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Join Shiv Sena: Big breaking...Former Union Minister joins 'Shiv Sena'...! CM Shinde presented 'Saffron Flag'...Listen to what Milind Deora said VIDEO
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Join Shiv Sena : बिग ब्रेकिंग…पूर्व केंद्रीय मंत्री ‘शिवसेना’ में शामिल…! CM शिंदे ने भेंट किया ‘भगवा झंड़ा’…सुनिए क्या कहा मिलिंद देवड़ा VIDEO

नई दिल्ली, 14 जनवरी। Join Shiv Sena : पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा रविवार को शिवसेना (शिंदे गुट) में शामिल हो गए हैं। वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हुए हैं। इस दौरान शिंदे ने उन्हें भगवा झंड़ा भी भेंट किया। देवड़ा ने इससे पहले कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। भारत जोड़ो न्याय यात्रा शुरू होने से ठीक पहले मिलिंद देवड़ा के पार्टी छोड़ने की घोषणा करने की टाइमिंग पर कांग्रेस ने सवाल उठा रही है। कांग्रेस ने रविवार को आरोप लगाया कि मिलिंद के पार्टी छोड़ने की घोषणा का समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा निर्धारित किया गया था। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने बताया कि देवड़ा ने इस शुक्रवार को उनसे फोन पर बात की थी और कहा कि वह मुंबई साउथ लोकसभा सीट पर उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के दावे पर राहुल गांधी से बात करना चाहते हैं। मिलिंद देवड़ा और उनके पिता मुरली देवड़ा दोनों मुंबई साउथ से सांसद रह चुके हैं।  मिलिंद ने आज ही किया था ऐलान  मिलिंद देवड़ा ने आज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ के जरिए कांग्रेस छोड़ने (Join Shiv Sena) की जानकारी दी थी। देवड़ा ने कहा कि मेरी राजनीतिक यात्रा के महत्वपूर्ण अध्याय का समापन हो गया है। मैंने कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।उन्होंने लिखा, “पार्टी के साथ मेरे परिवार का 55 साल पुराना रिश्ता खत्म हुआ। मैं वर्षों से उनके अटूट समर्थन के लिए सभी नेताओं, साथियों और कार्यकर्ताओं का आभारी हूं।”  

Milind Deora: Big blow to Congress...! Former Union Minister resigns after writing 'My family's 55 year old relationship with the party has ended'
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Milind Deora : कांग्रेस को बड़ा झटका…! ‘पार्टी के साथ मेरे परिवार का 55 साल पुराना रिश्ता खत्म हुआ’…X पर ये लिखकर पूर्व केंद्रीय मंत्री ने दिया इस्तीफा

