Author name: Ek Janta Ki Awaaz

Farmer-Friendly Paddy Procurement: Transparent system makes farmers happy, Nand Kumar expresses gratitude to Chief Minister Vishnu Dev Sai for the support price of Rs 3100
Chhattisgarh

Farmer-Friendly Paddy Procurement : पारदर्शी व्यवस्था से खुशहाल किसान, 3100 रुपये समर्थन मूल्य से नंद कुमार ने जताया मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के प्रति आभार

रायपुर, 02 दिसंबर। Farmer-Friendly Paddy Procurement : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा चलाई जा रही पारदर्शी और किसान हितैषी धान खरीदी व्यवस्था ने किसानों के चेहरे पर संतोष और भरोसे की नई चमक ला दी है। खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के अंतर्गत 15 नवंबर से शुरू हुई धान खरीदी के दौरान नारायणपुर जिले के 17 उपार्जन केंद्रों में बारदाना, छाया, पेयजल, मेडिकल किट जैसी सभी आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध कराई गई हैं। खरीदी प्रक्रिया को ज्यादा सहज और पारदर्शी बनाने के लिए ऑनलाइन टोकन प्रणाली लागू की गई है, जिससे किसानों को अब लंबी कतारों और अनावश्यक प्रतीक्षा से मुक्ति मिल रही है। वहीं नोडल अधिकारियों की नियमित मॉनिटरिंग के कारण किसानों को किसी प्रकार की दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ा। धान विक्रय के बाद भुगतान भी दो दिनों के भीतर किसानों के खातों में अंतरित किया जा रहा है, जिससे उन्हें बिचौलियों पर निर्भर नहीं रहना पड़ रहा। नारायणपुर जिले के माहका धान खरीदी केंद्र में अपना धान बेचने पहुंचे किसान नंद कुमार शर्मा ने अपने अनुभव साझा करते हुए सरकार की इस व्यवस्था की सराहना की। पाँच एकड़ खेत में इस वर्ष 60 क्विंटल धान का उत्पादन करने वाले किसान शर्मा ने बताया कि 3100 रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य और 21 क्विंटल प्रति एकड़ के मानक से किसानों को वास्तविक लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन टोकन प्रणाली ने प्रक्रिया को आसान बना दिया है और केंद्रों पर उपलब्ध सुविधाएँ संतोषजनक हैं। किसान नंद कुमार ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार की यह पहल किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने धान बिक्री से प्राप्त राशि का उपयोग खेती-बाड़ी सुधार और पारिवारिक आवश्यकताओं को पूरा करने में करने की बात कही। केंद्र में मौजूद अन्य किसानों ने भी धान खरीदी की सुदृढ़ व्यवस्था की प्रशंसा करते हुए उम्मीद जताई कि ऐसी सुविधाएँ आने वाले वर्षों में भी जारी रहेंगी और सरकार के प्रयासों से किसानों का विश्वास निरंतर बढ़ता रहेगा।

Literary Festivals: A literary festival will be held in Raipur next month, with over 100 literary figures from across the country gathering; Chief Minister Sai unveiled the festival's logo
Chhattisgarh

Literary Festivals : अगले महीने रायपुर में होगा साहित्य उत्सव, देश भर के 100 से अधिक साहित्यकार जुटेंगे, मुख्यमंत्री साय ने किया उत्सव के लोगो का अनावरण

