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Ex CM Birthday: Congress shows strength on Bhupesh Baghel's birthday...! Former minister Ravindra Choubey made a big statement about leadership... discussions are rife in the party... listen to the video here
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Ex CM Birthday : भूपेश बघेल के जन्मदिन पर कांग्रेस में शक्ति प्रदर्शन…! पूर्व मंत्री रविंद्र चौबे ने नेतृत्व को लेकर दिया बड़ा बयान…पार्टी में चर्चाओं का बाजार गर्म…यहां सुनिए Video

रायपुर, 25 अगस्त। Ex CM Birthday : छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के जन्मदिन के मौके पर रायपुर में भव्य शक्ति प्रदर्शन देखने को मिला। इस दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री रविंद्र चौबे ने एक राजनीतिक संकेत देते हुए कहा कि कांग्रेस का नेतृत्व फिर से भूपेश बघेल को सौंपा जाना चाहिए। रविंद्र चौबे का बड़ा बयान रविंद्र चौबे ने इसे लेकर बड़ा बयान दिया है, जिसमें उन्होंने कहा, जनता चाहती है कि भूपेश बघेल फिर से कांग्रेस का नेतृत्व करें। उन्होंने आगे कहा, आने वाले समय में अगर भाजपा सरकार का कोई मुकाबला कर सकता है, तो वह सिर्फ भूपेश बघेल ही हैं। उन्होंने आगे कहा, अगर छत्तीसगढ़ में किसानों की सरकार बनानी है, तो सिर्फ भूपेश बघेल ही ऐसा कर सकते हैं। उन्होंने कहा, “सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं को एकजुट होकर भूपेश बघेल के हाथ मजबूत करने होंगे। भूपेश बघेल के जन्मदिन पर इस तरह की सियासी टिप्पणी ने पार्टी के भीतर और बाहर नई चर्चाओं को जन्म दे दिया है। इसे आगामी विधानसभा चुनाव 2028 की राजनीतिक जमीन तैयार करने की कोशिश के रूप में भी देखा जा रहा है। शक्ति प्रदर्शन में जुटे कार्यकर्ता भूपेश बघेल के जन्मदिन पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बड़ी संख्या में एकजुट होकर समर्थन जताया। पार्टी कार्यालय और सार्वजनिक जगहों पर जश्न, स्वागत और पोस्टर-बैनर के ज़रिए शक्ति प्रदर्शन किया गया। बता दें कि, भूपेश बघेल, जो 2018 से 2023 तक छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रहे, अब भी पार्टी के सबसे प्रभावशाली चेहरों में से एक माने जाते हैं। क्या कांग्रेस की अगली चुनावी रणनीति फिर से बघेल को आगे रखकर तैयार की जाएगी? रविंद्र चौबे का बयान इसी ओर संकेत कर रहा है।

Suicide Threats : BREAKING...! Former CM's nephew's video goes viral on social media...suicide threat...watch the video here
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Suicide Threats : ब्रैकिंग…! Ex CM के भांजे वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल…आत्महत्या की धमकी…यहां देखें VIDEO