नई दिल्ली, 14 जनवरी। Milind Deora : पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने मिलिंद देवड़ा के साथ हुई अपनी बातचीत का पूरा वाकया बताया है। भारत जोड़ो न्याय यात्रा शुरू होने से ठीक पहले मिलिंद देवड़ा के पार्टी छोड़ने की घोषणा करने की टाइमिंग पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं।  कांग्रेस ने रविवार को आरोप लगाया कि मिलिंद के पार्टी छोड़ने की घोषणा का समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा निर्धारित किया गया था। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने बताया कि देवड़ा ने इस शुक्रवार को उनसे फोन पर बात की थी और कहा कि वह मुंबई साउथ लोकसभा सीट पर उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के दावे पर राहुल गांधी से बात करना चाहते हैं। मिलिंद देवड़ा और उनके पिता मुरली देवड़ा दोनों मुंबई साउथ से सांसद रह चुके हैं। जयराम रमेश ने पूरा वाकया बताते हुए कहा कि उन्होंने मुझे शुक्रवार सुबह 8:52 बजे मैसेज किया और फिर दोपहर 2:47 बजे मैंने जवाब दिया। मैंने उनसे पूछा कि क्या आप स्विच करने की योजना बना रहे हैं? उसके बाद 2.48 बजे उन्होंने एक मैसेज किया कि क्या आपसे बात करना संभव नहीं है? मैंने उनसे कहा कि मैं आपको कॉल करूंगा और फिर मैंने 3.40 बजे उनसे बात की। कांग्रेस महासचिव ने कहा, “देवड़ा ने कहा कि उन्हें चिंता है कि यह मौजूदा शिवसेना की सीट है, वह राहुल गांधी से मिलना चाहते थे और उन्हें सीट के बारे में बताना चाहते थे और यह भी चाहते थे कि मैं राहुल गांधी से इस बारे में बात करूं।”    जयराम ने आरोप लगाया कि जाहिर तौर पर यह सब एक तमाशा था और उन्होंने जाने का मन बना लिया था और उनके पार्टी छोड़ने की घोषणा करने का समय स्पष्ट रूप से प्रधानमंत्री द्वारा निर्धारित किया गया था।  इससे पहले जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर मिलिंद देवड़ा का नाम लिए बगैर उनके पिता को याद किया था।उन्होंने कहा, “मुझे मुरली देवड़ा के साथ अपना वर्षों तक रहा लंबा जुड़ाव याद आ रहा है। सभी राजनीतिक दलों में उनके करीबी दोस्त थे, लेकिन वह एक कट्टर कांग्रेसी थे, जो हर मुश्किल परिस्थिति में हमेशा कांग्रेस पार्टी के साथ खड़े रहे. तथास्तु!”  मिलिंद ने आज ही किया था ऐलान  मिलिंद देवड़ा ने आज सोशल मीडिया (Milind Deora) प्लेटफॉर्म ‘X’ के जरिए कांग्रेस छोड़ने की जानकारी दी थी। देवड़ा ने कहा कि मेरी राजनीतिक यात्रा के महत्वपूर्ण अध्याय का समापन हो गया है। मैंने कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।उन्होंने लिखा, “पार्टी के साथ मेरे परिवार का 55 साल पुराना रिश्ता खत्म हुआ। मैं वर्षों से उनके अटूट समर्थन के लिए सभी नेताओं, साथियों और कार्यकर्ताओं का आभारी हूं।”  

Aam Aadmi Party: Everything is possible...! 'AAP' won 3 seats without any contest... Sanjay Singh became MP again after being in jail... Why was there no contest...? Video
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Aam Aadmi Party : सब कुछ संभव…! ‘AAP’ ने बिना मुकाबले ही जीतीं 3 सीटें…जेल में रहकर दोबारा MP बने संजय सिंह…क्यों नहीं हुआ मुकाबला…? VIDEO

लखनऊ, 12 जनवरी। Aam Aadmi Party : आम आदमी पार्टी के तीन राज्यसभा उम्मीदवारों को निर्विरोध जीत मिल गई है। कथित शराब घोटाले में जेल में बंद संजय सिंह लगातार दूसरी बार राज्यसभा सांसद बने हैं तो दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष स्वाति मालीवाल पहली बार उच्च सदन की सदस्य बनी हैं। आम आदमी पार्टी ने एनडी तिवारी को भी दूसरी बार राज्यसभा भेजा है। उधर, लखनऊ में आम आदमी पार्टी कार्यालय में जश्न का माहौल है। दिल्ली में राज्यसभा का चुनाव 19 जनवरी को प्रस्तावित था। लेकिन नतीजा पहले ही घोषित हो गया है, क्योंकि तीनों सीटों के लिए एक-एक उम्मीदवार ने ही नामांकन कराया था। नामांकन वापस लेने की समयसीमा खत्म होने के बाद आम आदमी पार्टी के तीनों उम्मीदवारों को विजेता घोषित कर दिया गया। रिटर्निंग ऑफिसर आशीष कुंद्रा (दिल्ली के ट्रांसपोर्ट कमिश्नर) ने कहा कि तीनों उम्मीदवारों को विजेता घोषित कर दिया गया क्योंकि कोई मुकाबला नहीं था। तीनों को सर्टिफिकेट दे दिया गया। जेल में बंद संजय सिंह भी अपना सर्टिफिकेट लेने पहुंचे। उन्होंने कोर्ट ने इसकी इजाजत दी थी। इससे पहले उन्हें नामांकन के लिए भी जेल से बाहर आने की छूट दी गई थी।  पार्टी के पास पर्याप्त संख्याबल दिल्ली विधानसभा में कुल 70 विधायकों में से 62 आम आदमी पार्टी के हैं। भाजपा के पास केवल 8 सीटें हैं। तीनों उम्मीदवारों की जीत के लिए Aam Aadmi Party के पास पर्याप्त संख्याबल था। भाजपा ने किसी को उम्मीदवार नहीं बनाया था।  आम आदमी पार्टी के तीनों प्रत्याशियों ने 8 जनवरी को नामांकन दाखिल किया था। उनके अलावा और किसी ने उम्मीदवारी पेश नहीं की थी।