रायपुर, 02 दिसंबर। Literary Festivals : नए वर्ष की शुरुआत के साथ छत्तीसगढ़ एक बार फिर साहित्यिक ऊर्जा से सराबोर होने को तैयार है। आगामी महीने रायपुर साहित्य उत्सव का आयोजन नवा रायपुर में 23 से 25 जनवरी तक होगा, जिसमें देश भर से 100 से अधिक प्रतिष्ठित साहित्यकार शामिल होंगे। राज्य स्थापना के रजत वर्ष पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा इस आयोजन की परिकल्पना की गई थी। उनकी यह परिकल्पना अब साकार रूप लेने जा रही है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज अपने निवास कार्यालय में रायपुर साहित्य उत्सव के लोगो का अनावरण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार पंकज झा, छत्तीसगढ़ साहित्य अकादमी के अध्यक्ष शंशाक शर्मा, जनसंपर्क विभाग के सचिव डॉ. रोहित यादव, वरिष्ठ साहित्यकार सुशील त्रिवेदी, डॉ. चितरंजन कर, गिरीश पंकज, डॉ. संजीव बक्शी, प्रदीप श्रीवास्तव और शकुंतला तरार उपस्थित थे। लोगो अनावरण के अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने पर पूरा प्रदेश रजत महोत्सव मना रहा है, और रायपुर साहित्य उत्सव उसी श्रृंखला का एक महत्वपूर्ण अध्याय है। उन्होंने कहा कि यह उत्सव न केवल छत्तीसगढ़ को, बल्कि पूरे देश के मूर्धन्य साहित्यकारों को एक साझा मंच प्रदान करेगा, जहाँ उनके अनुभव, विचार और रचनात्मक धारा से अवगत होने का अवसर मिलेगा। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि यह आयोजन छत्तीसगढ़ को साहित्यिक जगत में एक नई पहचान प्रदान करेगा तथा जनसमुदाय को साहित्य, लेखन और पठन-पाठन की ओर प्रेरित करेगा। साथ ही यह उत्सव राज्य की विकास योजनाओं के लिए भी सकारात्मक सामाजिक चेतना और विमर्श का मंच बनेगा। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की संकल्पना पर आधारित इस आयोजन की व्यापक कार्ययोजना मात्र दो माह में तैयार की गई है। यह तीन दिवसीय महोत्सव 23, 24 एवं 25 जनवरी 2026 को जनजातीय संग्रहालय के समीप आयोजित होगा। इस उत्सव में कुल 11 सत्र शामिल होंगे। इनमें 5 समानांतर सत्र, 4 सामूहिक सत्र, और 3 संवाद सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिनमें साहित्यकारों एवं प्रतिभागियों के बीच सीधा संवाद और विचार-विमर्श होगा। छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक-साहित्यिक विरासत का प्रतीक उत्सव का लोगो अगले महीने आयोजित होने जा रहे रायपुर साहित्य उत्सव के लोगो में छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक और साहित्यिक विरासत को एक प्रभावशाली प्रतीक के रूप में प्रस्तुत किया है। यह लोगो न सिर्फ राज्य की पहचान को दर्शाता है, बल्कि बस्तर की जैव-विविधता, जनजातीय परंपराओं, और छत्तीसगढ़ की आत्मा माने जाने वाले सल्फी पेड़ की सांस्कृतिक महत्ता को भी सशक्त रूप में उजागर करता है। लोगो में सल्फी के पेड़ को छत्तीसगढ़ राज्य के नक्शे का रूप देकर यह संदेश दिया गया है कि राज्य की सभ्यता, संस्कृति और साहित्य सदियों से इसी भूमि की जड़ों से पोषित होते आए हैं। सल्फी का यह पेड़ आदिकाल से चली आ रही पौराणिक परंपराओं, भाईचारे और एकजुटता का प्रतीक माना जाता है। जनजातीय समाज के जीवन में गहराई से रचे-बसे इस पेड़ को साहित्य उत्सव के लोगो में शामिल करने से यह संदेश भी मिलता है कि छत्तीसगढ़ का जनजातीय साहित्य, लोकविश्वास और पारंपरिक ज्ञान-धारा आज भी समकालीन साहित्यिक प्रवाह के केंद्र में है। लोगो में अंकित ‘आदि से अनादि तक’ वाक्य साहित्य की उस अटूट यात्रा को दर्शाता है, जिसमें आदिकालीन रचनाओं से लेकर निरंतर विकसित हो रहे आधुनिक साहित्य तक सभी रूप समाहित हैं। यह संदेश स्पष्ट रूप से प्रकट होता है कि साहित्य कालातीत है, वह समय, समाज, भाषा और पीढ़ियों को जोड़कर चलने वाली निरंतर धारा है। इसी प्रकार लोगो में शामिल ‘सुरसरि सम सबके हित होई’ वाक्य साहित्य को गंगा की तरह मुक्त, समावेशी और सर्वहितकारी शक्ति के रूप में स्थापित करता है। साहित्य सभी जाति, वर्ग, परंपरा और जीवन-रीतियों को अपनी व्यापकता में समाहित कर समाज को दिशा देता है और सबके हित का मार्ग प्रशस्त करता है। रायपुर साहित्य उत्सव का यह लोगो पूरे छत्तीसगढ़ के लिए सांस्कृतिक गर्व का विषय है, क्योंकि इसमें राज्य की हजारों वर्षों पुरानी साहित्यिक जड़ें, जनजातीय परंपराएँ, सामाजिक समरसता और आधुनिक रचनात्मक दृष्टि-सभी का सुंदर, सार्थक और कलात्मक संगम दिखाई देता है। यह लोगो जनमानस तक यह सशक्त संदेश पहुँचाता है कि छत्तीसगढ़ की साहित्यिक यात्रा ‘आदि से अनादि’ तक अविचल, जीवंत और समृद्ध रही है और आगे भी इसी धारा में निरंतर विकास की नई कहानियाँ लिखती रहेगी। रायपुर साहित्य उत्सव के लोगो से छत्तीसगढ़ में आदि-अनादि काल से मजबूत साहित्य की जड़ों और उनसे जुड़ाव का सशक्त संदेश जनमानस तक पहुंचेगा।

International Polo: Chhattisgarh created history in international polo, achieved a historic feat in the 15th Manipur International Polo Tournament held in Imphal, Chief Minister Vishnu Dev Sai congratulated.
Chhattisgarh, Sports

International POLO : अंतरराष्ट्रीय पोलो में छत्तीसगढ़ ने रचा इतिहास, इंफाल में आयोजित 15वें मणिपुर अंतरराष्ट्रीय पोलो टूर्नामेंट में मिली ऐतिहासिक उपलब्धि, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने दी बधाई