देहरादून, 23 अगस्त। Suicide Threats : उत्तराखंड की राजनीति और पुलिस व्यवस्था को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के भांजे विक्रम सिंह राणा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें उन्होंने 18 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए आत्महत्या की धमकी दी है। वीडियो में राणा ने देहरादून पुलिस पर गंभीर लापरवाही और पक्षपात के आरोप भी लगाए हैं। वीडियो में क्या बोले विक्रम सिंह राणा? वायरल वीडियो में खुद को विक्रम सिंह राणा बताने वाले युवक ने कहा, दिसंबर 2024 में मैंने देहरादून पुलिस को धोखाधड़ी की लिखित शिकायत दी थी, लेकिन आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। मैं मानसिक रूप से टूट चुका हूं। अगर मुझे कुछ हुआ तो इसका जिम्मेदार सिस्टम और पुलिस होगी। उन्होंने पुलिस पर आरोपियों को बचाने, जांच को टालने और न्याय न देने की बात भी कही। पुलिस प्रशासन हरकत में, दोबारा जांच के आदेश वीडियो के सोशल मीडिया पर तूल पकड़ते ही देहरादून पुलिस हरकत में आ गई। एसएसपी देहरादून ने एक प्रेस बयान जारी कर बताया, विक्रम सिंह राणा की शिकायत की जांच पहले सीओ मसूरी को सौंपी गई थी। प्रारंभिक जांच में मामला “सिविल प्रकृति” का पाया गया, इसलिए उन्हें न्यायालय में वाद दायर करने की सलाह दी गई थी। अब, मामले की पुनः जांच के आदेश दे दिए गए हैं। एसपी सिटी को नई जांच का जिम्मा सौंपा गया है, जो सभी पहलुओं की बारीकी से जांच करेंगे। मामले ने कानून-व्यवस्था, पुलिस की जवाबदेही (Suicide Threats) और आर्थिक धोखाधड़ी के मामलों में प्राथमिक जांच के स्वरूप को लेकर बहस छेड़ दी है। कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि, यदि मामला सिर्फ लेन-देन का है, तो यह सिविल कोर्ट के अंतर्गत आता है। लेकिन अगर धोखाधड़ी, जालसाजी, आपराधिक साजिश के तत्व स्पष्ट रूप से सामने आते हैं, तो पुलिस जांच और FIR दर्ज करना अनिवार्य हो जाता है।

MLA Janak Dhruv: MLA Janak Dhruv reached the village after crossing the river Pari in heavy rain...! Villagers gave him a historic welcome
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MLA Janak Dhruv : झमाझम बारिश में पैरी नदी पार कर गांव पहुंचे विधायक…! ग्रामीणों ने किया ऐतिहासिक स्वागत…यहां देखें VIDEO

गरियाबंद, 22 अगस्त। MLA Janak Dhruv : बिंद्रानवागढ़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक जनक ध्रुव ने एक बार फिर अपने जनसंपर्क के अनोखे अंदाज़ से लोगों का दिल जीत लिया। शुक्रवार को हो रही तेज बारिश और उफनती पैरी नदी भी उनके जनसेवा के जज़्बे को नहीं रोक सकी। उन्होंने न सिर्फ नदी को पैदल पार किया, बल्कि खुद मोटरसाइकिल चलाकर एक दर्जन से अधिक गांवों में लोगों से मुलाकात की। बिना किसी पूर्व सूचना के अचानक गांव पहुंचे विधायक को देख ग्रामीणों का चेहरा खिल उठा। बारिश के बावजूद लोगों ने आत्मीयता और गर्मजोशी से उनका गांव-गांव में ऐतिहासिक स्वागत किया। खेत-खलिहानों और स्कूलों का निरीक्षण विधायक जनक ध्रुव ने दौरे के दौरान गांव गौरघाट, देहारगुड़ा, आमागुड़ा, डोंगरीपारा, राजपुर, जाड़ापदर समेत कई अन्य ग्रामों में पहुंचकर ग्रामीणों के हालचाल लिए, खेतों में फसलों की स्थिति देखी और सरकारी संस्थानों का भी निरीक्षण किया। आईटीआई, स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण करते हुए उन्होंने बच्चों से पढ़ाई-लिखाई के सवाल पूछे और खुद भी उन्हें पढ़ाया। उन्होंने बच्चों से कहा कि वे खुद भी एक समय में खेल शिक्षक रह चुके हैं और शिक्षा के प्रति उनका विशेष लगाव है। सड़क निर्माण का आश्वासन पैरी नदी के बहाव को पार कर जब वे देहारगुड़ा से राजपुर और जाड़ापदर पहुंचे, तो वहां की दुर्गम सड़कें देख उन्होंने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि देहारगुड़ा से राजपुर-जाड़ापदर मार्ग का पक्की सड़क निर्माण पीएम जनमन योजना के तहत करवाया जाएगा। जनसेवा की मिसाल जनक ध्रुव की यह यात्रा केवल एक दौरा नहीं, बल्कि जनसेवा और जमीनी हकीकत से जुड़ाव का जीवंत उदाहरण थी। इस दौरान उनके साथ सरपंच, कांग्रेस कार्यकर्ता, ग्रामीण और पुलिस बल की सुरक्षा टीम भी मौजूद रही। ग्रामीणों ने कहा कि बारिश के इस मौसम में जब अधिकांश नेता शहरों में सीमित रहते हैं, ऐसे में विधायक ध्रुव का इस तरह गांव पहुंचना “जनप्रतिनिधि की सच्ची परिभाषा” को दर्शाता है।

