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List of CM: Only 6 leaders became CM of this state in 50 years...! In which 3 have been dismissed by the Centre...see
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List of CM : 50 साल में सिर्फ 6 नेता इस राज्य के CM बने…! जिसमें 3 को केंद्र कर चुकी है बर्खास्त…देखिए

राजस्थान, 24 नवंबर। List of CM : क्षेत्रफल के लिहाज से राजस्थान भारत का सबसे बड़ा राज्य है, लेकिन राज्य के मुख्यमंत्रियों की फ़ेहरिस्त बड़ी नहीं है। पिछले 33 सालों में राजस्थान में केवल तीन नेता (भैरों सिंह शेखावत, अशोक गेहलोत और वसुन्धरा राजे) मुख्यमंत्री हुए हैं। 50 वर्षों की सूची देखें तो यह संख्या छह (इसमें हीरा लाल देवपुरा को नहीं गिना गया है, जिनका कार्यकाल केवल 15 दिनों का था) हो जाएगी। दिलचस्प यह भी है कि राज्य में कई बार त्रिशंकु विधानसभा के हालात बने लेकिन सरकार बनाने में हमेशा सबसे बड़ी पार्टी ही कामयाब हुई। राजस्थान में भाजपा और कांग्रेस का ही शासन रहा, बावजूद इसके राज्य में समय-समय पर नए-नए राजनीतिक दलों का उदय हुआ। 1993 में भाजपा के भैरों सिंह शेखावत के मुख्यमंत्री के रूप में लौटने के बाद से राज्य की सत्ता हमेशा कांग्रेस और भाजपा के बीच बदलती रही है। अब तक 3 मुख्यमंत्रियों को केंद्र कर चुकी है बर्खास्त वर्तमान में राजस्थान में विधानसभा की 200 सीटें हैं। इनमें से 34 अनुसूचित जाति और 25 अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। लोकसभा की 25 सीटें हैं, जिसमें से तीन एससी और चार एसटी के लिए आरक्षित हैं। राज्य से राज्यसभा के लिए 10 सांसद भेजे जाते हैं। राजस्थान का राजनीतिक इतिहास बताता है कि राज्य की तीन चुनी हुई सरकारों को केंद्र सरकारों ने समय-समय पर बर्खास्त किया। पहली बार ऐसा प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई सरकार ने किया। आपातकाल के बाद बनी केंद्र सरकार का नेतृत्व करते हुए देसाई ने साल 1977 में राजस्थान की हरदेव जोशी सरकार (कांग्रेस) को बर्खास्त कर दिया था। भैरों सिंह शेखावत के साथ यह दो बार हुआ। 1980 में इंदिरा गांधी ने उन्हें पद से बर्खास्त किया और 1992 में बाबरी विध्वंस के बाद पीवी नरसिम्हा राव ने। राज्य में तीसरी पार्टियों का जोर राज्य में समय-समय पर तीसरी राजनीतिक ताकत का उभार होता रहा है। कई प्रभावशाली गैर-कांग्रेस, गैर-भाजपा नेता उभरे। लेकिन ये ज्यादा दिन तक छाए नहीं रहे। या तो वे राजनीति से गायब हो गए, या दो प्रमुख दलों में से किसी एक में शामिल हो गए। सी राजगोपालाचारी की स्वतंत्र पार्टी ने 1962 में 176 सदस्यीय विधानसभा में से 36 सीटें और 1967 में 184 में से 48 सीटें जीतीं। 1990 के दशक तक, जनता दल में कल्याण सिंह कालवी, देवी सिंह भाटी और राजेंद्र सिंह राठौड़ जैसे कई महत्वपूर्ण नेता थे। राठौड़ अब विधानसभा में भाजपा के विपक्ष के नेता हैं। जगदीप धनखड़ जो जनता दल से कांग्रेस और अंत में भाजपा में गए थे, अब भारत के उपराष्ट्रपति हैं। 2018 में बहुजन समाज पार्टी (BSP) के छह विधायक थे, बाद में ये सभी कांग्रेस में शामिल हो गए। कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधी टक्कर राज्य में चुनाव सीधे तौर पर कांग्रेस और भाजपा के बीच रही है। 1998 से अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे बारी-बारी से मुख्यमंत्री बनते रहे हैं। राज्य में गहलोत अपनी पार्टी का चेहरा रहे हैं। सचिन पायलट के अलावा उनका कोई प्रतिद्वंद्वी नहीं है। दूसरी तरफ वसुंधरा राजे हैं जो तत्कालीन उपराष्ट्रपति शेखावत और दिवंगत प्रमोद महाजन के आशीर्वाद से 2003 में पहली बार मुख्यमंत्री बनी थीं। तब से वह राज्य में भाजपा की सबसे बड़ी नेता बनी हुई हैं, भले ही उन्हें पिछले पांच वर्षों में व्यवस्थित रूप से दरकिनार कर दिया गया है। बतौर मुख्यमंत्री सबसे लंबा कार्यकाल कांग्रेस के मोहन लाल सुखाड़िया का रहा है। वह 16 साल और 6 महीने से अधिक समय तक सेवा में रहे। इसके बाद नंबर आता है गहलोत का, जो तीन बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं। दो कार्यकाल सफलतापूर्वक पूरा कर चुके हैं। तीसरा भी पूरा होने वाला है। शेखावत और वसुंधरा दोनों ने 10-10 साल से अधिक समय तक सेवा की है। पहले हरिदेव जोशी और एचएल देवपुरा क्रमशः 6 साल से अधिक और 5 साल से अधिक समय तक सीएम रहे थे। सुखाड़िया, गहलोत, शेखावत और वसुंधरा ने मिलकर 51 साल से अधिक समय तक राज्य पर शासन किया है। यहां नहीं बना जाट जाति से कोई CM गहलोत ओबीसी माली हैं। वसुंधरा का जन्म एक मराठा के रूप में हुआ था, जिनकी शादी जाटों के एक शाही परिवार में हुई थी और उनकी बहू गुज्जर समुदाय से हैं। हालांकि, राजस्थान में वसुंधरा सहित प्रत्येक राजा को “राजपूत” माना जाता है। आजादी के बाद से राज्य के 14 मुख्यमंत्रियों में से पांच ब्राह्मण, दो वैश्य (सुखाड़िया और देवपुरा), एक कायस्थ (शिव चरण माथुर), एक मुस्लिम (बरकतुल्ला खान), और एक राजपूत (शेखावत) रहे हैं। राज्य ने नाथूराम मिर्धा, रामनिवास मिर्धा और परसराम मदेरणा जैसे प्रमुख जाट नेताओं को देखा है, लेकिन कोई भी जाट कभी सीएम नहीं रहा। 1980-81 में एक वर्ष से कुछ अधिक समय तक मुख्यमंत्री रहे जगन्नाथ पहाड़िया अनुसूचित जाति से थे। इंदिरा ने उन्हें उस समय आगे बढ़ाते हुए सीएम बनाया था, जब जगजीवन राम ने कांग्रेस छोड़ दी थी और वह एक एससी नेता की तलाश में थीं जिसे राष्ट्रीय स्तर पर पेश किया जा सके। पहाड़िया ने महादेवी वर्मा की कविता पर एक टिप्पणी की थी, जिससे इंदिरा नाराज हो गईं और उन्हें अपना पद खोना पड़ा। 2011 की जनगणना के अनुसार, राजस्थान की 17% से अधिक आबादी अनुसूचित जाति की है। 13% से ज्यादा एसटी हैं, लेकिन अभी तक कोई एसटी राजस्थान का सीएम (List of CM) नहीं बना है।

