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नई दिल्ली: भगवान हनुमान के भक्तों के लिए खुशखबरी है. केंद्र सरकार ने भगवान हनुमान की जन्मस्थली मानी जाने वाली नासिक की अंजनेरी पहाड़ियों के लिए 377 करोड़ रुपये की एक महत्वाकांक्षी 6 किलोमीटर लंबी रोपवे परियोजना बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसे अगले दो सालों में ब्रह्मगिरी ट्रेकिंग पॉइंट से अंजनेरी पहाड़ियों तक बनाया जाएगा, जो वर्तमान में एक खड़ी सड़क है और पैदल जाने में लगभग दो से तीन घंटे लगते हैं.

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण पर्वतमाला योजना के तहत शुक्रवार को परियोजना के लिए बोलियां आमंत्रित कीं. अंजनेरी पहाड़ियों को भगवान हनुमान का जन्मस्थान कहा जाता है, और यहां एक गुफा के साथ-साथ एक अंजनी माता मंदिर भी है, जहां तीर्थयात्री और ट्रेकर्स आते हैं.

मंदिर तक पहुंचने के लिए तीन पहाड़ों पर चढ़ना पड़ता है, जो 4,200 फीट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित है. अगर एक बार रोपवे जिसकी लंबाई 5.7 किमी है तीन पहाड़ों के ऊपर आता है तो शीर्ष तक पहुंचने की यात्रा कुछ मिनटों में कम हो जाएगी.

ऐसी और परियोजनाएं
बताया था कि केंद्र सरकार साल 2024 तक 90 किमी की कुल 18 रोपवे परियोजनाओं की योजना बना रही है. इसमें श्रीनगर के शंकराचार्य मंदिर के लिए 1 किलोमीटर का रोपवे, कृष्णा नदी के उस पार कुरनूल में श्रीशैलम ज्योतिर्लिंग मंदिर, दूसरा लेह पैलेस और एक ग्वालियर किले तक शामिल है. उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर तक 2 किलोमीटर के रोपवे पर काम शुरू हो चुका है. पिछले साल, केंद्र सरकार ने उत्तराखंड में केदारनाथ मंदिर और हेमकुंड साहिब के अलावा वाराणसी में एक रोपवे विकसित करने के लिए निविदाएं भी मांगी थीं.

तमिलनाडु में पलानी से लोकप्रिय हिल स्टेशन कोडाइकनाल तक 12 किलोमीटर की रोपवे परियोजना की योजना बनाई जा रही है. वहीं कर्नाटक के उडुपी जिले में कोदाचादरी पहाड़ियों के लिए एक और 7 किलोमीटर का रोपवे, और हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में बिजली महादेव मंदिर के लिए 3 किलोमीटर से अधिक का एक रोपवे की भी योजना है. आंध्र प्रदेश में श्रीशैलम मंदिर के लिए एक और रोपवे तेलंगाना में ईगालापेंटा से कृष्णा नदी के पार बनाया जाएगा.

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