BJP ki PC: BJP's press conference on Parliament session...! MP Santosh Pandey targeted the opposition... described the passing of 12 bills as historic... listen to the video here
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BJP ki PC : संसद सत्र पर भाजपा की प्रेस कांफ्रेंस…! सांसद संतोष पांडे ने विपक्ष पर साधा निशाना…12 बिलों के पारित होने को बताया ऐतिहासिक…यहां सुनिए VIDEO

रायपुर, 22 अगस्त। BJP ki PC : संसद के हाल ही में संपन्न मॉनसून सत्र को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें विपक्ष के विरोध-प्रदर्शनों और “वोट चोरी” जैसे आरोपों पर तीखा पलटवार किया गया। राजनांदगांव से सांसद संतोष पांडे ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि संसद सत्र के दौरान सरकार ने आम जनता से जुड़े अहम मुद्दों को मजबूती से उठाया और 14 में से 12 बिल सफलतापूर्वक पारित किए गए। इकोनॉमी को मिलेगा बल सांसद संतोष पांडे ने कहा, इस सत्र में पारित नया इनकम टैक्स एक्ट भारत की अर्थव्यवस्था को गति देने वाला है। आज देश में 9.19 करोड़ टैक्सपेयर्स हैं, जो अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। उन्होंने बताया कि इन बिलों में डिजिटल सेफ्टी, महिला सशक्तिकरण, वित्तीय सुधार और ऑनलाइन गेमिंग से जुड़े सामाजिक मुद्दे प्रमुख रहे। ऑनलाइन बेटिंग पर रोक को बताया समाज के लिए लाभकारी बीजेपी सांसद ने विशेष रूप से ऑनलाइन बेटिंग गेम्स पर लगाई गई रोक का उल्लेख करते हुए कहा कि, इससे समाज में सुचिता और अनुशासन आएगा। युवा पीढ़ी को जुए और लत से बचाने के लिए यह कदम ऐतिहासिक है। ‘SIR’ विवाद पर कांग्रेस को घेरा विपक्ष की संसद में भूमिका पर सवाल उठाते हुए संतोष पांडे ने कहा कि, सदन एक गरिमामयी स्थान है, जहां तर्क और मुद्दों के आधार पर संवाद होता है, लेकिन कांग्रेस और विपक्षी दलों ने केवल हंगामा और आरोप लगाए। ‘SIR’ शब्द को लेकर जो आचरण कांग्रेस ने दिखाया, वह संसद की गरिमा के खिलाफ था। उन्होंने इसे ‘दुर्भाग्यपूर्ण अनुशासनहीनता’ करार दिया। ‘वोट चोरी’ का आरोप विपक्ष की बौखलाहट प्रेस कॉन्फ्रेंस में संतोष पांडे ने विपक्ष के हालिया “वोट चोरी” जैसे आरोपों को “जनता को भ्रमित करने का प्रयास” बताया। उन्होंने कहा, जनता सब देख रही है। विपक्षी दल अपनी हार स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं, इसलिए ऐसे झूठ फैलाकर लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। सत्र को बताया सफल बीजेपी ने इस प्रेस वार्ता के ज़रिए यह संदेश देने की कोशिश (BJP ki PC) की कि संसद में सरकार पूरी गंभीरता से जनहित के मुद्दों पर काम कर रही है, जबकि विपक्ष केवल नारेबाज़ी और उकसावे की राजनीति में लगा हुआ है। संतोष पांडे ने अंत में कहा कि यह संसद सत्र विधायी प्रगति और सामाजिक सुधारों के लिए यादगार रहेगा।