Political News: Congress' infighting in front...Cricketer turned politician 'Sidhu' targeted his own party...! Said- people sold for a penny
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Political News : कांग्रेस की अंतर्कलह सामने…क्रिकेटर से राजनेता बने ‘सिद्धू’ ने अपनी ही पार्टी पर साधा निशाना…! कहा- कौड़ी-कौड़ी बिके हुए लोग

नई दिल्ली, 12 जनवरी। Political News : पंजाब कांग्रेस में आपसी कलह खुलकर सामने आ रही है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और वरिष्ठ पार्टी नेता नवजोत सिंह सिद्धू अलग-अलग जगहों पर रैली आयोजित करने की वजह से पार्टी नेताओं के निशाने पर आ गए हैं। पार्टी के अंदर ही अब कांग्रेस नेता सिद्धू के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। इस पर अब कांग्रेस के पंजाब मामलों के प्रभारी देवेंद्र यादव का बयान आया है। देवेंद्र यादव ने कहा है कि अगर कोई भी, चाहे वह कार्यकर्ता हो या बड़ा नेता, अनुशासन तोड़ता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। विरोधियों पर सिद्धू का निशाना क्रिकेटर से नेता बने सिद्धू ने कहा कि पार्टी की विचारधारा को लोगों तक ले जाना हर किसी की जिम्मेदारी है। यादव से मुलाकात से पहले, सिद्धू ने X पर एक वीडियो संदेश पोस्ट करते हुए कहा कि “रीढ़विहीन” नेता जो सही के लिए खड़े नहीं हो सकते, वे अब बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं। हालांकि उन्होंने अपने वीडियो संदेश में किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उन्होंने इसके जरिए पार्टी के भीतर अपने विरोधियों पर निशाना साधा। संदेश में सिद्धू ने कहा, “कौड़ी कौड़ी बिके हुए लोग, समझौता करके घुटनों पे टिके हुए लोग, बरगद की बात करते हैं, गमले में उगे हुए लोग।” जब उनसे पूछा गया कि एक्स पर उनका पोस्ट किसके लिए था, तो उन्होंने कहा, ‘जनता सब कुछ जानती है।’ यादव से मुलाकात के बाद सिद्धू ने यह भी कहा कि वह कांग्रेस की विचारधारा का प्रचार-प्रसार करने और कार्यकर्ताओं को पार्टी की विरासत से जोड़ने के लिए लोगों के बीच जा रहे हैं। सिद्धू ने कहा, “लोकतंत्र में लोग सबसे बड़ी ताकत हैं और कांग्रेस की विचारधारा को अपनाना और आलाकमान को सर्वोच्च मानना हर किसी का कर्तव्य है। हम इसका पालन करेंगे, लेकिन कोई आपको यह बताए बिना कैसे वोट देगा कि पंजाब के लिए क्या किया जाना है। हमें खुद को (पार्टी को) फिर से तैयार करना होगा और बदलना होगा।” सिद्धू ने आगे कहा कि कांग्रेस उन कार्यकर्ताओं के बिना अपने पैरों पर खड़ी नहीं हो सकती, जो पार्टी की नींव हैं। यह कहते हुए कि वह नींव को मजबूत करने के लिए लोगों के पास जा रहे हैं, सिद्धू ने कहा कि यह पंजाब के पुनरुत्थान के लिए विचारधारा की लड़ाई है। यह पूछे जाने पर कि क्या वह अपनी रैलियां करना जारी रखेंगे, सिद्धू ने कहा कि उनके सार्वजनिक बैठक कार्यक्रम यादव की राज्य यात्रा से पहले निर्धारित थे। तीन रैलियां कर चुके हैं सिद्धू सिद्धू (Political News) ने राज्य इकाई से परामर्श किए बिना तीन रैलियां की हैं, जिनमें बठिंडा में दो और होशियारपुर में एक रैलियां शामिल हैं। पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख ने कहा कि उनका 21 जनवरी को एक और सार्वजनिक बैठक करने और 24 जनवरी को करतारपुर साहिब जाने का कार्यक्रम है। उन्होंने कहा, “जब संवाद टूटता है तो संदेह पैदा होता है। अब यादव के साथ संपर्क की डोर बंधी है। जहां संवाद होगा, वहां आत्मविश्वास अपने आप पैदा हो जाएगा। साथ मिलकर काम करना सबके लिए अच्छा ।”

