Author name: Ek Janta Ki Awaaz

CM Skill Development: Governor Ramen Deka honored students and lakhpati didis
Chhattisgarh, Education

CM Skill Development : राज्यपाल रमेन डेका ने विद्यार्थियों और लखपति दीदियों को किया सम्मानित

रायपुर, 09 नवंबर। CM Skill Development : राज्यपाल रमेन डेका ने आज यहां राजभवन में खैरगढ़-छुईखदान-गण्डई जिले के गोद ग्राम-सोनपुरी के उत्कृष्ट कार्य करने वाले विद्यार्थियों एवं लखपति दीदियों को सम्मानित किया। राज्यपाल ने उन्हें अपने हाथों से प्रमाण पत्र दिया। राज्यपाल डेका ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत विभिन्न कौशल क्षेत्रों में प्रशिक्षण ले रहे विद्यार्थियों से बातचीत कर उन्हें अच्छे से अध्ययन करने और स्किल सीख कर आगे बढ़ने की शुभकामनाएं दी। उन्होंने लखपति दीदियों से चर्चा कर उनके द्वारा किये जा रहे कार्यों की जानकारी ली। लखपति दीदियों ने जैविक खेती, ड्रोन के माध्यम से किये जा रहे कार्यो की जानकारी दी। सम्मान समारोह में राज्यपाल के गोदग्राम सोनपुरी के विद्यार्थी खुसाल वर्मा, कपिल वर्मा, टोपसिंग, पिमला वर्मा, खुशी, प्रिया वर्मा, पूूजा, विनीता यादव को प्रमाण पत्र दिया गया। साथ ही जैविक कृषि सखी श्रीमती राधा वर्मा, ड्रोन दीदी सवित्री साहू, स्वच्छग्राही गोदावरी और निता वर्मा को सम्मान प्रमाण पत्र दिया गया।

Biofuel Expo: ₹3,500 crore being invested in biofuel production in Chhattisgarh, CBDA organizing Biofuel Expo and Seminar
Business, Chhattisgarh

Biofuel Expo : छत्तीसगढ़ में जैव ईंधन के उत्पादन में 3,500 करोड़ रुपये का हो रहा निवेश, सीबीडीए द्वारा बायोफ्यूल एक्सपो तथा सेमीनार का आयोजन

रायपुर, 09 नवम्बर। Biofuel Expo : छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण द्वारा राजधानी रायपुर में बायोफ्यूल एण्ड बायो एनर्जी एक्सपो का आयोजन 7 से 9 नवंबर तक स्थानीय श्रीराम बिजेनस पार्क में किया गया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल रोडमैप विजन 2024-29 पर आयोजित सेमीनार में बायोफ्यूल तकनीक पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया। छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण के सीईओ सुमित सरकार ने छत्तीसगढ़ की जैव ईंधन रोडमैप की चर्चा करते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य को बायोफ्यूल के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने की पहल की जा रही है। सीईओ सुमित सरकार ने बताया कि छत्तीसगढ़ में निजी कंपनियों ने छत्तीसगढ़ औद्योगिक नीति 2024-2030 के अनुरूप, लगभग 3,500 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है। गेल और बीपीसीएल जैसी ओजीएमसी ने विभिन्न यूएलबी में 8 एमएसडब्ल्यू/बायोमास आधारित संपीड़ित बायोगैस संयंत्र स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ओएनजीसी ग्रीन और एचपीसीएल ग्रीन वर्तमान में सीबीजी उत्पादन इकाइयाँ स्थापित करने के लिए विभिन्न स्थानों का सर्वेक्षण कर रही हैं। राज्य में चावल, मक्का और चने के अवशेषों का उपयोग करके बायोएथेनॉल और कम्प्रेस्ड बायोगैस बनाने के लिए फीडस्टॉक-आधारित परीक्षण किया जा रहा हैं। इसके साथ ही कृषि अपशिष्ट को सब्सट्रेट के रूप में उपयोग करके एंजाइम उत्पादन परीक्षण और नए माइक्रोबियल स्ट्रेन का संवर्धन हो रहा है। उन्होंने बताया कि बायो-विमानन ईंधन के क्षेत्र में सीबीडीए अब बायोमास-आधारित हाइड्रोजन के उत्पादन की तैयारी कर रहा है, जिसका उपयोग बाद में हाइड्रोप्रोसेस्ड एस्टर और फैटी एसिड तकनीक के माध्यम से एसएएफ उत्पादन के लिए किया जाएगा। छत्तीसगढ़ में अधिशेष चावल को प्राथमिक फीडस्टॉक के रूप में उपयोग करके बायोएथेनॉल उत्पादन के लिए पहले ही एक मानक संचालन प्रक्रिया विकसित कर ली है। हाल ही में, राष्ट्रीय शर्करा संस्थान (एनएसआई), कानपुर के सहयोग से, सीबीडीए बायोफ्यूल कॉम्प्लेक्स स्थल, ग्राम गोढ़ी, जिला दुर्ग में एक वैकल्पिक फीडस्टॉक स्थापित करने के लिए चुकंदर की खेती पर परीक्षण शुरू किया है। अगला कदम इथेनॉल उत्पादन के लिए इसकी क्षमता का परीक्षण करना है, जिससे भारत के 20 प्रतिशत मिश्रण लक्ष्य और उससे आगे की उपलब्धि में सहायता मिलेगी, जिससे इस पहल की निरंतर सफलता सुनिश्चित होगी। इस सेमीनार में गैल के सीजीएम श्री मोहम्मद नजीब कुरैशी और डीजीएम जितेन्द्र पाण्डेय ने छत्तीसगढ़ में सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन के पाइप लाईन नेटवर्क के बारे में जानकारी दी। बीपीसीएल के डीजीएम श्री संजय ठाकुर ने छत्तीसगढ़ में कम्प्रेस बायोगैस की संभावनाओं के बारे में प्रस्तुतीकरण दिया। इसी प्रकार रिलायंस इंडस्ट्रीज के डीजीएम श्री सुशील वर्मा ने धान से कम्प्रेस बायोगैस उत्पादन के बारे में जानकारी दी। इसी प्रकार आरईवीवाय के इन्वारमेंटल साल्यूशन प्रा.लि. के फाउंडर डायरेक्टर डॉ. वनिता प्रसाद ने बायोगेस प्लांट के संचालन, एट्रीएम इनोवेशन प्रा.लि. पुणे के डायरेक्टर राजेश दाते ने एनोरोबिक काम्पोस्टिंग सिस्टम, इंग्रोटेक एक्वा इंजीनियर्स प्रा.लि. संबलपुर के मैनेजिंग डायरेक्टर सुकांत कुमार मेहेर ने एसटीपी प्लांट से कम्प्रेस बायोगैस की उत्पादन की संभावनाओं और एईसी एग्रीटेक प्रा.लि. के सीईओ जितेन्द्र नारायण ने कम्प्रेस बायोगैस पॉलिसी, प्रोक्योरमेंट और प्राइसिंग के बारे में जानकारी दी।