रायपुर, 02 दिसम्बर। International POLO : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में अंतरराष्ट्रीय पोलो टूर्नामेंट में शामिल छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों ने सौजन्य भेंट की। मुख्यमंत्री साय ने टीम के सदस्यों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन पर बधाई देते हुए कहा कि यह उपलब्धि पूरे राज्य के लिए गर्व की बात है। उन्होंने खिलाड़ियों को भविष्य में भी इसी उत्साह और मेहनत के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ के आदिवासी युवाओं में खेल की अपार प्रतिभा है और राज्य सरकार के सहयोग से घुड़सवारी एवं पोलो खेल को नई दिशा मिली है। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ ने पहली बार इतिहास रचते हुए 22 से 29 नवम्बर 2025 तक इंफाल में आयोजित 15वें मणिपुर अंतरराष्ट्रीय पोलो टूर्नामेंट में हिस्सा लेकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल मंच पर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई। यह अवसर इसलिए भी विशेष रहा क्योंकि देश के इतिहास में पहली बार किसी राज्य को अंतरराष्ट्रीय पोलो टूर्नामेंट में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए आमंत्रित किया गया। छत्तीसगढ़ टीम ने अमेरिका, कोलंबिया, इंडियन पोलो एसोसिएशन और अन्य अंतरराष्ट्रीय टीमों के साथ प्रतिस्पर्धा कर यह गौरव अर्जित किया। यह उपलब्धि आदिवासी युवाओं की खेल जगत में बढ़ती भागीदारी का महत्वपूर्ण उदाहरण है। गौरतलब है कि इस ऐतिहासिक उपलब्धि के पीछे कई संस्थानों का संयुक्त योगदान रहा जिसमे छत्तीसगढ़ शासन,भारतीय सेना (एनसीसी),दंतेवाड़ा जिला प्रशासन,कांकेर जिला प्रशासन,ब्रीगो एंड हेक्टर इक्वेस्ट्रियन मैनेजमेंट कंपनी, रायपुर मुख्य रूप से शामिल रहे। इस प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ की टीम के सदस्यों में लेफ्टिनेंट कर्नल अमन सिंह, एनसीसी,लांस नदिम अली (सेवानिवृत्त),वेदिका शरण,चित्रभानु सिंह,सैमुअल विश्वकर्मा,गोलू राम कश्यप,सुभाष लेकामि,देवकी कड़ती शामिल रहे। इससे पूर्व भी कु. वेदिका शरण ने सितंबर 2025 में बेंगलुरु में आयोजित घुड़सवारी की अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेकर अपने आयु वर्ग में भारत में दूसरा तथा विश्व स्तर पर 15 वा स्थान प्राप्त कर प्रदेश व देश का नाम रोशन किया है l उल्लेखनीय है कि “खेल से शक्ति” पहल के अंतर्गत दंतेवाड़ा और कांकेर जिले के प्रतिभाशाली छात्रों को घुड़सवारी और पोलो का प्रशिक्षण प्रदान किया गया। यह प्रशिक्षण ब्रीगो एंड हेक्टर इक्वेस्ट्रियन मैनेजमेंट कंपनी द्वारा भारतीय सेना के अनुभवी पोलो खिलाड़ियों के सहयोग से संचालित किया गया। यह पहल आदिवासी युवाओं को खेल, शिक्षा और प्रशिक्षण के माध्यम से सशक्त बनाने की राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को मजबूत करती है। इसका उद्देश्य छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए आवश्यक संसाधन और अवसर उपलब्ध कराना है। इस अवसर पर आयुक्त छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल अवनीश शरण और घुड़सवारी प्रशिक्षक गीता दहिया उपस्थित रहे।

World AIDS Day: Awareness program and street play organized on World AIDS Day at SIMS Bilaspur
Chhattisgarh

World AIDS Day : सिम्स बिलासपुर में विश्व एड्स दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम एवं नुक्कड़ नाटक का आयोजन

