लखनऊ, 15 अप्रैल। Lokbandhu Hospital Fire : लखनऊ के लोकबंधु हॉस्पिटल अग्निकांड में एक मरीज की मौत हो गई। हालांकि, मौत की वजह का पता नहीं लग पाया है। वहीं, जिस हॉस्पिटल में आग लगी थी, उस पूरी बिल्डिंग को सील कर दिया गया है। इसे आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया है। जांच टीम इस एरिया में पता करेगी कि आग किन कारणों से लगी थी।
जब आग लगी थी, तब कई मरीज और तीमारदार वहीं मौजूद थे। वहीं, 28 मरीजों को सिविल अस्पताल में शिफ्ट किया गया है। जिनमें चार बच्चे भी शामिल हैं। फिलहाल सभी मरीजों की स्थिति आउट ऑफ डेंजर है. फिलहाल, आग पर काबू पा लिया गया है और जांच के आदेश दिए गए हैं।
हॉस्पिटल में एक मरीज की मौत
आग लगने से 61 वर्षीय राज कुमार की मौत हो गई। दावा किया जा रहा है कि ऑक्सीजन सप्लाई बंद होने से उनकी जान गई। जानकारी के मुताबिक, 12 अप्रैल को राज कुमार को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी, जिसके चलते आईसीयू में भर्ती कराया गया था। वह आईसीयू के बेड नंबर 314 पर भर्ती थे। आग लगने के चलते ऑक्सीजन सप्लाई बंद कर दी गई थी, जिसके चलते उनकी मौत हो गई। परिजनों की मानें तो लोकबंधु अस्पताल में ही उनकी मौत हो गई थी। उन्हें एंबुलेंस से सिविल अस्पताल भेजा गया, जहां डॉक्टर्स ने मृत घोषित किया।
हॉस्पिटल में कैसे ऐसे लगी आग
दरअसल, लोकबंधु अस्पताल में सोमवार रात भीषण आग लग गई, जिससे अस्पताल में भारी अफरा-तफरी मच गई। लगभग 200 से ज्यादा मरीजों को सुरक्षित निकालकर आस-पास के अस्पतालों में शिफ्ट किया गया। आग शॉर्ट सर्किट से लगी बताई जा रही है। अस्पताल के आईसीयू सहित तीन वार्ड आग की चपेट में आ गए थे। फायर ब्रिगेड की पहली गाड़ी अस्पताल के मेन गेट पर ही फंस गई, क्योंकि गेट काफी संकरा था। काफी कोशिशों के बावजूद वह अंदर नहीं जा सकी, जिसके बाद छोटी दमकल गाड़ियों को दूसरे गेट से अंदर भेजा गया, लेकिन तब तक आग विकराल रूप ले चुकी थी।
एक्शन में सीएम और डिप्टी सीएम
डिप्टी सीएम बृजेश पाठक की मानें तो आईसीयू में भर्ती दो-तीन गंभीर मरीजों को केजीएमयू आईसीयू में भर्ती कराया गया है। अन्य मरीजों को सिविल अस्पताल ,बलरामपुर अस्पताल लोहिया और आसपास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। डिप्टी सीएम ने यह भरोसा दिलाय कि शिफ्ट किए गए सभी मरीजों को अन्य अस्पतालों में भी लोकबंधु अस्पताल की ही तरह फ्री इलाज दिया जाएगा। इतना ही नहीं सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस हादसे पर तुरंत संज्ञान लेते हुए अधिकारियों से फोन पर जानकारी ली।
यहां यह बताना जरुरी है कि, डेढ़ महीना पहले ही अस्पताल (Lokbandhu Hospital Fire) में फायर फाइटिंग की मॉक ड्रिल हुई थी। फायर सेफ्टी ऑडिट हुआ था, जिसकी वजह से आग को तुरंत काबू करने में मदद मिली। आग कैसे लगी इसके लिए जांच के आदेश दिए गए हैं।