WB Panchayat Election: Voting begins...! Triangular contest… Father TMC- Son BJP- Brother Left candidate… See violence-sabotage-some deaths at many placesWB Panchayat Election
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कोलकाता, 6 जुलाई। WB Panchayat Election : पश्चिम बंगाल ग्राम पंचायत चुनाव के लिए आज मतदान शुरू हो गया है। सुबह 7 बजे शुरू हुआ मतदान शाम 5 बजे तक चलेगा। यहां मतदाता 9,730 पंचायत समिति सीटों और 928 जिला परिषद सीटों के लिए उम्मीदवारों का चयन कर रहे हैं। जिसके नतीजे 11 जुलाई को आएंगे। मतदान के दौरान कई जगहों पर हिंसा की भी खबर है। जिसमें कुछ मौतें भी हो चुकी हैं। कूचबिहार के सीताई में बाराविटा प्राइमरी स्कूल के मतदान केंद्र में तोड़फोड़ की गई और मतपत्रों में आग लगा दी गई। आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल की कुल 63,229 ग्राम पंचायत सीटों पर सिर्फ 3 पार्टियों के बीच कड़ी टक्कर हो।

एक परिवार के 3 लोग अलग-अलग पार्टियों से लड़ रहे हैं चुनाव

पश्चिम बंगाल के आरामबाग में रहने वाले एक परिवार के तीन लोग चुनाव लड़ रहे हैं और तीनों अलग-अलग पार्टियों से उम्मीदवार हैं। सबसे अहम बात कि तीनों एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। 78 वर्षीय सुफल चाणोक सालेहपुर गांव से TMC के उम्मीदवार हैं। वहीं उनके भाई 67 वर्षीय सुकुमार चाणोक CPI के उम्मीदवार हैं, जबकि उनके बेटे प्रफुल्ल इस सीट से BJP के उम्मीदवार हैं।

सुकुमार चाणोक ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कहा कि हम मैदान पर बेहद जुझारू हैं क्योंकि हम वैचारिक रूप से मीलों अलग हैं। लेकिन मैंने ‘दादा’ (बड़े भाई) से कहा है कि अगर वह जीतते हैं तो उन्हें हमें मटन करी खिलानी होगी। वहीं अगर मैं जीतता हूं तो मैं एक ड्रम रसगुल्ला खरीदूंगा और इसे अपने दादा और ‘भाइपो’ (भतीजे) सहित हमारे परिवार के सदस्यों के बीच वितरित करूंगा।

मतदान को लेकर केंद्रीय बलों के 83 हजार जवानों की तैनाती की गई है। साथ ही 19 राज्यों की सशस्त्र पुलिस भी तैनात है। पंचायत चुनाव में भाजपा, कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है। भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी, सीएम ममता बनर्जी और कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है।

चुनावी मैदान में दुश्मनी के बावजूद रखते एक-दूसरे का ख्याल

बता दें कि परिवार को अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ रहा है। वे एक साथ रसोई साझा नहीं करते हैं, लेकिन चुनावी मैदान में दुश्मनी के बावजूद एक-दूसरे का ख्याल रखते हैं। लगातार बारिश के कारण कीच से भरी सड़क की ओर इशारा करते हुए सुकुमार ने कहा कि अपने अभियान के दौरान मैं लोगों को बता रहा हूं कि कैसे मेरे दादा इस सड़क को बनवाने में विफल रहे।

सुकुमार ने कहा कि अगर मैं जीत गया, तो मैं इस सड़क को सुधार दूंगा। अगर ‘दादा’ जीत गए तो मैं उन्हें तब तक चैन नहीं लेने दूंगा जब तक कि वह इस सड़क को सही नहीं करवा देते, जो इस गांव का मुख्य मार्ग है।

सुफल चाणोक ने दशकों तक ग्रामीण चिकित्सक के रूप में काम किया है और 1998 में कांग्रेस से ममता बनर्जी के नक्शेकदम पर चलते हुए टीएमसी में शामिल हुए थे। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों को देखकर लोग मुझे वोट देंगे। मैं जीवन भर क्षेत्र के लिए काम करता रहा हूं। हालांकि चुनाव का नतीजा कुछ भी हो, मेरे परिवार के सदस्यों के साथ मेरे रिश्ते नहीं बदलेंगे।

पिता के स्वास्थ्य को लेकर हैं चिंतित

56 वर्षीय प्रफुल्ल ने कहा कि चुनावी लड़ाई से उनके पिता और चाचा के प्रति उनके सम्मान पर कोई असर नहीं पड़ा है। उन्होंने कहा कि टीएमसी सरकार के कुशासन और सीपीआई की अप्रासंगिकता को समझाना असंभव है। मेरे चाचा और पिता के पास मेरे खिलाफ जीतने का मौका इस बार नहीं है। प्रफुल्ल ने कहा कि वह अपने पिता के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं क्योंकि वह इतनी उम्र में भीषण गर्मी के बीच चुनाव प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेरा उनसे अनुरोध है कि प्रचार के दौरान खुद पर दबाव न डालें और ऐसे वादे न करें जिन्हें आप (WB Panchayat Election) पहले भी पूरा नहीं कर सके हैं।

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