नई दिल्ली, 08 मई। Pak Media : पाकिस्तान द्वारा अमृतसर मिलिट्री बेस पर हवाई हमले की झूठी खबर फैलाने के प्रयासों का पर्दाफाश हुआ है। हाल ही में सोशल मीडिया और पाकिस्तानी मीडिया में एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें दावा किया गया कि भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर को पाकिस्तान ने मार गिराया।
यह वीडियो 2024 का पुराना था और इसका भारतीय वायुसेना से कोई संबंध नहीं था। भारत सरकार की प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) ने इस वीडियो को फर्जी बताते हुए स्पष्ट किया कि यह वीडियो 2020 के बैलाकोट हवाई हमले से संबंधित है और इसका वर्तमान घटनाओं से कोई लेना-देना नहीं है।
PIB के फैक्ट चेक ने बताया कि इस वीडियो में दिखाए गए संवाद और भाषा में कई त्रुटियाँ हैं, जो इसे फर्जी साबित करती हैं। उदाहरण के लिए, वीडियो में प्रयोग की गई भाषा उर्दू की बजाय हिंदी जैसी है, और रिपोर्टर के माइक पर लिखा “लाईट टीवी” भी संदिग्ध है। इसके अलावा, वीडियो में दिखाई गई घटनाएँ वास्तविक नहीं हैं और इन्हें पुराने फुटेज से जोड़ा गया है।
PIB ने इस मामले में चेतावनी दी है कि पाकिस्तान की ओर से ऐसी झूठी खबरें फैलाने की कोशिशें जारी हैं, और नागरिकों से अपील की है कि वे ऐसी खबरों पर विश्वास न करें और केवल आधिकारिक स्रोतों से प्राप्त जानकारी पर ध्यान दें।
इस घटना से यह भी स्पष्ट होता है कि सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर फैलने वाली गलत जानकारी से बचने के लिए नागरिकों को सतर्क रहना चाहिए और किसी भी वीडियो या समाचार की सत्यता की पुष्टि करने के बाद ही उसे साझा करना चाहिए।
यह घटनाएँ दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव और सूचना युद्ध को दर्शाती हैं, जहाँ गलत जानकारी का प्रसार शांति और सुरक्षा के लिए खतरे की घंटी बन सकता है।

आधिकारिक स्रोतों पर भरोसा करें
वेबसाइट्स: सरकारी या प्रमुख वेबसाइट्स से प्राप्त जानकारी पर भरोसा करें।
प्रमुख समाचार चैनल: स्थापित और विश्वसनीय समाचार चैनलों से प्राप्त जानकारी पर भरोसा करें।
आधिकारिक बयान: सरकारी अधिकारियों और सेना के आधिकारिक बयानों पर ध्यान दें।
अपुष्ट सूचनाओं से बचें
संदिग्ध लिंक: वॉट्सएप या मैसेज पर आने वाली संदिग्ध लिंक्स को न खोलें।
अपुष्ट खबरें: बिना पुष्टि के किसी भी खबर को फॉरवर्ड न करें।
सोशल मीडिया पर सावधानी: सोशल मीडिया पर आने वाली खबरों की पुष्टि करने के बाद ही उन्हें साझा करें।
सेना और सरकार से जुड़ी गतिविधियों पर सावधानी बरतें
रील न बनाएं: सेना के ऑपरेशन या सरकार से जुड़ी गतिविधियों पर रील न बनाएं और न ही उन्हें सोशल मीडिया पर अपलोड करें।
सुरक्षा कारण: आपकी रील का गलत फायदा पड़ोसी देश उठा सकता है, जिससे सुरक्षा कारणों से समस्या हो सकती है।
पाकिस्तान से तनाव के बीच जागरूक बनें
पाकिस्तान से तनाव के बीच, यह महत्वपूर्ण है कि हम अफवाहों और गलत जानकारियों से बचें। यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं-
1. स्रोत की सत्यता की जांच करें
किसी भी समाचार या वीडियो को साझा करने से पहले उसके स्रोत की पुष्टि करें। सरकारी वेबसाइटों, प्रतिष्ठित समाचार एजेंसियों और प्रमाणित सोशल मीडिया हैंडल्स से प्राप्त जानकारी अधिक विश्वसनीय होती है।
2. पूरी जानकारी पढ़ें, सिर्फ हेडलाइन नहीं
अधिकांश झूठी खबरें सनसनीखेज हेडलाइनों के साथ आती हैं। कृपया पूरी खबर पढ़ें और उसके संदर्भ को समझें। अक्सर, हेडलाइन और सामग्री में अंतर होता है।
3. फैक्ट-चेकिंग वेबसाइट्स का उपयोग करें
भारत सरकार की प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) ने एक फैक्ट-चेक यूनिट स्थापित की है, जो सरकारी योजनाओं और नीतियों से संबंधित गलत सूचनाओं की पहचान और खंडन करती है। आप इसे factcheck.pib.gov.in पर देख सकते हैं। इसके अतिरिक्त, Alt News और DFRAC जैसी स्वतंत्र फैक्ट-चेकिंग वेबसाइट्स भी उपलब्ध हैं।
4. संदिग्ध संदेशों की रिपोर्ट करें
यदि आपको कोई संदिग्ध संदेश प्राप्त होता है, तो उसे तुरंत रिपोर्ट करें। PIB फैक्ट-चेक यूनिट को व्हाट्सएप पर +91 8799711259, ईमेल पर [email protected] या factcheck.pib.gov.in के माध्यम से सूचित करें।
5. डिजिटल साक्षरता में वृद्धि करें
गलत सूचनाओं से बचने के लिए डिजिटल साक्षरता आवश्यक है। सरकार और विभिन्न संगठनों द्वारा डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जो आपको ऑनलाइन जानकारी की सत्यता की पहचान करने में मदद करेंगे।
6. अफवाहों से बचें
किसी भी अफवाह या बिना पुष्टि की गई जानकारी को साझा करने से बचें। अफवाहें समाज में तनाव और भय का कारण बन सकती हैं।