रायपुर, 01 दिसंबर। World AIDS Day : विश्व एड्स दिवस के अवसर पर सिम्स चिकित्सालय  बिलासपुर में एचआईवी/एड्स से बचाव, जागरूकता और भ्रांतियों को दूर करने हेतु विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में नर्सिंग छात्राओं तथा विभिन्न विभागों के विशेषज्ञों ने मरीजों और उनके परिजनों को एड्स से संबंधित सही जानकारी उपलब्ध कराई। बीएससी नर्सिंग की छात्राओं और संदीपनि अकादमी के विद्यार्थियों द्वारा ART सेंटर, मरीज पंजीयन विभाग हॉल, आपातकालीन विभाग के सामने और गायनी ओपीडी के निकट नुक्कड़ नाटक एवं पोस्टर प्रदर्शन किए गए। ART सेंटर की टीम — डॉ प्रभात कुमार श्रीवास्तव (मेडिकल ऑफिसर), योगेश जड़िया (काउंसलर), सारिका पटेल (काउंसलर), कल्पना लकड़ा (काउंसलर), अंशुलता (फार्मासिस्ट), ललिता सिंह (एलटी), नंदकिशोर पटेल (एलटी), राधाकृष्णन तिवारी — ने विभिन्न विभागों में जाकर लोगों को विस्तृत जानकारी दी। नर्सिंग विभाग से असिस्टेंट नर्सिंग सुपरीटेंडेंट नमिता वाणी, राजकुमारी, पुष्पलता शर्मा और संजू चौधरी भी कार्यक्रम में उपस्थित रहीं और छात्राओं को मार्गदर्शन प्रदान किया। एनेस्थीसिया विभागाध्यक्ष   डॉ. मधुमिता मूर्ति ने कार्यक्रम के दौरान उपस्थित मरीजों एवं परिजनों को एड्स से संबंधित महत्वपूर्ण चिकित्सा पहलुओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि—“एचआईवी संक्रमण को लेकर लोगों में अब भी कई तरह की गलत धारणाएँ हैं। चिकित्सा क्षेत्रों में संक्रमण की रोकथाम, सुरक्षित रक्त संक्रमण, सुइयों का सुरक्षित उपयोग और सार्वभौमिक सावधानियों का पालन अत्यंत आवश्यक है। यदि समाज सही जानकारी से सशक्त होगा, तो संक्रमण के फैलाव को काफी हद तक रोका जा सकता है। सिम्स में हम सभी विभागों के साथ मिलकर सुरक्षित स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं।” सिम्स के अधिष्ठाता डॉ. रमणेश मूर्ति ने कहा— “विश्व एड्स दिवस समाज को जागरूक बनाने का अवसर है। छात्राओं की प्रस्तुति और विभागों द्वारा दी गई जानकारी लोगों में सही संदेश पहुँचाने में अत्यंत प्रभावी रही। सिम्स भविष्य में भी ऐसे जनहितकारी कार्यक्रमों को आगे बढ़ाता रहेगा।” चिकित्सा अधीक्षक डॉ. लखन सिंह ने कहा— “एचआईवी/एड्स का उपचार उपलब्ध है और नियमित जांच तथा परामर्श से मरीज सामान्य जीवन जी सकते हैं। जागरूकता ही इसका सबसे बड़ा बचाव है। आज छात्रों और टीम द्वारा किया गया प्रयास प्रशंसनीय है और इससे आमजन में सकारात्मक संदेश पहुँचता हैं |

Overview of Research Buildings: RBI officials visited the research buildings of the College of Agriculture, Indira Gandhi Agricultural University, Raipur
Chhattisgarh

Overview of Research Buildings : आरबीआई अधिकारियों ने किया कृषि महाविद्यालय, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के अनुसंधान भवनों का अवलोकन

रायपुर, 01 दिसंबर। Overview of Research Buildings : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई), रायपुर के अधिकारियों ने आज इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय परिसर में कृषि महाविद्यालय रायपुर में संचालित अनुसंधान अधोसंरचनाओं एवं प्रक्षेत्र का भ्रमण किया। इस प्रतिनिधिमंडल में भारतीय रिजर्व बैंक, छत्तीसगढ़ की क्षेत्रीय निदेशक रीनी अजित सहित, भारतीय रिजर्व बैंक, रायपुर से अमितेश सिंह (एजीएम, एचआरएमडी), दीपेश तिवारी (एजीएम, एफआईडीडी), नवीन मिंज (एजीएम, डीओएस), जोस सरोज गुड़िया (एजीएम, राजभाषा सेल), सत्येंद्र कुमार राठौड़ (एजीएम, एफआईडीडी), अविनाश कुमार चौधरी (एजीएम, सिविल, एस्टेट सेल) आदि प्रमुख अधिकारी मौजूद थे। भ्रमण कार्यक्रम में विश्वविद्यालय की अत्याधुनिक अनुसंधान सुविधाओं का अवलोकन किया गया। यह पहल छत्तीसगढ़ के कृषि क्षेत्र में प्राथमिकता क्षेत्र ऋणों के नियमन एवं वित्तीय जागरूकता को बढ़ावा देने पर केंद्रित थी। प्रशासनिक भवन में पारंपरिक स्वागत के बाद इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल के साथ बैठक आयोजित हुई। इसमें विश्वविद्यालय की अनुसंधान और विस्तार कार्यक्रमों पर गहन विचार-विमर्श हुआ। भ्रमण कार्यक्रम में विश्वविद्यालय की अत्याधुनिक अनुसंधान सुविधाओं का अवलोकन किया गया। यह पहल छत्तीसगढ़ के कृषि क्षेत्र में प्राथमिकता क्षेत्र ऋणों के नियमन एवं वित्तीय जागरूकता को बढ़ावा देने पर केंद्रित थी। प्रशासनिक भवन में पारंपरिक स्वागत के बाद इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल के साथ बैठक आयोजित हुई। इसमें विश्वविद्यालय की अनुसंधान और विस्तार कार्यक्रमों पर गहन विचार-विमर्श हुआ।  आर बी आई अधिकारियों ने औषधीय उद्यान, टिश्यू कल्चर प्रयोगशाला, रिछारिया अनुसंधान प्रयोगशाला, कृषि संग्रहालय, जैव नियंत्रण एवं जैव उर्वरक प्रयोगशाला तथा इनक्यूबेशन सेंटर का विस्तृत अवलोकन किया। कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल पूरे भ्रमण के दौरान आरबीआई अधिकारियों के साथ उपस्थित रहते हुए कार्यक्रम का नेतृत्व एवं मार्गदर्शन देते रहे। कृषि महाविद्यालय के डॉ. पी.एस. जोशी (प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष, अनुवांशिकी एवं पादप प्रजनन विभाग), डॉ. जेनू झा (प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष, पादप संरक्षण एवं जीवाणुविज्ञान विभाग) एवं डॉ. आर.पी. कुजूर (सहायक प्राध्यापक) ने कार्यक्रम का पूर्ण समन्वय किया। सभी प्रयोगशाला प्रभारियों ने भ्रमण के दौरान अपने-अपने प्रयोगशालाओं के कार्यों का उत्साहपूर्वक विस्तार से परिचय कराया एवं छत्तीसगढ़ के कृषि अनुसंधान की उत्कृष्ट झलक प्रस्तुत की। आरबीआई टीम ने भ्रमण के दौरान चावल की  जैव विविधता एवं कृषि उत्पादों के विपणन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की।