Poster War: Who is the vote thief…? BJP's big attack…! Said- Rahul Gandhi and Lalu Yadav are both on bail, yet they are teaching democracy to the country… see here X
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Poster War : वोट चोर कौन…? बीजेपी का बड़ा हमला…! बोले- राहुल गांधी और लालू यादव दोनों जमानत पर हैं फिर भी देश को सिखा रहे लोकतंत्र…यहां देखें X

रायपुर, 22 अगस्त। Poster War : लोकसभा चुनावों के बाद से शुरू हुई ‘वोट चोरी’ की बहस अब और अधिक तीखी होती जा रही है। इसी क्रम में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एक पोस्टर जारी कर विपक्ष पर कड़ा हमला बोला है। पोस्टर में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव को निशाने पर लिया गया है। पोस्टर में लिखा- जमानत पर घूम रहे हैं और वोट चोरी पर ज्ञान दे रहे हैं  सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे इस पोस्टर में बीजेपी ने लिखा है, “राहुल गांधी और लालू यादव दोनों घोटाले करके जमानत पर हैं और देश भर को वोट चोरी का ज्ञान देते हुए घूम रहे हैं।” पोस्टर में दोनों नेताओं की तस्वीरें भी दिखाई गई हैं। बीजेपी का यह पोस्टर न केवल राजनीतिक हमला है बल्कि आगामी उपचुनावों और विपक्षी गठबंधन की एकजुटता पर भी एक सीधा सवाल खड़ा करता है। ‘वोट चोरी’ को लेकर विपक्ष के बयानों पर पलटवार यह पोस्टर उस समय आया है जब राहुल गांधी हाल के दिनों में लगातार चुनावी धांधली और EVM की विश्वसनीयता को लेकर सवाल उठा रहे हैं। वहीं, लालू यादव ने भी हाल ही में एक रैली में कहा था कि “वोट हम डालते हैं, जीत कोई और जाता है।” बीजेपी ने इसे जनादेश का अपमान बताया है और कहा है कि जिन नेताओं पर खुद घोटालों के गंभीर आरोप हैं, वे लोकतंत्र की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। दोनों नेता जमानत पर क्यों? राहुल गांधी वर्ष 2023 में ‘मोदी सरनेम’ मानहानि मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद उन्हें लोकसभा सदस्यता गंवानी पड़ी थी, हालांकि बाद में उच्च न्यायालय से राहत मिली और सदस्यता बहाल हुई। मामला अभी भी न्यायिक प्रक्रिया में है। लालू यादव चारा घोटाले से जुड़े कई मामलों में दोष सिद्ध होने के बाद लालू यादव जेल की सजा काट चुके हैं। वर्तमान में स्वास्थ्य कारणों से जमानत पर बाहर हैं। राजनीतिक रणनीति या जनभावना की जंग राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो बीजेपी का यह पोस्टर आगामी राज्यों में होने वाले उपचुनावों और विपक्षी एकजुटता की धार को कुंद करने की रणनीति का हिस्सा हो सकता है। विपक्ष लगातार केंद्र सरकार पर संस्थाओं के दुरुपयोग और लोकतांत्रिक संस्थाओं के कमजोर होने के आरोप लगाता रहा है, जबकि बीजेपी इसे ‘झूठ का नैरेटिव’ बताकर खारिज करती रही है।  ‘वोट चोर’ बहस से और गर्माएगी चुनावी राजनीति विपक्ष के आरोपों और सत्ता पक्ष के पलटवार के बीच आने वाले दिन राजनीतिक रूप से और अधिक गर्म होने वाले हैं। जहां एक ओर लोकतंत्र की प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर नेताओं की नैतिक वैधता पर बहस छिड़ गई है। देखना होगा कि जनता किस नैरेटिव पर भरोसा जताती है।

