रायपुर, 16 अगस्त। Praveen Somani : साल 2020 में हुए कारोबारी प्रवीण सोमानी के अपहरण में शामिल 12 आरोपियों को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। 8 जनवरी 2020 को प्रवीण सोमानी का अपहरण राजधानी से हुआ था। अपहरण के बाद से ही राजधानी पुलिस लगातार अपहरणकर्ताओं की तलाश कर रही थी। घटना के 13 दिनों बाद कारोबारी को सकुशल रिहा कराने में पुलिस को कामयाबी हासिल हुई थी। इस चर्चित अपहरणकांड में शामिल डॉक्टर सहित 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था।
जानिए सोमानी अपहरणकांड
8 जनवरी 2020 में व्यवसायी प्रवीण सोमानी का अपहरण सिलतरा इलाके से हुआ था। सिलतरा स्थित अपनी फैक्ट्री से घर के लिए निकले थे। इसी दौरान अपराधियों ने उनका अपहरण कर लिया था। इस अपहरण कांड में चंदन सोनार गैंग का नाम सामने आया था। ये गिरोह मूलतः बिहार से है, और देश के कई बड़े व्यापारियों के अपहरण कांड में इनकी भूमिका भी रही है।
व्यवसायी के अपहरण की घटना के बाद से ही 2020 में डीजीपी रहे डीएम अवस्थी के निर्देश पर SSP आरिफ शेख के नेतृत्व में 60 पुलिस अधिकारी और कर्मचारियों की एक विशेष टीम तैयार की गयी थी। घटना के बाद से ही पुलिस व्यवसायी की खोज करते हुये उत्तरप्रदेश, बिहार, गुजरात सहित पांच राज्यों में छापेमारी की गई थी। इस छापेमारी से घबराकर अपहरणकर्ता व्यवसायी प्रवीण सोमानी को उत्तरप्रदेश के फैजाबाद में छोड़कर फरार हो गये थे।
रायपुर पुलिस ने इस मामले में गैंग के सदस्य अनिल चौधरी, मुन्ना कालिया और प्रदीप बाबू सहित 1 दर्जन शातिर आरोपियों को यूपी, बिहार और ओडिशा से गिरफ्तार किया था। पूछताछ में आरोपियों ने अपहरणकांड में मुख्य आरोपी पप्पू चौधरी को होना बताया था। पप्पू चौधरी मुंबई के व्यापारी के अपहरण मामले में गुजरात (Praveen Somani) की जेल में बंद है।