Headlines: CM's big announcement...! Women entrepreneurs should pay attention...women with so many children will get 'government help'...see
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Headlines : CM का बड़ा ऐलान…! महिला उद्यमी ध्यान दें…इतने बच्चों वाली महिलाओं को मिलेगी ‘सरकारी मदद’…देखें

गुवाहाटी, 12 जनवरी। Assam Headlines : कांग्रेस और मुस्लिमों को लेकर अपने बयानों के कारण सुर्खियों में रहने वाले असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्र की महिला उद्यमियों के लिए एक नई वित्तीय सहायता योजना की घोषणा की है। हालांकि इसके लिए उन्होंने एक शर्त रख दी है। असम सरकार इस योजना का लाभ लेने के लिए बच्चों की सीमा तय कर दी है। सामान्य और ओबीसी श्रेणियों की महिलाएं यदि योजना का लाभ उठाना चाहती हैं तो उनके तीन से अधिक बच्चे नहीं होने चाहिए। वहीं, अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अनुसूचित जाति (एससी) महिलाओं के लिए यह सीमा चार बच्चों की है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार को मुख्यमंत्री महिला उद्यमिता अभियान (एमएमयूए) की घोषणा करते हुए कहा कि धीरे-धीरे राज्य सरकार की सभी लाभार्थी योजनाएं इस शर्त का पालन करते दिखेंगे। 2021 में उन्होंने घोषणा की थी कि असम सरकार जल्द ही योजनाओं का लाभ उठाने के लिए दो बच्चों की सीमा लागू करेगी। एमएमयूए योजना के लिए फिलहाल मानदंडों में फिलहाल ढील दी गई है। मोरन, मोटोक और चाय जनजातियां एसटी दर्जे की मांग कर रही हैं। उन पर भी चार बच्चों की सीमा लगाई गई है। आपको बता दें कि इस योजना के तहत असम सरकार महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए आर्थिक मदद देगी। ताकि वे स्वरोजगार शुरू कर सकें। सरमा ने कहा कि इस योजना को बच्चों की संख्या से जोड़ने का तर्क यह सुनिश्चित करना था कि महिलाएं अपने व्यवसाय स्थापित करने के लिए धन का उपयोग करें। उन्होंने कहा, “अगर एक महिला के चार बच्चे हैं तो उसे पैसे खर्च करने का समय कहां मिलेगा। व्यवसाय करने का समय कहां मिलेगा? वह बच्चों को पढ़ाई कराने में व्यस्त रहेंगी।” सरमा ने कहा कि ग्रामीण असम में स्वयं सहायता समूहों में शामिल 39 लाख महिलाओं में से लगभग 5 लाख को इस योजना से बाहर किए जाने की संभावना है। बच्चों की संख्या की सीमा तय करने के अलावा लाभार्थियों को दो अन्य शर्तें भी पूरी करनी होंगी। यदि उन्हें बेटियां हैं तो उन्हें स्कूल में दाखिल कराया जाना चाहिए। यदि लड़की की उम्र स्कूल जाने की नहीं है तो महिलाओं को एक शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करना होगा कि समय आने पर उन्हें स्कूल में दाखिल कराया जाएगा। इसके अलावा सरकार के वृक्षारोपण अभियान अमृत बृक्ष आंदोलन के तहत उन्होंने जो पेड़ लगाए थे वे जीवित रहने चाहिए। 2019 में भाजपा सरकार ने फैसला (Assam Headlines) किया था कि दो से अधिक बच्चे वाले लोग जनवरी 2021 से सरकारी नौकरियों के लिए पात्र नहीं होंगे।

Criminal Record: Ministers of this state have the highest number of criminal cases…This state is on top in education + crime.
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Criminal Record : इस राज्य के मंत्रियों पर हैं सबसे अधिक क्रिमिनल केस…शिक्षा+अपराध में ये राज्य है टॉप पर

नई दिल्ली, 12 जनवरी। Criminal Cases : पिछले साल 5 राज्यों छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, मिजोरम, राजस्थान और तेलंगाना में 92 नव नियुक्त मंत्रियों में से 33 के खिलाफ आपराधिक और गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। यह उनके द्वारा दाखिल नामांकन फॉर्म के विश्लेषण से पता चला है। ज्यादातर नतीजे BJP के पक्ष में गए राज्यों में पिछले साल नवंबर में चुनाव हुए और 3 दिसंबर को घोषित नतीजे काफी हद तक भाजपा के पक्ष में गए, जिसने छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में बहुमत हासिल किया। कांग्रेस ने तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति को हराया, जबकि लालदुहोमा के नेतृत्व वाले ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट ने मिजोरम में 40 में से 27 सीटें जीतीं। विश्लेषण से यह भी पता चलता है कि, पांच राज्यों में से, मिजोरम में सबसे युवा मंत्री हैं, जबकि तेलंगाना में सबसे अमीर हैं। राज्यवार आपराधिक रिकॉर्ड मध्य प्रदेश में 31 नए मंत्रियों में से 12 (39%) के खिलाफ आपराधिक मामले हैं, और उनमें से तीन गंभीर आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं – जो हमले, हत्या, अपहरण या बलात्कार से संबंधित हैं। इन तीनों में से एक बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय है। राजस्थान में 25 मंत्रियों में से 8 (32%) पर आपराधिक मामले हैं और उनमें से चार के नाम गंभीर आपराधिक मामलों में हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी आपराधिक मामलों वाले मंत्रियों की सूची में आते हैं। छत्तीसगढ़ के 12 मंत्रियों में से 2 (17%) पर आपराधिक या गंभीर आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं। ये हैं उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा और वित्त मंत्री ओम प्रकाश चौधरी। यह आंकड़ा मिजोरम में भी समान है, जहां 12 में से 2 मंत्रियों को ऐसे मामलों का सामना करना पड़ता है- आइजोल पश्चिम 2 से विधायक लालनघिंगलोवा हमार, और आइजोल उत्तर 3 से विधायक के सपडांगा। प्रतिशत के मामले में यह आंकड़ा तेलंगाना में सबसे अधिक है, जहां 12 में से 9 मंत्रियों (75%) ने आपराधिक मामले घोषित किए हैं, जबकि पांच (42%) ने गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। सूची मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के नाम से शुरू होती है, जिन पर चौंका देने वाले 89 मामले हैं। शिक्षा और उम्र शिक्षा के लिहाज से राज्यों के अधिकांश मंत्रियों के पास कम से कम स्नातक स्तर की शिक्षा है, मिजोरम और तेलंगाना दोनों में 83% मंत्री ऐसी योग्यता रखते हैं। उम्र के लिहाज से देखें तो पांचों राज्यों में ज्यादातर मंत्रियों की उम्र 51 से 70 साल के बीच है। हालाँकि, मिजोरम में अधिकांश मंत्री (58%) 41-60 आयु वर्ग के हैं।

Politics News: Speaker's big decision on the disqualification case of 16 MLAs...read here
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Politics News : 16 विधायकों की अयोग्यता मामले पर स्पीकर का बड़ा फैसला…यहां पढ़ें

महाराष्ट्र, 11 जनवरी। Politics News : महाराष्ट्र की सियासत के लिए आज बुधवार का दिन अहम रहा। विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनकी शिवसेना गुट के 16 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं पर महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। विधानसभा अध्यक्ष ने करीब 5.15 मिनट पर फैसला पढ़ना शुरू किया। विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर  ने इस दौरान कहा कि चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में शिंदे गुट ही असली शिवसेना है। सुनील प्रभु को चीफ व्हीप मानने से इनकार फैसला सुनाते हुए  स्पीकर ने कहा कि शिवसेना के पास 55 विधायक थे। हालांकि, इनमें से 37 विधायकों ने शिंदे गुट का समर्थन किया। इसलिए शिंदे गुट ही असली शिवसेना है। स्पीकर ने कहा कि  शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट ने सुनील प्रभु को पार्टी का चीफ व्हीप बताया है। हालांकि, सुनील प्रभु को चीफ व्हीप बनाने से पहले ही शिवसेना से शिंदे गुट अलग हो चुका था। सुनील प्रभु को विधायक दल की बैठक बुलाने का कोई अधिकार नहीं था। इसके साथ ही स्पीकर ने चीफ व्हीप के तौर पर भरत गाेगावले की नियुक्ति को सही ठहराया।  उद्धव को नहीं था शिंदे को हटाने का अधिकार विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि शिवसेना के संविधान के मुताबिक सिर्फ पक्ष प्रमुख (पार्टी अध्यक्ष) की मर्जी से किसी विधायक को पार्टी से बाहर नहीं किया जा सकता। इस तरह के फैसले से पहले पार्टी की कार्यकारिणी समिति की बैठक बुलानी जरूरी है। हालांकि एकनाथ शिंदे को पार्टी से बर्खास्त करने का फैसला सिर्फ उद्धव ठाकरे ने लिया था। इस फैसले से पहले उद्धव ठाकरे ने कार्यकारिणी की बैठक नहीं बुलाई थी। ऐसे में शिंदे काे अयोग्य करार नहीं दिया जा सकता। उद्धव ने लगाया फिक्सिंग का आरोप इससे पहले उद्धव ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत ने फैसले में फिक्सिंग का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि स्पीकर राहुल नार्वेकर आरोपियों से दो बार मिल चुके हैं। शुक्रवार यानी 12 जनवरी को महाराष्ट्र में रहेंगे। कुछ दिन बाद शिंदे दावोस जाएंगे। इसका मतलब है कि सरकार कायम रहेगी। आज का फैसला बस औपचारिकता है। विधायकों की अयोग्यता पर फैसला दिल्ली से हो चुका है।  इस पर राहुल नार्वेकर ने जवाब दिया कि संजय राउत के बोलने का कोई अर्थ नहीं है। वे कल कहेंगे कि फैसला दिल्ली से नहीं, अमेरिका से आया है। वे सस्ती पब्लिसिटी के लिए बयानबाजी कर रहे हैं। आज का आदेश एक बेंचमार्क होगा और सभी को न्याय दिलाएगा। कानून और संविधान में जो प्रावधान हैं, उसे ध्यान में रखकर फैसला किया जाएगा।  शिंदे का दावा- हमारे पास बहुमत विधायकों की अयोग्यता (Politics News) पर फैसले से पहले सीएम एकनाथ शिंदे ने दावा किया कि उनके पास बहुमत है। उन्होंने कहा, ‘मैं शाम 4 बजे के बाद आधिकारिक बयान दूंगा। मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि हमारे पास बहुमत है। बहुमत के आधार पर चुनाव आयोग ने हमें असली शिवसेना के रूप में मान्यता दी है और धनुष-बाण चुनाव चिन्ह आवंटित किया है। हमें उम्मीद है कि स्पीकर हमें योग्यता के आधार पर पास करेंगे।’

Minister Babulal Kharadi: This minister with 2 wives and 8 children has publicly appealed to the people to 'have lots of children'...see the reaction here
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Minister Babulal Kharadi : 2 पत्नियों और 8 बच्चों वाले इस मंत्री की सार्वजनिक अपील…! ‘खूब बच्चे पैदा करें-घर देगी मोदी’…प्रतिक्रिया यहां देखें

जयपुर, 10 जनवरी। Minister Babulal Kharadi : राजस्थान के मंत्री बाबूलाल खराड़ी बुधवार को अजीबोगरीब सलाह देकर आलोचना के घेरे में आ गए हैं।उन्होंने न केवल लोगों को अधिक बच्चे पैदा करने की सलाह दी बल्कि उन्हें ‘घर’ मुहैया कराने का भी आश्वासन दिया। दरअसल, उन्होंने यह अजीब बयान मंगलवार को उदयपुर में एक सार्वजनिक सभा में दिया। को संबोधित करते हुए यह अजीब बयान दिया। राजस्थान के आदिवासी क्षेत्र विकास मंत्री खराड़ी ने कहा कि यह पीएम मोदी का सपना है कि कोई भी भूखा और सिर पर छत के बिना नहीं सोएगा। सार्वजनिक बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने वहा मौजूद लोगों से कहा ‘प्रधानमंत्री का सपना है कि कोई भी व्यक्ति भूखा और सिर पर छत के बिना न सोये। आप ढेर सारे बच्चें पैदा करें। प्रधानमंत्री जी आपको घर देंगे, फिर समस्या क्या है?’ जैसे ही खराड़ी ने यह बयान दिया, दर्शकों में मौजूद लोग हंसने लगे और मौके पर मौजूद जन प्रतिनिधि एक-दूसरे की तरफ देखते नजर आए। खराड़ी ने लोगों से 2024 के लोकसभा चुनावों में फिर से मोदी को वोट देने का आग्रह किया और कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाला केंद्र विभिन्न लोक कल्याण उपाय शुरू कर रहा है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने जनजातीय क्षेत्र विकास मंत्री के साथ मंच साझा किया। उदयपुर के नाई गांव में ‘विकित भारत संकल्प यात्रा शिविर’ के लिए मंच तैयार किया गया था। खराड़ी ने आगे कहा कि केंद्र ने एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में 200 रुपये की कटौती की है और राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार अब उज्ज्वला योजना के तहत लोगों को 450 रुपये में सिलेंडर उपलब्ध करा रही है। खराड़ी 2023 के विधानसभा चुनाव में झाड़ोल से चौथी बार विधायक चुने गए। 15वीं राजस्थान विधानसभा के दौरान उन्हें 2022 में सर्वश्रेष्ठ विधायक चुना गया था। खराड़ी को हाल ही में राज्य में कैबिनेट मंत्री (Minister Babulal Kharadi) के रूप में शामिल किया गया है। बता दें कि, खराड़ी की 2 पत्नियां और 8 बच्चे हैं जिसमें 4 बेटे और 4 बेटियां है। पूरा परिवार दयपुर की कोटड़ा तहसील से करीब तीन किलोमीटर दूर निचला थला गांव में रहता है।

CG Cabinet
Raipur

Rajiv Gandhi Nyay Yojana : कैबिनेट बैठक से पहले डिप्टी CM का किसानों को लेकर बड़ा बयान…सुने VIDEO

मुंगेली, 09 जनवरी। Rajiv Gandhi Nyay Yojana : कल मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की चौथी कैबिनेट बैठक है, लेकिन उससे पहले डिप्टी सीएम अरुण साव का एक अहम बयान सामने आया है। हालांकि उन्होंने ये बयान किसानों को लेकर दिया है। दरअसल, मुंगेली प्रवास के दौरान डिप्टी सीएम अरुण साव ने मीडिया से बात करते हुए यह बात कही। उन्होंने राजीव गांधी न्याय योजना की चौथी किस्त देने के संकेत दिए हैं। उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने मीडिया से बातचीत में राजीव गांधी न्याय योजना की चौथी किश्त देने के सवाल पर कहा कि, किसानों को उनका वाजिब हक मिलेगा। सरकार बदलने से किसी का अधिकार समाप्त नही होता है। हमारी सरकार किसानों को उनका वाजिब (Rajiv Gandhi Nyay Yojana) हक जरूर देगी।

Karanpur Assembly Election: The person whom BJP made a 'minister' before winning the election, got a crushing defeat from Congress...see 4 reasons for the defeat here.
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Karanpur Assembly Election : BJP ने चुनाव जीतने से पहले जिस शख्स को बनाया ‘मंत्री’ उसे कांग्रेस से मिली करारी शिकस्त…यहां देखें हार के 4 कारण

