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Bhupesh Cabinet Meeting : कैबिनेट की बैठक खत्म… मंत्री अकबर ने दी अहम फैसलों की जानकारी…इन पर लगी मुहर…सिलसिलेवार देखें

रायपुर, 12 जुलाई। Bhupesh Cabinet Meeting : मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल की अध्‍यक्षता में उनके निवास कार्यालय में कैबिनेट की बैठक खत्म हो गई है। कैबिनेट के एजेडें में सबसे प्रमुख विधानसभा का मानसून सत्र है। यह सत्र 18 जुलाई से शुरू हो रहा है। इसमें सरकार की तरफ से अनुपूरक बजट लाया जाएगा। करीब तीन हजार करोड़ रुपये के अनुपूरक बजट को लेकर आज कैबिनेट में चर्चा हो सकती है। मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल की अध्‍यक्षता में आज शाम उनके निवास कार्यालय में हुई कैबिनेट की बैठक में सरकार ने कई महत्‍वपूर्ण निर्णय लिए हैं। इसमें सरकारी भर्ती में छूट देने के साथ ही उद्योगों की स्‍थापना में रियायत देने का फैसला किया गया है। कैबिनेट Bhupesh cabinet meeting ने राज्‍य के प्रथम अनूपूरक अनुमान वर्ष 2023-24 को मंजूर दी। इसके करीब तीन हजार करोड़ रुपये के होने का अनुमान है। बैठक के बाद वरिष्‍ठ मंत्री मोहम्‍मद अकबर ने कैबिनेट लिए महत्‍वपूर्ण फैसलों की जानकारी दी। – नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण के पुनर्वास योजना के अंतर्गत यथा संशोधित कण्डिका 5.5 के अनुसार ग्राम राखी के परियोजना प्रभावितों को पात्रता अनुसार बाड़ी हेतु खुली भूमि आवंटित करने का निर्णय लिया गया। – लेयर -1 के 12 ग्रामों में नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण के भूमि स्वामित्व की भूमि पर काबिज पात्र परिवारों को निर्धारित सीमा अनुसार बसाहट पट्टा प्रदान करने का निर्णय लिया गया। – छत्तीसगढ़ राज्य में विभिन्न वर्गों के लिए उद्योग स्थापना के लिए विभिन्न प्रकार की छूट, अनुदान और रियायतें घोषित की गई है। राज्य में वृहद, मेगा, अल्ट्रा मेगा उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए औद्योगिक नीति 2019-24 के अंतर्गत “विशेष निवेश प्रोत्साहन पैकेज क्रियान्वयन नियम-2019 को समावेशित करने का निर्णय लिया गया। – छत्तीसगढ़ राज्य में औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए औद्योगिक नीति 2019-24 में व्हीकल स्क्रेपिंग पॉलिसी को शामिल करने के साथ ही स्टॉम्प शुल्क से छूट, मण्डी शुल्क से छूट, राज्य में बंद और बीमार उद्योगों के लिए विशेष निवेश प्रोत्साहन पैकेज परिवहन अनुदान, विद्युत शुल्क छूट संबंधित संशोधनों के प्रास्ताव का अनुमोदन किया गया। – छत्तीसगढ़ राजस्व (तृतीय श्रेणी लिपिक वर्गीय) सेवा भर्ती नियम 1985 की अनुसूची- चार को शिथिल करते हुए ऑडिटर / सहायक अधीक्षक से अधीक्षक (रा.) के 38 रिक्त पदों पर पदोन्नति हेतु केवल एक बार तीन वर्ष की छूट प्रदान करने का निर्णय लिया गया। – छत्तीसगढ़ ब्राम्हण समुदाय जिला बिलासपुर को आबंटित भूमि में छूट प्रदाय करने का निर्णय लिया गया। खरीफ सीजन को लेकर भी चर्चा बैठक में कैबिनेट ने खरीफ सीजन की खेती को लेकर अनौपचारिक चर्चा हुई। सूत्रों के अनुसार अभी तक हुई बारिश और रोपाई सहित खेती की अन्‍य गतिविधियों पर कृषि विभाग की तरफ से विस्‍तार से जानकारी दी गई। बताया जा रहा है कि अफसरों ने इस वर्ष भी धान की खेती का रकबा बढ़ने का अनुमान जताया है। अफसरों ने बताया कि इस मामले में मंत्रिमंडलीय उपसमिति की बैठक के बाद कैबिनेट की अगली बैठक में इस विषय पर विस्‍तार से चर्चा होगी।

Dream in Sawan: It is considered auspicious to see these things in the dream of Sawan.
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Dream in Sawan : सावन में सपने में इन चीजों का दिखना माना जाता है शुभ…