Strict Action: Strict action against illegal drug storage, drug de-addiction awareness programs organized across the state
Chhattisgarh, Health

Strict Action : वैध दवा भंडारण पर कठोर कार्रवाई, प्रदेशभर में नशा मुक्ति जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

रायपुर, 01 दिसंबर। Strict Action : जांजगीर-चांपा जिले में  औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 के अंतर्गत बिना वैध अनुज्ञप्ति के दवाओं के भंडारण एवं संचालन से संबंधित दो महत्त्वपूर्ण मामलों में माननीय विशेष न्यायालय द्वारा कठोर दंड सुनाए गए हैं। पहले विशेष प्रकरण (औषधि) क्रमांक 01/2024 में आरोपी मनीष पूरन विश्वास (वार्ड 04, झरनीपारा, ग्राम तिलई) को अधिनियम की धारा 18(ए) सहपठित धारा 28 के उल्लंघन में दोषी पाते हुए 6 माह सश्रम कारावास एवं 20,000 रुपये अर्थदंड से दंडित किया गया। दूसरे विशेष प्रकरण (औषधि) क्रमांक 05/2024 में आरोपी प्रणव दत्त पांडेय (निवासी बिलासपुर रोड, बलौदा) को धारा 18(ए), 18(सी) सहपठित धारा 28 तथा धारा 27(B)(i) के उल्लंघन में दोषी पाते हुए कुल 3 वर्ष एवं 6 माह सश्रम कारावास तथा 1,00,000 रुपये अर्थदंड से दंडित किया गया। विभाग ने स्पष्ट किया कि बिना वैध औषधि अनुज्ञप्ति के दवाओं का भंडारण या बिक्री करना दंडनीय अपराध है। अवैध गतिविधियों के विरुद्ध कार्रवाई निरंतर जारी रहेगी और आमजन से अपील की गई है कि दवाइयाँ केवल लाइसेंस प्राप्त दुकानों से ही खरीदें। प्रदेशभर में नशा मुक्ति एवं तंबाकू नियंत्रण जागरूकता कार्यक्रम राज्य शासन, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तथा नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन के मार्गदर्शन में विभिन्न जिलों में नशा मुक्ति एवं तंबाकू नियंत्रण से संबंधित IEC गतिविधियाँ आयोजित की गईं। जिला महासमुंद के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में नशामुक्त भारत अभियान, ड्रग एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट और COTPA Act, 2003 की जानकारी विद्यार्थियों को दी गई तथा सभी को नशा मुक्ति की शपथ दिलाई गई। बिलासपुर स्थित माता शबरी कॉलेज में आयोजित नशा मुक्ति कार्यशाला में विशेषज्ञों द्वारा नशे के दुष्प्रभाव, तंबाकू प्रतिबंध नियमों और स्वस्थ जीवनशैली पर विस्तृत जानकारी दी गई। कार्यक्रम में प्राचार्य डॉ. शशिकरण सिन्हा ने स्वस्थ एवं प्रगतिशील समाज के लिए नशा मुक्ति की आवश्यकता पर जोर दिया। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य युवाओं और आमजन को नशा एवं तंबाकू सेवन के दुष्परिणामों से अवगत कराना तथा कानून के पालन को सुनिश्चित करना है। कोटपा अधिनियम का कड़ाई से पालन, चालानी कार्रवाई राज्य में COTPA Act, 2003 के प्रावधानों के सख्त अनुपालन हेतु महासमुंद, मनेन्द्रगढ़–भरतपुर–चिरमिरी और रायपुर जिले के औषधि निरीक्षकों द्वारा विगत सप्ताह धारा 4 एवं 6 के तहत विशेष कार्रवाई की गई। स्कूल–कॉलेजों के आसपास तंबाकू बेचने वाले दुकानदारों तथा सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए कुल 18,700 रुपये अर्थदंड वसूल किया गया। विभाग ने कहा कि जनस्वास्थ्य की सुरक्षा हेतु ऐसी कार्यवाहियाँ आगे भी जारी रहेंगी।