जयपुर, 8 जनवरी। Karanpur Assembly Election : राजस्थान में श्रीगंगानगर की करणपुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के नतीजे सामने आ चुके हैं। इस रिजल्ट में कांग्रेस के उम्मीदवार रूपिंदर सिंह कूनर ने बीजेपी प्रत्याशी सुरेंद्र पाल टीटी को करारी शिकस्त दी है। सुरेंद्र पाल टीटी चुनाव में 12570 वोटों से हार गए हैं। खास बात यह है कि 10 दिन पहले ही भजनलाल शर्मा की कैबिनेट में इन्हें मंत्री बनाया गया था। चुनाव जीतने से पहले भारतीय जनता पार्टी ने सुरेंद्र पाल टीटी को मंत्री पद से नवाजा था, लेकिन चुनाव में उनकी करारी शिकस्त हुई है।  भाजपा की हार के 4 कारण रुपिंदर सिंह कुन्नर के प्रति सहानुभूति की लहर थी। जिसका फायदा जीत के रूप में नजर आया। पिता के निधन की वजह से माना जा रहा है कि उन्हें बड़ी संख्या में सिंपैथी वोट भी मिले। सुरेंद्र पाल सिंह टीटी को मंत्री बनाए जाने की वजह से गंगानगर और हनुमानगढ़ के भाजपा विधायक ही उन्हें हराने में लग गए थे। इन्होंने न तो ठीक से प्रचार किया न कोई दमखम लगाया। भाजपा के सुरेंद्र पाल सिंह को हराने के लिए गंगानगर और बीकानेर के सांसदों ने भी अहम भूमिका निभाई। मंत्री बना कर चुनावी मैदान में उतारने का भाजपा का दांव काम नहीं कर पाया। इस हार में वसुंधरा राजे का भी अहम रोल बताया जा रहा है। पहले मुख्यमंत्री नहीं बनाए जाने और उसके बाद अपने समर्थकों को मंत्री नहीं बनाए जाने से वसुंधरा इन दिनों खासी नाराज हैं। कैसे खाली हुई थी सीट करणपुर सीट की बात करें तो बीते महीने चुनाव प्रचार के दौरान ही कांग्रेस के कैंडिडेट और तात्कालीन विधायक गुरमीत सिंह कूनर की मौत हो गई थी। ऐसे में इस सीट पर चुनाव आयोग की ओर से मतदान स्थगित कर दिया गया था। इसके बाद इस सीट पर उपचुनाव का ऐलान किया गया। कांग्रेस ने इस सीट पर गुरमीत के ही बेटे रूपिंदर को इस सीट से दोबारा चुनावी मैदान में उतारा। रूपिंदर ने सीट पर पिता का वर्चस्व बरकरार रखते हुए बीजेपी के उम्मीदवार सुरेंद्र पाल टीटी को 12570 वोटो से करारी शिकस्त दी है। 30 दिसंबर को ही बने थे मंत्री सुरेंद्र पाल टीटी को बीजेपी ने 30 दिसंबर को मंत्री पद की शपथ दिलाई थी। इस दौरान सुरेंद्र पाल सिंह भजनलाल सरकार में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सौंपा गया था।  अशोक गहलोत ने भी दी बधाई उपचुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गलहोत भी काफी उत्साहित नजर आए। उन्होंने तुरंत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए रूपिंदर सिंह कूनर को जीत की बधाई दे डाली। उन्होंने लिखा- जीत की हार्धिक बधाई एवं शुभकामनाएं। यह जीत स्व. गुरमीत सिंह कूनर के जनसेवा कार्यों को समर्पित है।  टीटी की शपथ पर कांग्रेस ने जताया था एतराज बता दें कि जब बीजेपी ने सुरेंद्र पाल टीटी को मंत्री पद की शपथ दिलाई थी, उस दौरान कांग्रेस ने इसका विरोध किया था. कांग्रेस का कहना ता कि यह आचार संहिता का उल्लंघन है। किसी भी कैंडिडेट के हार-जीत के नतीजे से पहले उसे किसी लाभ के पद पर शपथ नहीं दिलाई जा सकती। कांग्रेस इसे गैर कानूनी भी बताया था। बता दें कि इससे पहले राजस्थान में 199 सीटों पर विधानसभा चुनाव (Karanpur Assembly Election) हुए थे। इसमें भारतीय जनता पार्टी ने 115 सीट पर जीत हासिल की थी। जबकि कांग्रेस के खाते में 69 सीट आई थीं। इस करणपुर सीट को मिलाकर कांग्रेस के पास 70 सीट हो गई हैं।