Dream in Sawan : सावन महीने की शुरुआत हो चुकी है। 04 जुलाई से शुरू हुआ शिव जी का ये प्रिय महीना इस साल 31 अगस्त 2023 को समाप्त होगा। हिंदू धर्म में सावन के महीने को महादेव की पूजा करने के लिए सबसे उत्तम माना गया है। शिव जी अपार कृपा मिलती इस पूरे माह में शिव जी की विधि-विधान से पूजा की जाती है। शिव जी को श्रावण मास का देवता कहा जाता है। मान्यता है कि सावन माह में भगवान शिव पार्वती के साथ पृथ्वी लोक पर विराजमान रहकर लोगों के दुख-दर्द को समझते है एवं उनकी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं, इसलिए सावन का महीना खास होता है। वहीं धार्मिक शास्त्रों के अनुसार शिव जी जुड़ी कुछ चीजें हैं, जिनका सपने में दर्शन होना बेहद ही शुभ माना जाता है। यदि सावन सावन माह में भगवान शिव से जुड़ी ये चीजें किसी को सपने में दिखाई दे जाएं तो समझिए कि उसके ऊपर भगवान शिव की कृपा होने वाली है। शिवलिंग  शिवलिंग का स्वप्न देखना शिव भक्ति का विशेष फल माना जाता है। कहा जाता है कि सपने में शिवलिंग को देखना स्वयं भोलेनाथ को देखने के समान है। ऐसा सपना देखने का मतलब है कि आपको जल्द ही कोई शुभ समाचार मिल सकता है। यदि किसी कन्या को सपने में शिवलिंग दिखाई तो इसका मतलब शीघ्र ही आपका विवाह होने वाला है।  नाग यदि सावन के महीने में किसी व्यक्ति के सपने में नाग देवता दिख जाएं तो इसे भी काफी शुभ माना जाता है। नाग देवता का सपने में आना धन वृद्धि का संकेत होता है।  त्रिशूल त्रिशूल के तीन शूलों को काम, क्रोध और लोभ का कारक माना गया है। कहा जाता है कि सृष्टि में सामंजस्य बनाए रखने के लिए शिव जी अपने हाथ में त्रिशूल रखते हैं। यदि सावन माह में आपको सपने में त्रिशूल दिखाई देता है तो इसका अर्थ होता है कि भगवान शिव की कृपा से आपके समस्त विकारों का नाश होने वाला है। डमरू सावन के महीने में यदि सपने में डमरू दिखाई दे इसे भी बहुत शुभ माना जाता है। ये आपके जीवन में स्थिरता आने का संकेत है। इसका अर्थ होता है कि आपके घर में कोई मांगलिक कार्य जैसे विवाह आदि हो सकता है। नंदी बैल शिव जी नंदी की सवारी करते हैं। नंदी महाराज (Dream in Sawan) के बिना शिव परिवार की पूजा अधूरी मानी जाती है। कहा जाता है कि यदि सावन के माह में सपने में आपके नंदी बैल दिख जाए तो समझिए कि भगवान शिव आपसे बेहद प्रसन्न हैं और आपके कार्यों को सिद्धि मिलने वाली है। 

Vastu Tips: Plant aloe vera plant at home for happiness and prosperity. Plant it in this direction.
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Vastu Tips : खुशहाल और समृद्धि के लिए घर में लगाएं एलोवेरा पौधा…इस दिशा में लगाए

