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गरियाबंद।Sawan 2023: सावन के पूरे महीने में लोग धूमधाम से भगवान शिव को पूजते हैं। देशभर में 12 ज्योतिर्लिंग हैं, जिनके प्रति भगवान शिव के श्रद्धालुओं की गहरी आस्था है। छत्तीसगढ़ में एक ऐसा शिवलिंग हैं जिसकी मान्यता ज्योतिर्लिंग की ही तरह ही है। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में मौजूद भूतेश्वर महादेव एक अर्धनारीश्वर प्राकृतिक शिवलिंग है, जो राजधानी रायपुर से 90 किमी दूर गरियाबंद के घने जंगलों में बसा है। यहां दूर-दूर से महादेव के भक्त उनकी अराधना करने पहुंचते हैं। इस प्राकृतिक शिवलिंग की खासियत ये है कि इसका आकार प्रतिवर्ष बढ़ रहा है।

भूतेश्वर नाथ महादेव का इतिहास
भूतेश्वर महादेव शिवलिंग स्वयं-भू शिवलिंग है, क्योंकि इस शिवलिंग की उत्पत्ति व स्थापना के विषय में आज तक कोई सटीक तर्क नहीं मील सका है। परंतु जानकारों व पूर्वजों के अनुसार कहा जाता हैं, कि इस मंदिर की खोज लगभग 30 वर्ष पहले हुई थी। जब यहां चारों तरफ घने जंगल थे। इन घने जंगलों के बीच मौजूद एक छोटे से टीले से, आसपास के गांव वालों को किसी बैल के हुँकारने की आवाज़ सुने देती थी। परंतु जब ग्रामीण वासियों द्वारा जाकर देखा गया तो वहां न कोई बैल था और न कोई अन्य जानवर। ऐसी स्थिति को देख धीरे-धीरे ग्रामीण वासियों की आस्था उस टीले के प्रति बढ़ती गयी और उन्होंने उसे शिव का स्वरूप मानकर पूजा अर्चना आरंभ कर दिया। तभी से वह छोटा सा शिवलिंग बढ़ते बढ़ते विशालकाय शिवलिंग का रूप ले चुका है। अब इसे भक्तों की आस्था कहे या भगवान का चमत्कार, तब से लेकर अब तक शिवलिंग का बढ़ना जारी है।

हर वर्ष बढ़ रही है शिवलिंग
इस शिवलिंग कि खासियत कि बात करे तो यह हर वर्ष निरंतर बढ़ रही है जो अब काफी विशाल काय हो गई है, जो अपने आप में यह सिद्ध करता है कि भोले बाबा स्वयं लिंग रूप में इस पावन धरा पर विराजमान है। इस कारण यह करोड़ों भक्तों की आस्था का केंद्र बना है। शिवलिंग की यह खासियत भक्तों के लिए तो चमत्कार है, लेकिन वैज्ञानिकों के लिए शोध का विषय है। इस प्राकृतिक शिवलिंग की ऊचांई लगभग 19 फ़ीट व चौडाई ( गोलाई ) 20 फ़ीट है। सरकारी विभाग द्वारा प्रतिवर्ष इस शिवलिंग की जाँच की जाती हैं। उनके अनुसार शिवलिंग प्रतिवर्ष 6 से 7 इंच तक बढ़ रही हैं।

सबसे विशाल व प्राकृतिक शिवलिंग
पूरे विश्व में यदि कोई सबसे बड़ा शिवलिंग है तो वह भारत के छत्तीसगढ़ राज्य के गरियाबंद जिले के मरौद ग्राम के भूतेश्वर नाथ शिव लिंग है। यह विश्व का सबसे विशाल व प्राकृतिक शिवलिंग के रूप में जाना जाता है। यह जमीन से लगभाग 19 फिट उचा और 20 फिट गोलाकार में है। शिवलिंग के समीप के प्राकृतिक जलहरी भी है।

मंदिर का भूगोल (बनावट)
भूतेश्वर नाथ महादेव के पीछे भगवान शिव की प्रतिमा स्थित है, जिसमें भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान गणेश, भगवान कार्तिक, नंदी जी के साथ विराजमान है। इस शिवलिंग मे हल्की सी दरार भी है, इसलिए इसे अर्धनारीश्वर के रूप मे पूजा जाता हैं। बाबा के समीप एक गुफा है जिसमें तपस्वी साधू कि चित्र अंकित किया गया है। यहाँ पर कभी कोई साधू ने भोले बाबा के लिए ताप किया था। मंदिर के समीप कई अन्य मंदिर बनी हुई है, जो उस स्थान को चार चाँद लगा देता है।

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