Deputy CM: TS Singhdev's big statement...! Said- I will be personally disappointed if I don't get that many seats...listen.
Raipur

Deputy CM : नतीजे से पहले टीएस सिंहदेव का बड़ा बयान…! कहा-उतनी सीटें नहीं मिलीं तो निजी तौर पर निराशा होगी…सुने बैक टू बैक VIDEO

रायपुर, 23 नवंबर। Deputy CM : छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले राज्य के उपमुख्यमंत्री टी एस सिंहदेव ने बड़ा बयान दिया है। टी एस सिंहदेव ने कहा कि विधानसभा चुनाव में यदि 2 तिहाई से कम सीटें आएंगी, तो उन्हें व्यक्तिगत तौर पर निराशा होगी। सरगुजा क्षेत्र में 14 सीटों को लेकर है आश्वस्त उन्होंने कहा कि कांग्रेस अगर 60 सीट के नीचे की सीट आती है तो उन्हें व्यक्तिगत तौर पर निराशा होगी। आगे उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने बुनियादी और कई अच्छे काम किया है। सरगुजा क्षेत्र के 14 सीटों को लेकर कहा कि, सभी 14 सीटों में कांग्रेस है। वहीँ उन्होंने मुख्यमंत्री को लेकर कहा कि, हाई कमान जिन्हें तय करेगा वही मुख्यमंत्री बनेगा। हम सभी साथ बैठकर इस पर चर्चा कर चुके हैं। हम सबकी एक राय है, इसमें आगे पीछे कुछ नहीं होना चाहिए। एक लाइन जो हाई कमान तय करेगा वह फाइनल है, उसमे सब इसमें सहमत है। ऑपरेशन लोटस या हॉर्स ट्रेडिंग को लेकर टीएस सिंहदेव ने कहा कि ईडी है इसलिए हम लोग निश्चिंत है, नजर लगाए हुए हैं। लोकतंत्र में छत्तीसगढ़ में इसकी आवश्यकता नहीं पड़ेगी। मार्जिन ही इतना रहेगा कि इसकी संभावना नहीं है। पनौती वर्ड ट्रेड होने को लेकर कहा कि 1 लक, बेड लक की बात है, शब्दों का चयन जैसा होता है…. उसका प्रचार और दुष्प्रचार बहुत हो सकता है, उन्हें किस नाते कहा यह मायने रखता है। लोकसभा में भी छत्तीसगढ़ का प्रदर्शन बेहतर रहे लोकसभा चुनाव में बेहतर परफॉर्म को लेकर कहा कि, यह जरूर भविष्य में है लेकिन छत्तीसगढ़ में परफॉर्मेंस लोकसभा में भी पिछले बार से कई बेहतर रहेगा। झीरम पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लेकर कहा कि, यह निर्णय बहुत पहले आ जाता तो ज्यादा अच्छा होता, क्योंकि बहुत क्लियर है, एनआईए को जो जांच की बिंदु दिए गए थे। उसमें षड्यंत्र वाली बात है वह नहीं थी। मैं खुद चश्मादीद गवाह था, झीरमघाटी क्षेत्र में एक भी पुलिस की तैनाती नहीं थी। वोट परसेंटेज को लेकर डिप्टी सीएम बोले कि, बीजेपी-कांग्रेस में फैसला 35% रहता है, वह बरकरार रहेगा। पिछले चुनाव में 42-32 परसेंट था। 84% वोट बीजेपी कांग्रेस ने लिया था,16 अन्य थे। 16 से 20% से ज्यादा वोट इधर-उधर नहीं जाएंगे जो मुख्य राजनीतिक दल है (Deputy CM) कांग्रेस-भाजपा 80% शेयर करेंगे।