Vastu Tips : औषधीय गुणों से भरपूर एलोवेरा स्किन के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी माना जाता है। इसके बारे में अधिकतर लोग जानते हैं। क्या आप जानते हैं कि घर में लगा एलोवेरा का पौधा आपकी तरक्की, खुशियां, सुख-संपदा पर भी असर डाल सकता है? जी हां वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में रखा एलोवेरा जीवन की कई परेशानियों से भी निजात दिला सकता है। इसके साथ ही सुख-समृद्धि, तरक्की का कारण बन सकता है। यह पौधा सकारात्मक ऊर्जा सबसे अधिक पैदा करता है। जानिए वास्तु के हिसाब से किस दिशा में एलोवेरा का पौधा लगाना माना जाता है शुभ। वास्तु के हिसाब से एलोवेरा को सकारात्मक ऊर्जा का सबसे शक्तिशाली स्रोत माना जाता है। इसके घर में होने से नकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश नहीं कर पाती है। इसके साथ ही वास्तु दोष से निजात मिलती है। एलोवेरा चमकाएं भाग्य घर में एलोवेरा पौधा होने से भाग्य पर अच्छा असर पड़ता है। इससे हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है और हर बाधा से निजात मिलती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में एलोवेरा पौधा लगाने से सकारात्मक ऊर्जा अधिक पैदा होता है, जिससे घर में सुख-शांति रहती है और परिवार के सदस्यों के बीच प्यार बना रहता है।एलोवेरा लगाने से पद-प्रतिष्ठा मिलती है वास्तु के हिसाब से घर में एलोवेरा का पौधा लगाने से बिजनेस में अपार सफलता के साथ नौकरी पेशा लोगों को पद-प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है। घर में लाएं सुख-शांति एलोवेरा का सेवन करके कई बीमारियों से निजात पा सकते हैं। इसके अलावा इसे घर के पूर्व दिशा में रखने से शारीरिक और मानसिक समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है।वातावरण को रखें शुद्ध एलोवेरा का पौधा वायु को शुद्ध करने में भी मदद करता है, क्योंकि ये उच्च मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करता है और रात में एलोवेरा अच्छी मात्रा में ऑक्सीजन छोड़ता है। किस दिशा में लगाएं एलोवेरा का पौधा वास्तु शास्त्र के अनुसार, एलोवेरा का पौधा (Vastu Tips) घर के उत्तर या पूर्व दिशा में लगाना सबसे शुभ माना जाता है, क्योंकि यह दोनों ही दिखाएं देवी-देवता से संबंधित होती है। इसके अलावा पश्चिम दिशा में भी लगाना उत्तम माना जाता है।

Highest Paid News Anchor: This is India's highest paid news anchor...! No.1 is on 12 crores
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Highest Paid News Anchor : ये है भारत के सबसे ज्यादा सैलरी पाने वाले न्यूज़ एंकर…! No.1 पर है 12 करोड़ जानें

नई दिल्ली, 5 अप्रैल। Highest Paid News Anchor : पत्रकारिता को पहले अच्छी आय वाले प्रोफेशन के रूप में नहीं देखा जाता था। लेकिन अब ये बात नहीं है और आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि जाने माने कमेंटेटर भी पत्रकारिता के क्षेत्र में अपना भाग्य आज़मा रहे हैं। देश में इस वक्त कई पत्रकार हैं जो भारतीय नेता और अभिनेता से ज्यादा फेमस हैं। इन पत्रकारिता करने वालों के अनेकों चाहने वाले हैं। सोशल मीडिया पर इन सभी की एक बड़ी फोल्लोविंग हैं। जब यह लोग टीवी पर आ जाते हैं तो लोग टकटकी लगा कर इनको देखते हैं। आज हम बात करने वाले हैं ऐसे ही कुछ प्रचलित पत्रकारों के बारे में जिनके बारे में जानकार आप दंग रह जाएंगे। अर्नब गोस्वामी अर्नब रंजन गोस्वामी रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के प्रबंध निदेशक और मुख्य संपादक हैं। अर्नब गोस्वामी भारत के सबसे अधिक वेतन पाने वाले समाचार एंकर हैं और इनकी वार्षिक वेतन लगभग 12 करोड़ रुपए है। 