Paddy Procurement: Mudhipar farmer Kumar Verma happy with transparent paddy procurement...will use the money for his son's wedding
Chhattisgarh

Paddy Procurement : पारदर्शी धान खरीदी से खुश मुढ़ीपार के किसान कुमार वर्मा…बेटे की शादी में करेंगे राशि का उपयोग

रायपुर, 01 दिसंबर। Paddy Procurement : ग्राम मुढ़ीपार के किसान कुमार वर्मा ने उपार्जन केंद्र भरसेली में अपने 293 कट्टा धान की बिक्री कर समर्थन मूल्य पर मिली पारदर्शी प्रक्रिया और सुविधाओं की सराहना की है। वर्मा ने बताया कि धान विक्रय से प्राप्त राशि का उपयोग वह अपने बेटे की शादी में करेंगे, जिससे उनके परिवार में खुशी का माहौल है। टोकन मोबाइल से आसानी से मिल रहा है बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के किसान कुमार वर्मा ने बताया कि वे 6 एकड़ भूमि में धान की खेती करते हैं और इस वर्ष उन्हें ऑनलाइन टोकन की सुविधा मिली, जिसे उन्होंने मोबाइल से आसानी से प्राप्त किया। वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से की जा रही धान खरीदी से किसानों को आर्थिक बल मिला है। धान तौल प्रक्रिया पारदर्शी और समयबद्ध किसान कुमार वर्मा ने केंद्र की व्यवस्थाओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि भरसेली केंद्र में समय पर बारदाना उपलब्ध कराया जा रहा है, तौल प्रक्रिया पारदर्शी और समयबद्ध है,किसानों की सुविधा के लिए समाधान पेटी भी लगाई गई है, जिसमें सुझाव और समस्याएं लिखकर दी जा सकती हैं। सरकारी व्यवस्थाओं से प्रभावित किसान वर्मा ने मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि किसान हितैषी पहलों से खेतिहर परिवारों को वास्तविक लाभ मिल रहा है और कृषि कार्य और अधिक मजबूत हुआ है।

PM Asha Yojana: Pulses and oilseeds will be procured at the support price under the PM Asha Yojana, crop-wise procurement dates announced
Chhattisgarh

PM Asha Yojana : पीएम आशा योजना से दलहन-तिलहन की होगी समर्थन मूल्य पर खरीदी, उपार्जन की फसलवार तिथियां घोषित

रायपुर, 29 नवम्बर। PM Asha Yojana : किसानों की आय में वृद्धि तथा दलहन-तिलहन उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम आशा योजना) अंतर्गत समर्थन मूल्य पर दलहन-तिलहन फसलों की खरीदी के लिए व्यापक तैयारी की गई है। सहकारी समितियों के माध्यम से होने वाली इस खरीदी से किसानों को सीधे लाभ मिलेगा। इसके लिए शासन ने अरहर, मूंग, उड़द, सोयाबीन, मूंगफली, सरसों, चना एवं मसूर की खरीदी हेतु निर्धारित तिथियाँ घोषित कर दी हैं। अधिसूचना के अनुसार अरहर और सरसों की खरीदी 15 फरवरी से 15 मई 2026 तक, मूंग, उड़द, मूंगफली एवं सोयाबीन की खरीदी 1 दिसम्बर से 28 फरवरी 2026 तक तथा चना व मसूर की खरीदी 1 मार्च से 30 मई तक की जाएगी। खरीदी कार्य के लिए नाफेड उपार्जन एजेंसी के रूप में कार्य करेगी। कृषि विभाग ने खरीफ और रबी दोनों मौसम में दलहन-तिलहन के उपार्जन को लेकर तैयारियाँ प्रारंभ कर दी हैं। फसलों के उपार्जन हेतु शासन द्वारा प्रति एकड़ अधिकतम उपार्जन सीमा निर्धारित की गई है। खरीदी का लाभ लेने के इच्छुक किसानों को कृषि विभाग द्वारा संचालित एकीकृत किसान पोर्टल में अनिवार्य रूप से पंजीकरण करना होगा। नाफेड द्वारा प्रदर्शित इस पंजीयन डेटा के आधार पर उपार्जन एवं भुगतान की प्रक्रिया सुचारू रूप से संचालित की जाएगी। भारत सरकार तथा राज्य शासन द्वारा दलहन-तिलहन क्षेत्र के विस्तार के लिए यह महत्वपूर्ण पहल की गई है, जिससे किसानों में उत्साह है। रबी मौसम में चना, मसूर एवं सरसों की खरीदी से क्षेत्र में रबी फसलों का रकबा बढ़ने की संभावना है। इससे उन क्षेत्रों के किसानों को भी लाभ मिलेगा, जहां अब तक प्रमुख रूप से केवल खरीफ में धान की खेती की जाती थी। किसानों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से कृषि विभाग द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, नेशनल मिशन ऑन ऑयलसीड, द्वि-फसलीय क्षेत्र विस्तार कार्यक्रम तथा आत्मा योजना के तहत अनुदान सहायता भी दी जा रही है। कृषि विभाग ने किसानों से अपनी उपज को समर्थन मूल्य पर विक्रय करने की अपील की है। 

