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Congress Rebellion: Congress claiming 75+...! Expelled MLA, victim of neglect, traveled to Delhi
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Congress Rebellion : 75+ का दावा करने वाली कांग्रेस…! उपेक्षा के शिकार निष्कासित MLA ने किया दिल्ली कूच

रायपुर 15 दिसंबर। Congress Rebellion : विधानसभा चुनाव में 75+ का दावा करने वाली कांग्रेस अब अपनी ही पार्टी के मंत्रियों की उपेक्षा का शिकार होती नजर आ रही है। यही कारण है कि कांग्रेस में कई दिग्गजों ने या तो इस्तीफा दे दिया है या फिर निष्कासित किये जा रहे हैं। पार्टी के नेता आपस में ही एक दूसरे की पोल खोलने में लगे हैं। आने वाले दिनों में अपने ही लोगों के बीच मतभेद निस्संदेह पार्टी की मुश्किलें बढ़ाएंगे। पिछले दिनों कांग्रेस के संस्कृति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष ने पार्टी छोड़ी थी, तो अब महंत रामसुंदर दास ने इस्तीफा दिया है। इधर पार्टी के खिलाफ बगावत करने वाले दो पूर्व विधायक की पार्टी ने छुट्टी कर दी है। बृजमोहन अग्रवाल ने ली चुटकी अब इस मुद्दे पर सत्ता पक्ष ने तंज कसते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस की लड़ाई दिल्ली तक पहुंच गई है। इस पर बीजेपी ने चुटकी लेते हुए कहा कि ये तो सिर्फ शुरुआत है, लोकसभा तक कांग्रेस का पूरी तरह सफाया हो जाएगा। दरअसल, पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि महंत राम सुंदर दास जी के साथ न्याय नहीं हुआ है। जबरदस्ती उन्हे चुनाव लड़वाया गया। महंत राम सुंदर दास का चुनाव संचालक ऐसे लोगों को बनाया गया जिनका चेहरा लोग देखना पसंद नहीं करते। कांग्रेस में जूतम पैजार चल रही है, डर और भय का माहोल है। यह तो अभी ट्रेलर है अभी पूरी फिल्म बाकी है। जब कांग्रेस लोकसभा चुनाव में साफ हो जाएगी मोदी जी की सरकार बनेगी उसकी हम कल्पना कर रहे है। मंत्री केदार कश्यप मजे लेते नजर आए वहीं, बीजेपी महामंत्री केदार कश्यप कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा पर बिकाऊ होने और सह प्रभारी चंदन यादव पर पैसे लेने के आरोपों पर मजे लेते दिखे। कांग्रेस में चल रही इस अंतर्कलह पर उन्होंने कहा कि पूर्व विधायकों को निष्कासित करने से आरोप के दाग धुल नहीं जाएंगे। कांग्रेस सत्ता में थी तो सिर्फ भ्रष्टाचार ही किया। कांग्रेस ने संगठन में भी भ्रष्टाचार किया। यह भेद कांग्रेस के नेता ही उजागर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव के पहले कांग्रेस सरकार के एक-एक मामले की जांच कराने का जनता से वादा करके सत्ता में आए हैं। भ्रष्टाचारियों के खिलाफ हमें जनादेश मिला है। जल्द ही सारे भ्रष्टाचारियों की असलियत सामने आ जाएगी। संगठन के भीतर जो भ्रष्टाचार हुआ है, उस पर कांग्रेस में थोड़ी भी नैतिकता हो तो प्रदेश प्रभारी और सह प्रभारी के खिलाफ पूर्व विधायकों के आरोप की जांच कराए। निष्कासित नेताओं ने की दिल्ली कूच गौरतलब है कि, कल बृहस्पत सिंह समेत करीब एक दर्जन पूर्व विधायकों (Congress Rebellion) ने विनय जयसवाल के घर पर बैठक की और उसके बाद सीधे पूर्व सीएम भूपेश बघेल से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने शिकायत की, लेकिन उस शिकायत का पूर्व सीएम पर कोई असर नहीं हुआ। लिहाजा निष्कासित नेताओं ने अब दिल्ली की ओर कूच कर दिया। कहा जा रहा है कि दोनों दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात करेंगे। दोनों ने कहा है कि कार्रवाई होनी थी तो चंदन यादव पर होनी थी, सिंहदेव पर होनी थी, लेकिन उन्हें ही बलि का बकरा बना दिया गया।

CM Cabinet in CG: Cabinet meeting tomorrow under the chairmanship of Chief Minister Sai...Review of departmental work today
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CM Cabinet : छत्तीसगढ़ में नई सरकार की ये 5 पहली प्राथमिकताएं जिस पर किया जाएगा काम…देखिए

रायपुर, 15 दिसंबर। CM Cabinet : नई सरकार की पहली कैबिनेट बैठक कल मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में हुई। इस बैठक में सीएम साय ने बड़ी घोषणाएं तो की है। साथ ही किन मुद्दों को पहली प्राथमिकता दी जायेगी, इसके मापदंड भी तय किये गये। आपको बता दें कि पिछले दिनों मंत्रालय में सीएम विष्णुदेव साय की कैबिनेट की बैठक हुई थी। इस बैठक में उन्होंने मोदी की गारंटी का जिक्र किया और सभी को पूरा करने की बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि सबसे पहले वह पांच योजनाओं पर फोकस करेंगे। सीएम साय की प्राथमिकता में कृषक उन्नति योजना, महतारी वंदना योजना, 18 लाख प्रधानमंत्री योजना और निर्मल जल अभियान, बोनस की गारंटी और सबसे महत्वपूर्ण पीएससी परीक्षा में पारदर्शिता शामिल है। इस बैठक में उप मुख्यमंत्री अरूण साव और विजय शर्मा मौजूद रहें। इनके साथ ही कई विभागों के अधिकारी भी उपस्थित रहे। कांग्रेस राज्‍य में जो 18 लाख गरीब आवास से वंचित हो गए हैं उन्‍हें हम आवास देंगे। हमारे प्रधानमंत्री ने प्रदेश की जनता से वादा किया था। इसलिए कैबिनेट की पहली बैठक में हमने यही फैसला किया। सीएम साय ने बताया कि आज की कैबिनेट की बैठक में यही एक एजेंडा था। प्रदेश की आर्थिक स्थिति को लेकर सीएम ने कहा कि हमारी पार्टी में भी योग्‍य लोग हैं और अब डब्‍ल इंजन की सरकार हो गई है। मिलकर काम करेंगे बजट की कोई कमी नहीं होगी। साय ने कहा कि छत्‍तीसगढ़‍िया सबले बढ़ि‍या को हम चरितार्थ करेंगे।कांग्रेस ने 5 साल तक कांग्रेस ने आदिवासियों के साथ विश्‍वास घात किया। CM ने कहा कि, हमारी पार्टी ने यह आश्‍वासन दिया है कि दो वर्ष का बोनस 25 दिसंबर को देंगे। दो साल का बोनस निश्चित रुप से देंगे। साय ने कहा कि मोदी की गारंटी में जो भी वादा किया है उसे हर हाल में पूरा किया (CM Cabinet) जाएगा। आदिवासी समाज का मान और सम्‍मान भाजपा ने जितना बढ़ाया है उतना किसी भी पार्टी ने नहीं बढ़ाया है। पहले आदिवासी और ग्रामीण क्षेत्रों में भूखमरी होती थी, लेकिन छत्‍तीसगढ़ में भाजपा सरकार बनी तब सस्‍ता अनाज देना शुरू किए। आज कहीं कोई भूखमरी नहीं है। यह हमारे आदिवासी समाज के लिए बड़ी उपलब्धि है। 15 साल में शिक्षा, चिकित्‍सा सहित अन्‍य क्षेत्रों में पर्याप्‍त विकास हुआ।

Anger MLA: After meeting at Dr. Vinay Jaiswal's residence, all the rebel MLAs reached to meet Ex CM Bhupesh Baghel... see what happened?
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Anger MLA : डॉ. विनय जायसवाल के आवास में बैठक कर सभी बागी MLA पहुंचे Ex CM भूपेश बघेल से मिलने…देखें क्या हुआ?

रायपुर, 15 दिसंबर। Anger MLA : विधानसभा चुनाव 2023 में टिकट नहीं मिलने से नाराज पूर्व विधायकों का एक धड़ा प्रदेश संगठन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। यह धड़ा सार्वजनिक रुप से प्रदेश संगठन पर हमला बोल रहा है। इस खेमे का नेतृत्‍व रामानुजगंज सीट से विधायक रहे बृहस्‍तप सिंह और मनेंद्रगढ़ से विधायक रहे डॉ. विनय जायवाल कर रहे हैं। इन दोनों नेताओं को पार्टी ने निलंबित कर दिया है। बावजूद इसके इनका माहौला कम नहीं हुआ है। यही कारण है कि, डॉ. विनय जायसवाल के रायपुर स्थित आवास पर एक बैठक हुई। इसमें करीब दर्जनभर से ज्‍यादा पूर्व विधायक शामिल हुए। इनमें अधिकांश वो नेता शामिल हुए जिन्‍हें पार्टी ने इस बार टिकट नहीं दिया था। लंबी बैठक के बाद सभी नेताओं ने दिल्‍ली जाने का फैसला किया। इसके लिए पहले दिल्‍ली में राष्‍ट्रीय महासचिव को फोन घुमाया गया उनसे मिलने के लिए समय मांगा गया। इसके बाद सभी नेता एक साथ सीएम हाउस पहुंच गए। बात दें कि पूर्व मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल अभी सीएम हाउस में ही रह रहे हैं। बहरहाल, सीएम हाउस में करीब एक घंटें की बैठक के बाद सभी नेता बाहर निकल आए। सीएम हाउस के बारहर मीडिया से चर्चा करते हुए कांग्रेस के इन पूर्व विधायकों ने बताया कि पार्टी आलाकमान से मिलने के लिए कल वे सभी दिल्‍ली जा रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि वे उस सर्वे एजेंसी के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कराएंगे जिसने चुनाव से पहले अपने सर्वे में हमारी जीत बताई थी। इन नेताओं ने पार्टी की सरकार और मुखि‍या पर सावर्जनिक रुप से बयान देने वाले पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल पर कार्यवाही की मांग की है। डॉ. जायसवाल के निवास पर बैठक और फिर सीएम हाउस (Anger MLA) में बघेल से मिलने पहुंचने वाले विधायकों बृहस्‍तप सिंह, शिशुपाल सोरी, गुरुदयाल बघेल, लक्ष्‍मी वर्मा, ममता चंद्राकर, प्रमोद शर्मा, चुन्‍नी साहू, मोतीलाल देवांगन सहित अन्‍य शामिल थे।

Jaisingh Aggarwal raised questions on party leadership by holding a press conference...now Congress took action...see LETTER
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Jaisingh Aggarwal ने प्रेस कांफ्रेंस लेकर पार्टी नेतृत्व पर उठाया सवाल…अब कांग्रेस ने लिया एक्शन…देखें LETTER

रायपुर, 14 दिसंबर। Jaisingh Aggarwal : पूर्व विधायक बृहस्पत सिंह और विनय जायसवाल के बाद अब जयसिंह अग्रवाल को भी पार्टी ने नोटिस भेज दिया है। पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल को पार्टी ने नोटिस भेजकर अनर्गल बयानबाजी के लिए तीन दिन के भीतर जवाब मांगा है। दरअसल चुनाव में मिली हार के बाद जयसिंह अग्रवाल ने प्रेस कांफ्रेंस कर मुख्यमंत्री का नाम लिये बगैर पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़े किये थे। जयसिंह अग्रवाल ने सीएम का नाम लिये बगैर आरोप लगाया कि सरकार में मंत्रियों को जो पाॅवर मिलनी थी….वो नही मिल पायी। एक ताकत सेंट्रलाइज हो के कुछ चुनिंदा लोगों के साथ पूरे 5 साल काम करती रही। कोरबा में चुन-चुन के एसपी-कलेक्टर की पोस्टिंग किया गया, जिन्होने कार्यो में सिर्फ व्यवधान ही डाले। राजस्व मंत्री रहे जयसिंह अग्रवाल का अपने ही मुखिया को लेकर दिये इस बयान के बाद एक बार फिर राजनीति गरमा गयी थी। जयसिंह अग्रवाल ने मीडिया को दिये थे ये बयान मीडिया में दिये बयान में राजस्व मंत्री ने आरोप लगाया कि…” साल 2018 के विधानसभा चुनाव में सभी ने एकजुट होकर चुनाव लड़ा था। लेकिन मौजूदा चुनाव सेंट्रलाइज हो गया था। जयसिंह अग्रवाल ने आगे कहा कि जो जनादेश हमे मिला था, उसका सही आदर हमारी सरकार नही कर पायी। सरकार से मंत्रियों को जो पाॅवर मिलनी चाहिए थी….वो नही मिली। एक ताकत सेंट्रलाइज होके कुछ चुनिंदा लोगों के साथ पूरे 5 साल काम करती रही। मंत्री रहे जयसिंह अग्रवाल ने अपनी करारी हार का जिम्मेदार भी सूबे के मुखिया को बताया। उन्होने नाम लिये बगैर कह दिया कि कोरबा जिले में चुन चुनकर ऐसे अधिकारियों को भेजा गया, जो भ्रष्टाचार में लिप्त रहे। अवैध कार्यो को खुलेआम चलाया गया, जिससे जिले में कांग्रेस डैमेज हुई।” आगे जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश भर के शहरी क्षेत्र में हम बुरी तरह से पिछड़ गए। सरकार ने किसानों पर ध्यान दिया, बेशक उनके काम भी हुए। लेकिन ऐसा लगता है कि हमारे मुखिया को कहीं ना कहीं यह विश्वास था कि ग्रामीण क्षेत्र की सारी सीट जीत लेंगे। शहरी क्षेत्र की ज्यादा जरूरत नहीं पड़ेगी। लेकिन यह भी गलत साबित हुआ। शहरों में विकास हुआ, लेकिन सारी शहरी क्षेत्र की सारी सीटों पर कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। गौरतलब है कि जिस तरह से साल 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के बड़े नेता और मंत्रियों को करारी हार का सामना करना पड़ा था। ठीक वैसी ही हार का सामना इस बार कांग्रेस के बड़े नेताओं को देखना (Jaisingh Aggarwal) पड़ा है।

Anger MLA: After meeting at Dr. Vinay Jaiswal's residence, all the rebel MLAs reached to meet Ex CM Bhupesh Baghel... see what happened?
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Congress Discord : कांग्रेस के 10 से अधिक पूर्व बागी विधायकों के संयुक्त रणनीति की खबर…! पार्टी में हलचल

रायपुर, 14 दिसंबर। Congress Discord : विधानसभा चुनाव में पार्टी टिकट से वंचित कांग्रेस के पूर्व विधायकों ने मिलकर संयुक्त रणनीति बनाई है। नाराज पूर्व विधायकों ने कांग्रेस की सर्वे एजेंसी को गलत ठहराते हुए कार्यवाही की मांग की है। टिकट मिलते तो 22 मे से 15 विधायकों के जीत का भी दावा किया है। बागी विधायकों की यह बैठक पूर्व विधायक विनय जायसवाल के घर पर हुई है। पूर्व MLA विनय जायसवाल के निवास पर बैठक  विधानसभा चुनाव में पार्टी टिकट से वंचित कांग्रेस के पूर्व विधायकों के मिलकर संयुक्त रणनीति बनाने की खबर है। बताया जा रहा है कि इन पूर्व विधायकों की विनय जयसवाल के बैठक हुई है, जिसके बाद कांग्रेस पार्टी में हलचल बढ़ गई है। बताया जा रहा है कि विधानसभा चुनाव के दौरान टिकट से वंचित किए गए पूर्व विधायक एक राय होकर राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात करने दिल्ली जाएंगे। मुलाकात के दौरान विधानसभा चुनाव में हुई हार पर रिपोर्ट सौपेंगे। इस संबंध में हुई बैठक में विनय जायसवाल के अलावा बृहस्पत सिंह, शिशुपाल सोरी, पद्मा मनहर, मोतीलाल देवांगन, चंद्रदेव राय, ममता चंद्राकर, अनिता शर्मा, चुन्नीलाल साहू, भुवनेश्वर बघेल, लक्ष्मी ध्रुव, प्रमोद शर्मा और गुरुदयाल बंजारे के मौजूद रहने की खबर है। इन विधायकों का कटा था टिकट प्रतापपुर– डॉ. प्रेम साय सिंह टेकाम, (Congress Discord) बिलाईगढ़- चंद्रदेव राय, मनेंद्रगढ़- विनय जायसवाल, रामानुजगंज- बृहस्पत सिंह, सामरी- चिंता मणि महराज, लैलूंगा- चक्रधर सिंह सिदार, पाली तानाखार- मोहित राम केरकेट्टा, जगदलपुर- रेख चंद्र जैन, धरसींवा- अनिता योगेंद्र शर्मा, रायपुर ग्रामीण- सत्य नारायण शर्मा, कसडोल- शकुंतला साहू, महासमुंद- विनोद चंद्राकर, सरायपाली- किस्मत लाल नंद, सिहावा- लक्ष्मी ध्रुव, नवागढ़- गुरु दयाल बंजारे, पंडरिया- ममता चंद्राकर, खुज्जी- चन्नी साहू, डोंगरगढ़- भुवनेश्वर बघेल, अंतागढ़- अनूप नाग, चित्रकोट- राजमन बेंजाम, दंतेवाड़ा- देवती कर्मा, कांकेर – शिशुपाल सोरी।

CM Oath Ceremony: During the oath taking ceremony in Chhattisgarh, when the PM started moving the table on the stage...! Watch the reaction here VIDEO
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CM Oath Ceremony : छत्तीसगढ़ में शपथ ग्रहण समारोह में जब PM मोदी मंच पर टेबल सरकाने लगे…! लोगों का रिएक्शन यहां देखें VIDEO

रायपुर, 13 दिसंबर। CM Oath Ceremony : विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इस दौरान मंच पर पीएम नरेंद्र मोदी सहित कई दिग्गज नेता मौजूद थे। तभी मंच पर पीएम मोदी अचानक मेज सरकाने लगे। वे टेबल को उठाकर राज्यपाल विश्व भूषण हरिचंदन के सामने खुद ही शिफ्ट करने लगे। यह देखने के बाद मंच पर मौजूद सभी नेता पीएम मोदी की मदद करने के लिए दौड़ पड़े। पीएम मोदी के टेबल सरकाने पर वहां मौजूद लोग हैरान रह गए। हालांकि बाकी नेताओं ने भी टेबल को शिफ्ट करने में पीएम मोदी की मदद की। देखते ही देखते यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा। हर एक वर्ग हुआ मुरीद लोगों को यह वीडियो काफी पसंद आया है। वे पीएम मोदी की सादगी की तारीफ कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि छोटी सी बात भी बहुत मायने रखती है। बस यही छोटी छोटी बातें तो इनको हर एक वर्ग का मुरीद बना देती है…इस सादगी और शालीनता को सलाम। भास्कर नाम के यूजर ने लिखा है कि वे सबसे पहले एक कार्यकर्ता थे। ये उनकी पुराना आदत है। बता दें कि आज विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के रूप में ली शपथ ली। वहीं अरुण साव और विजय शर्मा उपमुख्यमंत्री बने हैं। दरअसल, यह पहला मौका है जब राज्य में मुख्यमंत्री को सहयोग करने के लिए दो उपमुख्यमंत्री बनाए गए हैं। राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने साइंस कॉलेज मैदान में शपथ ग्रहण समारोह के दौरान साय और दोनों उपमुख्यमंत्रियों को शपथ दिलाई। इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल हुए। भाजपा ने रविवार को प्रमुख आदिवासी नेता साय को छत्तीसगढ़ के नये मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया था। साय प्रदेश के चौथे मुख्यमंत्री हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री साय छत्तीसगढ़ में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। सरगुजा संभाग से 14 सीटों हासिल की जीत राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में सरगुजा संभाग के कुनकुरी विधानसभा सीट से जीत हासिल की। इस क्षेत्र की सभी 14 सीटों पर अब भाजपा का कब्जा है। साय के साथ शपथ लेने वाले उपमुख्यमंत्री अरुण साव (54) प्रभावशाली साहू ओबीसी समुदाय से आते हैं और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हैं। अधिवक्ता से नेता बने साव ने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी थानेश्वर साहू को लोरमी सीट से 45,891 वोटों से हराया है। अन्य उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा (50) ब्राह्मण समुदाय से हैं। वह राज्य में भाजपा के महामंत्री हैं। हिंदुत्व के मुखर समर्थक शर्मा (CM Oath Ceremony) ने कवर्धा निर्वाचन क्षेत्र में प्रभावशाली कांग्रेस नेता और निवर्तमान मंत्री मोहम्मद अकबर को 39,592 वोटों से हराया है।

Reply to Notice: Jupiter replied to the notice...! 5 points in a 3 page letter...count one by one the mistakes of the former deputy CM and state in-charge...see that LETTER
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Reply to Notice : बृहस्पत ने दिया नोटिस का जवाब…! 3 पेज के पत्र में 5 बिंदु…एक-एक कर गिनाएं पूर्व डिप्टी सीएम और प्रदेश प्रभारी की गलतियां…देखें वह LETTER

रायपुर, 13 दिसंबर। Reply to Notice : पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव के धुर विरोधी रहे पूर्व विधायक बृहस्पत सिंह ने पीसीसी चीफ दीपक बैज के नोटिस का जवाब दिया है। बृहस्पत ने पीसीसी चीफ बैज को नोटिस का जवाब भेज दिया है। उन्होंने तीन पन्नों में 5 बिंदुओं में विस्तृत जवाब दिया है, जिसमें उन्होंने चुनाव में हार के लिए प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा और पूर्व डिप्टी सीएम को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा है कि शैलजा ने छत्तीसगढ़ की राजनीति से हाईकमान को अंधेरे में रखा। आपको बता दें कि कांग्रेस के पूर्व विधायक बृहस्पत सिंह ने कांग्रेस की बड़ी हार के लिए पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव और प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने टीएस सिंह देव को पार्टी से निकालने और प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा को पद से हटाने की मांग की। साथ ही कुमारी शैलजा पर आरोप लगाया कि वे प्रभावशाली नेताओं के हाथों बिक गई है।

Access to OBC: Yadav Chief Minister in Modi government...! BJP has given posts to how many more Yadavs...see list
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Access to OBC : मोदी सरकार में यादव मुख्यमंत्री…! बीजेपी ने और कितने यादवों को दे रखा है पद…देखिए लिस्ट

नई दिल्ली, 13 दिसंबर। Access to OBC : भारतीय जनता पार्टी ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के पद पर एक यादव को बिठाया है। पार्टी के इस कदम को हिंदी हर्ट लैंड और अन्य राज्यों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) तक पहुंच के रूप में देखा जा रहा है। ओबीसी देश का सबसे बड़ा समुदाय है। मोहन यादव के सीएम बनने के अलावा, पार्टी में चार केंद्रीय मंत्री- भूपेंद्र यादव, राव इंद्रजीत सिंह, नित्यानंद राय और अन्नपूर्णा देवी भी इसी जाति से हैं। सुधा और हंसराज भी यादव समुदाय से पार्टी के निर्णय लेने वाली शीर्ष संस्था संसदीय बोर्ड में सुधा यादव और पिछड़ा वर्ग राष्ट्रीय आयोग के अध्यक्ष के रूप में हंसराज गंगाराम अहीर भी हैं। भूपेंद्र यादव भाजपा के एक महत्वपूर्ण निकाय केंद्रीय चुनाव समिति के भी सदस्य हैं। सभी यादव नेता अलग-अलग राज्यों से हैं। भूपेंद्र यादव जहां राजस्थान से राज्यसभा सदस्य हैं, वहीं सिंह हरियाणा से, राय बिहार से और अन्नपूर्णा देवी झारखंड से हैं। इसी तरह सुधा यादव हरियाणा से और अहीर महाराष्ट्र से हैं। इन राज्यों में यादवों की ठीकठाक आबादी यादव लगभग हिंदी हर्ट लैंड कहे जाने वाले सभी प्रदेशों में मौजूद हैं। इनमें हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और झारखंड शामिल हैं। वे राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश और बिहार में भी अच्छी संख्या में मौजूद हैं। हालांकि, दोनों राज्यों के भीतर यादवों ने अपने राजनीतिक दल स्थापित किए हैं: उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद)। यादव वोटरों पर डोरे डालने की कवायद अब चार केंद्रीय मंत्रियों, एक सीएम और दो पदाधिकारियों (Access to OBC) के साथ भाजपा अगले लोकसभा चुनाव से पहले इस समुदाय तक पहुंच बना रही है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि यादव आंध्र प्रदेश और तेलंगाना सहित दक्षिणी राज्यों और बंगाल में भी मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि यादव पारंपरिक रूप से हिंदू धर्म और उसकी प्रथाओं में दृढ़ विश्वास रखते हैं और पार्टी उन्हें अपनी पहली पसंद बनाना चाहती है।

Deputy CM Diya Kumari: This woman Deputy CM has only Rs 19 crore...! Investment of Rs 15 crore in share market
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Deputy CM Diya Kumari : इस महिला डिप्टी सीएम के पास है मात्र 19 करोड़ रुपए…! शेयर Market में 15 करोड़ का निवेश

नई दिल्ली, 13 दिसंबर। Deputy CM Diya Kumari : भारतीय जनता पार्टी ने राजस्थान में मुख्यमंत्री को लेकर जारी सस्पेंस खत्म करते हुए नए चेहरे को पेश किया है। मंगलवार को हुई विधायक दल की बैठक में सांगानेर विधानसभा सीट से पहली बार चुनाव जीतने वाले भजन लाल शर्मा को राज्य का नया सीएम चुना है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री की रेस में शामिल राजकुमारी दीया कुमारी को भी अहम जिम्मेदारी दी गई है, उन्हें राजस्थान का डिप्टी सीएम बनाया गया है। दीया कुमारी जयपुर राजघराने की राजकुमारी हैं और उनके पास करोड़ों की संपत्ति है। आइए जानते हैं Rajasthan Deputy CM के पास क्या-क्या है?  वसुंधरा राजे का मानी जा रही थीं विकल्प   जयपुर राजघराने की राजकुमारी दीया कुमारी को राजस्थान में वसुंधरा राजे का विकल्प माना जा रहा था और वे सीएम पद की रेस में आगे बताई जा रही थीं। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की तरह ही भाजापा आलाकमान ने राजस्थान में भी भजन लाल के नाम का ऐलान करते हुए सभी को चौंका दिया, जबकि दीया कुमारी को डिप्टी सीएम बनाया। Diya Kumari ने जयपुर की विद्याधरनगर सीट से चुनाव जीता है। इस सीट पर पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के करीबी नरपत सिंह राजवी का टिकट काटा गया था। 19 करोड़ रुपये है डिप्टी सीएम की नेटवर्थ Myneta.com पर चुनाव आयोग (Deputy CM Diya Kumari) में जमा कराए गए संपत्ति से संबंधित हलफनामे में दीया कुमारी की नेटवर्थ करीब 19 करोड़ रुपये बताई गई है। वहीं इनके नाम पर किसी तरह का कोई लोन या देनदारी नहीं है। हलफनामे के मुताबिक, दीया कुमारी के पास 75,600 रुपये कैश है, जबकि विभिन्न बैंकों में उनके खातों में 2,90,84,555 रुपये जमा हैं। 

Bhajan Lal Sharma Net Worth: First time MLA Bhajan Lal Sharma is now the CM of Rajasthan...! There is no less liability with a millionaire...listen to the VIDEO
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Bhajan Lal Sharma Net Worth : पहली बार MLA बना भजनलाल शर्मा अब है राजस्थान के CM…! करोड़पति के साथ देनदारी भी कम नहीं…सुने VIDEO

राजस्थान, 12 दिसंबर। Bhajan Lal Sharma Net Worth : राजस्थान को नया मुख्यमंत्री मिल गया है और विधायक दल की बैठक में मंगलवार को भजन लाल शर्मा के नाम पर मुहर लगाई गई। बीते नवंबर महीने में पांच राज्यों में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में से तीन राज्यों में प्रचंड जीत हासिल करने वाली भाजपा ने पहले ही मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में जारी सीएम कैंडिडेट का सस्पेंस खत्म कर दिया है। संपत्ति की बात करें तो राजस्थान के नए मुख्यमंत्री भी करोड़पति हैं। इनके पास 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की चल-अचल संपत्ति है।   विधानसभा चुनाव 2023 में Bhajan Lal Sharma ने बीजेपी के टिकट पर Sanganer विधानसभा सीट से अपने प्रतिद्वंदी कांग्रेस के पुष्पेंद्र भारद्वाज को 48,081 वोटों से करारी शिकस्त दी थी। भजन लाल शर्मा को कुल 1,45,162 वोट हासिल हुए थे। 1.40 लाख कैश और बैंकों में जमा हैं 11 लाख रुपये सांगानेर विधानसभा सीट से पहली बार विधायकी जीतकर राजस्थान के नए सीएम बने भजन लाल शर्मा सांगानेर से चुनाव जीते हैं। इनकी नेटवर्थ की बात करें तो ये भी करोड़पति हैं और इनके पास कुल 1,46,56,666 रुपये की संपत्ति है, जबकि देनदारी 35 लाख रुपये है। विधानसभा चुनाव में दिए गए संपत्ति के ब्योरे से संबंधित हलफनामे के मुताबिक, राजस्थान के नए सीएम भजन लाल शर्मा की कुल नेटवर्थ में से 1,15,000 रुपये कैश है, जबकि विभिन्न बैंकों में उनके अकाउंट में करीब 11 लाख रुपये डिपॉजिट हैं। वहीं उनकी पत्नी के नाम पर 1.50 लाख रुपये नकदी और बैंकों में जमा राशि 10,000 रुपये है। 3 तोला सोना और सफारी गाड़ी Rajasthan New CM भजन लाल शर्मा के पास तीन तोला सोना है, जिसकी कीमत 1,80,000 रुपये है। उन्होंने शेयर, बॉन्ड्स में कोई निवेश नहीं किया है, लेकिन इनके पास LIC और HDFC Life की दो इंश्योरेंस पॉलिसियां हैं, जो कि 2,83,817 रुपये की हैं। इसके अलावा वाहनों की बात करें तो राजस्थान के नए मुख्यमंत्री चुने गए भजन लाल के नाम पर एक टाटा सफारी, जिसकी कीमत हलफनामे में 5 लाख रुपये बताई गई है, इसके अलावा एक टीवीएस विक्टर मोटर साइकिल है, जो 35,000 रुपये कीमत की है।  राजस्थान सीएम के नाम दो घर-एक फ्लैट अब बात करते हैं राजस्थान के नए मुख्यमंत्री बनाए गए Bhajan Lal Sharma की अचल संपत्ति के बारे में, तो उनके पास भरतपुर में 0.035 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि है, जिसकी कीमत 3 लाख रुपये है। वहीं सीएम के नाम पर राजस्थान के भरतपुर में ही दो घर और एक फ्लैट भी हैं। हलफनामे में इनकी कीमत लगभग 1 करोड़ रुपये बताई गई है। उनके नाम पर कोई कॉमर्शियल बिल्डिंग या फिर नॉन एग्रीकल्चर लैंड (Bhajan Lal Sharma Net Worth) नहीं है।