Courtesy Meet: World Cup winning Indian women's cricket team's physiotherapist Akanksha Satyavanshi met the Chief Minister, the state government is working with commitment to promote sports talent - Chief Minister
Chhattisgarh

Courtesy Meet : वर्ल्ड कप विजेता भारतीय महिला क्रिकेट टीम की फिजियोथेरेपिस्ट आकांक्षा सत्यवंशी ने मुख्यमंत्री से की मुलाकात, खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्धता के साथ कर रही है कार्य – मुख्यमंत्री

रायपुर, 09 नवंबर। Courtesy Meet : “छत्तीसगढ़ मेरी जन्मभूमि और कर्मभूमि है। यहीं की मिट्टी, यहां के लोग, यहां की शिक्षा और संस्कारों ने मुझे यह मुकाम हासिल करने की ताकत दी है।”यह कहना था विश्वकप विजेता भारतीय महिला क्रिकेट टीम की फिजियोथेरेपिस्ट और छत्तीसगढ़ की बेटी आकांक्षा सत्यवंशी का, जिन्होंने आज मुख्यमंत्री निवास में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से सौजन्य मुलाकात कर अपनी खुशियां साझा कीं। मुख्यमंत्री श्री साय ने आकांक्षा को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि “आपकी सफलता पूरे छत्तीसगढ़ की सफलता है। महिला क्रिकेट टीम के वर्ल्ड कप अभियान में छत्तीसगढ़ की बेटी के शामिल होने से प्रदेशवासियों को यह महसूस हुआ कि हम सभी इस जीत में सहभागी हैं।”इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने आकांक्षा को मेडल पहनाकर और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आकांक्षा सत्यवंशी की उपलब्धि की सराहना करते हुए कहा कि “आपने यह सिद्ध कर दिया है कि छत्तीसगढ़ की बेटियां किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। आपकी सफलता आने वाली पीढ़ियों की बेटियों को प्रेरित करेगी।”उन्होंने कहा कि राज्य सरकार खेल, शिक्षा और कौशल विकास के अवसरों को विस्तार देने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि और भी युवा राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ का नाम रोशन कर सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार खेल अलंकरण सम्मान को पुनः प्रारंभ कर रही है। साथ ही, ओलंपिक में शामिल होने वाले और पदक प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों को विशेष प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सुदूर अंचलों की खेल प्रतिभाओं को मंच देने के लिए ‘बस्तर ओलंपिक’ जैसे आयोजनों को निरंतर प्रोत्साहित किया जा रहा है। सरकार का लक्ष्य अपने खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की खेल सुविधाएं उपलब्ध कराना है, जिसके लिए कई ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। फिजियोथेरेपिस्ट आकांक्षा सत्यवंशी ने मुख्यमंत्री के साथ इस ऐतिहासिक जीत की खुशी साझा करते हुए कहा, “वर्ल्ड कप जीतना भारतीय महिला टीम की सफलता के साथ ही छत्तीसगढ़ का भी सम्मान है। मुझे गर्व है कि मैं अपने प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हुए इस जीत में योगदान दे पाई।” उन्होंने बताया कि यद्यपि वे मैदान में सक्रिय खिलाड़ी के रूप में नहीं थीं, लेकिन खिलाड़ियों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य, फिटनेस और रिकवरी को बनाए रखने की जिम्मेदारी उनकी रही।“मैं अपनी टीम के साथ हमेशा चट्टान की तरह खड़ी रही। यह मेरे लिए गर्व की बात है कि मैं टीम को जीत तक पहुंचाने की यात्रा में साथ रही।” आकांक्षा ने अनुभव साझा करते हुए कहा कि “यदि लक्ष्य सच्चा हो और मेहनत ईमानदारी से की जाए, तो आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता — बस ज़रूरत है निरंतर प्रयास और आत्मविश्वास की।” इस अवसर पर आकांक्षा ने मुख्यमंत्री को भारतीय महिला टीम की जर्सी भेंट की और वर्ल्ड कप अभियान की कुछ रोचक यादें साझा कीं। नियमित दिनचर्या, संयमित खानपान और योग — फिट रहने का मंत्र फिजियोथेरेपिस्ट आकांक्षा ने मुख्यमंत्री के साथ खिलाड़ियों की फिटनेस पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के साथ महिला क्रिकेट टीम की मुलाकात का उल्लेख करते हुए कहा कि “प्रधानमंत्री हमेशा कहते हैं कि खेल जीवनशैली का हिस्सा होना चाहिए, और यह हम सभी के लिए प्रेरणादायक है। फिटनेस को लेकर उनकी सीख हर किसी को स्वस्थ और ऊर्जावान जीवन जीने के लिए प्रेरित करती है।” आकांक्षा ने मुख्यमंत्री से उनके फिटनेस का रहस्य पूछा, जिस पर मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा —“हम सभी प्रधानमंत्री से प्रेरित हैं। उनकी सक्रियता, ऊर्जा और अनुशासन से हम सीखते हैं। संतुलित आहार, योग और नियमित दिनचर्या ही फिट रहने का मेरा मंत्र है।” उल्लखेनीय है कि भारतीय महिला क्रिकेट टीम की वर्ल्ड कप जीत में छत्तीसगढ़ की बेटी आकांक्षा सत्यवंशी बतौर फिजियोथेरेपिस्ट और स्पोर्ट्स साइंस विशेषज्ञ टीम के साथ रहीं और खिलाड़ियों की फिटनेस व मानसिक मजबूती को बनाए रखने में अहम योगदान दिया।आकांक्षा सत्यवंशी ने बतौर फिजियोथेरेपिस्ट और स्पोर्ट्स साइंस एक्सपर्ट, भारतीय टीम का हिस्सा बनकर खिलाड़ियों की फिटनेस, रिकवरी और प्रदर्शन को सर्वोच्च स्तर पर बनाए रखने में उल्लेखनीय योगदान दिया है।इस उपलब्धि को देखते हुए मुख्यमंत्री श्री साय ने आकांक्षा को 10 लाख रुपये की सम्मान राशि प्रदान करने की घोषणा की है। दुर्ग में जन्मी आकांक्षा का परिवार रायपुर में निवासरत है, जबकि उनका पैतृक गांव कवर्धा है। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा और फिजियोथेरेपी में बैचलर की पढ़ाई छत्तीसगढ़ में पूरी की, जबकि मास्टर्स डिग्री कटक से प्राप्त की। पढ़ाई के दौरान ही उनका झुकाव खेल और फिजियो साइंस के प्रति स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगा था। साल 2019 में आकांक्षा ने छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट टीम (CSCS) के साथ बतौर फिजियोथेरेपिस्ट अपने पेशेवर करियर की शुरुआत की। केवल छह वर्षों के छोटे से सफर में उन्होंने अपने समर्पण, मेहनत और प्रोफेशनलिज़्म के बल पर राष्ट्रीय खेल जगत में विशेष पहचान बनाई। साल 2022 में उन्हें भारतीय अंडर-19 महिला क्रिकेट टीम के साथ वर्ल्ड कप अभियान में शामिल किया गया।इस दौरान उन्होंने खिलाड़ियों की फिटनेस मैनेजमेंट, रिकवरी सेशन, मानसिक दृढ़ता और ऊर्जा संतुलन पर विशेष ध्यान दिया, जिसके परिणामस्वरूप टीम ने शानदार प्रदर्शन किया।