Paddy Purchasing: The effect of strict monitoring… Paddy procurement in Dhamtari is progressing rapidly, farmers are getting prompt payment.
Chhattisgarh

Paddy Purchasing : सख्त मॉनिटरिंग का असर…धमतरी में धान खरीदी तेज रफ्तार पर, किसानों को मिल रहा त्वरित भुगतान

रायपुर, 29 नवम्बर। Paddy Purchasing : धमतरी जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के तहत समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन पूरी पारदर्शिता, सुगमता और मजबूत प्रशासनिक निगरानी के साथ सुचारू रूप से जारी है। जिले की 74 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों एवं आदिम जाति सेवा सहकारी समितियों के अंतर्गत संचालित 100 उपार्जन केन्द्रों में कुल 1,27,851 किसानों द्वारा 1,19,541.09 हेक्टेयर रकबा पंजीकृत किया गया है, जिनमें 76,046 सीमांत, 49,493 लघु और 2,312 दीर्घ किसान शामिल हैं। तेज़ी से हो रही खरीदी, किसानों को हर दिन भुगतान 15 से 28 नवम्बर 2025 के बीच 17,580 किसानों से 81,704.52 मीट्रिक टन धान खरीदा गया है। खरीदी गई उपज का कुल मूल्य 193.86 करोड़ रुपये है, जिसका निर्वहन प्रतिदिन नियमित रूप से किसानों के खातों में किया जा रहा है। 100 केन्द्रों पर नोडल अधिकारी—व्यवस्था और पारदर्शिता पर पैनी नजर जिले ने खरीदी व्यवस्था को मजबूत करने प्रत्येक उपार्जन केंद्र पर जिला स्तरीय नोडल अधिकारियों की ड्यूटी लगाई है। अधिकारी हर सप्ताह स्थल निरीक्षण कर यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि प्रक्रिया पारदर्शी, व्यवस्थित और किसानों के अनुकूल रहे। कोचियों पर नकेल—अवैध भंडारण व परिवहन पर बड़ी कार्रवाई अवैध धान भंडारण एवं परिवहन पर रोक के लिए राजस्व, कृषि, खाद्य, सहकारिता और मंडी विभाग का संयुक्त उड़नदस्ता दल सक्रिय है। उड़ीसा सीमा से सटे बोराई (घुटकेल), बांसपानी, बनरौद और सांकरा चेकपोस्ट पर 24×7 निगरानी की व्यवस्था की गई है।अब तक अवैध परिवहन/भंडारण के 28 प्रकरण दर्ज, कुल 1,253 मीट्रिक टन धान और दो वाहन जप्त किए गए हैं। कार्रवाई निरंतर जारी है। कस्टम मिलिंग में गति विपणन वर्ष 2024-25 में अर्जित धान की मिलिंग हेतु जिले में 102 राइस मिलों का पंजीयन हुआ है। इनमें से 55 मिलों को 2,51,552 मीट्रिक टन धान उठाव की अनुमति दी गई है, जबकि 1,99,248 मीट्रिक टन का अनुबंध पूरा किया जा चुका है। शिकायतों के लिए कमांड एंड कंट्रोल सेंटर सक्रिय कलेक्टोरेट के कक्ष क्रमांक 11 में जिले का कमांड एवं कंट्रोल सेंटर स्थापित है। अभी तक प्राप्त 17 में से 14 आवेदनों का निराकरण किया जा चुका है तथा शेष 3 पर कार्यवाही जारी है।इसके लिए 07722-232808 पर सम्पर्क किया जा सकता है। धमतरी जिला प्रशासन किसानों को सुविधा, सुरक्षा और पारदर्शिता के साथ धान खरीदी उपलब्ध कराने के लिए पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ कार्यरत है।

Digital Chhattisgarh: The one who gave the biggest support to his daughter living far away, Chhattisgarh's digital system made difficult tasks easy.
Chhattisgarh

Digital Chhattisgarh : जिसने दूर रह रही बेटी को दिया सबसे बड़ा सहारा, छत्तीसगढ़ की डिजिटल व्यवस्था ने बनाया मुश्किल काम आसान

