग्जिट पोल दिखाए जा सकते हैं। आज शाम यह समयसीमा साढ़े छह बजे की है। अंग्रेजी में Exit का मतलब यहां वोट डालकर पोलिंग स्टेशन से एग्जिट हुए वोटर से है। वैसे तो एग्जिट पोल 1980 के दशक में शुरू हो गए थे। सीएसडीएस ने देशव्यापी सर्वे किया और जब दूरदर्शन पर 1996 में यह प्रसारित हुआ तब लोकप्रियता बढ़ गई। एग्जिट पोल में जिसके खिलाफ रुझान आते हैं वे नेता या पार्टियां आरोप लगाते हैं कि एजेंसियों का तरीका, सवाल, प्रश्न का समय, पद्धति पक्षपाती थी। आरोप यह भी लगते हैं कि एग्जिट पोल पारदर्शिता और जवाबदेही से परे होते हैं। वैसे, इस तरह के सर्वे को कई फैक्टर प्रभावित करते हैं इसलिए इसे 100 प्रतिशत सही नहीं माना जा सकता है। 1998 से प्राइवेट न्यूज चैनलों पर एग्जिट पोल का प्रसारण होता आ रहा है। दुनिया की बात करें तो सबसे पहले ऐसा सर्वे अमेरिका में हुआ था। कितना सही होता है अनुमान 2004 का लोकसभा चुनाव हो या 2009 का आम चुनाव- इसमें लगभग सभी एजेंसियों के दावे फेल हो गए थे। 2004 में दावा किया गया था कि एनडीए की वापसी हो रही है लेकिन कांग्रेस सत्ता में आई। 2009 में भी ऐसा ही हुआ। हालांकि 2014 में मोदी लहर में एग्जिट पोल काफी हद तक सटीक अनुमान लगा पाए। 2014 के चुनाव में सबसे सटीक दावा ‘चाणक्य’ एजेंसी का रहा था। उसका अनुमान था कि एनडीए को बंपर 340 सीटें मिल सकती हैं और यूपीए 70 पर सिमट जाएगी। नतीजे लगभग यही रहे। 2019 के आम चुनाव में सभी एग्जिट पोल्स 300 के आसपास सीटें दे रहे थे लेकिन इतनी सीटें अकेले बीजेपी ले आई। बंगाल चुनाव में फ्लॉप रहे एग्जिट पोल 2021 का पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव आपको याद होगा। भाजपा ने इतना जबर्दस्त चुनाव प्रचार किया था कि लग रहा था वहां मोदी लहर पैदा हो गई है। एग्जिट पोल के नतीजों ने भी यही संकेत दिए। ज्यादातर एजेंसियों-चैनलों ने भाजपा को सबसे बड़ी पार्टी बताया था लेकिन नतीजों ने बता दिया कि बीजेपी का ग्राफ जरूर बढ़ा लेकिन भगवा पार्टी ममता बनर्जी का किला नहीं हिला पाई। हालांकि 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव रहे हों या यूपी का 2012 का चुनाव एग्जिट पोल ने सटीक अनुमान लगाया। इस लिहाज से देखें तो एग्जिट पोल को पक्का तो नहीं कह सकते लेकिन एक संकेत या संदेश (Exit Poll Breaking) जरूर दे जाते हैं।

Telangana Election 2023: This candidate made an emotional appeal...! If you don't vote, you will come in the funeral procession...see
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Telangana Election 2023 : इस प्रत्याशी ने की भावुक अपील…! वोट नहीं दिया, तो शव यात्रा में आइएगा…देखें

तेलंगाना, 29 नवंबर। Telangana Election 2023 : तेलंगाना की सभी 119 विधानसभा सीटों पर 30 नवंबर को मतदान होना है। इस कड़ी में आज यानी मंगलवार शाम 5:00 बजे चुनाव प्रचार भी थम गया। चुनाव प्रचार के अंतिम दिन बीआरएस नेता कौशिक रेड्डी का अजीबोगरीब बयान सामने आया। दरअसल, कौशिक रेड्डी हुज़ूराबाद विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। चुनाव प्रचार के अंतिम दिन अपने विधानसभा क्षेत्र में जनता से भावुक अपील करते हुए कहा कि मुझे हराना या जिताना आपके हाथ में है। अब फैसला आपका है…! कौशिक रेड्डी ने आगे कहा, “अगर आपका आशीर्वाद रहा, तो मेरी विजयी यात्रा में आप आइएगा, वरना बेटी और पत्नी सहित हम तीनों की शव यात्रा में आप लोग आइएगा, अब फैसला आपका है। अगर आप हराएंगे, तो क्या मैं यहां आत्महत्या कर लूंगा? आपकी मर्जी जीताएंगे या हराएंगे। अगर आपने मुझे वोट नहीं डाला, तो हम तीनों के शव ही आपलोग देखेंगे, आपकी दया है। अगर जीताएंगे, तो 04 तारीख को मैं विजयी यात्रा निकलूंगा, वरना आप लोग हमारी शव यात्रा पर आना।” 2018 में हार गए थे कौशिक रेड्डी कौशिक रेड्डी पूर्व क्रिकेटर हैं। चुनाव प्रचार के दौरान उनके साथ उनकी पत्नी और बेटी भी थीं। तेलंगाना में करीमनगर जिले के भीतर हुज़ूराबाद विधानसभा क्षेत्र आता है, जो अनारक्षित सीट है। 2018 के विधानसभा चुनाव में यहां से टीआरएस जो अब बीआरएस है, के उम्मीदवार एटाला राजेंदर ने जीत दर्ज की थी, जबकि कांग्रेस के उम्मीदवार कौशिक रेड्डी को उस समय हार का सामना करना पड़ा था।   3 दिसंबर को पांच राज्यों के चुनाव नतीजे  बता दें कि तेलंगाना विधानसभा चुनाव के नतीजे 3 दिसंबर को आएंगे। तेलंगाना में वोटिंग होनी है, जबिक चार अन्य राज्यों मिजोरम, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में वोटिंग हो चुकी है। तेलंगाना में वोटिंग के साथ ही पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव संपन्न हो जाएंगे और फिर चुनाव परिणाम का इंतजार (Telangana Election 2023) रहेगा।