PM Awaas: The sensitive initiative of the Vishnudev Sai government has given rural women respect and a new foundation for self-reliance
Chhattisgarh

PM Awaas : विष्णुदेव साय सरकार की संवेदनशील पहल से ग्रामीण महिलाओं को मिला सम्मान और आत्मनिर्भरता का नया आधार

रायपुर, 08 नवम्बर। PM Awaas : प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) ने पेण्ड्रा जनपद की ग्राम पंचायत दमदम की सुमित्रा कोर्राम जैसी कई गरीब महिलाओं के जीवन में स्थायी बदलाव की कहानी लिखी है। कच्चे घर में रहने से लेकर पक्के आशियाने तक का यह सफर विष्णुदेव साय सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों का सशक्त उदाहरण बन गया है। सुमित्रा पहले मिट्टी के घर में रहती थीं, जहां बारिश और ठंड के मौसम में उनका परिवार असुरक्षित महसूस करता था। प्रधानमंत्री आवास योजना से उन्हें पक्का घर बनाने के लिए आर्थिक सहयोग मिला। पंचायत सचिव और ग्रामीण विकास विभाग के सहयोग से घर का निर्माण तय समय में पूरा हुआ। इस दौरान सुमित्रा ने स्वयं मेहनत मजदूरी कर निर्माण में भागीदारी निभाई। मनरेगा के तहत 90 दिन की मजदूरी के रूप में अतिरिक्त आय भी प्राप्त हुई, जिससे परिवार को आर्थिक संबल मिला। सुमित्रा कहती हैं, “अब हमारे पास मजबूत छत है, घर में सुरक्षा और सम्मान दोनों हैं। यह सिर्फ एक घर नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता का प्रतीक है।” अब उनका परिवार मौसम की किसी भी मार से सुरक्षित है और बच्चों के पढ़ने-लिखने के लिए भी बेहतर माहौल मिला है। विष्णुदेव साय सरकार की प्राथमिकता ग्रामीणों के जीवनस्तर में सुधार लाना है। प्रधानमंत्री आवास योजना जैसे कार्यक्रमों ने छत्तीसगढ़ के हजारों परिवारों को अपना घर देने का सपना साकार किया है। राज्य में आवास निर्माण कार्यों को गति देने के लिए पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई जा रही है, जिससे पात्र हितग्राहियों को बिना देरी के लाभ मिल सके। इस योजना के अंतर्गत ग्रामीण गरीबों को पक्का घर निर्माण के लिए वित्तीय सहायता, निर्माण सामग्री और तकनीकी सहयोग, मनरेगा के तहत मजदूरी एवं रोजगार के अवसर, गाँव के स्तर पर पंचायतों का सहयोग और मार्गदर्शन प्रदान किया जा रहा है। विष्णुदेव साय सरकार के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में “हर गरीब के सिर पर मजबूत छत” का लक्ष्य नई ऊंचाई पर पहुंच रहा है। सुमित्रा कोर्राम जैसी महिलाओं की कहानियां दिखाती हैं कि यह योजना केवल आवास निर्माण तक सीमित नहीं, बल्कि यह आत्मनिर्भर भारत के ग्रामीण स्वप्न को साकार करने की दिशा में मजबूत कदम है।