47 वर्षीय अर्नब गोस्वामी गुवाहाटी से हैं। वह एक मुखर पत्रकार के रूप में जाने जाते हैं और समाचार को प्रदर्शित करने का उनका स्टाइल अद्वितीय और अद्भुत है। हमने उनकी शानदार पत्रकारिता “द नेशन वॉन्ट्स टू नो” और “पूछता है भारत” जैसे कार्यक्रम में देखा है। राजदीप सरदेसाई भारत में सर्वाधिक भुगतान पाने वाले पत्रकारों की सूची में दूसरे स्थान पर हैं राजदीप सरदेसाई। इनकी वार्षिक वेतन लगभग 10 करोड़ रुपए है। उनकी गज़ब की कम्युनिकेशन स्टाइल और तर्क प्रस्तुत करने की कला उन्हें एक विशिष्ट पहचान देते हैं। कभी-कभार वह ज़मीनी स्तर की रिपोर्टिंग भी कवर करते हैं। वर्तमान में वह इंडिया टुडे समूह में एक परामर्शदात्री संपादक हैं, साथ ही इंडिया टुडे टेलीविज़न के एंकर भी हैं। निधि राज़दान भारत की टॉप हाईएस्ट पेड न्यूज़ एंकर्स की सूची में तीसरे स्थान निधि राज़दान पर हैं। वर्तमान में वह न्यूज़ चैनल NDTV की सीनियर एडिटर और एक लोकप्रिय न्यूज़ एंकर हैं। वह ‘NDTV 24 × 7 न्यूज़ शो’ तथा ‘लेफ्ट, राइट एंड सेंटर’ कार्यक्रम की मुख्य एंकर है। उन्होंने दिल्ली के भारतीय जनसंचार संस्थान पत्रकारिता की डिग्री हासिल की है। इनकी वार्षिक वेतन लगभग 4 करोड़ रुपए है। रजत शर्मा सर्वाधिक वेतन पाने वाले न्यूज़ एंकर्स में अगला नाम है इंडिया टीवी के अध्यक्ष और प्रधान संपादक रजत शर्मा का। उनका टीवी शो “आप की अदालत” काफ़ी लोकप्रिय है। पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान करने के लिए उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है। उनका वार्षिक वेतन लगभग 3.6 करोड़ रूपए है। स्वेता सिंह भारत में सर्वाधिक भुगतान पाने वाले न्यूज़ एंकर्स की सूची में स्वेता सिंह भी शामिल हैं। वह आजतक में विशेष कार्यक्रम की एक जानी मानी समाचार एंकर होने के साथ-साथ कार्यकारी संपादक भी हैं। वह खेल संबंधी समाचारों को कवर करने में अपनी विशेषज्ञता के लिए प्रसिद्ध है। इसके आलावा वह ग्राउंड रिपोर्टिंग भी करती हैं। उन्हें प्रतिवर्ष लगभग 3.4 करोड़ रुपए का भुगतान मिलता है। सुधीर चौधरी सुधीर चौधरी वर्तमान में हिंदी समाचार चैनल, ज़ी न्यूज़ के प्रधान संपादक हैं। वह समाचार कार्यक्रम ‘डेली न्यूज़ एंड एनालिसिस’ होस्ट करते हैं। उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए उन्हें वर्ष 2013 में “हिंदी प्रसारण” श्रेणी में रामनाथ गोयनका पुरस्कार मिल चुका है। उनका वार्षिक वेतन लगभग 3 करोड़ रूपए है। रवीश कुमार सर्वाधिक भुगतान पाने वाले न्यूज़ एंकर्स में अगला नाम है (Highest Paid News Anchor) वरिष्ठ कार्यकारी संपादक रवीश कुमार का। समाचारों को प्रस्तुत करने का उनका अनोखा अंदाज़ है। वह कई लोकप्रिय कार्यक्रमों की मेज़बानी करता है, जिनमें NDTV इंडिया में प्रमुख हैं – ‘प्राइम टाइम’, ‘रवीश की रिपोर्ट’ और ‘देश की बात’। उनका वार्षिक वेतन लगभग 2.4 करोड़ रूपए है।

Aaj Se Sawan: Sawan, the beloved month of Bholenath… a rare coincidence after 19 years… read worship method and auspicious time
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Aaj Se Sawan : भोलेनाथ का प्रिय मास सावन…19 वर्ष बाद बन रहा दुर्लभ संयोग…पढ़ें पूजा विधि व शुभ मुहूर्त

डेस्क, 4 जुलाई। Aaj Se Sawan : भगवान शिव का पूजन में विशेष महत्व रखने वाला सावन माह आज यानी मंगलवार से शुरू हो गया है, इस बार सावन 31 अगस्त तक रहेगा। मलमास के चलते इस बार 58 दिनों को का सावन माह होगा। यह संयोग 19 वर्ष बाद बन रहा है। हालांकि, संक्रांति से सावन मानने वाले पर्वतीय क्षेत्रों में 17 जुलाई से सावन शुरू होगा। हिंदू मान्यताओं के अनुसार सावन या श्रावण महीने में जो व्यक्ति भगवान शिव की पूजा सच्चे मन से करता है, उसकी मनोकामनाएं जल्दी पूरी होती हैं। इसके साथ ही कन्याओं को सुयोग्य वर प्राप्ति का भी आशीर्वाद मिलने की मान्यता है। आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं के अनुसार मैदानी क्षेत्रों में पूर्णिमा से पूर्णिमा तक सावन मनाया जाता है। ऐसे में मैदानी क्षेत्रों में पहला सोमवार 10 अगस्त, दूसरा 17 (मलमास शुरू मध्य रात्रि), तीसरा 24, चौथा 31, पांचवां सात अगस्त, छठा 14 अगस्त, सातवां 21, जबकि आठवां सोमवार 28 अगस्त को होगा। वहीं, पर्वतीय क्षेत्र के लोग सूर्यमान यानी संक्रांति से संक्राति तक सावन मनाते हैं। संक्रांति 17 जुलाई सोमवार से शुरू हो जाएगी। सूर्यमान का एक ही मास होता है। बन रहे दुर्लभ योग ज्योतिषाचार्य डा. आचार्य सुशांत राज के मुताबिक चार से 31 अगस्त तक सावन रहेगा। यानी इस महीने सावन 58 दिनों का रहेगा। यह संयोग लगभग 19 वर्ष के बाद बना है। इससे पहले वर्ष 2004 में यह संयोग बना था। मलमास के कारण दो महीने का सावन पड़ रहा है। इस महीने का धार्मिक क्षेत्र के साथ ही सावन का प्रकृति से भी गहरा संबंध है। क्योंकि इस महीने में वर्षा त्रतु होने से पूरी धरती वर्षा के कारण हरी भरी हो जाती है। इसी महीने में कांवड़ के रूप में गंगाजल लाया जाता है। क्‍या होता है मलमास? आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं के अनुसार एक महीने में दो संक्रांति के बीच दो अमावस्या हो तो वह मलमास, पुरुषोत्तम मास अथवा अधिमास कहलाता है। एक महीने के भीतर 17 जुलाई व 16 अगस्त को अमावस्या है। ऐसे में इस दौरान मलमास रहेगा। पहले दिन शुभ मुहूर्त ब्रह्म मुहूर्त- 04:07 AM – 04:48 AM अभिजित मुहूर्त- 11:58 AM – 12:53 PM गोधूलि मुहूर्त- 07:22 PM- 07:42 PM शिव पूजा के लिए श्रेष्ठ मुहूर्त – शाम 05.29 – रात 08.39 पहले दिन के शुभ योग सावन के पहले दिन 4 जुलाई को त्रिपुष्कर योग, इंद्र योग, बुधादित्य योग, सनुफा योग और वाशी योग जैसे शुभ योगों का संयोग बन रहा है। इससे पहले ऐसा संयोग साल 2004 में बना था और अब 2023 में भी ऐसा ही संयोग बना है। इंद्र योग – 03 जुलाई 2023, दोपहर 03.45 – 04 जुलाई 2023, सुबह 11.50 त्रिपुष्कर योग – 04 जुलाई 2023, दोपहर 01.38 – 05 जुलाई 2023, सुबह 05.28 पूजा विधि शिव जी की पूजा शाम के समय श्रेष्ठ मानी गई है, लेकिन सावन के पहले दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर सफेद वस्त्र धारण कर लें। घर के मंदिर में सफाई कर तांबे के पात्र में शिवलिंग रखें और एक बेलपत्र अर्पित कर तांबे या चांदी के लौटे से जल चढ़ाएं। जल में गंगाजल मिलाएं। दूध चढ़ाने के लिए पीतल या चांदी के कलश का इस्तेमाल करें। जलाभिषेक करने के लिए गौमुखी श्रृंगी का उपयोग करें। जलाभिषेक के समय महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। भोलेनाथ का पंचामृत से अभिषेक करें। उन्हें पान, सुपारी, धतूरा, शक्कर, घी, दही, शहद, सफेद चंदन, कपूर, अक्षत, पंचामृत, आक के फूल, गुलाल, अबीर, इत्र, शमी पत्र चढ़ाएं। शिव संग देवी पार्वती की भी पूजा करें। धूप, दीप लगाकर हलवे या खीर का बेल के फल का भोग लगाएं। भगवान शिव का ध्यान करें और ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप करें, शिव चालीसा (Aaj Se Sawan) का पाठ करें और फिर शिव जी की आरती करें और अंत में प्रसाद बांट दें। डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।

Baijnath Dham Yatra: Gariaband's Bolbam Mitra Mandal reached Deoghar Baba Dham in Jharkhand
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Baijnath Dham Yatra : गरियाबंद का बोलबम मित्र मंडल पहुंचा झारखंड के देवघर बाबा धाम

गरियाबंद, 3 जुलाई। Baijnath Dham Yatra : सावन का महीना शुरू होते ही श्रद्धालुओं ने शिवालय में आराधना शुरू कर दी है। गरियाबंद के बोलबम मित्र मंडली 900 किमी दूर झारखंड राज्य के विश्वप्रसिद्ध देवघर स्थित बाबाधाम यात्रा पर है। गरियाबंद के 12 सदस्यों की टोली जिसमें वरिष्ठ भाजपा नेता आशीष शर्मा, गरियाबंद के युवा अधिवक्ता प्रशांत माणिकपूरी  परमेश्वर सिन्हा अभिषेक डड़सेना, पत्रकार गोरेलाल सिन्हा, जीवन एस साहू रितेश यादव, परस देवांगन, सुमित पारख, अतुल गुप्ता, लोकेश सिन्हा, धीरज सोनी,  30 जून शुक्रवार से बाबाधाम मनोकामना  बैद्यनाथ ज्योतर्लिंग में जलाभिषेक एवं पूजा अर्चना करने यात्रा पर है।  विश्वकल्याण के लिए श्रद्धालुओं की इस टोली ने सावन के प्रथम दिन पांच किमी दूर लाइन में खड़ा होकर बाबा बैद्यनाथ ज्योतर्लिंग में पूजा अर्चना कर जलाभिषेक किया। बाबा बैद्यनाथ मनोकामना ज्योतिर्लिंग धाम में प्रतिवर्ष देश-विदेश से लाखों की संख्या में शिवभक्त अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए जलाभिषेक करने पहुंचते हैं। इसी तारतम्य में छत्तीसगढ़ राज्य के गरियाबंद जिले से बोल बम मित्र मंडली के 12 सदस्यों ने भी बाबा धाम पहुंचकर जलाभिषेक किया। इस दौरान उन्होंने प्रदेश की सुख, शांति और समृद्धि की भी कामना की। गरियाबंद के वरिष्ठ भाजपा नेता आशीष शर्मा  से चर्चा करने पर बताया कि पौराणिक मान्यता के मुताबिक बाबा बैद्यनाथ का एक नाम रावणेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है। त्रेतायुग में घटित हुए घटनाक्रम की यहां अवशेष देखने को मिलता है। विश्व का सबसे बड़ा मेला सावन माह में बैजनाथ धाम एवं बासुकीनाथ में लगता है। वासुकी नाथ भगवान के दर्शन के बिना बैद्यनाथ धाम अधूरा माना जाता है जिसके चलते यहां आने वाले श्रद्धालु वासुकी नाथ के दर्शन करने पहुंचते हैं।  गरियाबंद के युवा अधिवक्ता प्रशांत माणिकपूरी  ने बताया कि कथा अनुसार लंकापति रावण ने भगवान शंकर महादेव की घोर तपस्या कर भगवान शिव को प्रसन्न किया। जिसके बाद उन्होंने वरदान मांगा जिसमें भगवान शिव को लंका जाने के लिए वर मांगा।भगवान शिव ने तथास्तु कहते हुए अपने प्रतीक स्वरूप शिवलिंग को रावण को वर प्रदान किया और उन्हें यह भी कहा इसे लंका ले जाने तक कहीं भी जमीन पर  नहीं रखना वरना यह शिवलिंग उसी स्थान पर शिवलिंग  स्थापित हो जाएगा। देवलोक में हाहाकार मच गया, जिसके बाद सभी ने मिलकर एक युक्ति अपनाई और सूर्य देव ने अपना तेज प्रताप बढ़ाया जिसके बाद रावण को प्यास लगी और गंगा मैया रावण की प्यास बुझाने गले मे उतर आई। देवताओं की योजनाओं को मुताबिक रावण को जोरों से पेशाब लगी। ग्वाले के भेष पर खड़े भगवान श्री गणेश को शिवलिंग सौंप पेशाब करने लगे।  बहुत देर तक रावण के नहीं आने पर ग्वाले ने शिवलिंग को जमीन पर रख दिया। जिसके बाद से शिवलिंग हमेशा के लिए स्थापित हो गए। रावण ने उठाने के लिए बहुत ही यत्न-प्रयत्न किया लेकिन शिवलिंग तस से मस नहीं हुआ, जिससे रावण ने अपने अंगूठे से शिवलिंग को जमीन पर दबा दिया। अंगूठे के निशान आज भी शिवलिंग में उभरकर दिख रहा है। जिसके बाद देशभर में रावणेश्वर बाबा बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग के नाम से विख्यात हो गए। बाबा बैद्यनाथ के दर्शन के लिए लोग बारो माह यहां पहुंचते हैं, सावन माह में यहां की भव्यता देखते (Baijnath Dham Yatra) ही बनती है।

Sawan ka Mahina: Shiva worship month is starting from tomorrow...these 4 coincidences will be special
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Sawan ka Mahina : कल से शुरू हो रहा है शिव आराधना माह…ये 4 संयोग होंगे खास

डेस्क, 3 जुलाई। Sawan ka Mahina : सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा करना विशेष फल देने वाला होता है। सावन मास 4 जुलाई से प्रारंभ हो रहा है। इस साल सावन का महीना कई प्रकार से खास होगा। इस बार सावन मास दो महीने का होगा। भक्तों को भगवान शिव की पूजा के लिए आठ सोमवार मिलेंगे। 31 अगस्त तक सावन मास रहेगा। सावन मास चार जुलाई से प्रारंभ हो रहा है। इस साल सावन का महीना कई प्रकार से खास होगा। एक तो 19 वर्ष बाद सावन का महीना 30 दिन का ना हो कर 59 दिन का होगा। दूसरा इस बार सावन मास का प्रारंभ इंद्र योग में हो रहा है। जो भक्तों की मनोकामना को पूर्ण करने वाला और कार्य सिद्धि करने वाला होगा। 45 दिन बाद होगा रक्षाबंधन आचार्य राकेश कुमार शुक्ल ने बताया कि इस साल सावन मास खास होगा। एक सावन मास दो महीने का होगा, दूसरा इसका प्रारंभ इंद्रा योग में होगा और तीसरा इस बार शिवरात्रि और रक्षाबंधन में डेढ़ माह का अंतर हो जाएगा। सामान्य दिनों में शिवरात्रि से 15 दिन बाद ही पूर्णिमा तिथि यानी रक्षाबंधन पड़ता है, लेकिन इस बार ऐसा दुर्लभ संयोग पड़ रहा है कि 45 दिन बाद रक्षाबंधन होगा। उन्होंने बताया कि चंद्र वर्ष और सौर वर्ष में अंतर होने से मलमास लगता है। भारतीय ज्योतिष में वर्ष की गणना कई प्रकार से की जाती है। जिसमें सौर वर्ष और चंद्र वर्ष भी आता है। उन्होंने बताया कि इस साल भक्तों को भगवान शिव की पूजा के लिए आठ सोमवार मिलेंगे। यह भी अपने आप में एक अद्भुत संयोग है। बताया कि भगवान शिव का जलाभिषेक 15 जुलाई को रात्रि लगभग 8:30 बजे से प्रारंभ होगा। क्योंकि त्रयोदशी तिथि लगभग 8:30 बजे समाप्त होगी। उसी समय चतुर्दशी तिथि और भद्रा प्रारंभ हो जाएगी, लेकिन मिथुन राशि के भद्रा नाग लोक में होने से भद्रा जलाभिषेक में बाधक नहीं रहेगी। वहीं 31 अगस्त तक सावन मास रहेगा। ये चार संयोग होंगे खास सावन मास में शिव की पूजा होती है विशेष फलदाई सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा करना विशेष फल देने वाला होता है। क्योंकि इस महीने भगवान शिव गंगा के निकट यानी हरिद्वार तीर्थ में विराजते हैं। आचार्य राकेश कुमार शुक्ल के अनुसार गंगा के जल तथा कांवड़ के जल से भगवान शिव का अभिषेक करने से अधिक पुण्य की प्राप्ति होती है भगवान शिव को जल धारा सर्वाधिक प्रिय है। जो भी व्यक्ति सावन मास में भगवान शिव का कांवड़ के जल से अभिषेक (Sawan ka Mahina) करता है उसे धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है। डिसक्लेमर : इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।

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भाई ने पढ़ाई करने से किया मना तो बहन पहुंच गई पुलिस स्टेशन, जानें फिर क्या हुआ

Viral News: यूपी के हरदोई में शाहाबाद कोतवाली क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली एक लड़की को उसके भाई ने पढ़ाई करने से मना कर दिया, जिससे नाराज लड़की पुलिस के पास पहुंची और पूरे मामले की शिकायत करते हुए कार्यवाही किए जाने की मांग की. पुलिस ने मामले को समझते हुए पूरे परिवार को बुलाकर समझाया, जिसके बाद परिजन किशोरी की पढ़ाई को तैयार हुए. किशोरी कक्षा 9 में पढ़ाई कर रही है और अगले साल बोर्ड की परीक्षा में बैठेगी. कक्षा 9 में पढ़ाई कर रही बहन को भाई ने पढ़ने से किया मनाहैरतअंगेज मामला शाहाबाद कोतवाली का है. यहां के प्रभारी निरीक्षक दिलेश सिंह के पास नौवीं कक्षा में पढ़ने वाली किशोरी प्रीति पहुंची और एक शिकायत दर्ज कराई. वह थी उसके ही सगे भाई शेर सिंह के खिलाफ. उसने प्रभारी निरीक्षक को बताया कि उसके भाई ने यह कहकर उसको पढ़ाई बंद करने को कह दिया कि अब वह बड़ी हो गई है और वह अब शादी लायक हो गई है इसलिए अब पढ़ाई बंद कर दो. प्रीति ने प्रभारी निरीक्षक को बताया कि वह आगे की भी पढ़ाई करना चाह रही है लेकिन भाई नहीं मान रहा है. किशोरी की पढ़ाई में बाधा बने भाई को पुलिस ने समझायामामले की नजाकत को समझते हुए कोतवाल दिलेश कुमार सिंह ने किशोरी के भाई व परिजनों को बुलाकर समझाया तो बात बन गई. कोतवाल दिलेश ने किशोरी के परिवार से समझाया कि अगर बेटी पढ़ना चाहती है तो यह अच्छी बात है इसलिए उसे पढ़ाई के लिए ना रोका जाए. पुलिस के समझाने पर परिवार वाले भी समझे और बात मनाकर हंसी खुशी घर लौट गए. एसपी राजेश द्विवेदी का कहना है पुलिस की एक पहल से किशोरी अब बढ़ सकेगी और अगले वर्ष बोर्ड परीक्षा में बैठेगी.

