Congress CWC List: Big news...! The list of the working committee may be released soon... the name of this veteran of Chhattisgarh is almost fixedCongress CWC List
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गरियाबंद, 08 अगस्त। Corruption Breaking : जिला अधिकारी (डीईओ) डी.एस. चौहान को स्कुल शिक्षा विभाग ने निलंबित कर दिया है। डीईओ चौहान के विरूध्द जिले में पदोन्नति में सेटिंग, शिक्षको के अनियमित पदस्थापना, 9 साल से अनुपस्थित कर्मचारी को पुन कार्यभार देने तथा निलंबित शिक्षक को नियम विरूध्द बहाल कर तबादला करने की शिकायत की गई थी। इन सभी मामलो में उन पर लेने देने के आरोप भी लगे थे। जिला स्तरीय जांच कमेटी के रिपोर्ट के आने के बाद स्कुल शिक्षा विभाग के अपर सचिव आरपी वर्मा ने सोमवार को जिला शिक्षा अधिकारी डी.एस. चौहान को निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए है।

ज्ञात हो कि डीईओ के भ्रष्टाचार के खेल में जिले के अधिकांश स्कुल एकल शिक्षकीय हो गए थे। डीईओ द्वारा पदस्थपना के दौरान चहेतो को लाभ पहुचाने बड़ा खेल किया, काउंसलिंग में रिक्त स्थानो को विलोपित कर दिया जिससे चलते चहेतो का मनमर्जी जगह मिल गई। इसके अलावा 9 साल से प्राइमरी स्कुल नवागढ़ में अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित शिक्षक गैंदलाल ध्रुव को लेन देन कर कार्यभार दे दिया वही निलंबित शिक्षक उमेन्द्र साहू को पहले बहाल कर देवभोग ब्लाक से दूसरे ब्लाक में तबादला कर दिया उसके बाद फिर उसी ब्लॉक में तबादला कर दिया। इसमें भी बड़े लेन देन हुआ। इन मामले को लेकर लगातार स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने शिकायत की थी, वही शिक्षा विभाग की मुखबिरी करने वाले एक भ्रष्ट अधिकारी ने तो इस मामले को मीडिया से लेकर शिक्षा विभाग के बड़े अफसरो तक अच्छे से परोसा था जिसके चलते अंततः डीईओ पर निलंबन की गाज गिरी है।

इधर डीईओ के निलंबन के बाद अब जिले में खेलगढ़िया मे हुए भ्रष्टाचार मामले में दोषी पाए गए पूर्व डीएमसी श्याम चंद्राकर के विरूध्द भी कार्यवाही की गाज गिरने का इंतजार लोग कर रहे है।
लगातार चल रही कार्यवाही के बीच अब तो ये सवाल भी उठने लगे है कि चार महिने पुराने मामले में तो शिक्षा विभाग ने तत्परता दिखाते हुए निलंबन की कार्यवाही कर दी, लेेकिन चार साल पुराने मामले में कार्यवाही को लेकर आखिर क्या कारण है कि शिक्षा विभाग के बड़े से बड़े अफसरो के हाथ काप रहे है।

पूर्व डीएमसी की कब तक चलेगी ताजपोशी

इधर जिले में पूर्व डीएमसी श्याम चंद्राकर की प्रशासन द्वारा लगातार की जा रही ताजपोशी को लेकर अब सवाल उठने लगे है कि आखिर क्या कारण है कि बार बार शिकायत और भ्रष्टाचार की पुष्टि होने के बाद उनके मूल पद को छोड़ कर दायरे से बाहर के पदों में उनकी ताजपोशी की जा रही हैं। वर्तमान में श्याम चंद्राकार हाई स्कूल नागाबुढ़ा में संस्कृत विषय के व्याख्याता है, स्कूल में संस्कृत का और कोई अन्य शिक्षक भी नही है, बच्चे इस विषय कि शिक्षा से वंचित हो रहे, इसके बाद भी पहले उन्हें पूर्व डीएमसी बना दिया गया और अब जिला खेल अधिकारी बना दिया है। इसके पहले वे बीईओ और बीआरसी भी रह चुके है। कायदे से देखा जाए तो डीईओ, डीएमसी और बीईओ बनने के लिए पांच साल तक प्रिंसिपल का अनुभव रहना जरूरी हैं। लेकिन चंद्राकर के मामले में इस नियम की जमकर धज्जियां उड़ाई गई। इस लेकर अब सवाल उठ रहे की आखिर क्या कारण है कि प्रशासन बार बार नियम विरुद्ध जाकर व्यक्ती विशेष के ताजपोशी में लगा हुआ है।

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