Vice President Election: Vice President Election... Interesting contest between South vs South...! BJP's trusted face or former Supreme Court judge...? See here what the statistics from 1952 till now say...? List
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Vice President Election : उपराष्ट्रपति चुनाव…दक्षिण बनाम दक्षिण की दिलचस्प टक्कर…! BJP का भरोसेमंद चेहरा या सुप्रीम कोर्ट का पूर्व न्यायाधीश…? यहां देखें 1952 से अब तक के आंकड़े क्या कहते हैं…?

नई दिल्ली, 22 अगस्त। Vice President Election : देश के दूसरे सबसे बड़े संवैधानिक पद ‘उपराष्ट्रपति‘ के लिए इस बार मुकाबला न केवल राजनीतिक, बल्कि भूगोलिक रूप से भी दिलचस्प बन गया है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेतृत्व वाले एनडीए ने महाराष्ट्र के राज्यपाल और वरिष्ठ नेता सी. पी. राधाकृष्णन को अपना उम्मीदवार बनाया है, वहीं विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी को मैदान में उतारकर मुकाबले को रोमांचक बना दिया है। दोनों ही प्रत्याशी दक्षिण भारत से हैं, राधाकृष्णन तमिलनाडु से जबकि रेड्डी आंध्र प्रदेश से आते हैं। ऐसे में यह मुकाबला अब “दक्षिण बनाम दक्षिण” के रूप में देखा जा रहा है। 9 सितंबर को होगा मतदान और उसी दिन नतीजे पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के 21 जुलाई को इस्तीफा देने के बाद चुनाव आयोग ने उपराष्ट्रपति पद के लिए 9 सितंबर को मतदान की घोषणा की है। इसी दिन वोटों की गिनती भी की जाएगी। किसके पास है बहुमत का आंकड़ा? उपराष्ट्रपति चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के कुल 782 सांसद मतदान के पात्र होते हैं। जीत के लिए किसी भी उम्मीदवार को कम से कम 392 वोटों की आवश्यकता होगी। इतिहास कहता है पिछले उपराष्ट्रपति चुनावों पर नजर डालें तो यह स्पष्ट है कि जिस पार्टी की सरकार केंद्र में रही है, उसी के उम्मीदवार ने भारी अंतर से जीत दर्ज की है। 2022 में जगदीप धनखड़ ने विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को 74.37% वोटों के साथ हराया था — यह पिछले तीन दशकों की सबसे बड़ी जीत और विपक्ष की सबसे बड़ी हार थी। उपराष्ट्रपति चुनावों की कुछ ऐतिहासिक आंकड़े वर्ष विजेता विपक्षी उम्मीदवार वोट प्रतिशत विशेष जानकारी 1952 सर्वपल्ली राधाकृष्णन निर्विरोध – पहले उपराष्ट्रपति 1997 कृष्णकांत सुरजीत बरनाला 61.76% जनता दल प्रत्याशी 2012 हामिद अंसारी जसवंत सिंह 67.31% लगातार दूसरी बार जीते 2017 वेंकैया नायडू गोपालकृष्ण गांधी 67.89% एनडीए की जीत 2022 जगदीप धनखड़ मार्गरेट अल्वा 74.37% अब तक की सबसे बड़ी जीत अब तक 4 उपराष्ट्रपति निर्विरोध चुने गए हैं, सर्वपल्ली राधाकृष्णन (1952, 1957), गोपाल स्वरूप पाठक (1969), मोहम्मद हिदायतुल्लाह (1979) और शंकर दयाल शर्मा (1987)। चुनावी विश्लेषण कहता है राजनीतिक जानकारों की मानें तो इस बार का उपराष्ट्रपति चुनाव भी पूर्ववत पैटर्न को दोहराता दिख रहा है। सत्ता पक्ष की संख्या बल के चलते विपक्ष के पास जीत की संभावना सीमित है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज को उम्मीदवार बनाकर विपक्ष ने एक मजबूत नैतिक संदेश देने की कोशिश की है। निर्णायक बढ़त में एनडीए हालांकि जीत की रेखा एनडीए के पक्ष में स्पष्ट नजर आ रही है, फिर भी विपक्ष द्वारा एक प्रतिष्ठित चेहरा उतारने से यह मुकाबला सिर्फ संख्या नहीं, बल्कि प्रतिष्ठा और विचारधारा का टकराव भी बन गया है। अब 9 सितंबर का इंतजार है, जब यह तय होगा कि देश को अगला उपराष्ट्रपति (Vice President Election) कौन मिलेगा, एक अनुभवी राजनेता या पूर्व न्यायाधीश?