रायपुर, 29 नवम्बर। Digital Chhattisgarh : डिजिटल भारत अभियान और छत्तीसगढ़ शासन की ई-सेवाओं ने आम नागरिकों के जीवन को न सिर्फ आसान बनाया है, बल्कि समय, मेहनत और संसाधनों की बड़ी बचत भी सुनिश्चित की है। भुवनेश्वर में रहने वाली सोनम त्रिपाठी का अनुभव इसका जीवंत उदाहरण है। उन्होंने डिजिटल सेवाओं के सहारे अपने दिवंगत पिता का डिजिटल मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त किया और अपनी बीमार माताजी के बैंक खाते को बिना किसी परेशानी के भुवनेश्वर में स्थानांतरित करवा लिया। विवाह के बाद भुवनेश्वर में बस चुकी सोनम त्रिपाठी के माता-पिता बिलासपुर में ही रहते थे। पिता का निधन होने के बाद नगरपालिका बिलासपुर ने मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया। लेकिन जब उनकी माताजी की तबीयत बिगड़ी और उन्हें अपने साथ भुवनेश्वर ले जाना पड़ा, तब एक नई चुनौती सामने आई कि माताजी के बैंक खाते का ट्रांसफर। बैंक ने पिता का डिजिटल मृत्यु प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने का आग्रह किया, जिसकी जानकारी श्रीमती त्रिपाठी को पहले नहीं थी, और इसी कारण काम कुछ समय के लिए अटक गया। इस दस्तावेज़ की आवश्यकता ने परिवार को असमंजस में डाल दिया। इंटरनेट और डिजिटल छत्तीसगढ़ का मिला सहारा श्रीमती त्रिपाठी ने समाधान की तलाश शुरू की और इंटरनेट की मदद से छत्तीसगढ़ के जन्म-मृत्यु पंजीकरण कार्यालय का संपर्क नंबर प्राप्त किया। भुवनेश्वर से ही उन्होंने संबंधित कर्मचारी से संपर्क किया। कार्यालय कर्मचारी ने आवश्यक दस्तावेज़ों, ऑनलाइन प्रक्रिया और प्रमाण पत्र प्राप्ति के चरणों की स्पष्ट एवं सहज जानकारी प्रदान की। डिजिटल व्यवस्था की बदौलत कुछ ही दिनों में उन्हें अपने पिता का डिजिटल मृत्यु प्रमाण पत्र ऑनलाइन उपलब्ध हो गया, और बैंक की समस्त औपचारिकताएँ तुरंत पूर्ण हो गईं। डिजिटल सेवाएँ समय बचाती हैं, परेशानी दूर करती हैं — श्रीमती सोनम त्रिपाठी सोनम त्रिपाठी बताती हैं कि यदि उन्हें डिजिटल प्रक्रिया की जानकारी पहले मिल जाती, तो उनका काम और पहले ही पूरा हो जाता। उनका कहना है कि बैंकिंग, सरकारी सहायता, संपत्ति, पेंशन और अन्य कार्यों में बाधा से बचने के लिए ऐसे दस्तावेज़ समय रहते बनवा लेना चाहिए। मैंने भी भुवनेश्वर से ही ऑनलाइन प्रक्रिया पूरी की और प्रमाण पत्र कुछ ही दिनों में प्राप्त हो गया। उनका अनुभव बताता है कि सूचना की उपलब्धता, तकनीक का उपयोग और सरकारी सेवाओं का डिजिटलीकरण किस प्रकार जटिल लगने वाले कामों को भी सरल और तेज बनाते हैं। डिजिटल छत्तीसगढ़: अब हर नागरिक के ‘एक क्लिक’ पर सरकारी सेवाएँ छत्तीसगढ़ में पिछले कुछ वर्षों में जन्म-मृत्यु पंजीकरण, शिकायत निवारण, प्रमाण पत्र उपलब्धता और विभिन्न सेवाओं के डिजिटलीकरण ने आमजन की परेशानी को काफी हद तक कम किया है। बिलासपुर से लेकर बस्तर तक हर कोई घर बैठे प्रमाण पत्र, आवेदन स्थिति और अन्य सेवाओं का लाभ उठा पा रहा है। इससे न केवल समय और ऊर्जा की बचत होती है, बल्कि प्रक्रियाएँ पारदर्शी और विश्वसनीय भी बनी हैं। सोनम त्रिपाठी की यह कहानी उन नागरिकों के लिए प्रेरणा है जो परंपरागत प्रक्रियाओं की कठिनाइयों से परेशान रहते हैं। यह उदाहरण दर्शाता है कि समय पर सूचना, सहयोगी प्रशासन और आधुनिक डिजिटल सेवाओं की सहायता से कोई भी महत्वपूर्ण कार्य शीघ्रता और सरलता से पूरा किया जा सकता है। डिजिटल छत्तीसगढ़ की यह मिसाल न केवल राज्य के डिजिटल परिवर्तन की सफलता को रेखांकित करती है, बल्कि यह भी बताती है कि डिजिटल भारत अभियान कैसे आम नागरिकों के जीवन में वास्तविक बदलाव ला रहा है। छत्तीसगढ़ की डिजिटल सेवाएँ अब आम नागरिकों की जिंदगी में बदलाव ला रही हैं। भुवनेश्वर में रहते हुए भी श्रीमती सोनम त्रिपाठी ने बिलासपुर से अपने दिवंगत पिता का डिजिटल मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त किया और माताजी के बैंक खाते का ट्रांसफर बिना किसी कठिनाई के पूरा कर लिया—यह हमारे ई-गवर्नेंस सिस्टम की पारदर्शिता, विश्वसनीयता और दक्षता का प्रमाण है। “डिजिटल छत्तीसगढ़” का लक्ष्य ही यही है कि हर नागरिक को घर बैठे, एक क्लिक में, तेज़ और सरल तरीके से सरकारी सेवाएँ उपलब्ध हों। त्रिपाठी का यह अनुभव डिजिटल भारत अभियान और राज्य सरकार की नागरिक-केंद्रित कार्यशैली की सफलता को रेखांकित करता है। – मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय