नई दिल्ली, 20 जून। HIV Prevention Injections : अमेरिका की बायोफार्मा कंपनी गिलियड साइंसेज को US FDA से HIV से बचाव के लिए एक खास इंजेक्शन ‘Yeztugo’ की मंजूरी मिल गई है। AFP की रिपोर्ट के मुताबिक, यह इंजेक्शन 99.9% तक एचआईवी संक्रमण को रोकने में कारगर साबित हुआ है और इसे हर छह महीने में सिर्फ एक बार दिया जाएगा। जैसे ही इस इंजेक्शन को मंजूरी मिली, गिलियड कंपनी के शेयरों में 3.5% की तेजी आ गई, जो पिछले एक महीने में सबसे बड़ी बढ़त थी। सालाना आधार पर शेयरों में 17% की वृद्धि देखी गई। दवा का असली नाम लेनाकापाविर (Lenacapavir) है और इसका असर इतना ज्यादा है कि इसे एक तरह की वैक्सीन जैसा माना जा रहा है। गिलियड CEO का बयान गिलियड के CEO डैनियल ओ’डे ने इस इंजेक्शन को एचआईवी के खिलाफ लड़ाई में एक ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने कहा, “अब हमारे पास HIV को खत्म करने का एक ठोस तरीका है।” यह इंजेक्शन हर छह महीने में एक बार लिया जाएगा, जिससे दवा भूलने या स्टिग्मा का डर नहीं रहेगा। ट्रायल में शानदार सफलता 2024 में हुए एक अंतरराष्ट्रीय ट्रायल में 2,180 पुरुषों और ट्रांसजेंडर लोगों में से सिर्फ दो को छोड़कर बाकी सभी को यह दवा HIV संक्रमण से बचाने में कामयाब रही। वहीं, 2025 के एक अन्य ट्रायल में, सब-सहारा अफ्रीका की महिलाओं और किशोरियों में यह दवा 100% असरदार रही। इस दवा को साइंस पत्रिका ने ‘2024 का ब्रेकथ्रू ऑफ द ईयर’ भी कहा है। दवा की कीमत इस दवा के कुछ मामूली साइड इफेक्ट्स हैं, जैसे इंजेक्शन साइट पर दर्द, सिर दर्द और मतली। लगभग 1.2% प्रतिभागियों को साइड इफेक्ट्स के कारण दवा बंद करनी पड़ी। इसके अलावा, इस दवा का कोई अन्य बड़ा साइड इफ़ेक्ट नहीं है। अब बात करें कीमत की, तो इस इंजेक्शन के लिए भारी-भरकम कीमत चुकानी पड़ेगी। इसकी सालाना कीमत करीब $28,218 (लगभग 24.5 लाख रुपये) होगी, जो गिलियड की पुरानी HIV प्रिवेंशन गोली Descovy से थोड़ी महंगी है। यहां मिलेगी दवा गिलियड इस इंजेक्शन को अमेरिका, यूरोपीय यूनियन, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा और साउथ अफ्रीका जैसे देशों में लॉन्च करने की योजना बना रही है। साथ ही, कंपनी विकासशील देशों में भी इसका रोलआउट करना चाहती है। माना जा रहा है कि 2031 तक इसकी सालाना बिक्री $4 बिलियन पार कर सकती है। भारत में कीमत और मुकाबला भारत में गिलियड की Sunlenca दवा (लेनाकापाविर) पहले से HIV इलाज के लिए मिल रही है, जिसकी कीमत ₹23,000 प्रति बॉक्स है। वहीं, GSK की Apretude इंजेक्शन भी भारत में उपलब्ध है, जिसकी कीमत ₹15,200 प्रति वायल है। गरीब देशों तक पहुंच पर ट्रंप की नीति का असर? गिलियड ने अक्टूबर में छह फार्मा कंपनियों के साथ समझौता किया था ताकि 120 गरीब और मध्यम आय वाले देशों में यह दवा जनरल रूप में उपलब्ध हो सके। दिसंबर में, कंपनी ने यूनाइटेड नेशंस के ग्लोबल फंड, PEPFAR और अन्य संगठनों के साथ दो मिलियन लोगों को यह दवा देने की योजना बनाई थी। लेकिन डोनाल्ड ट्रंप द्वारा PEPFAR प्रोग्राम में की गई फंडिंग कटौती से इस पहल पर असर पड़ सकता है। सारांश (ब्लूमबर्ग, AFP से इनपुट्स के साथ)