Statement of Lakhma: I am a carpet spreader and a flag hoisting worker...! I have no greed to become a minister but better CM is Bhupesh Baghel... Listen what Lakhma said about TS Singhdev
Raipur

Statement of Lakhma : मैं दरी बिछाने वाला और झंडा उठाने वाला कार्यकर्ता…! मुझे मंत्री बनने का कोई लालच नहीं लेकिन बेहतर CM भूपेश बघेल…सुनिए टीएस सिंहदेव को लेकर लखमा क्या बोले

रायपुर, 21 नवंबर। Statement of Lakhma : टीएस सिंहदेव, दीपक बैज बड़े नेता, मैं दरी बिछाने वाला और झंडा उठाने वाला कार्यकर्ता। टीएस सिंहदेव और दीपक बैज की अपनी-अपनी राय, लेकिन मेरी राय में आगे भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को होना चाहिए। भूपेश बघेल देश के सबसे बढ़िया मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने आदिवासियों को लिए बहुत काम किया। यह बात कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही बयानबाजी के बीच मंत्री कवासी लखमा ने कही। प्रदेश में दुबारा कांग्रेस की सरकार बनने पर मंत्री बनने के सवाल पर कवासी लखमा ने कहा कि मंत्री बनना कौन नहीं चाहता, मैं भी चाहता हूं, लेकिन ये हाईकमान तय करेगा। वो बोलेंगे तो मंत्री बनूंगा, दरी बिछाने को बोलेंगे, तो दरी बिछाऊंगा। कांग्रेस सरकार आने पर अगले मुख्यमंत्री के सवाल पर उन्होंने कहा कि मेरी पसंद, आदिवासियों और किसानों की पसंद भूपेश बघेल हैं। बाकी हाईकमान जो निर्णय ले। मुझे मंत्री बनने का कोई लालच नहीं, मैं आदिवासी से आता हूं, पर मेरी पसंद भूपेश बघेल हैं। टीएस सिंहदेव के अगला चुनाव नहीं लड़ने वाले बयान पर लखमा ने कहा कि मैं गरीब आदिवासी आदमी हूं। नेहरू परिवार जो बोलेगा, वो हम करेंगे। मुख्यमंत्री विधायक दल तय करता है। भूपेश बघेल 5 साल में छतीसगढ़ियां लोगों के दिल में बसे। भूपेश बघेल ने आदिवासियों के लिए खूब किया। मैं छोटा कार्यकर्ता हूं। बेहतर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हैं।छत्तीसगढ़ में 48 लाख लोगों के वोट नहीं देने पर लखमा ने कहा कि शहर में काम नहीं हुआ, इसके जिम्मेदार पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह हैं। छत्तीसगढ़ में मोदी, अमित शाह ने कुछ नहीं किया। ED-IT भेजकर व्यापारी वर्ग को परेशान किया। व्यापारी परेशान हैं। आने वाले समय में हमारी सरकार बनेगी। राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनेंगे। बस्तर, सरगुजा में ज्यादा सीटें मिलेंगी। 6 हजार व्यापारियों को GST नोटिस भेजे जाने पर लखमा ने कहा कि शहर में ढंग से काम नहीं हुआ, इसलिए शहर में वोट नहीं पड़ा है। ये केंद्र का नियम है, कानून नहीं है। GST लगाकर व्यापारियों (Statement of Lakhma) को परेशान किया। व्यापारी अपने मेहनत से व्यापार कर रहा। हम मध्यप्रदेश में गए थे, वहां के व्यापारियों ने कांग्रेस को वोट दिया है। वहां भी अब सरकार बदलने जा रही है। व्यापार रहेगा तभी तो देश चलेगा।