Governor and Speaker: Breaking news...! Raman Singh is the Governor of Maharashtra... Amar Agarwal is the Speaker...? Signs of a decision after meeting PM Modi in Delhi
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Governor and Speaker : ब्रेकिंग न्यूज…! रमन सिंह महाराष्ट्र के राज्यपाल…अमर अग्रवाल स्पीकर…? दिल्ली में PM मोदी से मुलाकात के बाद फैसले के संकेत

रायपुर, 20 अगस्त। Governor and Speaker : छत्तीसगढ़ के दिग्गज भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को महाराष्ट्र का अगला राज्यपाल बनाया जा सकता है। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, रमन सिंह पिछले दो दिनों से दिल्ली में थे और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इसी मुलाकात के बाद से यह लगभग तय माना जा रहा है कि उन्हें जल्द ही महाराष्ट्र का राज्यपाल नियुक्त किया जाएगा। हालांकि, आधिकारिक घोषणा अभी तक नहीं हुई है। अमर अग्रवाल हो सकते हैं नए स्पीकर रमन सिंह फिलहाल छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष हैं। उनके राज्यपाल बनने की संभावना के बीच यह भी खबर है कि उनकी जगह अमर अग्रवाल को विधानसभा अध्यक्ष बनाया जा सकता है। अमर अग्रवाल छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक वरिष्ठ चेहरा रहे हैं और पूर्व मंत्री भी रह चुके हैं। छत्तीसगढ़ मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल आज पौने दो साल बाद मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार ने बड़ा कैबिनेट विस्तार किया है। तीन नए चेहरे कैबिनेट में शामिल किए गए हैं। इसे पार्टी के संगठनात्मक संतुलन और 2028 की तैयारियों के तौर पर देखा जा रहा है। रमन सिंह का राजनीतिक सफर डॉ. रमन सिंह का राजनीतिक करियर कवर्धा नगर पालिका के पार्षद (Governor and Speaker) से शुरू हुआ था। वे सांसद, केंद्रीय मंत्री और फिर 2003 से 2018 तक छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रहे। 2023 में वे फिर से विधायक चुने गए और विधानसभा अध्यक्ष बने। अगर उन्हें महाराष्ट्र का राज्यपाल नियुक्त किया जाता है, तो यह उनके राजनीतिक करियर का एक और बड़ा मुकाम होगा।

Lok Sabha: Uproar in the House...! Bill copy torn... Papers thrown at Amit Shah... Fierce debate on 3 important bills... See here
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Lok Sabha : सदन में हंगामा…! बिल की कॉपी फाड़ी… अमित शाह पर कागज फेंके…3 महत्वपूर्ण विधेयकों पर तीखी बहस…यहां देखें

नई दिल्ली, 20 अगस्त। Lok Sabha : लोकसभा में आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तीन महत्वपूर्ण विधेयकों को पेश किया, जिनमें गंभीर आपराधिक मामलों में लगातार 30 दिन जेल में रहने पर किसी संवैधानिक पदाधिकारी को पद से हटाने का प्रावधान शामिल है। इन विधेयकों के पेश होते ही सदन में भारी हंगामा और नारेबाजी देखने को मिली। विधेयकों की मुख्य बातें सदन में हंगामा बिल पेश होते ही विपक्ष ने कड़ा विरोध जताया। टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने वेल में आकर नारेबाजी शुरू की। कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने बिल की कॉपी फाड़कर गृह मंत्री की ओर फेंक दी। सपा सांसद धर्मेंद्र यादव और पार्टी के अन्य सांसद भी वेल में पहुंचे और नारेबाजी की। विपक्षी सांसदों ने अमित शाह का माइक मोड़ने की भी कोशिश की। स्थिति बिगड़ने पर लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। सत्ता पक्ष का बचाव में उतरना गृह मंत्री को विरोध से घिरा देख कई भाजपा सांसद, रवनीत बिट्टू, किरेन रिजिजू, कमलेश पासवान, सतीश गौतम आदि –वेल में आकर अमित शाह के चारों ओर घेरा बना लिया और विपक्षी सांसदों को रोकने की कोशिश की। अमित शाह का जवाब- हम इतने बेशर्म नहीं हैं गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष के व्यवहार की कड़ी आलोचना करते हुए कहा, मैं जब एक झूठे मामले में जेल गया था, तब नैतिकता के आधार पर अपने पद से इस्तीफा दिया था। अदालत से क्लीन चिट मिलने तक मैंने कोई पद स्वीकार नहीं किया। हम इतने बेशर्म नहीं कि आरोप लगें और पद पर बने रहें। विपक्ष हमें नैतिकता का पाठ न पढ़ाए। राजनीति में शुचिता और नैतिकता जरूरी है, इसलिए यह विधेयक लाया गया है। जेपीसी को भेजे गए विधेयक अमित शाह ने तीनों विधेयकों को 21 सदस्यीय संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को भेजने का प्रस्ताव रखा, जिसे ध्वनिमत से पारित किया गया। स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा, कुछ विधेयक राजनीति में शुचिता और मर्यादा के लिए लाए जाते हैं। विपक्ष को भी इस भावना का सम्मान करना चाहिए। विपक्षी दलों ने इन विधेयकों को राजनीतिक हथकंडा बताया, जबकि सरकार ने इसे राजनीति में नैतिकता की पुनर्स्थापना की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम करार दिया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जेपीसी में होने वाली चर्चाओं के बाद ये विधेयक क्या रूप लेते हैं और विपक्ष की रणनीति क्या होगी।

Political War: Political battle intensifies with cabinet expansion...! Congress taunts... 4 BJP stalwarts were merged to make a satirical video, watch it here
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Political War : मंत्रिमंडल विस्तार के साथ सियासी संग्राम तेज…! कांग्रेस का तंज…4 BJP दिग्गजों को मर्च कर बनाया व्यंग्यात्मक VIDEO यहां देखें

रायपुर, 20 अगस्त। Political War : छत्तीसगढ़ में आज चिर प्रतीक्षित मंत्रिमंडल विस्तार संपन्न हुआ। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में तीन नए मंत्रियों ने शपथ ली। गजेंद्र यादव (दुर्ग संभाग), गुरु खुशवंत साहब (रायपुर संभाग) और राजेश अग्रवाल (सरगुजा संभाग) को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। कुछ ही समय में विभागों का भी बंटवारा किया जाना है। लेकिन इस राजनीतिक घटनाक्रम के साथ ही अब सियासी बयानबाजी और व्यंग्य की जंग भी तेज हो गई है। कांग्रेस ने मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर भाजपा पर सीधा हमला बोला है। कांग्रेस का VIDEO हमला- “छन से टूटे कोई सपना” मंत्रिमंडल विस्तार के बाद कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर एक विडंबनात्मक वीडियो जारी किया, जिसमें पुराने वरिष्ठ भाजपा नेताओं जिसमें अमर अग्रवाल, धरमलाल कौशिक, राजेश मूणत और अजय चंद्राकर जैसे चेहरों की तस्वीरें एक भावनात्मक गाने “छन से टूटे कोई सपना” के साथ जोड़कर दिखाई गईं। “प्रदेश भाजपा को मिला नया मार्गदर्शक मंडल…बधाई” इस पोस्ट के ज़रिए कांग्रेस ने भाजपा पर अपने वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी का आरोप लगाया और इसे संगठनात्मक दरकिनार करने की रणनीति बताया। भाजपा की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं भाजपा की ओर से अभी तक इस वीडियो (Political War) या टिप्पणी पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन अंदरूनी सूत्रों का मानना है कि पार्टी ने नई पीढ़ी और क्षेत्रीय संतुलन को प्राथमिकता देने की रणनीति के तहत ये फैसले लिए हैं।

Government Cabinet: After the oath taking of three new ministers, Chief Minister Vishnudev Sai spoke... Listen to the video here
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Government Cabinet : तीन नए मंत्रियों की शपथ के बाद बोले मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय…यहां सुनिए VIDEO

रायपुर, 20 अगस्त। Government Cabinet : छत्तीसगढ़ में आज हुए मंत्रिमंडल विस्तार के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राज्य की विकास यात्रा को लेकर बड़ा बयान दिया है। तीन नए मंत्रियों की शपथ के साथ सरकार का मंत्रिमंडल अब पूर्ण रूप में सामने आया है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अब छत्तीसगढ़ सरकार का मंत्रिमंडलीय परिवार पूरा हो चुका है, और राज्य ध्रुव गति से प्रगति के मार्ग पर अग्रसर होगा। विदेश यात्रा को लेकर बोले CM मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अपनी आगामी विदेश यात्रा पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि वे राज्य में निवेश लाने के उद्देश्य से विदेश जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम निवेशकों को छत्तीसगढ़ में आमंत्रित करने के लिए विदेश जा रहे हैं। इससे प्रदेश में उद्योग आएंगे और हमारे बेटा-बेटियों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। मुख्यमंत्री का यह बयान उनके ‘विकास और रोजगार केंद्रित विजन’ को रेखांकित करता है। राज्य सरकार का फोकस अब सिर्फ योजनाओं के क्रियान्वयन तक सीमित नहीं, बल्कि बड़ी औद्योगिक परियोजनाओं और ग्लोबल निवेशकों को आकर्षित करने पर भी है। आज कैबिनेट विस्तार आज तीन नए मंत्री – गजेंद्र यादव, गुरु खुशवंत साहब और राजेश अग्रवाल ने मंत्री पद की शपथ ली। इस विस्तार से मंत्रिमंडल को क्षेत्रीय संतुलन मिला है और अब यह पूर्ण रूप में कार्य करने को तैयार है। मंत्रिमंडल विस्तार (Government Cabinet) के बाद मुख्यमंत्री का यह बयान स्पष्ट संकेत देता है कि छत्तीसगढ़ सरकार अब नई ऊर्जा और दिशा के साथ काम करेगी। विदेश प्रवास का उद्देश्य भी सरकार के रोजगार और निवेश केंद्रित दृष्टिकोण को दर्शाता है। अब देखने वाली बात होगी कि इन्वेस्टर मीट और वैश्विक साझेदारियों से राज्य में किस स्तर का आर्थिक परिवर्तन आता है।