CM Announcement: ₹2.62 crore (26.2 million rupees) donated for the construction of a naturopathy building. Chief Minister Vishnudev Sai presented a significant gift to Kunkuri town in the health sector.
Chhattisgarh

Jashpur : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की बड़ी सौगात, जशपुर जिले में चार नालों पर बनेगा पुल, 13.69 करोड़ की मिली मंजूरी

रायपुर, 08 नवम्बर। Jashpur : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जशपुर जिले के विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए चार प्रमुख नालों पर पुल निर्माण हेतु 13 करोड़ 69 लाख 21 हजार रुपये की स्वीकृति प्रदान की है। यह परियोजना ग्रामीण इलाकों में आवागमन को न केवल आसान बनाएगी, बल्कि वर्षा ऋतु में संपर्क मार्गों के बाधित न होने की सुनिश्चितता भी प्रदान करेगी। दुलदुला एल-025 से बनगांव मार्ग के लिए 3.60 करोड़ रू., चटकपुर से बकुना मार्ग के लिए 2.71 करोड़ रू.,  मुड़ाअम्बा मुड़ा नाला पर पुल निर्माण हेतु 2.69 करोड़ रू. और फरसाबहार के रायअम्बा से मकरीबंधा कुसुमनाला पर पुल निर्माण के लिए 4.67 करोड़ रू. की स्वीकृति मिली है। इन पुलों के निर्माण से ग्रामीणों का दैनिक आवागमन, स्थानीय व्यापार, शिक्षा, कृषि और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार संभव होगा। क्षेत्रवासियों ने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के इस महत्वपूर्ण कदम के लिए उन्हें धन्यवाद ज्ञापित किया है। यह परियोजना जशपुर जिले के सामाजिक-आर्थिक विकास में क्रांतिकारी बदलाव लाने में सहायक होगी और बेहतर भविष्य की संभावनाओं का मार्ग प्रशस्त करेगी।

Jashpur Jamboree 2025: A unique confluence of nature, culture, and adventure, a four-day festival is taking place in Jashpur, where tourists are enjoying the natural valleys, tribal culture, and adventure sports.
Chhattisgarh

Jashpur Jamboree 2025 : प्रकृति, संस्कृति और साहसिक रोमांच का अनोखा संगम, जशपुर में हो रहा है चार दिन का उत्सव, जहां पर्यटक प्राकृतिक वादियों, जनजातीय संस्कृति और एडवेंचर खेलों का उठा रहे हैं आनंद

रायपुर, 08 नवंबर। Jashpur Jamboree 2025 : जशपुर के हरे-भरे जंगलों और सुरम्य वादियों में आयोजित जशपुर जम्बूरी 2025 पर्यटन का ऐसा महाकुंभ है, जो प्रकृति प्रेमियों और रोमांच तलाशने वालों के लिए यादगार अनुभव लेकर आया है। 6 से 9 नवंबर तक चलने वाले इस भव्य आयोजन में देशभर से आए 120 से अधिक प्रतिभागियों ने नीमगांव में पक्षी दर्शन से अपनी यात्रा की शुरुआत की, जहां शांत वातावरण ने सभी को प्रकृति के करीब ला दिया। दो समूहों में बंटे पर्यटकों ने मयाली में कयाकिंग, एटीवी राइड, एक्वा साइकिलिंग और पेंटबॉल जैसे साहसिक खेलों का आनंद लिया, जबकि दूसरे समूह ने देशदेखा में बोल्डरिंग, रॉक क्लाइंबिंग, जुमारिंग और ज़िपलाइनिंग जैसी चुनौतीपूर्ण गतिविधियों में भाग लिया। मधेश्वर पहाड़ के प्राकृतिक शिवलिंग की दिव्यता के बीच आयोजित इस उत्सव में स्थानीय व्यंजनों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने भी प्रतिभागियों के बीच अपनी छाप छोड़ी। शाम को सरना एथनिक रिजॉर्ट में पारंपरिक नृत्य और लोकगीतों ने जशपुर की जीवंत जनजातीय संस्कृति को मंच पर जीवंत कर दिया। आखिरी सत्र में पर्यटक चमकीले तारों के नीचे कैम्पफायर के इर्द-गिर्द एकजुट हुए, जहां हंसी-मज़ाक और अनुभवों के आदान-प्रदान से यह दिन प्रतिभागियों के लिए एक यादगार बन गया। यह आयोजन न केवल पर्यटन को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार और आत्मनिर्भरता के नए अवसर भी प्रस्तुत कर रहा है, जिससे जशपुर राज्य के पर्यटन मानचित्र पर अपनी खास पहचान बना रहा है। जशपुर जम्बूरी 2025 ने छत्तीसगढ़ के ग्रामीण पर्यटन को नई उड़ान दी है, जहां प्रकृति, संस्कृति और एडवेंचर का प्रभावशाली समागम देखने को मिल रहा है।

Courtesy Meet: The Chief Minister's Special Health Assistance Scheme is becoming a lifeline for the people. Ganeshram's kidney transplant was successful with government assistance. The family expressed their gratitude after meeting the Chief Minister
Chhattisgarh

Courtesy Meet : मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना बन रही लोगों के लिए संजीवनी, शासकीय मदद से गणेशराम का किडनी प्रत्यारोपण सफल, मुख्यमंत्री से मिल कर परिवार ने जताया आभार

रायपुर, 08 नवम्बर। Courtesy Meet : छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना अब उन परिवारों के लिए संजीवनी बन चुकी है, जिनके लिए गंभीर बीमारियों का खर्च उठाना संभव नहीं होता। इस योजना ने एक बार फिर जशपुर जिले के बगीचा निवासी 48 वर्षीय किसान गणेशराम यादव को नई ज़िंदगी दी है। गणेशराम की दोनों किडनियाँ खराब हो चुकी थीं। कई महीनों से डायलिसिस पर चल रहे गणेशराम की हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी। डॉक्टरों ने उन्हें किडनी प्रत्यारोपण की सलाह तो दी, लेकिन उपचार का खर्च सुनकर परिवार की उम्मीदें टूटने लगीं। एक किसान परिवार के लिए इतना बड़ा खर्च उठाना असंभव था – परिवार असहाय खड़ा था, और हर दिन जीवन की आस धीरे-धीरे समाप्त होती जा रही थी। इसी कठिन समय में उन्हें कुनकुरी सदन के माध्यम से मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना की जानकारी मिली। परिवार ने तत्परता से पहल की, आवश्यक दस्तावेज़ तैयार किए गए, और बिना किसी जटिल प्रक्रिया के योजना के अंतर्गत उनका पूरा उपचार निःशुल्क स्वीकृत हो गया। गणेशराम को रायपुर स्थित एम्स अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टरों की देखरेख में भर्ती कराया गया। उनके उपचार के लिए उनकी 64 वर्षीय माता सरस्वती यादव ने अपने बेटे के लिए निःसंकोच किडनी दान कर दी — इस प्रकार एक माँ ने अपने बेटे को दूसरी बार जीवनदान दिया। किडनी प्रत्यारोपण सफल रहा, और गणेशराम अब पूरी तरह स्वस्थ हैं। घर लौटने के बाद उनका परिवार पुनः खुशियों से भर उठा है। स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के पश्चात् गणेशराम अपने परिवार के साथ मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से राजधानी रायपुर स्थित निवास में मिले। उनकी आँखों में कृतज्ञता और भावनाओं की नमी थी। मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए गणेशराम ने कहा कि“अगर यह योजना नहीं होती, तो शायद मैं आज ज़िंदा नहीं होता। सरकार ने हमारी जीवन की टूटी हुई आस को फिर से लौटा दिया।” मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने गणेशराम और उनके परिवार से आत्मीय मुलाकात करते हुए उनके उज्ज्वल और स्वस्थ भविष्य की हार्दिक शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि, “प्रदेश का प्रत्येक नागरिक बेहतर स्वास्थ्य सुविधा पाने का अधिकारी है। हमारी सरकार का प्रयास है कि कोई भी व्यक्ति आर्थिक तंगी के कारण इलाज से वंचित न रहे — यही सच्चे अर्थों में जनसेवा है।” मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सहायता योजना स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में मानवीयता और करुणा को नया आयाम दे रही है।रायपुर, 08 नवम्बर। Courtesy Meet : छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना अब उन परिवारों के लिए संजीवनी बन चुकी है, जिनके लिए गंभीर बीमारियों का खर्च उठाना संभव नहीं होता। इस योजना ने एक बार फिर जशपुर जिले के बगीचा निवासी 48 वर्षीय किसान गणेशराम यादव को नई ज़िंदगी दी है। गणेशराम की दोनों किडनियाँ खराब हो चुकी थीं। कई महीनों से डायलिसिस पर चल रहे गणेशराम की हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी। डॉक्टरों ने उन्हें किडनी प्रत्यारोपण की सलाह तो दी, लेकिन उपचार का खर्च सुनकर परिवार की उम्मीदें टूटने लगीं। एक किसान परिवार के लिए इतना बड़ा खर्च उठाना असंभव था – परिवार असहाय खड़ा था, और हर दिन जीवन की आस धीरे-धीरे समाप्त होती जा रही थी। इसी कठिन समय में उन्हें कुनकुरी सदन के माध्यम से मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना की जानकारी मिली। परिवार ने तत्परता से पहल की, आवश्यक दस्तावेज़ तैयार किए गए, और बिना किसी जटिल प्रक्रिया के योजना के अंतर्गत उनका पूरा उपचार निःशुल्क स्वीकृत हो गया। गणेशराम को रायपुर स्थित एम्स अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टरों की देखरेख में भर्ती कराया गया। उनके उपचार के लिए उनकी 64 वर्षीय माता सरस्वती यादव ने अपने बेटे के लिए निःसंकोच किडनी दान कर दी — इस प्रकार एक माँ ने अपने बेटे को दूसरी बार जीवनदान दिया।किडनी प्रत्यारोपण सफल रहा, और गणेशराम अब पूरी तरह स्वस्थ हैं। घर लौटने के बाद उनका परिवार पुनः खुशियों से भर उठा है। स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के पश्चात् गणेशराम अपने परिवार के साथ मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से राजधानी रायपुर स्थित निवास में मिले। उनकी आँखों में कृतज्ञता और भावनाओं की नमी थी। मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए गणेशराम ने कहा कि“अगर यह योजना नहीं होती, तो शायद मैं आज ज़िंदा नहीं होता। सरकार ने हमारी जीवन की टूटी हुई आस को फिर से लौटा दिया।” मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने गणेशराम और उनके परिवार से आत्मीय मुलाकात करते हुए उनके उज्ज्वल और स्वस्थ भविष्य की हार्दिक शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि, “प्रदेश का प्रत्येक नागरिक बेहतर स्वास्थ्य सुविधा पाने का अधिकारी है। हमारी सरकार का प्रयास है कि कोई भी व्यक्ति आर्थिक तंगी के कारण इलाज से वंचित न रहे — यही सच्चे अर्थों में जनसेवा है।” मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सहायता योजना स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में मानवीयता और करुणा को नया आयाम दे रही है।

Fake News: The Public Works Department has not paid Deputy Chief Minister Arun Sao or any private event. The information circulating on social media is baseless and misleading
Chhattisgarh

Fake News : लोक निर्माण विभाग द्वारा उप मुख्यमंत्री अरुण साव या किसी भी निजी कार्यक्रम का कोई भुगतान नहीं, सोशल मीडिया में प्रसारित जानकारी तथ्यहीन एवं भ्रामक

रायपुर, 08 नवम्बर। Fake News : कतिपय सोशल मीडिया में प्रसारित उप मुख्यमंत्री-सह-लोक निर्माण मंत्री के परिवार के निजी कार्यक्रम का भुगतान लोक निर्माण विभाग द्वारा किये जाने संबंधी समाचार तथ्यहीन एवं भ्रामक है। लोक निर्माण विभाग द्वारा उप मुख्यमंत्री अरुण साव या किसी भी निजी कार्यक्रम का कोई भुगतान नहीं किया गया है। आरटीआई के तहत विभाग द्वारा प्रदान की गई जानकारी में सोशल मीडिया में प्रसारित किसी भी बिल का कोई उल्लेख नहीं है। इन बिलों से विभाग का कोई संबंध नहीं है। लोक निर्माण विभाग के बेमेतरा संभाग के कार्यपालन अभियंता डी.के. चंदेल ने इस संबंध में वस्तुस्थिति की विस्तार से जानकारी दी है। कार्यपालन अभियंता डी.के. चंदेल ने बताया कि लोक निर्माण विभाग के बेमेतरा संभाग के अंतर्गत व्ही.आई.पी. कार्यक्रमों में लगाए गए टेंट-पंडाल से संबंधित किये गये भुगतान की जानकारी श्री अब्दुल वाहिद रवानी आत्मज अब्दुल मजीद रवानी, निवासी वार्ड नंबर 21, बाजार पारा बेमेतरा, जिला-बेमेतरा को सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत कार्यपालन अभियंता, लोक निर्माण विभाग भवन/सड़क, संभाग बेमेतरा के पत्र क्रमांक 4630/सू.अ.लि./25, दिनांक 28.08.2025 को जानकारी प्रदान किया गया है। श्री रवानी द्वारा सूचना का अधिकार के माध्यम से बेमेतरा संभाग में दिनांक 18.06.2025 को गुरूनानक टेंट हाऊस एवं केटरर्स, गुरूदेव टेंट हाउस एवं केटरर्स, खालसा टेंट केटरिंग एवं लाइट को किये गये भुगतान राशि रू. 3.97 करोड़ के बिल व्हाउचर सहित मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के प्रोटोकॉल एवं कलेक्टर महोदय के आदेश की प्रति कार्यपालन अभियंता ने दिनांक 28.08.2025 को जानकारी प्रदान की है। विभाग द्वारा प्रदान की गई जानकारी में ऐसे किसी भी बिल का कोई उल्लेख नहीं है और विभाग का ऐसे किसी भी बिल से कोई संबंध नहीं है, जो सोशल मीडिया में भ्रामक रूप से प्रसारित हो रही है। जिन कार्यक्रमों का भुगतान किया गया है, उसका विवरण निम्नानुसार है – इस प्रकार उपरोक्त भुगतान से स्पष्ट है कि किसी भी निजी कार्यक्रम का और विशेषकर दिनांक 09.08.2024 के किसी कार्यक्रम जिसे लेकर विभाग और उप मुख्यमंत्री के बारे में भ्रामक जानकारी फैलाई गई है, का भुगतान लोक निर्माण विभाग द्वारा नहीं हुआ है। समस्त कार्यक्रमों का विस्तृत माप पुस्तिका, देयक की कॉपी तथा कार्यक्रमों की फोटोग्राफी एवं वीडियोग्राफी कार्यालयीन अभिलेख में उपलब्ध है। भुगतान करने के पूर्व सेवानिवृत्त कार्यपालन अभियंता श्री निर्मल सिंह ठाकुर के द्वारा सिर्फ ऊपर उल्लेखित 12 कार्यक्रमों का भुगतान आदेश पारित किया गया है तथा समस्त भुगतान वर्तमान कार्यपालन अभियंता (श्री डी.के. चंदेल) के द्वारा किया गया है तथा नियमानुसार समस्त शासकीय प्रयोजनार्थ किये गये टेंट आदि के भुगतान पूर्व माप का रिकार्ड उप अभियंताओं एवं अनुविभागीय अधिकारियों के द्वारा किया गया है। किसी भी निजी कार्यक्रम के लिए कोई भुगतान नहीं हुआ है। लोक निर्माण विभाग ने बताया है कि उप मुख्यमंत्री के किसी भी निजी कार्यक्रम का कोई भी भुगतान विभाग द्वारा नहीं किया गया है। विभाग द्वारा ऐसी कोई भी भ्रामक जानकारी फैलाने वालों के ऊपर यथासमय विधिसम्मत कार्यवाही की जाएगी।

CM Vishnu: Implementation of the Chief Minister's announcement, individuals identified for the Baiga Guniya Hadjod Samman will receive an incentive of Rs 5,000 per year.
Chhattisgarh

CM Vishnu : मुख्यमंत्री की घोषणा पर अमल, बैगा गुनिया हड़जोड़ सम्मान के लिए चिन्हित व्यक्तियों को मिलेगी प्रति वर्ष 5 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि

रायपुर, 07 नवम्बर। CM Vishnu : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की घोषणा के अनुरूप अनुसूचित जनजाति वर्ग के बैगा, गुनिया एवं हड़जोड़ के चिन्हित व्यक्तियों को प्रति वर्ष 5,000 रुपए की सम्मान सह-प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। इस योजना को ‘मुख्यमंत्री बैगा गुनिया हड़जोड़ सम्मान योजना (अनुसूचित जनजाति) वर्ष 2025’ के नाम से जाना जाएगा। योजना के संबंध में 6 नवम्बर को आदिम जाति विकास विभाग द्वारा विस्तृत अधिसूचना जारी की गई है। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के जनजातीय बाहुल्य ग्रामीण क्षेत्रों में परंपरागत रूप से वनौषधीय चिकित्सा संबंधी कार्यों में संलग्न बैगा, गुनिया एवं हड़जोड़ लोगों की परंपरागत वनौषधीय चिकित्सा पद्धति को प्रोत्साहित करने और उनके सेवा एवं योगदान को मान्यता देने के उद्देश्य से, जनजातीय गौरव दिवस 15 नवम्बर 2024 के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय द्वारा प्रति चिन्हित व्यक्ति को प्रतिवर्ष 5,000 रुपए की सम्मान सह-प्रोत्साहन निधि प्रदान करने की घोषणा की गई थी। आदिम जाति विकास विभाग द्वारा जारी अधिसूचना में उल्लेखित है कि ‘मुख्यमंत्री बैगा, गुनिया-हड़जोड़ सम्मान योजना’ का उद्देश्य जनजातीय संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के अंतर्गत परंपरागत रूप से वनौषधियों के ज्ञान में दक्ष बैगा, गुनिया और हड़जोड़ व्यक्तियों के पारंपरिक ज्ञान को संरक्षित करना, उसे आगामी पीढ़ियों तक हस्तांतरित करना और उनके वनौषधीय चिकित्सकीय अनुभवों का अभिलेखीकरण कर उनकी आजीविका एवं सेवा को सुदृढ़ बनाना है। अधिसूचना में यह भी उल्लेख किया गया है कि जनजाति समाजों में वनौषधीय चिकित्सा संबंधी अनुभव परिवारों में पीढ़ी-दर-पीढ़ी हस्तांतरित होते हैं। अनुसूचित क्षेत्रों के ग्रामों में ऐसे बैगा, गुनिया एवं हड़जोड़ व्यक्ति जो विगत तीन वर्षों से वनौषधीय चिकित्सा सेवा कार्य में संलग्न हैं, उन्हें संरक्षित करने और सम्मानित करने के उद्देश्य से प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिवर्ष 5,000 रुपए की सम्मान राशि प्रदान की जाएगी। छत्तीसगढ़ राज्य के अनुसूचित जनजाति वर्ग के स्त्री, पुरुष एवं तृतीय लिंग (ट्रांसजेंडर) व्यक्ति, जो बैगा, गुनिया या हड़जोड़ के रूप में कम से कम 30 वर्षों से अपने स्थानीय क्षेत्र में सेवाएँ दे रहे हैं तथा जिनके परिवार में कम से कम दो पीढ़ियों से वनौषधीय चिकित्सा का ज्ञान स्थानांतरित हुआ है, पात्र माने जाएंगे। साथ ही, जो व्यक्ति पादप औषधि बोर्ड, आयुष विभाग, वन विभाग या लघु वनोपज संघ जैसी पंजीकृत संस्थाओं से जुड़े हुए हैं, उनका चयन निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार ग्राम स्तर पर किया जाएगा। ग्राम सभा एवं ग्राम पंचायत द्वारा प्रेषित नामों की अनुशंसा ग्राम स्तर पर ग्राम सचिव, सरपंच, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन तथा प्राथमिक अथवा माध्यमिक शाला के प्रधानपाठक द्वारा अनुमोदित की जाएगी। इस अनुशंसा के आधार पर संबंधित जिले के सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास स्तर पर गठित समिति — जिसमें संबंधित जनपद अध्यक्ष, अनुसूचित जनजाति वर्ग के एक जनपद सदस्य, मुख्य कार्यपालन अधिकारी (जनपद पंचायत) एवं मंडल संयोजक शामिल होंगे — द्वारा अनुशंसित नामों का परीक्षण और सत्यापन किया जाएगा। सत्यापित सूची आयुक्त, आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास कार्यालय को प्रेषित की जाएगी। समिति द्वारा किसी मान्यता प्राप्त संस्था से प्रशिक्षण प्राप्त सदस्यों का विशेष रूप से उल्लेख किया जाएगा। ग्राम सभा/ग्राम पंचायत से प्राप्त प्रस्तावों के आधार पर तथा जनपद स्तर पर गठित समिति की अनुशंसा के उपरांत सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास द्वारा कलेक्टर से अनुमोदन प्राप्त कर प्रस्ताव आयुक्त, आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास को भेजा जाएगा। प्राप्त प्रस्तावों के अनुसार जिलों को आवश्यक धनराशि का आबंटन किया जाएगा। तत्पश्चात सहायता राशि का वितरण जिला कलेक्टर द्वारा किया जाएगा तथा सम्मान निधि प्राप्त व्यक्तियों की सूची संबंधित ग्राम सभा में सार्वजनिक रूप से पढ़ी जाएगी। “छत्तीसगढ़ की जनजातीय परंपराएं हमारे सांस्कृतिक वैभव और प्राचीन ज्ञान का जीवंत प्रतीक हैं। बैगा, गुनिया और हड़जोड़ हमारे समाज के वे सम्मानित जन हैं, जिन्होंने सदियों से वनौषधीय चिकित्सा की लोकपरंपरा को जीवित रखा है। उनकी इस अनमोल सेवा और ज्ञान को सम्मान देने के लिए राज्य सरकार ने “मुख्यमंत्री बैगा गुनिया हड़जोड़ सम्मान योजना” प्रारंभ की है। इस योजना के माध्यम से हम न केवल उनके योगदान को मान्यता दे रहे हैं, बल्कि उनकी परंपरागत चिकित्सा प्रणाली को संरक्षित करते हुए आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाने का संकल्प भी निभा रहे हैं।” – मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय

Durg: There has been a revolutionary change in the rate of malnutrition in Durg, a historic decline in the malnutrition rate from 50.4 percent to 7.95 percent in 25 years.
Chhattisgarh

Durg : दुर्ग में कुपोषण की दर में आया क्रांतिकारी बदलाव, 25 वर्षों में कुपोषण दर में 50.4 प्रतिशत से 7.95 प्रतिशत तक की ऐतिहासिक गिरावट

रायपुर,  07 नवंबर। Durg : महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा दुर्ग जिले में पिछले 25 वर्षों में अविस्मरणीय उपलब्धि हासिल की गई है, जिसने ज़िले के बाल स्वास्थ्य परिदृश्य को पूरी तरह से बदल दिया है। शासन की महत्वाकांक्षी योजनाओं के क्रियान्वयन तथा विभाग की अथक मेहनत का परिणाम है कि दुर्ग ज़िले में कुपोषण की दर राज्य में सबसे कम है। यह सफलता कई बच्चों को कुपोषण के अँधेरे से निकालकर सुपोषण के उजाले की ओर ले जाने की एक प्रेरक गाथा है। गृह भेंट और सही पोषण आहार से कुपोषण से सुपोषण का सफर जिले की 77 पंचायतों को कुपोषण से मुक्त करने के लक्ष्य के तहत, ग्राम पंचायत करेला का नन्हा बालक यक्ष कभी मध्यम कुपोषण की श्रेणी में था, उसका वजन मात्र 9.8 किलोग्राम था। मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना के अंतर्गत हुए परीक्षण में यह पाया गया कि यक्ष घर का पोषक खाना न खाकर बाजार के पैकेट वाले खाद्य पदार्थों पर अधिक निर्भर था। पर्यवेक्षक श्रीमती ममता साहू और कार्यकर्ता श्रीमती दुर्गेश्वरी वर्मा ने गृहभेंट कर यक्ष के माता-पिता को पोषण के प्रति जागरूक किया। उन्हें घर के बने पोषक भोजन, अंकुरित अनाज और रेडी-टू-ईट के महत्व को समझाया गया। ग्राम सरपंच डॉ. राजेश बंछोर ने भी पोषण खजाना योजना के तहत फूटा चना, मूंग, गुड़ आदि उपलब्ध कराया। इन समेकित प्रयासों का परिणाम यह हुआ कि यक्ष को नया जीवन मिला। वर्तमान में यक्ष का वजन 11.5 किलोग्राम है, वह सामान्य श्रेणी में आ गया है और पूरी तरह स्वस्थ है। यह कहानी दर्शाती है कि शासन की योजनाएँ किस प्रकार ज़मीनी स्तर पर बच्चों का भविष्य बदल रही हैं। आँगनबाड़ी केंद्रों की संख्या 1551 हो गई विगत 25 वर्षों में महिला एवं बाल विकास विभाग ने दुर्ग में अपनी पहुँच और सेवाओं में अभूतपूर्व विस्तार किया है। वर्ष 2000 में ज़िले में एकीकृत बाल विकास सेवा की केवल 5 परियोजनाएँ संचालित थीं, जो अब बढ़कर 8 हो गई है, जबकि सेक्टरों की संख्या 35 से बढ़कर 59 तक पहुँच गई है। संचालित आँगनबाड़ी केंद्रों की संख्या 819 से बढ़कर 1551 हो गई है। यह विस्तार गुणवत्ता के साथ हुआ है, जहाँ स्वयं के भवन में संचालित आँगनबाड़ी केंद्रों की संख्या 286 से बढ़कर 1193 हो गई है, जो किराए पर निर्भरता को कम करते हुए कार्यक्रमों को एक स्थिर आधार प्रदान करता है।  1491 आँगनबाड़ी भवनों में मूलभूत सुविधाएं आधारभूत संरचना के क्षेत्र में भी क्रांति आई है। जहां वर्ष 2000 में आँगनबाड़ी भवनों में बिजली और शौचालय की उपलब्धता नहीं थी।  विभाग के प्रयासों से अब 1491 आँगनबाड़ी भवनों में शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएँ पहुँच चुकी हैं। इसके साथ ही स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता भी 1513 केंद्रों में सुनिश्चित की गई है। दुर्ग में अब 16 पालना केंद्र भी संचालित किए जा रहे हैं। इन सब प्रयासों का व्यापक प्रभाव बाल स्वास्थ्य पर देखा जा रहा है।  वर्ष 2025 में कुपोषण दर 7.95 प्रतिशत रह गया वर्ष 2000 में जहां कुपोषण का प्रतिशत 50.4 था, जो भयावह प्रतीत होता था। वर्ष 2025 में यह ऐतिहासिक रूप से गिरकर मात्र 7.95 प्रतिशत रह गया है। पहले जहां गंभीर कुपोषित बच्चों की संख्या 5 हजार 688 थी, जो अब घटकर केवल 748 रह गई है। इसी प्रकार मध्यम कुपोषित बच्चों की संख्या भी 17 हजार 431 से घटकर 5 हजार 448 रह गई है। इस दौरान ज़िले में सामान्य बच्चों की संख्या भी लगभग 23 हज़ार से बढ़कर 72 हजार हो गई है, जो ज़िले के भविष्य के लिए एक उज्जवल संकेत है। 300 ग्राम पंचायतों और 332 वार्ड  बाल विवाह  मुक्त विभाग ने कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के मानदेय में भी वृद्धि हुई है, जिससे सेवा की गुणवत्ता भी सुनिश्चित हो सकी है। इसके अलावा विभाग ने सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध भी मोर्चा संभाला है। अब जिले के 300 ग्राम पंचायतों और 332 वार्डों को बाल विवाह से भी मुक्त घोषित किया जा चुका है। 43 आँगनबाड़ी केंद्र कुपोषण मुक्त घोषित किए गए हैं। विभाग की यह सफलता दर्शाती है कि दृढ़ संकल्प और अथक प्रयासों से कोई भी चुनौती असंभव नहीं है।