ACB EOW Joint Action Breaking

CG Deputy CM Face: Arun Sao and Vijay Sharma got the command of Deputy CM...Raman Singh got this responsibility.
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BJP Meeting : मुख्यमंत्री पर ‘सस्पेंस’ खत्म…! नवनिर्वाचित 54 विधायकों के साथ पर्यवेक्षकों की बैठक…सुनिए प्रदेश अध्यक्ष ने क्या कहा…VIDEO

रायपुर, 09 दिसंबर। BJP Meeting : छत्तीसगढ़ में विधायक दल का नेता चुनने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नवनिर्वाचित 54 विधायकों की रविवार को बैठक होगी। बैठक के बाद मुख्यमंत्री पर ‘सस्पेंस’ खत्म होने की संभावना है। भाजपा ने पिछले महीने विधानसभा चुनाव से पहले अपने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा नहीं की थी। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने शनिवार को संवाददाताओं को बताया, “भाजपा विधायक दल की बैठक रविवार को होगी।पार्टी के तीन पर्यवेक्षक केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा और सर्बानंद सोनोवाल तथा पार्टी महासचिव दुष्यंत कुमार गौतम बैठक में मौजूद रहेंगे।” उन्होंने बताया कि पार्टी के छत्तीसगढ़ प्रभारी ओम माथुर, केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया और राज्य के लिए पार्टी के सह-प्रभारी नितिन नबीन भी वहां मौजूद रहेंगे। ST के लिए आरक्षित 29 में से 17 सीटों पर BJP का कब्जा आदिवासी समुदाय से आने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री विष्णु देव साय, विधायक चुने जाने के बाद केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा देने वाली रेणुका सिंह, राज्य के पूर्व मंत्री रामविचार नेताम और लता उसेंडी तथा विधानसभा के लिए चुने जाने के बाद सांसद पद से इस्तीफा देने वाली गोमती साय दावेदारों में शामिल हैं। राज्य की आबादी में आदिवासी समुदाय की हिस्सेदारी 32 फीसदी है और भाजपा ने इस बार अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए आरक्षित 29 सीट में से 17 सीट जीती हैं। सरगुजा संभाग की सभी सीटों पर जीत भाजपा ने 2018 में आदिवासियों के लिए आरक्षित सीट में केवल तीन सीट जीती थीं। उसने इस बार आदिवासी बहुल सरगुजा संभाग में सभी 14 सीट पर जीत हासिल की है। कांग्रेस ने 2018 में संभाग की सभी 14 सीटें जीती थी। विष्णुदेव साय, रेणुका सिंह, रामविचार नेताम और गोमती साय इसी संभाग से हैं। विधायक चुने जाने के बाद सांसद पद से इस्तीफा दे चुके प्रदेश अध्यक्ष साव और नौकरशाह से नेता बने ओपी चौधरी दोनों अन्य पिछड़ा वर्ग से हैं तथा मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में शामिल हैं। साव प्रभावशाली साहू (तेली) समुदाय से आते हैं जिनकी दुर्ग, रायपुर और बिलासपुर संभागों में बड़ी उपस्थिति है। राज्य की आबादी में ओबीसी की (BJP Meeting) हिस्सेदारी करीब 45 फीसदी है।

CONGRESS BREAKING: Charandas Mahant becomes Leader of Opposition...Deepak Baij continues as State President
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State in-Charge : पूर्व MLA बृहस्पति के बिगड़े बोल…कुमारी शैलजा को लेकर घातक बयान…! शीर्ष नेताओं ने दर्ज करायी नाराजगी

रायपुर, 09 दिसंबर। State in-Charge : रामानुजगंज के पूर्व विधायक बृहस्पति सिंह ने प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा को लेकर तीखी बयानबाजी की थी। उन्होंने कुमारी सैलजा पर कई गंभीर आरोप भी लगाए हैं। ये सब तब हुआ जब छत्तीसगढ़ चुनाव में मिली हार को लेकर दिल्ली में मंथन किया जा रहा था। बृहस्पति सिंह के बयान के बाद अब कांग्रेस के कई नेताओं ने उन्हें पार्टी से निकालने की मांग की है। बृहस्पति सिंह के बयानबाजी को लेकर महिला विधायक कविता प्राण लहरे और विधायक राघवेंद्र ने नाराजगी जाहिर की है। विधायक कविता प्राण लहरे ने बृहस्पति सिंह की बयानबाजी को शर्मनाक बताया है। साथ ही संगठन और महिला के सम्मान को ठेस पहुंचाने की भी बात कही है। वहीं अलकतरा से विधायक राघवेंद्र सिंह ने भी बृहस्पत सिंह के बयान की निंदा करते हुए कहा है कि, ये अनुशासनहीनता है। मैं कुमारी सैलजा के लिए कहे गए शब्दों से काफी दुखी हूं। ऐसे शब्द बिल्कुल स्वीकार नहीं किए जा सकते। बिलासपुर से पूर्व विधायक शैलेष पांडेय ने बृहस्पति सिंह के बयान को घातक करार देते हुए पार्टी को ठेस पहुंचाने वाला बताया है। किसी को भी संगठन के खिलाफ कोई बात नहीं कहनी चाहिए। साथ ही यह भी कहा कि, पार्टी नेतृत्व को लांछित करने वालों को पार्टी से निष्कासित करना चाहिए। बृहस्पत सिंह ने कही थी ये बात बृहस्पत सिंह ने बयान देते हुए कहा था कि, संगठन का कामकाज पूरी तरह से पटरी से उतर चुका था। ऐसा लग रहा था प्रदेश प्रभारी टी. एस. सिंहदेव को प्रमोट करने आईं थीं। अंबिकापुर में वह हिरोइन की तरह कार में बैठकर फोटो खिंचवाईं, उस कार को टी.एस. सिंहदेव चला रहे थे। बृहस्पत सिंह ने सैलजा पर सीधा आरोप लगाया कि, प्रदेश प्रभारी टिकट वितरण के मामले में बिक चुकी थी। उन्होंने कांग्रेस की हार के लिए प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा और उप मुख्यमंत्री टीएस सिंह देव को जिम्मेदार ठहराया है। टिकट कटने के बाद से लगातार पार्टी नेताओं पर निशाना साध रहे बृहस्पति सिंह ने टीएस सिंह देव को पार्टी से निकालने की बात कही है, वहीं दूसरी ओर उन्होंने प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा को पद से हटाने की मांग कर डाली। उन्होंने कहा कि कुमारी शैलजा को जल्द हटाया जाए। कुमारी शैलजा प्रभावशील नेताओं के हाथों बिक गई थीं। उन्होंने आगे कहा कि टीएस सिंहदेव को हीरो की तरह प्रमोट कर रही थी। कुमारी शैलजा हीरोइन (State in-Charge) की तरह फोटो खींचा रही थी।

CM FACE BREAKING: Big news is coming...! New names added to the race for CM face...name of woman Chief Minister final in one state
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CM FACE BREAKING : आ रही है बड़ी खबर…! CM फेस के रेस में जुड़े नए नाम…एक राज्य में महिला मुख्यमंत्री का नाम फ़ाइनल

नई दिल्ली, 09 दिसंबर। CM FACE BREAKING : मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ के चुनावी नतीजे आए आज छह दिन बीत गए हैं, लेकिन मुख्यमंत्री पद के चेहरों पर मुहर नहीं लग सकी है। हालांकि तीनों राज्यों के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिए गए हैं, जो यहां के विधायकों की राय लेकर मुख्यमंत्री चेहरे को फाइनल करेंगे। इस बीच कई नाम जो पहले आगे थे, अब वो पीछे बताए गए हैं। सीएम की रेस में नए नाम आगे होने की सुगबुगाहट दिल्ली से भोपाल, जयपुर, रायपुर तक शुरू हो चुकी है। अब बस रविवार और सोमवार का इंतजार है।  पुराने चेहरों की हो सकती है विदाई दरअसल, सुगबुगाहट है कि मुख्यमंत्री पद की रेस में शामिल पुराने चेहरों की विदाई हो सकती है। तीन में से एक राज्य में महिला मुख्यमंत्री का नाम हो सकता है। एक आदिवासी या ओबीसी मुख्यमंत्री का नाम भी घोषित हो सकता है। इसके अलावा सांसद से विधायक बना एक चेहरा भी मुख्यमंत्री हो सकता है। वहीं अगर कोई गैर विधायक चेहरा चुनावी मेहनत के दम पर सीएम की कुर्सी पर बैठे तो भी चौंकने की जरूरत नहीं है। राजस्थान में सीएम की रेस में अब किरोड़ी लाल मीणा का नाम भी जुड़ गया है। वहीं मध्य प्रदेश में इस रेस में ज्योतिरादित्य सिंधिया भी शामिल बताए जा रहे हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया कुछ खास वजहों से सीएम के रेस में शामिल हैं। कारण, सिंधिया की गिनती पीएम मोदी के करीबियों में होती है। कई महत्वपूर्णों कामों का जिम्मा ज्योतिरादित्य सिंधिया के कंधों पर है। वहीं, मध्य प्रदेश में बीजेपी के वो इकलौते ऐसे नेता हैं, जिनके घर में राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री तक आ चुके हैं। छत्तीसगढ़ में विष्णु देव साय का नाम इस रेस में जुड़ा है। राजनाथ बनाए गए राजस्थान के पर्यवेक्षक बता दें कि राजनाथ सिंह रविवार को राजस्थान पहुंच रहे हैं। उन्हें राजस्थान का पर्यवेक्षक बनाया गया है। इनके साथ सरोज पांडे और विनोद तावडे को पर्यवेक्षक बनाया गया है। राजस्थान के तीनों पर्यवेक्षकों के सामने फिलहाल दावा है कि सीएम के चेहरे के तौर पर वसुंधरा राजे, किरोड़ी लाल मीणा, बाबा बालकनाथ, गजेंद्र सिंह शेखावत और दीया कुमारी का नाम है। इन्हीं में से एक नाम को विधायक दल की बैठक में राय लेकर मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। इसके बाद अंतिम फैसला संसदीय बोर्ड को ही करना है।   माना जा रहा है कि रविवार को ही विधायक दल की बैठक हो सकती है। 16 तारीख से पहले नई सरकार, नए मुख्यमंत्री और नए मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण भी हो सकता है। शपथ के लिए जगहें भी खोजी जाने लगी हैं। बस मुख्यमंत्री कौन होगा, यही साफ होना बाकी है।  मध्य प्रदेश की जिम्मेदारी मनोहर लाल खट्टर पर  मध्य प्रदेश की बात करें तो यहां सोमवार को सस्पेंस खत्म हो जाएगा। कारण, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. के. लक्ष्मण और पार्टी की राष्ट्रीय सचिव आशा लाकड़ा पर्यवेक्षकों के तौर पर शनिवार या रविवार को भोपाल पहुंच सकते हैं। इनके सामने सीएम के चेहरे के तौर पर शिवराज सिंह चौहान, नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल, वी.डी शर्मा, ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम बताया जा रहा है। माना जा रहा है कि अगर शिवराज सिंह को सीएम नहीं बनाया जाता है तो किसी और ओबीसी चेहरे के सिर ताज सज सकता है। छत्तीसगढ़ में अर्जुन मुंडा करेंगे मंथन मुख्यमंत्री का इंतजार करता तीसरा राज्य छत्तीसगढ़ (CM FACE BREAKING) है। यहां तीनों ऑब्जर्वर यानी पर्यवेक्षकों के तौर पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, सर्वानंद सोनोवाल और पार्टी महासचिव दुष्यंत कुमार गौतम शनिवार को रायपुर पहुंच सकते हैं। इनके सामने सीएम चेहरे के प्रमुख दावेदार रमन सिंह, रेणुका सिंह, अरुण साव, विष्णु देव साय और ओ.पी चौधरी बताए जा रहे हैं। यहां भी सीएम चेहरे से सस्पेंस रविवार को खत्म हो सकता है।

CONGRESS BREAKING: Charandas Mahant becomes Leader of Opposition...Deepak Baij continues as State President
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Congress Review Meeting : भले ही 37 विधायक चुनाव हारे पर वोट प्रतिशत नहीं घटा…सिलसिलेवार सुनिए कुमारी शैलजा को VIDEO

रायपुर, 08 दिसंबर। Congress Review Meeting : छत्तीसगढ़ में मिली बड़ी हार के बाद दिल्ली में कांग्रेस की समीक्षा बैठक हो रही है। बैठक में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, महासचिव केसी वेणुगोपाल और कांग्रेस नेता राहुल गांधी हार की समीक्षा करेंगे। इस दौरान प्रदेशाध्यक्ष दीपक बैज, प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा, भूपेश बघेल, टीएस सिंहदेव और चरणदास महंत भी मौजूद हैं। हमारा वोट प्रतिशत नहीं गिरा : कुमारी शैलजा छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी कुमारी शैलजा ने मीडिया से कहा, “सभी सर्वेक्षणों में कहा गया है कि कांग्रेस छत्तीसगढ़ चुनाव जीतेगी। यह कुछ हद तक सच साबित हुआ क्योंकि हमारा वोट प्रतिशत नहीं गिरा। हम पार्टी की हार के कारणों का विस्तार से विश्लेषण कर रहे हैं। सभी नेताओं ने पार्टी आलाकमान को आश्वासन दिया है कि पार्टी ने लोगों का भरोसा नहीं खोया है। सभी नेताओं ने आश्वासन दिया है कि वे लोकसभा चुनाव मिलकर लड़ेंगे। चुनाव में 18 महिला उम्मीदवारों में से 11 ने जीत हासिल की है।” बैठक में प्रदेश के हालात को लेकर विधानसभा वार विधायकों के हारने की क्या वजह रही? डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव समेत मंत्रियों के हारने का क्या कारण रहा है, इन विषयों पर चर्चा होगी। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष के नाम पर भी चर्चा हो सकती है।  देश में अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव प्रस्तावित है। छत्तीसगढ़ में लोकसभा की कुल 11 सीटें हैं। 11 में से 9 सीटें बीजेपी के पास हैं, तो वहीं बस्तर और कोरबा लोकसभा सीट कांग्रेस के पास है। फिलहाल कांग्रेस की कोशिश छत्तीसगढ़ में इन सीटों की संख्या बढ़ाने को लेकर ही है। इसके साथ ही बूथवार ट्रेनिंग सेशन भी शुरू किया जाएगा। ज्यादा से ज्यादा सीटों पर कांग्रेस मजबूत हो, इसके लिए अलग-अलग अभियान भी चलाए जाएंगे। कांग्रेस को बड़ा झटका सरगुजा-रायपुर संभाग में लगा चुनाव से ठीक पहले ही प्रदेश अध्यक्ष को बदला गया है। ऐसे तो कांग्रेस पार्टी के 37 विधायक चुनाव हार चुके हैं, लेकिन अगर बात की जाए वोट प्रतिशत की, तो वो केवल 0.86% ही घटा है। ऐसे में पार्टी के नेता नई रणनीति के साथ जनता के बीच जाना चाहते हैं, ताकि लोकसभा के लिहाज से वोट प्रतिशत बढ़ाया जा सके। विधानसभी चुनाव में कांग्रेस दो तिहाई सीटों पर हारी है। कांग्रेस पार्टी को सबसे बड़ा झटका कांग्रेस को सरगुजा और रायपुर संभाग (Congress Review Meeting) में लगा है। यहां सभी सीटें कांग्रेस के हाथ से निकल गईं।

Ex MLA Brihaspat Singh: Big news...! Show cause notice issued to Brihaspat Singh
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Ex MLA Brihaspati Singh : एक बार फिर बृहस्पत का सनसनीखेज बयान…! कुमारी शैलजा पर किया जुबानी प्रहार… टीएस सिंहदेव पर भी उठे सवाल…सुनिए

रायपुर, 08 दिसंबर। Ex MLA Brihaspati Singh : अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले पूर्व कांग्रेस विधायक बृहस्पत सिंह ने एक बार फिर सनसनीखेज बयान दिया है। उन्होंने मीडिया के जरिए बीजेपी तक अपनी बात पहुंचाई। बृहस्पत सिंह ने भाजपा की जीत के लिए टीएस सिंहदेव को जिम्मेदार बताया, लिहाजा उन्होंने कहा कि बीजेपी को टीएस सिंहदेव को राज्यपाल बना देना चाहिए। टीएस सिंहदेव पर भी उठाए सवाल गौरतलब है कि इस बार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव के धुर विरोधी बृहस्पति सिंह का टिकट काट दिया था, जिसके बाद बृहस्पति तंज कसने का एक भी मौका नहीं छोड़ते हैं। बृहस्पत सिंह द्वारा मीडिया को दिए गए इस बयान से कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति में हलचल मच गई है। सबसे पहले उन्होंने पीसीसी प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा पर जुबानी हमला बोला तो दूसरी और उन्होंने टीएस सिंहदेव पर भी सवाल उठाए। कुमारी शैलजा को पद से हटाने की मांग छत्तीसगढ़ की हार पर जहां पार्टी मंथन कर रही है, वहीं हार के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराने का सिलसिला भी जारी है। फिर एक बार पूर्व विधायक बृहस्पति सिंह का एक बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कांग्रेस की हार के लिए प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा और उप मुख्यमंत्री टीएस सिंह देव को जिम्मेदार ठहराया है। टिकट कटने के बाद से लगातार पार्टी नेताओं पर निशाना साध रहे बृहस्पति सिंह ने टीएस सिंह देव को पार्टी से निकालने की बात कही है, वहीं दूसरी ओर उन्होंने प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा को पद से हटाने की मांग कर डाली। उन्होंने कहा कि कुमारी शैलजा को जल्द हटाया जाए। कुमारी शैलजा प्रभावशील नेताओं के हाथों बिक गई थीं। उन्होंने आगे कहा कि टीएस सिंहदेव को हीरो की तरह प्रमोट कर रही थी। कुमारी शैलजा हीरोइन की तरह फोटो खींचा रही थी। बता दें कि इस विधानसभा चुनाव में जहां बीजेपी को 54 सीट पर जीत मिली है तो वहीं कांग्रेस 35 सीटों पर ही सिमट गई। कांग्रेस के 9 मंत्रियों को इस चुनाव में करारी हार मिली है। सरगुजा संभाग में पार्टी का सूपड़ा ही साफ हो गया। कांग्रेस ने बृहस्पत सिंह का भी टिकट काट (Ex MLA Brihaspati Singh) दिया था।

Congress Defeat: It is not appropriate to raise the issue of EVM after losing...! Ex Deputy CM said about former CM Baghel...? listen video
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Congress Defeat : हारने के बाद EVM की बात उठाना उचित नहीं है…! पूर्व CM बघेल को लेकर Ex Deputy CM बोले…? सुने VIDEO

रायपुर, 08 दिसंबर। Congress Defeat : पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव चुनाव में कांग्रेस को मिली हार के बाद पार्टी की बैठक को लेकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पहुंचे। इस बीच उन्होंने पत्रकारों से बात की। हार के बाद विपक्षी नेताओं की तरफ से ईवीएम पर सवाल उठाए गए हैं। इसको लेकर जब पत्रकारों ने टीएस सिंहदेव से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि ”हारने के बाद EVM की बात उठाना उचित नहीं है लेकिन मैं ईवीएम के पक्ष में नहीं हूं। विकसित देशों ने इस प्रणाली को छोड़ दिया है।” हार को लेकर बूथ से लेकर मुझ तक हर व्यक्ति जिम्मेदार छत्तीसगढ़ में जनता ने हराया या ईवीएम ने? इस सवाल पर सिंहदेव ने कहा, ”हार के बाद ईवीएम का मुद्दा उठाना उचित नहीं लगता। मैं ईवीएम के पक्ष में इसलिए भी नहीं हूं क्योंकि विकसित से विकसित देश ने इस प्रणाली को त्याग दिया है। वहां बैलट से ही वोटिंग होती है। चाहे अमेरिका, ग्रेट ब्रिटेन और जापान हों, तकनीक में वे हमसे  ज्यादा ही होंगे, हमसे कम नहीं होंगे। उन्होंने ईवीएम को त्याग दिया है तो हमें भी त्याग देना चाहिए। ये समय नहीं है कि चुनाव में विपरीत परिणाम आए और उस पर चर्चा की जाए।” दिल्ली में कांग्रेस की बैठक पर सिंहदेव ने कहा, ”आज समीक्षा बैठक होनी है। हमें एजेंडा नहीं दिया गया, लेकिन चुनाव में जो परिणाम आए हैं, उसके संदर्भ में ही चर्चा होगी। लोकसभा चुनाव पर चर्चा होगी। रिपोर्ट तो नहीं मांगे गए हैं लेकिन जो सवाल आएंगे उसके जवाब दिए जाएंगे।” वहीं जब उनसे पूछा गया कि छ्त्तीसगढ़ में सीएम बघेल के चेहरे पर चुनाव लड़ा गया तो हार की जिम्मेदारी किसकी है? इस पर सिंहदेव ने कहा कि बूथ से लेकर मुझ तक हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है, हर किसी को जिम्मेदारी लेनी चाहिए। हम शहरी और आदिवासी क्षेत्र में पीछे रह गए सिंहदेव ने कहा कि ”चुनाव के परिणाम की बात जहां तक है तो हम आदिवासी (Congress Defeat) और अर्बन क्षेत्र में पीछे रह गए। अर्बन-सेमी अर्बन में हम 3 या चार सीट ही जीत पाए। आदिवासी इलाके में 29 में 11 सीटें ही जीत पाएं. वोट शेयर हमारा गिरा नहीं भी है तो बीजेपी का 14 प्रतिशत बढ़ गया है।”

Ethics Committee Report: Mahua Moitra's account was logged in 47 times from Dubai - 6 times from UK-US-Nepal...Parliament ended...! What scandals did this TMC leader see here?
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Ethics Committee Report : महुआ मोइत्रा का अकाउंट 47 बार दुबई से-6 बार यूके-यूएस-नेपाल से हुआ लॉग इन…सांसदी खत्म…! क्या-क्या कांड किया TMC की ये नेत्री देखें यहां

नई दिल्ली, 08 दिसंबर। Ethics Committee Report : जोरदार हंगामे के बीच आखिरकार शुक्रवार को लोकसभा में महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता खत्म करने का प्रस्ताव पास हो गया और प्रस्ताव पास होने के साथ ही महुआ की संसद सदस्यता भी रद्द हो गई। इससे पहले लोकसभा में इस मुद्दे पर जोरदार बहस हुई। विपक्ष ने इस प्रस्ताव को लेकर 3 गंभीर सवाल उठाए, जिनका बीजेपी ने एक एक करके जवाब दिया। 1. दरअसल, विपक्ष की तरफ से कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने सवाल किया कि आखिर प्रस्ताव पास करने में इतनी जल्दबाजी क्यों दिखाई जा रही है। आज ही 12 बजे एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट आई है और 2 बजे इस पर चर्चा शुरू कर दी गई। इस पर महाराष्ट्र से बीजेपी सांसद हिना गावीत ने कहा कि उन्होंने इन दो घंटों में पूरी रिपोर्ट पढ़ ली है। इस रिपोर्ट में साफ तौर पर लिखा है कि किस तरह महुआ ने अपना संसदीय लॉगइन आईडी और पासवर्ड किसी और को दे दिया। इसलिए प्रस्ताव पर चर्चा एकदम ठीक समय पर की जा रही है।   2. विपक्ष की तरफ से टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने यह सवाल किया कि आखिर जिस शख्स (महुआ मोइत्रा) पर आरोप लगे हैं। उन्हें अपनी सफाई पेश करने का मौका क्यों नहीं दिया जा रहा है। इस पर बीजेपी सांसद और केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि कैश फॉर क्वेरी के ही एक मामले में साल 2005 में दस सांसदों को निष्काषित किया गया था। उस समय भी किसी सांसद को अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया गया और जल्दबाजी में उसी दिन सभी पर कार्रवाई कर दी गई थी। 3. तीसरा सवाल विपक्ष की तरफ से कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने किया। उन्होंने पूछा कि अगर इस मुद्दे पर आज चर्चा की जानी थी और प्रस्ताव आना था तो राजनैतिक दलों ने अपनी पार्टी के सांसदों को तीन लाइन का व्हीप क्यों जारी किया। मनीष तिवारी ने यह भी कहा कि इससे ऐसा लग रहा है कि जैसे किसी अदालत के जज को कोई फैसला लेने के लिए मजबूर किया जा रहा है। इस पर जवाब देते हुए लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा कि यह संसद है कोई अदालत नहीं। उन्होंने जोर देकर कहा कि सदन को अदालत कहकर संबोधित ना किया जाए। 3-4 दिन की मोहलत दी जाए : अधीर रंजन संसद में चर्चा के दौरान अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि महुआ पर जो रिपोर्ट आई है, उसमें 106 पेज हैं। एनेक्सर मिलाकर 495 पेज हैं। कोई इंसान इतनी जल्दी यानी दो घंटे में इतनी बड़ी रिपोर्ट को कैसे पढ़ सकता है। उन्होंने कांग्रेस की तरफ से मांग की कि इस पर चर्चा के लिए 3-4 दिन की मोहलत दी जाए। उन्होंने यह भी कहा कि किसी के खिलाफ कोई शिकायत है तो उन्हें बोलने का मौका भी मिलना चाहिए। महुआ का पक्ष भी जानना चाहिए : मनीष तिवारी पंजाब से कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि बारह बजे पटल पर रिपोर्ट रखी जाती है और दो बजे उसकी बहस रख दी जाती है। आसमान नहीं गिर जाता अगर तीन चार दिन दे दिए जाते और हम रिपोर्ट को पढ़कर अपनी बात सदन में रख पाते। उन्होंने आगे कहा कि मीडिया रिपोर्ट में यह बात निकलकर सामने आई कि जिन पर आरोप लगाए गए हैं। उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका तक नहीं दिया गया। जबकि, जिस पर आरोप लगाए जाते हैं, उसे अपना पक्ष रखने का पूरा अधिकार दिया जाना चाहिए। एथिक्स कमेटी यह सिफारिश तो कर सकती है कि कौन गुनाहगार है और कौन निर्दोश है, लेकिन कमेटी यह सिफारिश नहीं कर सकती कि उसे क्या सजा दी जानी चाहिए। जब ओम बिरला ने पूछा- क्या आप कोर्ट में बहस कर रहे हैं? सदन में चर्चा के दौरान स्पीकर ओम बिरला ने मनीष तिवारी से पूछा कि आप संसद में बहस कर रहे हैं या कोर्ट में? इस पर मनीष तिवारी ने कहा कि यह संसद कोर्ट ही है। जवाब में ओम बिरला ने कहा कि यह अदालत नहीं बल्कि संसद है। मनीष तिवारी ने फिर कहा कि आज हम संसद के रूप में नहीं बैठे हैं। हम ज्यूरी के तौर पर यहां मौजूद हैं. जब राजनीतिक दल ने व्हीप जारी किया तो इसका मतलब सदस्यों को यह आदेशित किया जा रहा है कि उन्हें क्या फैसला लेना है। 47 बार दुबई से लॉग इन हुआ महुआ मोइत्रा का अकाउंट चर्चा के बीच महाराष्ट्र से बीजेपी सांसद हिना गावीत ने कहा कि 2005 में यूपीए की सरकार थी। कैश फॉर क्यूरी मामले में एक ही दिन रिपोर्ट आई थी और उसी दिन 10 सांसदों को निकाला गया था। उन्होंने आगे कहा,’जिन हीरानंदानी से रिश्वत लेने का आरोप लगा है, उनकी कंपनी का इंट्रेस्ट मुख्य रूप से पांच सेक्टर्स में है। जिनमें टेलीकॉम, शिपिंग, पेट्रोलियम, रियल एस्टेट और पाइपलाइन शामिल है। जब से महुआ मोइत्रा इस सदन की सदस्य बनी हैं, तब से लेकर अब तक उन्होंने 61 सवाल पूछे हैं। इनमें से 50 प्रश्न इन्ही पांच सेक्टर्स से जुडे़ हुए हैं। 47 बार दुबई से महुआ मोइत्रा का अकाउंट लॉगइन हुआ है। इसके अलावा 6 बार यूके, यूएस और नेपाल से लॉगइन करके सवाल अपलोड किए गए हैं। महुआ मोइत्रा ने खुद यह बात स्वीकार की है कि उन्होंने हीरानंदानी और उनकी कंपनी को आईडी पासवर्ड दिया था। पूरे देश में सांसदों की छवि हो रही धूमिल : हिना गावीत हिना ने आगे कहा कि एथिक्स कमेटी (Ethics Committee Repor) के सामने उन्हें (महुआ) अपनी बात रखने का मौका मिला। हीरानंदानी ने खुद एक एफीडेविट इंडियन एंबेसी के डिप्टी काउंसिल के सामने शपथ लेकर दिया है। यहां बार-बार जो बात हो रही है। जांच में भी यह सामने आया है कि एक ही दिन में महुआ का अकाउंट दिल्ली, दुबई, बैंगलुरु और यूएस में लॉगइन हुआ है। इससे देशभर में सभी सांसदों की छवि धूमिल हो रही है। लोगों को लग रहा है कि सांसद खुद सवाल नहीं पूछ सकते, वह खुद भाषण नहीं दे सकते। उन्हें कोई और लिखकर देता है और अगर कोई उन्हें पैसे दे दे तो वे उसके बदले सवाल भी पूछ लेते हैं।

Balmukund Acharya's Action: Enthusiasm of new MLAs...! This MLA first created ruckus on 'non-veg' issue, now got into a fight with the policeman...watch this VIDEO
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Balmukund Acharya’s Action : नए विधायकों का जोश…! इस MLA ने पहले ‘नॉनवेज’ पर किया हंगामा अब पुलिसकर्मी से उलझे…देखें ये VIDEO

राजस्थान, 8 दिसंबर। Balmukund Acharya’s Action : राजस्थान विधानसभा चुनाव नतीजे आने के बाद जीतने वाले विधायकों का जोश आसमान है। एक भाजपा विधायक चुनाव जीतने के बाद बाजार में पहुंच गए और खुले में बिक रहे नॉनवेज को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। उन्होंने नॉनवेज बेचने वाले दुकानदारों को धमकाया, साथ ही पुलिस को कार्रवाई करने की चेतावनी भी दे डाली। अब एक और वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह पुलिस थाने में एक पुलिसकर्मी से बहस करते दिखाई दे रहे हैं। वीडियो में देखा जा सकता है कि बालमुकुंद आचार्य और एक SHO के बीच बहस हो रही है। बालमुकुंद एक रिपोर्ट दर्ज करवाने की बात कहते नजर आ रहे हैं जबकि SHO उन्हें लिखकर देने की बात कह रहा है। SHO ने ऊँगली दिखाकर बात की तो बालमुकुंद भड़क गए और पूछने लगे कि ये ऊँगली किसे दिखा रहे हो? बालमुकुंद आचार्य का एक और वीडियो वायरल SHO ने बालमुकुंद से पूछा कि आप पुलिस थाने में आकर दादागिरी करेंगे? इसके बाद बालमुकुंद के समर्थकों और पुलिसकर्मियों के बीच भी बहस हई, जिसका वीडियो वायरल हो रहा है। बालमुकुंद के समर्थकों और SHO के बीच काफी देर तक बहस होती रही। SHO को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि आप धमका रहे हैं क्या? जवाब मिलता है कि आप धमका रहे हैं हम लोगों को। कई लोगों ने दावा किया है कि यह वीडियो पुराना है वीडियो कब का है, कितने दिन पहले का है, कहां का है, इससे जुड़ी जानकारी तो नहीं मिल पाई है लेकिन बताया जा रहा है कि यह घटना बालमुकुंद के विधायक बनने के पहले की है। अब यह वीडियो उनके चर्चा में आने के बाद शेयर किया जा रहा है। नॉनवेज दुकानों को बंद करवाने का दिए आदेश बता दें कि चुनाव जीतने के बाद ही बालमुकुंद आचार्य एक्शन (Balmukund Acharya’s Action) में दिखाई दिए थे। वह अफसरों को फोन लगाकर तुरंत नॉनवेज की दुकानों को बंद करवाने का आदेश दिए थे। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था। सवालों के घेरे में आने और सोशल मीडिया पर ट्रोल होने के बाद उन्होंने इसके लिए माफ़ी भी मांगी थी। उन्होंने कहा था कि मैंने नॉन वेज की दुकानों की जांच के लिए बोला था, मैंने किसी वर्ग विशेष के लिए नहीं बोला, यह पूरा परिवार हमारा है। मैं अपनी बातों के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगता हूं।

Winning MLA: 12 BJP MPs became MLAs... Know how much their salary will be reduced now
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Winning MLA : बीजेपी के 12 सांसद बने विधायक…जानें अब कितनी कम हो जाएगी इनकी सैलरी

नई दिल्ली, 7 दिसंबर। Winning MLA : विधानसभा चुनाव जीतकर आए बीजेपी के 12 में से 11 सांसदों ने सांसदी पद से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा देने वालों में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और प्रहलाद पटेल भी शामिल हैं। जानते हैं कि इन्हें सांसद के तौर पर कितनी सैलरी मिलती थी और अब विधायक बनने पर कितनी सैलरी कम हो जाएगी? BJP के 12 में से 11 सांसदों ने दे दिया इस्तीफा तीन राज्यों- मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 21 सांसदों को भी उतारा था, लेकिन इनमें से जीते 12, जिसमें से अब तक 11 सांसदों ने सांसदी से इस्तीफा भी दे दिया है। केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह का इस्तीफा होना बाकी है। इस्तीफा देने वाले सांसदों में दो केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और प्रहलाद पटेल भी हैं। इनके अलावा राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने भी इस्तीफा दे दिया है। जिन सांसदों ने इस्तीफा दिया है, उनमें राकेश सिंह, उदय प्रताप सिंह, रीति पाठक, दिया कुमारी, राज्यवर्धन सिंह राठौर, गोमती साई और अरुण साओ शामिल हैं।  अब चूंकि ये सांसद अब विधायक बन गए हैं, इसलिए अब इनका ठिकाना भी बदल जाएगा। अब तक ये दिल्ली में बैठा करते थे। लेकिन अब इनका ठिकाना राज्यों की राजधानी में होगा। सिर्फ ठिकाना ही नहीं, बल्कि इनकी सैलरी भी कम-ज्यादा हो जाएगी। सांसद थे तब कितनी मिलती थी सैलरी? लोकसभा और राज्यसभा सांसदों की महीने की बेसिक सैलरी 1 लाख रुपये है। इसके अलावा जब संसद सत्र चलता है तो हर दिन दो हजार रुपये का भत्ता भी मिलता है। इसके साथ ही 70 हजार रुपये का भत्ता निर्वाचन क्षेत्र के लिए और ऑफिस के खर्चे के लिए 60 हजार रुपये मिलते हैं।  एमपी में जीते सांसदों को कितनी मिलेगी सैलरी? यहां से केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और प्रहलाद पटेल के अलावा राकेश सिंह, उदय प्रताप सिंह और रीति पाठक ने विधानसभा चुनाव जीता है। इन पांचों ने सांसदी पद से इस्तीफा भी दे दिया है। एमपी में अभी विधायकों को 1.10 लाख रुपये हर महीने मिलते हैं। इसमें 30 हजार रुपये बेसिक सैलरी है। बाकी 70 हजार रुपये भत्ते के रुप में मिलते हैं। मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री को दो लाख, कैबिनेट मंत्रियों को 1.70 लाख और राज्य मंत्रियों को 1.45 लाख रुपये का वेतन-भत्ता हर महीने मिलता है। एमपी सरकार ने इस साल विधायकों की सैलरी और भत्ते 40 हजार रुपये बढ़ाने का प्रस्ताव रखा था, हालांकि, अभी ये प्रस्ताव पास नहीं हुआ है। छत्तीसगढ़ में जीते सांसदों की कितनी होगी सैलरी? यहां से गोमती साई, अरुण साओ और रेणुका सिंह ने चुनाव जीता है। रेणुका सिंह को छोड़कर बाकी दोनों ने सांसदी पद से इस्तीफा दे दिया है। छत्तीसगढ़ विधानसभा की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, यहां विधायकों को हर महीने 1.17 लाख रुपये की सैलरी और भत्ते मिलते हैं। इसमें 20 हजार रुपये बेसिक सैलरी है। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री को 1,32,500 रुपये, मंत्रियों को 1,17,500 रुपये और राज्य मंत्रियों को 1,07,500 रुपये की सैलरी और भत्ते मिलते हैं। राजस्थान में जीते सांसदों की कितनी होगी सैलरी? किराड़ी लाल मीणा, दिया कुमार, राज्यवर्धन सिंह राठौर और महंत बालकनाथ ने विधानसभा चुनाव जीता है। इन सभी ने सांसदी से इस्तीफा दे दिया है। राजस्थान में अगस्त 2019 में ही सैलरी और भत्ते बढ़ाए गए थे। अभी राजस्थान में विधायकों को हर महीने 40 हजार रुपये बेसिक सैलरी मिलती है। इसके अलावा निर्वाचन क्षेत्र के लिए 75 हजार रुपये का भत्ता भी मिलता है।इन सबके अलावा सत्र के दौरान हर दिन 2 हजार रुपये का भत्ता मिलता है। साथ ही टेलीफोन बिल के लिए हर महीने 2,500 रुपये मिलते हैं। सांसद की पेंशन भी मिलती रहेगी अगर कोई सांसद (Winning MLA) से विधायक बन जाता है तो उसे सांसद की पेंशन के साथ-साथ विधायक की सैलरी भी मिलेगी और विधायक पद से हटने के बाद सांसद और विधायक, दोनों की पेंशन मिलती है। अभी लोकसभा के पूर्व सांसदों को हर महीने 25 हजार और राज्यसभा के पूर्व सांसदों को 27 हजार रुपये पेंशन मिलती है। हर पांच साल में पेंशन में दो हजार रुपये और बढ़ जाते हैं।

Lok Sabha Election: Big statement of former minister TS Singhdev...? listen video
Raipur

Introspection in Congress : ‘कांग्रेस की हार’ विश्वकप के प्रदर्शन जैसा…! सुनिए पूर्व Deputy CM जिम्मेदारी पर और क्या बोले?

रायपुर, 7 दिसंबर। Introspection in Congress : छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस में आत्ममंथन चल रहा है। वहीं, निवर्तमान डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव से जब पूछा गया कि इस हार का जिम्मेदार कौन है? उन्होंने बहुत ही बेबाकी से कहा कि यह प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी है। बूथ से लेकर राज्य स्तर पर हर कोई जिम्मेदार है।  सभी मैच में जीत दर्ज की लेकिन फाइनल हारे टीएस सिंहदेव ने चुनाव में कांग्रेस की हार की तुलना क्रिकेट विश्व कप में भारतीय टीम के प्रदर्शन से की जिसमें उसने सभी मैच जीते, लेकिन अंतिम मुकाबला हार गई थी। यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस स्थानीय निकाय चुनावों में अच्छा प्रदर्शन कर रही है, लेकिन सभी महत्वपूर्ण मुकाबले में हार रही है, सिंहदेव ने कहा, ‘यह काफी हद तक क्रिकेट विश्व कप जैसा लग रहा है जहां हमने अन्य सभी मैच में जीत दर्ज की लेकिन फाइनल मैच नहीं जीत पाए थे। भारत ने क्रिकेट विश्व कप में लगातार 10 मैच में जीत दर्ज की थी लेकिन फाइनल मैच में उसे ऑस्ट्रेलिया के हाथों हार का सामना करना पड़ा।” हार का ठीकरा दूसरे पर नहीं डाल सकते टीएस सिंहदेव ने कहा, ”प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी है, इस आप दूसरे के ऊपर नहीं डाल सकते। यदि मुझे जिम्मेदार ठहराया जाना है, तो मुझे पहला और एकमात्र व्यक्ति होना चाहिए जिसे अंबिकापुर के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। मुझे सरगुजा कमिश्नरी के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। बतौर डिप्टी सीएम मुझे राज्य के अन्य हिस्सों के लिए भी जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।” डिप्टी सीएम ने आगे कहा, ”य़ह हर व्यक्ति के साथ शुरू और खत्म होता है। इसे किसी और के सिर पर नहीं थोपा जा सकता। बूथ स्तर से लेकर राज्य स्तर तक हर व्यक्ति। हममें से हर कोई जिम्मेदार है और हमें इसे बहुत ही सहजता से निभाना चाहिए।” वहीं, हार के कारणों के बारे उन्होंने कहा, ”बिना ज्यादा विश्लेषण किए मैं सीधे तौर पर जो देख सकता हूं वह यह है कि कांग्रेस और बीजेपी के बीच वोट शेयर में बढ़ोतरी हुई है। संयुक्त वोट में लगभग 10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। वोट में हुई बढ़ोतरी बीजेपी के खाते में चली गई है।” छत्तीसगढ़ की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में बीजेपी ने 54 सीट पर जीत दर्ज की जबकि कांग्रेस को 35 सीट पर जीत मिली है। वहीं, EX डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव (Introspection in Congress) खुद अंबिकापुर से चुनाव हार गए हैं। सिंहदेव के प्रतिद्वंद्वी ने उन्हें 94 वोटों से मात दी है।