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पति की लंबी उम्र के लिए रखा जाता है कोकिला व्रत, जानिए इसकी तिथि और पूजन विधि

Kolkila Vrat 2023: हिंदू धर्म में आषाढ़ माह का बहुत महत्व है। यह महीना भगवान विष्णु, सूर्य देव और देवी दुर्गा को समर्पित होता है और इसे कामना पूर्ति का महीना कहा जाता है। इस माह में किए गए व्रत, साधना, तीर्थ, प्रार्थना, जप, तप आदि जल्द सिद्ध हो जाते हैं। आषाढ़ मास की अंतिम तिथि को कोकिला व्रत रखा जाएगा। इस बार यह उपवास 02 जुलाई को रखा जाएगा, जिसका शुभ मुहूर्त शाम 8:21 से शुरू होकर 3 जुलाई सुबह 5:08 तक है। आषाढ़ मास की पूर्णिमा के दिन किया जानेवाला ये व्रत कुंवारी कन्याओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पूरी श्रद्धा के साथ कोकिला व्रत करने से कुंवारी कन्याओं को योग्य और सर्वगुण संपन्न पति मिलता है। कोकिला व्रत की कथाशास्त्रों में बताया गया है कि कोकिला व्रत पहली बार माता पार्वती ने भगवान भोलेनाथ को पति रूप में प्राप्त करने के लिए किया था। पति से हठ कर दक्ष के यज्ञ समारोह में जाने की वजह से भगवान शंकर, सती से नाराज हो गये और दस हजार सालों तक कोयल बनकर भटकने का श्राप दे दिया। इसी वजह से पार्वती रूप में जन्म लेने से पहले पार्वती, कोयल का जन्म लेकर पूरे दस हजार सालों तक नंदन वन में भटकती रही थीं। श्राप से मुक्ति पाने के बाद पार्वती ने कोयल की श्रद्धा पूर्वक पूजा की। इस पूजा के प्रताप से भगवान शिव प्रसन्न हुए और पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया। कोकिला व्रत का महत्वकोकिला व्रत करने से विवाहित महिलाओं के पति को उन्नति और दीर्घायु का आशीर्वाद मिलता है। वहीं, अविवाहित लड़कियां अच्छे वर के लिए इस व्रत को करती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ये व्रत करने से ना सिर्फ जल्दी शादी होती है, बल्कि सुयोग्य वर की प्राप्ति भी होती है। अगर अधिक मास में कोकिला व्रत किया जाए तो यह है और भी ज्यादा फलदायी होता है। इस व्रत को करने से घर में वैभव और सुख की भी वृद्धि होती है। कोकिला व्रत: पूजन विधिअगर कोकिला व्रत करना चाहती हैं, तो सुबह गंगाजल डालकर पानी से स्नान करें और सूर्य देवता को अर्घ्य दें। एक चौकी पर नया कपड़ा बिछाकर भगवान शिव और पार्वती जी की प्रतिमा को स्थापित करें। फिर इनकी फल-फूल, मिष्टान्न आदि से इनकी विधिवत पूजा करें। दिनभर उपवास रखने के बाद शाम को आरती करके फलाहार करें। इस दिन स्नान करने के पश्चात सुगन्धित और खुशबूदार इत्र लगाना चाहिए। चांदी या लाख की बनी कोयल को पीपल के पेड़ में रखकर विधि-विधान से पूजा करें। बाद में ब्राह्मण या सास-ससुर को कोयल का दान करना चाहिए।

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हाथियों का तांडव

बालोद जिले में हाथियों का तांडव पिछले 3 वर्षों से लगातार जारी है अब ऐसा लगने लगा है कि हाथियों के लिए बालोद जिला पर्यटक स्थल है हर एक 2 महीने के अंदर हाथियों का दल बालोद के जंगलों में आने लगा है हाथियों की उपस्थिति को लेकर ग्रामीणों के बीच जबरदस्त भय का माहौल है लोग डरे हुए हैं घर से बाहर निकलना बंद कर दिए हैं वहीं वन विभाग ने भी हाथी प्रभावित क्षेत्र में ग्रामीणों को सुरक्षित रहने के लिए टिप्स दिए हैं और मुनादी करा रहे हैं