Election Commission: This time's election seizure is 7 times more than last time...more than Rs 1700 crore in cash...Mizoram's figures are shocking...see list
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Election Commission : इस बार की चुनावी ज़ब्ती पिछली बार से 7 गुना अधिक…1700 करोड़ से ज्यादा कैश…मिजोरम के आंकड़े चौंकाने वाले…देखें सूची

नई दिल्‍ली, 20 नवंबर। Election Commission : पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों की घोषणा के बाद से छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना, मध्य प्रदेश और मिजोरम में 1,760 करोड़ रुपये से अधिक की जब्ती की गई है। निर्वाचन आयोग की मानें तो यह जब्ती पिछली बार के विधानसभा चुनावों में की गई जब्ती से 7 गुना (239.15 करोड़ रुपये) से अधिक है। आयोग ने सोमवार को कहा कि पांच राज्यों में मतदाताओं को लुभाने के मकसद से 1,760 करोड़ रुपये से अधिक की मुफ्त वस्तुएं, ड्रग्स, नकदी, शराब और कीमती धातुएं ले जाई जा रही थीं जिन्हें जब्त कर लिया गया। इसमें सबसे चौंकाने वाले आंकड़े मिजोरम से आए हैं। निर्वाचन आयोग ने बताया कि 9 अक्टूबर को चुनावों की घोषणा के बाद से पांच राज्यों (छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना, मध्य प्रदेश और मिजोरम) में की गई उक्त जब्ती 2018 में पिछले विधानसभा चुनावों की तुलना में सात गुना (239.15 करोड़ रुपये) से ज्यादा है। आयोग ने बताया कि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और मिजोरम में विधानसभा चुनाव पहले ही हो चुके हैं जबकि राजस्थान और तेलंगाना में क्रमशः 25 नवंबर और 30 नवंबर को मतदान होना है। छत्तीसगढ़ में ज़ब्ती निर्वाचन आयोग की ओर से साझा की गई जानकारी के मुताबिक, 9 अक्टूबर को चुनावों की घोषणा के बाद से छत्तीसगढ़ में 20.77 करोड़ रुपये का कैश, 2.16 करोड़ रुपये की शराब, 4.55 करोड़ रुपये की ड्रग्स, 22.76 करोड़ रुपये की कीमती धातुएं, 26.68 करोड़ रुपये के गिफ्ट बरामद किए हैं। छत्तीसगढ़ में कुल 76.9 करोड़ रुपये की जब्ती की गई है।  मध्य प्रदेश में ज़ब्ती निर्वाचन आयोग के मुताबिक, मध्य प्रदेश में कुल 323.7 करोड़ रुपये की जब्ती की गई है जिसमें 33.72 करोड़ रुपये का कैश, 69.85 करोड़ रुपये की शराब, 15.53 करोड़ रुपये की ड्रग्स, 84.1 करोड़ रुपये की कीमती धातुएं, 120.53 करोड़ रुपये के गिफ्ट बरामद किए हैं। सबसे ज्यादा 659.2 करोड़ रुपये की बरामदगी तेलंगाना से की गई है। राजस्थान में ज़ब्ती  निर्वाचन आयोग की ओर से साझा की गई जानकारी में कहा गया है कि बरामदगी के मामले में राजस्थान दूसरे नंबर पर है जहां कुल 650.7 करोड़ रुपये की बरामदगी की गई है। इसमें 93.17 करोड़ रुपये का कैश, 51.29 करोड़ रुपये की शराब, 91.71 करोड़ रुपये की ड्रग्स, 73.36 करोड़ रुपये की कीमती धातुएं, 341.24 करोड़ रुपये के मुफ्त उपहार शामिल हैं। तेलंगाना में ज़ब्ती  तेलंगाना में सबसे ज्यादा 225.23 करोड़ रुपये का कैश बरामद किया गया है। सबसे ज्यादा रकम 103.74 करोड़ रुपये की ड्रग्स भी तेलंगाना से बरामद (Election Commission) की गई है। मिजोरम में न नकदी जब्त हुई और न ही कीमती सामान दिलचस्प बात यह है कि चुनाव आयोग के अनुसार, मिजोरम में कोई नकदी या कीमती चीजें जब्त नहीं की गई, लेकिन अधिकारियों ने 29.82 करोड़ रुपये के मादक पदार्थ बरामद किये। चुनाव आयोग ने विभिन्न सेवाओं के 228 अधिकारियों को व्यय पर्यवेक्षकों के रूप में तैनात किया है। कड़ी निगरानी के लिए 194 विधानसभा क्षेत्रों को ‘‘व्यय संवेदनशील’’ सीटों के रूप में चिह्नित किया गया था। आयोग का मानना है कि जब्ती का यह आकड़ा बढ़ सकता है।

CONGRESS-BJP-BRS: See the big points of the manifesto... Preparations are underway to reach out to the people of Telangana on these issues.
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CONGRESS-BJP-BRS : देखें घोषणापत्र की बड़ी बातें…इन मुद्दों पर तेलंगाना के लोगों को साधने की है तैयारी

नई दिल्‍ली, 20 नवंबर। CONGRESS-BJP-BRS : तेलंगाना चुनाव के लिए कांग्रेस, बीजेपी और बीआरएस ने अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है। तीनों ही दलों ने तेलंगाना की जनता के लिए कई बड़े-बड़े वादे किए हैं। राज्य के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली बीआरएस ने तो 400 रुपये में गैस सिलेंडर और 15 लख रुपए तक के मुफ्त इलाज का भी वादा किया है। BRS के घोषणापत्र की बड़ी बातें बीआरएस ने अपने घोषणा पत्र में कहा है कि वह राज्य के बजट को 3 लाख करोड़ रुपये तक ले जायेगी। साथ ही ₹400 में गैस सिलेंडर और आरोग्य श्री योजना के तहत 15 लाख रुपये तक का इलाज भी मुफ्त किया जाएगा। इसके अलावा बीआरएस सरकार बनने पर महिलाओं को हर महीने ₹3000 भी देगी। बीआरएस ने अपने घोषणा पत्र में चावल योजना को भी लागू करने के लिए कहा है। इसके तहत राशन में चावल का कोटा बढ़ाया जाएगा। साथ ही केसीआर ने कहा है कि हम गरीब परिवार को रायथु बीमा योजना की तर्ज पर एलआईसी के माध्यम से 5 लाख रुपये का जीवन बीमा प्रदान करेंगे और इसका पूरा प्रीमियम सरकार भरेगी। कांग्रेस के घोषणापत्र की बड़ी बातें कांग्रेस पार्टी ने भी तेलंगाना चुनाव के लिए अपने घोषणा पत्र में बड़े-बड़े वादे किए हैं। कांग्रेस पार्टी ने वादा किया है कि सरकार बनने पर वह ₹500 में एलपीजी सिलेंडर देगी। कांग्रेस ने जनता को 6 गारंटी दी है। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में ₹500 में गैस सिलेंडर, महिलाओं को फ्री बस सुविधा, 200 यूनिट तक फ्री बिजली और इंदिराम्मा उपहार योजना के तहत हिंदू बेटियों की शादी के समय एक लाख रुपये और 10 ग्राम सोना देगी। इसके अलावा अल्पसंख्यक समुदाय की बेटियों की शादी के वक्त 1,60,000 रुपये दिए जाएंगे। कांग्रेस ने वादा किया है कि अगर लड़की उच्च शिक्षा प्राप्त करती है तो उसे फ्री स्कूटी दी जाएगी। वही तेलंगाना आंदोलन के पहले और दूसरे चरण के शहीदों के माता-पिता, पति या पत्नी को 25,000 रुपये मासिक पेंशन और परिवार के एक सदस्य को नौकरी भी दी जाएगी। इसके अलावा तेलंगाना आंदोलन के दौरान कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज मामले भी वापस लिए जाएंगे। साथ ही किसानों का एक लाख तक का कर्ज माफ होगा और 20 लाख रुपये तक किसानों को ब्याज मुक्त ऋण दिया जाएगा। BJP के घोषणापत्र की बड़ी बातें बीजेपी ने भी तेलंगाना चुनाव के लिए अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है। बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में कहा है कि अगर राज्य में बीजेपी की सरकार बनती है, तो वह धर्म के आधार पर आरक्षण खत्म करेगी और समान नागरिक संहिता लागू करेगी। साथ ही बीजेपी ने कहा कि सरकार बनने पर तेलंगाना के वरिष्ठ नागरिकों को मुफ्त में रामलला के दर्शन कराए जाएंगे और उज्जवला योजना के लाभार्थियों को प्रतिवर्ष चार मुफ्त गैस सिलेंडर दिया जाएगा। बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में छोटे और सीमांत किसानों को बीज और खाद खरीदने के लिए 2500 रुपये सहायता प्रदान करने का भी वादा किया है। साथ ही कॉलेज की छात्राओं को मुफ्त लैपटॉप और जन्म के समय लड़कियों को दो लाख रुपये की एफडी भी दी जाएगी। इस एफडी को 21 वर्ष की आयु के बाद डिपॉजिट किया जा सकेगा। ज्ञात हो कि, तेलंगाना में मतदान 30 नवंबर 2023 को संपन्न होंगे तथा 3 दिसंबर 2023 को मतगणना कर परिणाम घोषित किए जाएंगे। बताते चले कि, तेलंगाना विधानसभा चुनाव 2023 भारत के राज्य तेलंगाना (CONGRESS-BJP-BRS) की तृतीय विधानसभा की सभी 119 सीटों के लिए होने वाले आम चुनाव हैं।

Conflict Over Statement: BJP leader Kedar Gupta said- The public has decided the time for TS Singhdeo to be sad, Baba will not become the Chief Minister now.
Raipur

Conflict Over Statement : बीजेपी नेता केदार गुप्ता ने कहा- TS Singhdeo के दुखी होने का समय जनता ने कर दिया है तय, बाबा तो अब मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे

रायपुर, 20 नवबंर। Conflict Over Statement : छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 होने के बाद परिणाम को लेकर राजनीतिक गलियारे में सियासत तेज है. राजनीतिक दल अपने-अपने जीत एक दावा कर रहे हैं. वहीं उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव (TS Singhdeo) के अगले चुनाव नहीं लड़ने की बात पर भाजपा प्रवक्ता केदार गुप्ता ने बयान दिया है. टीएस सिंहदेव के दुखी होने का समय जनता ने तय कर दिया है. इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस की समीक्षा बैठक पर भी तंज कसा है. टीएस सिंह देव के सीएम नहीं बना तो चुनाव लड़ने का कोई औचित्य नहीं के बयान पर बीजेपी प्रवक्ता केदार गुप्ता ने कहा कि टीएस सिंहदेव के दुखी होने का समय जनता ने तय कर दिया है. कांग्रेस की सरकार को जड़ समेत मतदाता छग से उखाड़ के फेंक रहे हैं. बाबा तो मुख्यमंत्री अब बनेंगे नहीं, बाबा कांग्रेस के अच्छे नेता रहे हैं. हम चाहेंगे कि नेता प्रतिपक्ष बनकर हमारे साथ रहे. भाजपा की सरकार बन रही हैं. अच्छा विपक्ष होगा तो काम करने मे आनंद आता हैं. कांग्रेस की समीक्षा बैठक पर केदार गुप्ता ने कहा कि हमलोग तो देख रहे की कांग्रेस में कितना अंतर्कलह है. पार्टी कई टुकड़ों में बट चुकी है. मुझे लगता है कांग्रेस की समीक्षा ही छग का एक्जिट पोल है. जो बता रहा कि कांग्रेसी को जनता ने ठुकरा दिया है. ये आपस में भी लड़ हैं. इनका सर्वनाश, सत्यानाश तय हैं. बीजेपी विपक्ष में हैं लेकिन आजतक कोई गंभीर शिकायत नहीं आई. कुछ शिकायत आई तो आपस में बैठ के सुलझा लेंगे. कांग्रेस में तो चुनाव के बाद अभी परिणाम नहीं आए हैं सिर फुटव्वल हैं. 50 सीटों पर महिला के अधिक वोट पर कांग्रेस के बयान पर केदार गुप्ता ने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में सबसे ज्यादा प्रताड़ित महिला और युवा रहे हैं. युवाओं को नग्न प्रदर्शन करना पड़ा, नारियों के साथ लगातार सामुहिक बलात्कार की घटनाये हुई. महिलाएं तनाव में थी, गुस्से में थी,शराबबंदी का वादा किया था वो भी पूरा नहीं किया. बीजेपी ने कहा नारियों का सम्मान करेंगे, 12 हजार रुपये का आर्थिक सहयोग करेंगे. इसलिए नारियों ने बीजेपी को बढ़-चढ़ कर वोट किया है. बीजेपी की सरकार बनेगी ये बात तय हैं.

PCC Chief: Who will become the Chief Minister? TS Singhdev's statement regarding the post of CM, PCC Chief Baij said - He is a great leader, his…
Raipur

PCC Chief : कौन बनेगा मुख्यमंत्री ? CM पद को लेकर TS सिंहदेव का बयान, PCC चीफ बैज बोले- वो बड़े लीडर हैं, उनका…

रायपुर, 20 नवबंर। PCC Chief : TS बाबा के सीएम बनने के बयान पर पीसीसी चीफ दीपक बैज का बयान सामने आया है. बैज ने कहा, वो बयान हमारे वरिष्ठ नेता का व्यक्तिगत हैं. भाजपा को मुद्दा चाहिए, वो बड़े लीडर उनका सोचना कहना छत्तीसगढ़ के लिए मायने रखता है. ये उनका व्यक्तिगत बयान है. कांग्रेस की समीक्षा बैठक को लेकर पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कहा दो दिनों तक समीक्षा हुई, प्रत्याशियों से चर्चा हुई. पार्टी ने बेहतर चुनाव लडा है. 2023 में कांग्रेस फिर से सरकार बना रही है. छत्तीसगढ़ में 75 प्लस सीटों पर जीत कर आएंगे. समीक्षा बैठक पर हुई शिकायतों को लेकर पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कहा, कुछ शिकायतें आई. कुछ प्रत्याशियों, जिलाध्यक्षों ने शिकायत की है. शिकायतों को पार्टी ने गंभीरता से लिया है. शिकायतों का परीक्षण कराएंगे कुछ गलत होगा तो कार्रवाई होगी.

Congress Worker Murder: Rajya Sabha MP slept the whole night in a tent in front of the police station...said - there is no other option...see VIDEO
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Congress Worker Murder : राज्यसभा सांसद पूरी रात थाने के सामने तंबू में सोए…बोले- इसके अलावा कोई विकल्प नहीं…देखें VIDEO

खजुराहो, 19 नवबंर। Congress Worker Murder : मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में कांग्रेस पार्टी कार्यकर्ता सलमान खान की हत्या के मामले ने तूल पकड़ लिया है। राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह और विधायक आलोक चतुर्वेदी थाने के सामने रातभर टेंट लगाकर धरने पर बैठे रहे। छतरपुर जिले के खजुराहो में कांग्रेस प्रत्याशी विक्रम सिंह नातीराजा के ड्राइवर की हत्या के बाद दिग्विजय सिंह ने आंदोलन करना शुरू कर दिया है। पूर्व सीएम खजुराहो थाने के बाहर टेंट लगाकर धरने पर बैठ गए हैं। वहीं, पुलिस के आला अधिकारी और बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी वज्र वाहन के साथ मौके पर मौजूद हैं। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने कहा कि धरने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। ऐसे में परिवार के साथ हूं। मैं वापिस जाना चाहता था, ट्रेन में मेरी बुकिंग थी। हमारा मन नहीं माना और हम यहीं रुक गए। देखते हैं पुलिस कब तक कार्रवाई नहीं करती है। हम कांग्रेस के प्रति समर्पित नहीं है। मैं आपके साथ था…हूं और रहूंगा। पुलिस वालों को असुविधा हुई उसके लिए खेद है। दिग्विजय सिंह को देखते ही बिलख पड़े परिजन पूर्व सीएम के साथ कांग्रेस प्रत्याशी कुं. विक्रम सिंह नाती राजा, छतरपुर से कांग्रेस प्रत्याशी पज्जन चतुर्वेदी, महाराजपुर से कांग्रेस प्रत्याशी नीरज दीक्षित भी मौजूद हैं। बता दें कि आज दोपहर ही दिग्विजय मृतक सलमान खान के घर पहुंचे थे, जहां उन्होंने परिजनों से मुलाकात कर उन्हें ढांढस बंधाया था और उन्हें आश्वस्त किया था कि वह खुद आरोपियों की गिरफ्तारी होने तक वहां मौजूद रहेंगे। ये है पूरा मामला आपको बता दें कि मतदान के पहले विधायक और कांग्रेस प्रत्याशी नाती राजा के ड्राइवर सलमान खान की हत्या कर दी थी। आरोपियों ने सलमान को गोली से छलनी कर फिर वाहन से कुचलकर मार डाला था। कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी अरविंद पटेरिया समेत उनके समर्थकों पर सलमान की हत्या करने का आरोप लगाया है। दरअसल, मृतक कांग्रेस प्रत्याशी को देर रात मध्य रात करीब 2 बजे आसपास भाजपा कार्यकर्ताओं के द्वारा शराब बाटने की मिली थी, जिसके बाद वह रोकने पहुंचा था। आरोप है की नाती राजा और उनका ड्राइवर सलमान खान जब घटना स्थल पहुंचे तो भाजपा प्रत्याशी अरविंद पटेरिया और उनके समर्थक शराब बांटते दिखे, जिसका विरोध कांग्रेस प्रत्याशी के ड्राइवर सलमान खान ने की थी। मध्य प्रदेश में शुक्रवार को मतदान से पहले कांग्रेस और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच टकराव के दौरान छतरपुर जिले के 34 वर्षीय कांग्रेस पार्षद को राजनगर इलाके में एक वाहन ने कुचल दिया। कांग्रेस विधायक विक्रम सिंह उर्फ ​​’नाती राजा’, जो राजनगर विधानसभा क्षेत्र से फिर से चुनाव लड़ रहे हैं, ने प्रतिद्वंद्वी भाजपा के कार्यकर्ताओं पर निगम पार्षद सलमान खान की हत्या का आरोप लगाया, इस आरोप का भाजपा ने खंडन किया। छतरपुर के पुलिस अधीक्षक अमित सांघी ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच झड़प के बाद सलमान खान की मौत हो गई, लेकिन प्रारंभिक जांच से पता चला है कि उनकी मौत एक दुर्घटना थी। विक्रम सिंह ने कहा कि वह और सलमान खान उन रिपोर्टों की जांच करने के लिए अकोन्सा गांव जा रहे थे कि मतदान से पहले इलाके में शराब बांटी जा रही थी। सिंह ने आरोप लगाया कि रास्ते में भाजपा उम्मीदवार अरविंद पटेरिया के समर्थकों ने उन पर हमला किया, उन पर बंदूक तान दी और बाद में सलमान खान की पिटाई की। “उन्होंने सलमान को एक वाहन से कुचल दिया। उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मृत्यु (Congress Worker Murder) हो गई।

Final Voting Figures: Final voting figures released - see 18% less voting...women voted more...voting percentage reduced in many urban seats
Raipur

Final Voting Figures : मतदान का फाइनल आंकड़ा जारी- देखें 18% कम वोटिंग हुई…महिलाओं ने किया ज्‍यादा मतदान…कई शहरी सीटों पर वोटिंग प्रतिशत हुआ कम

रायपुर, 18 नवबंर। Final Voting Figures : चुनाव आयोग ने आज छत्‍तीसगढ़ की 90 सीटों पर दो चरणों में हुए मतदान का फाइनल आंकड़ा जारी कर दिया है। आयोग की रिपोर्ट के अनुसार कुल मतदान में भी पुरुषों की तुलना में महिलाओं ने ज्‍यादा मतदान किया है। कई शहरी सीटों पर वोटिंग प्रतिशत कम चुनाव आयोग के ऐप वोटर टर्नआउट के मुताबिक, दूसरे चरण में 70 सीटों पर 75.08 फीसदी वोटिंग हुई, लेकिन हैरानी की बात ये है कि इस साल यानी 2023 में 2018 के मुकाबले 18 फीसदी कम वोटिंग हुई। गौरतलब है कि 2018 में 76.88 फीसदी वोटिंग हुई थी। सबसे ज्यादा मतदान खरसिया विधानसभा में हुआ जबकि सबसे कम मतदान रायपुर ग्रामीण विधानसभा में हुआ। पहले चरण में 78 फीसदी वोटिंग हुई। कई शहरी सीटों पर वोटिंग प्रतिशत कम हुआ है, जिसमें रायपुर जिले के चार सीटें शामिल हैं। इस 4 जिलों में 60 फीसदी से कम वोट पड़े हैं। इसी तरह बिलासपुर विधानसभा में भी केवल 56.28 फीसदी वोटिंग हुई है। वहीं पूरे 70 में सबसे ज्यादा वोटिंग खरसिया विधानसभा में 86.54 फीसदी हुई है। इसके साथ कुरूद और सिहावा विधानसभा में 86-86 फीसदी वोटिंग हुई है। राज्‍य में हैं 2 करोड़ से अधिक वोटर्स राज्‍य में कुल 2 करोड़ 39 लाख 3 हजार 160 वोटर हैं। इनमें 1 करोड़ 1 लाख 35 हजार 543 पुरुष और 1 करोड़ 2 लाख 56 हजार 865 महिलाएं हैं। राज्‍य में दो चरणों में हुए मतदान में कुल 1 करोड़ 55 लाख 61 हजार 460 ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इनमें 77 लाख 48 हजार 612 पुरुष और 78 लाख 12 हजार 631 महिलाएं शामिल हैं। ओवर ऑल वोटिंग के मामले में भी महिलाएं पुरुषों की तुलना में आगे रही हैं। महिलाओं ने किया ज्‍यादा मतदान आयोग की रिपोर्ट के अनुसार राज्‍य की 90 में से 51 सीटों पर पुरुषों की तुलना में महिलाओं ने ज्‍यादा मतदान किया है। ऐसे में इस बार महिलाएं जिसके पक्ष में मतदान की हैं सरकार उसकी ही बनेगी। बताते चलें कि इस बार कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों ने महिलाओं को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ा है। दोनों दलों ने हर महीने कैश के साथ ही रसोई गैस पर सब्सिडी देने सहित कई घोषणां की है। भाजपा ने महिलाओं को सलाना 12 हजार रुपये देने का वादा (Final Voting Figures) किया है। इसके साथ ही गरीब परिवारों को 500 रुपये में रसोई गैस सिलेंडर देने का वादा किया है। बीपीएल परिवारों में बच्‍ची के जन्‍म के साथ डेढ़ लाख रुपये का भी वादा किया है। सत्‍ता रुढ़ कांग्रेस ने रसोई गैस पर 500 रुपये सब्सिडी देने के साथ ही सभी विवाहित महिलाओं को सालाना 15 हजार रुपये देने का वादा किया है। देखें चार्ट

Deputy CM TS Singhdev: There is no point in contesting further elections in case of not becoming CM...! Sensational statement of 'BABA'...listen VIDEO
Raipur

Deputy CM TS Singhdev : सीएम नहीं बनने की स्थिति में आगे चुनाव लड़ने का कोई औचित्य नहीं है…! ‘BABA’ का सनसनीखेज बयान…सुने VIDEO

अंबिकापुर, 18 नवबंर। Deputy CM TS Singhdev : उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने अगला चुनाव नहीं लड़ने की बात कही है। उनका ये बयान ऐसे वक्त आया है जब हाल ही में राज्य में विधानसभा चुनाव सम्पन्न हुए हैं। अंबिकापुर में मीडिया के सवाल पर उन्होंने कहा कि, अगर मैं सीएम नहीं बना तो आगे चुनाव नहीं लड़ूंगा। ये मौका मेरे लिए आखिरी चुनाव है। मतदाता जो चाहेंगे वही होगा। अब विधायक बनकर नहीं रहना बल्कि बड़ी जिम्मेदारी से काम करना होगा। उधर, पाटन में मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि कांग्रेस ने उनके नेतृत्व में यहां चुनाव लड़ा है. हालांकि, मुख्यमंत्री चुनने के मामले पर उन्होंने विधायक दल और आलाकमान के फैसला पर किए जाने की बात कही। गौरतलब है कि, छत्तीसगढ़ की सभी 90 सीटों पर दो चरण में चुनाव बीते कल खत्म हो गए हैं। अब सभी को इंतजार 3 दिसंबर मतगणना के दिन का है। चुनाव खत्म होते ही कांग्रेस में मुख्यमंत्री (Deputy CM TS Singhdev) पद को लेकर एक बार फिर बयानबाजी का सिलसिला शुरू हो गया है।