खैरागढ़, 20 अप्रैल। Raja Devvrat Singh : खैरागढ़ राज परिवार का विवाद राजा देवव्रत सिंह के निधन के बाद से ही शुरू हो गया था, लेकिन लोकसभा चुनाव के दौरान इस विवाद ने नया रूप ले लिया है। दिवंगत देवव्रत सिंह की दूसरी पत्नी विभा सिंह ने उनकी पहली पत्नी पद्मा सिंह के कांग्रेस के लिए प्रचार करने पर आपत्ति जताई है। साथ ही उन्होंने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाते हुए मतदाताओं से बीजेपी को वोट देने की अपील की है।
रानी विभा सिंह ने जारी किया वीडियो
पूरे मामले पर रानी विभा सिंह ने वीडियो जारी किया। जिसमें उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी भूपेश बघेल और पदमा सिंह पर कई गंभीर आरोप लगाते सुने गए। रानी विभा ने पद्मा सिंह को स्व. राजा देवव्रत सिंह की पत्नी बताने पर आपत्ति जताया। उन्होंने वीडियो के जरिए भूपेश बघेल और पदमा सिंह को टारगेट करते हुए बोले कि, ये लोग लगातार उनके पति दिवंगत देवव्रत सिंह के नाम का उपयोग करके खैरागढ़ और राजनांदगांव की जनता को धोखा दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि, जिस पद्मा सिंह ने पहले ग्यारह करोड़ रुपए के लिए राजा देवव्रत सिंह को छोड़ा, फिर राजनांदगांव, खैरागढ़ को छोड़ा, बच्चों को छोड़ा और पैसे लेकर किसी और के साथ शादी कर घर बसा लिया। उस पदमा सिंह को भूपेश बघेल बार-बार क्षेत्र में घुमा-घुमा कर उसको देवव्रत सिंह की पत्नी बता रहे हैं। इससे राजा साहब की मृत आत्मा और मुझे हर्ट कर के वोट कलेक्ट कर रहे हैं। ये वहीं भूपेश बघेल हैं, जिन्होंने राजा देवव्रत सिंह को दुखी कर के कांग्रेस पार्टी से बाहर किया था, उनको पार्टी में खून के आंसू रुलाए गए।
उन्होंने अपनी ज़िंदगी की आख़िरी सांसें दूसरी पार्टी में ली। आख़िरी समय में वो कांग्रेस पार्टी में नहीं थे, फिर भी उनके नाम को भुनाया जा रहा है। बहरुपिया औरत पद्मा सिंह को उनकी वर्तमान पत्नी बता कर राजनांदगांव लोकसभा में प्रचार कर रहे हैं। उनके इस कृत्य से मुझे बहुत दुःख हुआ है। मैं अपने सभी क्षेत्रवासियों से अपील करती हूं कि इनके फैलाए भ्रम में ना आये और भ्रमित करने वालों की जगह बीजेपी को वोट करें।
दोनों पत्नियों के बीच चल रही है लड़ाई
बता दें कि खैरागढ़ के पूर्व विधायक राजा देवव्रत सिंह के निधन के बाद से उनकी पहली पत्नी पद्मा सिंह और दूसरी पत्नी विभा सिंह के बीच संपत्ति को लेकर विवाद चलता आ रहा है। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता होने के साथ राजनांदगांव से सांसद रहे देवव्रत सिंह और उनकी पहली पत्नी पद्मा सिंह के बीच सितंबर 2016 में तलाक हो गया था। दोनों ने आपसी समझौते के तहत तलाक लिया था, पत्नी से अलग होने के लिए देवव्रत को लगभग 11 करोड़ रुपए चुकाने पड़े थे।
तलाक के बाद देवव्रत सिंह ने विभा सिंह से विवाह कर लिया था, उसके बाद नवंबर 2021 में उनका हार्ट अटैक से निधन हो गया था। जिस समय देवव्रत सिंह का निधन हुआ, तब उनकी पत्नी विभा सिंह थीं, जबकि पूर्व पत्नी पद्मा सिंह से उन्होंने दिसंबर 2016 में तलाक ले लिया था। उस समय कोर्ट ने बेटी शताक्षी सिंह को पिता देवव्रत सिंह और बेटे आर्यव्रत सिंह को मां के साथ रहने के आदेश दिए थे।
देवव्रत के निधन के बाद अचानक संपत्ति विवाद सामने आया। इसे देखते हुए विभा सिंह ने प्रशासन से सील करने अपील की थी। जहां पर पहले उदयपुर पैलेस फिर खैरागढ़ स्थित कमल विलास पैलेस दोनों को सील कर दिया था। मामला अभी तक न्यायालय में लंबित है। अब ताज़ा मामला राजनांदगांव लोकसभा चुनाव से जुड़ा हुआ है, जहां कांग्रेस प्रत्याशी भूपेश बघेल के प्रचार में पद्मा सिंह खैरागढ़ क्षेत्र का लगातार दौरा करती दिखाई दे रही हैं।